रविवार, 10 अप्रैल 2011

क्या आप माइग्रेन से परेशान हैं...?

क्या आप पीठ, छाती, कन्धे, गर्दन तथा हाथ पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाना चाहते हैं? आप स्लिप डिस्क, गर्दन, रीढ़ की हड्डी, पीठ आदि का दर्द से पीडि़त हैं तो सर्पासन यानि भुजंगासन करें। यह आसन टांसिल व गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है तथा गण्डमाला और गुल्म में भी लाभकारी होता है। सर्पासन से आधे सिर के दर्द यानि माईग्रेन में भी लाभ होता है।

सर्पासन की विधि

किसी समतल और स्वच्छ स्थान पर कंबल या चटाई बिछा लें। अब पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए बिल्कुल सीधा रखें। पैरों के तलवें ऊपर की ओर तथा पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें। दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर दोनों हथेलियों को छाती के बगल में फर्श पर टिका कर रखें। अब गहरी सांस लेकर सिर को ऊपर उठाएं, फिर गर्दन को ऊपर उठाएं, सीने को और (छाती) फिर पेट को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।

सिर से नाभि तक का शरीर ही ऊपर उठना चाहिए तथा नाभि के नीचे से पैरों की अंगुलियों तक का भाग जमीन से समान रूप से सटा रहना चाहिए। गर्दन को तानते हुए सिर को धीरे-धीरे अधिक से अधिक पीछे की ओर उठाने की कोशिश करें। अपनी आंखें ऊपर की ओर रखें। यह आसन पूरा तब होगा जब आप के शरीर का कमर से ऊपर का भाग सिर, गर्दन और छाती सांप के फन के समान ऊंचा ऊठ जाएंगे।

पीठ पर नीचे की ओर नितम्ब और कमर के जोड़ पर अधिक खिंचाव या जोर मालूम पडऩे लगेगा। ऐसी अवस्था में आकाश की ओर देखते हुए कुछ सेकंड तक सांस रोकें। अगर आप सांस न रोक सकें तो सांस सामान्य रूप से लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए पहले नाभि के ऊपर का भाग, फिर छाती को और माथे को जमीन पर टिकाएं तथा बाएं गाल को जमीन पर लगाते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। कुछ देर रुकें और पुन: इस क्रिया को करें। इस प्रकार से भुजंगासन को पहले 3 बार करें और अभ्यास होने के बाद 5 बार करें। इस आसन को करने से पहले सिर को पीछे ले जाकर 2 से 3 सेकेंड तक रुके और इसके अभ्यास के बाद 10 से 15 सेकेंड तक रुके।

सावधानियां

हर्निया के रोगी तथा गर्भवती स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पेट में घाव होने पर, अंडकोष वृद्धि में, मेरूदंड से पीडि़त होने पर अल्सर होने पर तथा कोलाइटिस वाले रोगियों को भी यह आसन नही करना चाहिए। यह आसन थोड़ा कठिन है अत: जल्दबाजी ना करें।

सर्पासन से रोगों में लाभ

इस आसन से रीढ़ की हड्डी का तनाव दूर हो जाता है और रीढ़ से संबंधित परेशानियों को दूर हो जाती है। सर्पासन बेडौल कमर को पतली तथा सुडौल व आकर्षक बनाता है। यह आसन सीना चौड़ा करता है, कद लम्बा करता है तथा बढ़े हुए पेट को कम करके मोटापे को दूर करता है। यह शरीर की थकावट को भी दूर करता है। इस आसन से शरीर सुंदर तथा कान्तिमय बनता है। इस आसन से पेट संबंधी कई जटिल बीमारियों में राहत मिलती है। महिलाओं के लिए भी सर्पासन बहुत ही लाभकारी आसन माना जाता है। यह आसन मासिकधर्म की अनियमितता, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना तथा प्रदररोग में फायदेमंद होता है। यह आसन गर्भाशय और भीतरी योनांगों के अनेक विकारों को दूर करता है तथा स्त्रियों के योनांग तथा गर्भाशय को पुष्ट (शक्तिशाली) बनाता है। इस आसन से महिलाओं का यौवन और सौंदर्य हमेशा बना रहता है।

