योगासन को शरीर के लिए बहुत अधिक लाभदायक माना जाता है। वैसे ही योगासन की ही तरह रोजाना कुछ देर योग मुद्रा लगाकर बैठना भी बहुत फायदेमंद है।वैसे तो योग मुद्रा कई तरह की होती है लेकिन सूर्य मुद्रा लगाने के अनेक फायदे हैं। सूर्य की अंगुली यानी अनामिका जिसे रिंग फिंगर भी कहते हैं। इस अंगुली का संबंध सूर्य और यूरेनस ग्रह से है। सूर्य ऊर्जा स्वास्थ्य का प्रतिनिधित्व करती है और यूरेनस कामुकता, अंतज्र्ञान और बदलाव का प्रतीक है।
विधि-
सूर्य की अंगुली को हथेली की ओर मोड़कर उसे अंगूठे से दबाएं। बाकी बची तीनों अंगुलियों को सीधा रखें। इसे सूर्य मुद्रा कहते हैं।
लाभ- यह जठराग्रि को संतुलित करके पाचन संबंधी तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाती है।
- इसे नियमित करने से बेचैनी और चिंता कम होकर दिमाग शांत बना रहता है।
- यह मुद्रा शरीर की सूजन मिटाकर उसे हल्का और चुस्त-दुरुस्त बनाती है।
- इस मुद्रा का रोज दो बार 5 से 15 मिनट के लिए अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटता है।
- वजन कम करने के लिए यह असान क्रिया चमत्कारी रूप से कारगर पाई गई है।
- पेट संबंधी रोगों में भी यह मुद्रा बहुत लाभदायक है।
विधि-
सूर्य की अंगुली को हथेली की ओर मोड़कर उसे अंगूठे से दबाएं। बाकी बची तीनों अंगुलियों को सीधा रखें। इसे सूर्य मुद्रा कहते हैं।
लाभ- यह जठराग्रि को संतुलित करके पाचन संबंधी तमाम समस्याओं से छुटकारा दिलाती है।
- इसे नियमित करने से बेचैनी और चिंता कम होकर दिमाग शांत बना रहता है।
- यह मुद्रा शरीर की सूजन मिटाकर उसे हल्का और चुस्त-दुरुस्त बनाती है।
- इस मुद्रा का रोज दो बार 5 से 15 मिनट के लिए अभ्यास करने से शरीर का कोलेस्ट्रॉल घटता है।
- वजन कम करने के लिए यह असान क्रिया चमत्कारी रूप से कारगर पाई गई है।
- पेट संबंधी रोगों में भी यह मुद्रा बहुत लाभदायक है।
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