एक कहावत बहुत लंबे समय से चली आ रही है जिसका अर्थ होता है कि अगर आपकी संतान शुक्र है अच्छे कर्मों वाला है तो आपको उसके लिए किसी भी प्रकार की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है मैं अपने सत्कर्मों से परिवार का भरण पोषण करेगा मान-सम्मान दिलाएगा अगर आप का पुत्र कपूर थे यानी कि बुरे कर्मों वाला है तो आप उसके लिए कितना भी जुड़ कर रख देगा आपको मान-सम्मान मिट्टी में मिल जाएगा और धन की हानि करेगा इसलिए कहा जाता है कि पूत कपूत तो का धन संचय पूत सपूत तो का धन संचय.
आज हम आपको वशीकरण के एक ऐसी माध्यम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसको अपनाकर आप अपने बच्चों में अच्छे कर्मों को ला सकते हैं अगर आपका बच्चा किसी बुरी संगत में पड़ गया है उसे किसी भी प्रकार के नशे की आदत लग गई है तो आपको यह उपाय अपनाना चाहिए.
सोमवार बुधवार या शुक्रवार के दिन आप सुबह के समय कहीं से भी पांच मोगरा के फूल खरीद कर किसी भी मंदिर में जाकर हनुमान जी की मूर्ति जिन पर सिंदूर लगा है वहां पर रखते हैं और बजरंगबली से प्रार्थना करें कि हमारी संतान की बुरी संगति या नशा छूट जाए उनके ऊपर हनुमान जी के पैरों का सिंदूर लगा दे.आपका बच्चा छोटा है वहां पर किसी भी कांच की कटोरी में उन फूलों को रख दें. ऐसा आपको 5 बार करना है जिसका नियम इस प्रकार है. बुधवार सुबह तक रखा रहें, बुधवार फिर इसी प्रकार से दुबारा करें तो ये शुक्रवार तक रखना है शुक्रवार फिर से फूल ला कर इसी प्रकार से सोमवार तक रखने है.
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