कील-मुहासों को कीजिए बाय बाय इन तीन नुस्खों से

सही खानपान न होने के कारण और चारों ओर फैले प्रदूषण से अधितर लोग चेहरे पर मुहासों की समस्या से परेशान हैं। काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें इस समस्या से छुटकारा नहीं मिलता। लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे नुस्खें बताए गए हैं जिनके प्रयोग से आपको मुहासों की इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।


- नीबूं के रस में गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। तीस मिनट बाद चेहरा सादा पानी से धो लें।
गाय के कच्चे दूध में जायफल को घिस लें और पेस्ट तैयार करें, इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं फिर सूखने के बाद उबटन की तरह छुड़ा लें इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। इस प्रयोग से 4 से 5दिनों के अन्दर ही मुहासे गायब होने लगेंगे और उनके दाग भी नहीं बनेंगे।
- जैतून के तेल को रोज रात में सोते समय चेहरे पर लगाएं ऐसा करने से मुहासे और चेहरे पर हो रही फुंसियां ठीक हो जाती हैं।

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

अगर रहना है फिट तो...आजमाइए ये 10 टिप्स

हमेशा स्वस्थ और जवां रहना कौन नहीं चाहता, सभी अच्छा स्वास्थ्य और सुंदर शरीर पाना चाहते हैं। जो लोग स्वास्थ्य को लेकर सावधान हैं वे योगा को अपने नियमित रुटिन में शामिल जरूर करते हैं जिससे उनका शरीर फिट रहता है।



लेकिन जिनके पास टाइम की कमी है या अपने काम के ज्यादा होने से वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते उनके लिए कुछ आसान से टिप्स हैं जिन्हें अपना कर आप हमेशा हेल्दी रह सकते है।



रोज सुबह उठने के बाद नाश्ता जरूर करें। नाश्ता में कुछ भी ले सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य के ठीक है।
खाने में रोटी और चावल अलग-अलग समय पर खाएं।
रोज एक केला, सेब और फ्रूट ज्यूस अवश्य लें। दिन में जब भी समय मिले फ्रूट जरूर खाऐं।
खाने में ज्यादा मीठा खाने से थोड़ा परहेज करें।
रोज सुबह उठकर हल्की एक्सरसाइज या व्यायाम जरूर करें।
कम से कम 15-20 मिनिट रोज ध्यान लगाएं। वज्रासन की मुद्रा में बैठें और दिमाग को आराम दें।
रोज सुबह या शाम को लॉन्ग वॉक पर जाएं।
चटपटे खाने और मैदे से बनी खाने की चीजों को कम खाएं।
खाने के साथ या उससे पहले सलाद जरूर खाएं।
खाने के बाद छाछ जरूर पीएं।

गुरुवार, 7 अप्रैल 2011

नारियल एक गुण अनेक

मानव के दैनिक जीवन में नारियल का अत्यधिक महत्व है। यह कहना सर्वथा उचित होगा कि नारियल अनेक गुणों का भंडार होने के अतिरिक्त कार्यों में भी शुभ माना जाता है। भारत, मलाया, गुवाना नारियल के मूलत: जन्मस्थान माने जाते हैं। नारियल को उसके विभिन्न गुणानुसार निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है।

1. नारियल का तेल बालों के लिए बहुत उपयोगी है। यह बालों की जड़ों में प्रवेश कर बालों को जड़ से ही सुदृढ़ करते हुए घने लम्बे बालों का पोषण करता है। नारियल तेल के निरंतर उपयोग से सिर की रूसी समाप्त होकर बालों का झड़ना रूक जाता है।
2. औषधीय गुणों की खान नारियल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन होते हैं, जिनसे आवश्यक शक्ति एवं प्रतिशोधात्मक ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। नारियल में विद्यमान खनिज, प्रोटीन एवं विटामिन- ए की प्रचुर मात्रा मानव जीवन को उच्च स्तरीय औषधीय गुण प्रदान करती है, जिससे शरीर स्वस्थ, सुंदर बना रहता है।
3. पौष्टिक तत्वों एवं औषधीय गुणों का भंडार नारियल तेल, चेहरे के दाग-धब्बे मिटाने में गुणकारी प्रमाणित हो रहा है। नारियल तेल लगाने से शरीर पर होने वाली पित्त ठीक हो जाती है। नारियल से बनी खाद्य सामग्री स्वादिष्ट एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती है। नारियल की चटनी दक्षिण भारतीय भोजन इडली-डोसा को पूर्णता प्रदान करती है।
4. कच्चे नारियल के गूदे के प्रयोग से अपच ठीक हो जाती है, जिससे पाचन क्रिया ठीक-ठाक बनी रहती है।
5. कच्चे नारियल के पानी को खनिज जल (मिनरल वाटर) कहा जाए तो उचित प्रतीत होगा, क्योंकि इसके सेवन से हैजा, बुखार में स्वास्थ्य लाभ होता है और शरीर में गैस बनने व उल्टी होने की स्थिति में राहत महसूस होन लगती है। नारियल पानी पीने से गर्मी में राहत मिलती है, जिससे शरीर सदैव तरोताजा व स्वस्थ बना रहता है।
6. नींद न आने का स्थिति में नारियल के दूध का उपयोग बहुत गुणकारी एवं लाभदायक है। सूखे नारियल का सेवन एसिडिटी के उपचार में सहायक है।
7. स्वादिष्ट भोजन-मिष्टान्न में सूखे कटे एवं पिसे हुए नारियल के प्रयोग के अतिरिक्त शुध्दता के कारण धार्मिक कार्यों और प्रसाद वितरण में यह शुभ माना जाता है।
इस प्रकार नारियल के विभिन्न उपयोगों से प्रमाणित हो जाता है कि नारियल अनेक गुणों का धारक है, जिसका अन्य कोई विकल्प नहीं है।

