१) दर्द वाले कान में हायड्रोजन पेराक्साइड की कुछ बूंदे डालें। इससे कान में जमा मैल( वाक्स) नरम होकर बहार निकल जाता है। अगर कान में कोइ संक्रमण होगा तो भी यह उपचार उपकारी रहेगा। हायड्रोजन में उपस्थित आक्सीजन जीवाणुनाशक होती है।
२) लहसुन संस्कारित तेल कान पीडा में हितकर है। १० मिलि तिल के तेल में ३ लहसुन की कली पीसकर डालें और इसे किसी बर्तन में गरम करें। छानकर शीशी में भरलें। इसकी ४-५ बूंदें रुग्ण कान में टपकादें। रोगी १० मिनिट तक लेटा रहे। फ़िर इसी प्रकार दूसरे कान में भी दवा डालें। कान दर्द में लाभ प्रद नुस्खा है।
३) जेतुन का तेल मामूली गरम करके कान में डालने से दर्द में राहत होती है।
४) मुलहठी कान दर्द में उपयोगी है। इसे घी में भूनें । बारीक पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे कान के बाह्य भाग में लगाएं। कुछ ही मिनिट में दर्द समाप्त होगा।
५) बच्चों के कान में पीप होने पर स्वस्थ स्त्री के दूध की कुछ बूंदें कान में टपकादें। स्त्री के दूध में प्रतिरक्छा तंत्र को मजबूत करने के गुण विध्यमान होते हैं। उपकारी उपचार है।
६) कान में पीप होने पर प्याज का रस लाभप्रद उपाय है। प्याज का रस गरम करके कान में २-४ बूंदे डालें। दिन में ३ बार करें। आशातीत लाभकारी उपचार है।
७) अजवाईन का तेल और तिल का तेल १:३ में मिक्स करें। इसे मामूली गरम करके कान में २-४ बूंदे टपकादें। कान दर्द में उपयोगी है।
८) पांच ग्राम मैथी के बीज एक बडा चम्मच तिल के तेल में गरम करें। छानकर शीशी में भर लें। २ बूंद दवा और २ बूद दूध कान में टपकादें। कान पीप का उम्दा इलाज माना गया है।
९) तुलसी की कुछ पत्तिया और लहसुन की एक कली पीसकर पेस्ट बनालें। इसे गरम करें। कान में इस मिश्रण का रस २-३ बूंद टपकाएं। कान में डालते समय रस सुहाता गरम होना चाहिये। कान दर्द का तत्काल लाभप्रद उपचार है।
१०) कान दर्द और पीप में पेशाब की उपयोगिता सिद्ध हुई है। ताजा पेशाब ड्रापर में भरकर कान में डालें,उपकार होगा।
११) मूली कान दर्द में हितकारी है। एक मूली के बारीक टुकडे करलें । सरसों के तेल में पकावें। छानकर शीशी में भर लें ।कान दर्द में इसकी २-४ बूंदे टपकाने से आराम मिल जाता है।
१२) गरम पानी में सूती कपडा भिगोकर निचोडकर ३-४ तहें बनाकर कान पर सेक के लिये रखें। कान दर्द परम उपकारी उपाय है।
१३) सरसों का तेल गरम करें । सुहाता गरम तेल की २-४ बूंदे कान में टपकाने से कान दर्द में तुरंत लाभ होता है।
१४) सोते वक्त सिर के नीचे बडा तकिया रखें। इससे युस्टेशियन नली में जमा श्लेष्मा नीचे खिसकेगी और नली साफ़ होगी। मुंह में कोई चीज चबाते रहने से भी नली का अवरोध हटाने में मदद मिलती है।
१५) केले की पेड की हरी छाल निकालें। इसे गरम करें सोते वक्त इसकी ३-४ बूंदें कान में डालें । कान दर्द की उम्दा दवा है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Featured post
इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं
महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं। तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...
-
कलौंजी-एक रामबांण दवाः- मिस्र, जोर्डन, जर्मनी, अमेरीका, भारत, पाकिस्तान आदि देशों के 200 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में 1959 के बाद कलौंजी पर...
-
लेखक - पी. ए. बाला पांच मोगरे के फूलों को दही में डूबा कर निकाल लेवें और धूप में पूर्ण तरीके से सुखा लेवें, जब यह पूरी तरह सूख जाए तब आप इसक...
-
लेखक - पी. ए. बाला यह योगिनी प्रयोग है, इसमें आपकी समस्या का समाधान स्त्री अथवा पुरुष कोई भी किसी भी रूप में आकर कर जाएगा, अब इस प्रयोग के...
आदरणीय रेखा जी आपका कार्य महान है आप हमारी परम्परा और संस्कृति को बचाए रखने के लिए ये बहुत अच्छा कार्य कर रही है।
जवाब देंहटाएंइन घरेलु उपायों को आज सभी कोई भुलाने लगे है. पहले हमारी दादी माँ सुनाया करती थी पर आज कल की युवा पीढ़ी अगर इन्हें नहीं जानेंगी तो वो जब दादा दादी बनंगे तो वो अपने आने वाले पीढ़ी को क्या शिक्षा देंगे. इसलिए मै आपके कार्य और इस लेख की अन्तः कारण से सराहना करता हु और ये आशा रखता हु की आप युही लिखती रहे.
धन्यवाद