100 साल जीना चाहते हैं, तो रोज खाएं ये पांच चीजें

आज की दौड़भाग वाली जिंदगी में हर आदमी अपने खाने पीने को लेकर बेहद लापरवाह होता जा रहा है। जब कभी उसका ध्यान इस ओर जाता है तो उसे ये समझ नहीं आता कि ऐसा क्या खाया जाए जो उनकी सेहत के लिए लाभकारी हो।

आईए हम बताते हैं आपको कि खाने की कुछ चीजें ऐसी हैं जिनको अगर रोज के खानें में इस्तेमाल किया जाए तो आपकी सेहत हमेशा तन्दरुस्त रहेगी।



रोज सुबह अंकुरित चना या मूंग खाली पेट या नाश्ते के साथ खाने से आपके शरीर को ताकत मिलेगी।
अगर आप रोज अपने खानें में एक सेब इस्तेमाल करें तो इससे आपके शरीर को ताकत तो मिलेगी ही साथ ही आपका माइण्ड भी एक दम कूल रहने लगेगा।
रोजाना सुबह नाश्ते में या रात को सोने से पहले दूध पीना सेहत के लिए विशेष रूप से फायदेमंद रहता है।
रोज के खाने में हरी सब्जियों का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए इनसे हमारे शरीर को भरपूर विटामिन और आयरन मिलता है।
हरी सब्जियों के साथ-साथ आपके खानें में सलाद एक अहम हिस्सा है। राज खाने के साथ या जब भी आपको ठीक लगे सलाद जरूर खाना चाहिए।

रसोईघर- से सौंदर्य सुझाव

  • टमाटर की लुगदी को चेहरे पर लगाकर लगभग बीस मिनट बाद धो देने से मुँहासे व अन्य धब्बे दूर होते है।

  • बालों से रूसी दूर करने और उन्हें चमकदार बनाने के लिए १ एक नीबू का रस बालों में माँग बनाकर लगाएँ और दस मिनट बाद धो दें।

  • रात में सोने से पहले नाभि में तीन बूँद जैतून का तेल डालें तो सर्दियों में ओंठ नहीं फटते और सामान्य त्वचा भी स्वस्थ होती है।

  • रोज़ रात में सोने से पहले आँखों में एक-एक बूँद गुलाबजल डालने से आँखें स्वस्थ और सुंदर बनी रहती हैं।

फरवरी २०१०

  • एक गिलास पानी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर प्रतिदिन बिना मुँह धोए पीने से पेट साफ होता है और चेहरे पर निखार आता है।

  • तैलीय त्वचा से मुक्ति के लिए एक बड़ा चम्मच बेसन, एक छोटा चम्मच गुलाबजल, और चुटकी भर हल्दी में आधा नीबू मिलाकर बनाए गए लेप को चेहरे पर बीस मिनट तक लगाएँ और सादे पानी से धो दें।

  • चाय के पानी में चुकंदर का रस मिलाकर ओंठों पर लगाने से उनका रंग गुलाबी होता है और वे फटते नहीं।

  • १० लीटर पानी में दो बड़े चम्मच गुलाबजल मिलाकर नहाने से त्वचा स्वस्थ और सुंदर बनती है।

मार्च २०१०

  • होली खेलने से पहले बालों में अगर तेल लगा लिया जाए और चेहरे पर क्रीम तो होली का रंग आसानी से छूट जाता है।

  • एक गिलास गुनगुने पानी में आधा नीबू और दो चम्मच शहद मिलाकर रोज़ सुबह खाली पेट पीने से पेट ठीक रहता है, रक्त शुद्ध होता है और चेहरे पर निखार आता है।

  • टमाटर के रस को मट्ठे में मिलाकर लगाने से धूप में जली हुई त्वचा को आराम मिलता है और वह जल्दी स्वस्थ हो जाती है।

  • पिसी हुई दो बड़े चम्मच मसूर की दाल में चुटकी भर हल्दी और दस बूँद नीबू मिलाकर दूध में बनाया गया उबटन चेहरे पर लगाने से मुहाँसे और उसके दाग दूर होते हैं।

  • एक बाल्टी पानी में चुटकी भर पिसी हुई फिटकरी मिलाकर नहाएँ तो त्वचा से पसीने की गंध दूर रहती है।

अप्रैल २०१०

  • रोज़ दोपहर में खाने के साथ एक गाजर सलाद की तरह कच्ची खाने से आँखों के चारों और पड़े काले निशान दूर हो जाते हैं।

  • कच्चे आलू को पीसकर चेहर पर दस मिनट तक लगाएँ और फिर सादे पानी से धो दें। इससे हर प्रकार के दाग धब्बे और झांईं दूर हो कर त्वचा पर निखार आता है।

  • टमाटर के गूदे में मट्ठा मिलाकर लगाने से धूप से जली हुई त्वचा को आराम मिलता है और वह जल्दी स्वस्थ हो जाती है।

  • एक गिलास पानी में दो चम्मच चाय डालकर अच्छी तरह उबालें और छानकर ठंडा होने के बाद फ्रिज में रखें। धूप में बाहर निकलने पहले चेहरे और हाथों-पैरों में यह पानी लगा लेने से त्वचा झुलसेगी नहीं।

मई २०१०

  • गेंदे और गुलाब की पंखुड़ियाँ व नीम की पत्तियों को एक कटोरी पानी में उबालकर चेहरे पर लगाने से मुहाँसे दूर होते हैं।

  • प्रतिदिन एक बाल्टी पानी (दस लीटर) में दो बड़े चम्मच गुलाबजल मिलाकर नहाने से त्वचा स्वस्थ व सुंदर होती है।

  • नारियल के तेल में नीबू का रस मिलाकर सिर में लगाएँ और एक घंटे बाद धो दें। इससे सिर की खुश्की को आराम मिलता है।

  • तुलसी के पत्तों का रस निकाल कर उसमें बराबर मात्रा मे नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाने से झाईं दूर होती है।

  • दो चम्मच सोयाबीन का आटा, एक बड़ा चम्मच दही व शहद मिलाकर बनाए गए लेप को चेहर पर लगाने से झुर्रियाँ कम होती हैं।

जून २०१०

  • प्रतिदिन नाखूनों पर जैतून के तेल की हल्की मालिश करने से नाखूनों का टूटना रुक जाता है।

  • आँखों के काले घेरों से छुटकारा पाने के लिए मिल्क पाउडर में नीबू का रस मिलाकर आँखों के चारों ओर हल्की मालिश करें।

  • कमल की पत्तियों को पीस कर झुलसी त्वचा पर लगाने से त्वचा की जलन दूर होती है और झुलसने का निशान भी चला जाता है।

  • उड़द की छिलके वाली दाल को उबालकर उसके पानी से बाल धोने पर वे सुंदर और आकर्षक दिखाई देते हैं।

जुलाई २०१०

  • एक एक-एक चम्मच ग्लिसरीन, गुलाबजल और नींबू का रस मिलाकर हाथों से मलें और सूख जाने पर धो दें। इससे सख्त हाथ मुलायम हो जाएँगे।

  • उँगलियों पर ज़रा-सा बादाम या जैतून का तेल लेकर नियमित रूप से भौंहों और बरौनियों पर लगाने से वे घनी और चमकदार बन जाती हैं।

  • बालों में चमक लाने के लिए १ प्याला पानी मे ३ बडे चम्मच सफेद सिरका मिलाकर लगाएँ और १५ मिनट बाद धो दें।

  • आँखों के पास गहरे घेरों और सूजन के लिए खीरे के पतले टुकड़ों को आँखों पर रखकर बीस मिनट आराम करें, फिर चेहरा धो दें।

अगस्त २०१०

  • मुहाँसों से मुक्ति पाने के लिये चुटकी भर कपूर में पुदीने और तुलसी की पत्तियों का रस मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएँ।

  • कोमल हाथों के लिये तून के तेल से हाथों की मालिश करें, फिर इन्हें दो से पाँच मिनट तक नमक मिले पानी में भिगोकर रखें।

  • सुंदर चेहरे के लिये बदाम, गुलाब के फूल, चिरौंजी और पिसा जायफल रात को दूध में भिगोएँ और सुबह पीसकर मुख पर लगाएँ।

  • नारियल को कसकर निकाले गए ताज़े दूध को चेहरे पर लगाने से त्वचा स्वस्थ व आकर्षक बनती है।

  • बराबर मात्रा में गाजर और खीरे का एक गिलास रस नियमित रूप से लेने पर बाल, नाखून और त्वचा स्वस्थ रहते हैं।

सितंबर २०१०

  • कच्चे दूध में रूई का फाहा भिगोकर चेहरा साफ़ करने से कील मुहाँसे और झाँई दूर होकर त्वचा स्वस्थ बनती है।

  • हल्दी और चंदन का चूर्ण दूध में भिगोकर चेहरे पर लगाने से थकी और मुरझाई त्वचा स्वस्थ होती है।

  • तरबूज़ के रस को चेहरे पर लगाएँ और सूख जाने पर धो दें। इससे दाग धब्बे दूर होते हैं तथा त्वचा साफ़ होकर निखर जाती है।

  • मसूर की दाल और दूध के उबटन में घी मिलाकर शरीर पर लगाने से त्वचा नर्म और चमकदार बन जाती है।

अक्तूबर २०१०

  • छह चम्मच पेट्रोलियम जेली, दो चम्मच ग्लीसरीन और दो चम्मच नीबू के रस को मिलाकर फ्रिज में एक जार में रख दें। सप्ताह में दो बार हाथ पैर में इसकी मालिश करने से रूखी त्वचा को आराम मिलता है।

  • मेथी की पत्तियों का लेप बनाकर चेहरे पर लगाने से कील मुँहासे और झाँई दूर हो जाते हैं।

  • त्वचा का रूखापन दूर करने के लिये जैतून का तेल, दूध और शहद बराबर मात्र में मिलाकर चेहरे पर लगाएँ और २० मिनट बाद गुनगुने पानी से धो दे।

  • चेहरे, हाथों और पैरों पर थोड़ा सा एरंड तैल (कैस्टर ऑयल) लगा कर हल्की मालिश करने से झुर्रियाँ दूर होती हैं।

रसोईघर- से स्वास्थ्य सुझाव--

  • जलन की चिकित्सा चावल से
    कच्चे चावल के ८-१० दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। २१ दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।
    ४ अप्रैल २०११

  • दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग
    तिल को पानी में ४ घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और १० मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।
    २८ मार्च २०११

  • विष से मुक्ति
    १०-१० ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा ५ ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।
    १४ मार्च २०११

  • स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा
    नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और ५ मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

    ७ मार्च २०११

  • ल्यूकोरिया से मुक्ति
    ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ ११-१२ दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को २१ दिनों तक जारी रखना चाहिए।

    २८ फरवरी २०११

  • खाँसी में प्याज
    अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

    फरवरी २०११

  • पेट साफ रखे अमरूद-
    कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम २०० ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। १० दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

    १४ फरवरी २०११

  • बीज पपीते के स्वास्थ्य हमारा
    पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।
    ७ फरवरी २०११

  • मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये-
    मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।
    ३१ जनवरी २०११

  • भोजन से पहले अदरक-
    भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।
    २४ जनवरी २०११

  • मुहाँसों से मुक्ति-
    जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले २-३ चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। १५ दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन २५० ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। १५- २० दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।
    १७ जनवरी २०११

  • सरसों का तेल केवल पाँच दिन-
    रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।
    १० जनवरी २०११

  • अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग-
    सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। १० साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच २ ग्राम और १० से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी ५ ग्राम लेना चाहिए

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...