रविवार, 10 अप्रैल 2011
क्या आप माइग्रेन से परेशान हैं...?
सर्पासन की विधि
किसी समतल और स्वच्छ स्थान पर कंबल या चटाई बिछा लें। अब पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए बिल्कुल सीधा रखें। पैरों के तलवें ऊपर की ओर तथा पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें। दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर दोनों हथेलियों को छाती के बगल में फर्श पर टिका कर रखें। अब गहरी सांस लेकर सिर को ऊपर उठाएं, फिर गर्दन को ऊपर उठाएं, सीने को और (छाती) फिर पेट को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
सिर से नाभि तक का शरीर ही ऊपर उठना चाहिए तथा नाभि के नीचे से पैरों की अंगुलियों तक का भाग जमीन से समान रूप से सटा रहना चाहिए। गर्दन को तानते हुए सिर को धीरे-धीरे अधिक से अधिक पीछे की ओर उठाने की कोशिश करें। अपनी आंखें ऊपर की ओर रखें। यह आसन पूरा तब होगा जब आप के शरीर का कमर से ऊपर का भाग सिर, गर्दन और छाती सांप के फन के समान ऊंचा ऊठ जाएंगे।
पीठ पर नीचे की ओर नितम्ब और कमर के जोड़ पर अधिक खिंचाव या जोर मालूम पडऩे लगेगा। ऐसी अवस्था में आकाश की ओर देखते हुए कुछ सेकंड तक सांस रोकें। अगर आप सांस न रोक सकें तो सांस सामान्य रूप से लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए पहले नाभि के ऊपर का भाग, फिर छाती को और माथे को जमीन पर टिकाएं तथा बाएं गाल को जमीन पर लगाते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। कुछ देर रुकें और पुन: इस क्रिया को करें। इस प्रकार से भुजंगासन को पहले 3 बार करें और अभ्यास होने के बाद 5 बार करें। इस आसन को करने से पहले सिर को पीछे ले जाकर 2 से 3 सेकेंड तक रुके और इसके अभ्यास के बाद 10 से 15 सेकेंड तक रुके।
सावधानियां
हर्निया के रोगी तथा गर्भवती स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पेट में घाव होने पर, अंडकोष वृद्धि में, मेरूदंड से पीडि़त होने पर अल्सर होने पर तथा कोलाइटिस वाले रोगियों को भी यह आसन नही करना चाहिए। यह आसन थोड़ा कठिन है अत: जल्दबाजी ना करें।
सर्पासन से रोगों में लाभ
इस आसन से रीढ़ की हड्डी का तनाव दूर हो जाता है और रीढ़ से संबंधित परेशानियों को दूर हो जाती है। सर्पासन बेडौल कमर को पतली तथा सुडौल व आकर्षक बनाता है। यह आसन सीना चौड़ा करता है, कद लम्बा करता है तथा बढ़े हुए पेट को कम करके मोटापे को दूर करता है। यह शरीर की थकावट को भी दूर करता है। इस आसन से शरीर सुंदर तथा कान्तिमय बनता है। इस आसन से पेट संबंधी कई जटिल बीमारियों में राहत मिलती है। महिलाओं के लिए भी सर्पासन बहुत ही लाभकारी आसन माना जाता है। यह आसन मासिकधर्म की अनियमितता, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना तथा प्रदररोग में फायदेमंद होता है। यह आसन गर्भाशय और भीतरी योनांगों के अनेक विकारों को दूर करता है तथा स्त्रियों के योनांग तथा गर्भाशय को पुष्ट (शक्तिशाली) बनाता है। इस आसन से महिलाओं का यौवन और सौंदर्य हमेशा बना रहता है।
कील-मुहासों को कीजिए बाय बाय इन तीन नुस्खों से
सही खानपान न होने के कारण और चारों ओर फैले प्रदूषण से अधितर लोग  चेहरे पर  मुहासों की समस्या से परेशान हैं। काफी कोशिशों के बाद भी  उन्हें इस समस्या से  छुटकारा नहीं मिलता। लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे नुस्खें बताए गए हैं जिनके प्रयोग  से आपको मुहासों की इस समस्या से छुटकारा मिल सकता  है।
शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011
अगर रहना है फिट तो...आजमाइए ये 10 टिप्स
हमेशा स्वस्थ और जवां रहना कौन नहीं चाहता, सभी अच्छा स्वास्थ्य  और सुंदर शरीर पाना चाहते हैं। जो लोग स्वास्थ्य को लेकर सावधान हैं वे योगा को  अपने नियमित रुटिन में शामिल जरूर करते हैं जिससे उनका शरीर फिट रहता है। 
लेकिन जिनके पास टाइम की कमी है या अपने काम के ज्यादा होने से वे  अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते उनके लिए कुछ आसान से टिप्स हैं जिन्हें अपना  कर आप हमेशा हेल्दी रह सकते है।
गुरुवार, 7 अप्रैल 2011
नारियल एक गुण अनेक
मानव के दैनिक जीवन में नारियल का अत्यधिक महत्व है। यह कहना सर्वथा उचित होगा कि नारियल अनेक गुणों का भंडार होने के अतिरिक्त कार्यों में भी शुभ माना जाता है। भारत, मलाया, गुवाना नारियल के मूलत: जन्मस्थान माने जाते हैं। नारियल को उसके विभिन्न गुणानुसार निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है।
1. नारियल का तेल  बालों के लिए बहुत उपयोगी है। यह बालों की जड़ों में प्रवेश कर बालों को जड़ से ही  सुदृढ़ करते हुए घने लम्बे बालों का पोषण करता है। नारियल तेल के निरंतर उपयोग से  सिर की रूसी समाप्त होकर बालों का झड़ना रूक जाता है।
2. औषधीय गुणों की खान  नारियल में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन होते हैं,  जिनसे आवश्यक शक्ति एवं प्रतिशोधात्मक ऊर्जा शरीर को प्राप्त होती है। नारियल में  विद्यमान खनिज, प्रोटीन एवं विटामिन- ए की प्रचुर मात्रा मानव जीवन को उच्च स्तरीय  औषधीय गुण प्रदान करती है, जिससे शरीर स्वस्थ, सुंदर बना रहता है।
3. पौष्टिक  तत्वों एवं औषधीय गुणों का भंडार नारियल तेल, चेहरे के दाग-धब्बे मिटाने में  गुणकारी प्रमाणित हो रहा है। नारियल तेल लगाने से शरीर पर होने वाली पित्त ठीक हो  जाती है। नारियल से बनी खाद्य सामग्री स्वादिष्ट एवं पौष्टिक तत्वों से भरपूर होती  है। नारियल की चटनी दक्षिण भारतीय भोजन इडली-डोसा को पूर्णता प्रदान करती है।
4.  कच्चे नारियल के गूदे के प्रयोग से अपच ठीक हो जाती है, जिससे पाचन क्रिया ठीक-ठाक  बनी रहती है।
5. कच्चे नारियल के पानी को खनिज जल (मिनरल वाटर) कहा जाए तो उचित  प्रतीत होगा, क्योंकि इसके सेवन से हैजा, बुखार में स्वास्थ्य लाभ होता है और शरीर  में गैस बनने व उल्टी होने की स्थिति में राहत महसूस होन लगती है। नारियल पानी पीने  से गर्मी में राहत मिलती है, जिससे शरीर सदैव तरोताजा व स्वस्थ बना रहता है।
6.  नींद न आने का स्थिति में नारियल के दूध का उपयोग बहुत गुणकारी एवं लाभदायक है।  सूखे नारियल का सेवन एसिडिटी के उपचार में सहायक है।
7. स्वादिष्ट  भोजन-मिष्टान्न में सूखे कटे एवं पिसे हुए नारियल के प्रयोग के अतिरिक्त शुध्दता के  कारण धार्मिक कार्यों और प्रसाद वितरण में यह शुभ माना जाता है।
इस प्रकार  नारियल के विभिन्न उपयोगों से प्रमाणित हो जाता है कि नारियल अनेक गुणों का धारक  है, जिसका अन्य कोई विकल्प नहीं है।
100 साल जीना चाहते हैं, तो रोज खाएं ये पांच चीजें
आज की दौड़भाग वाली जिंदगी में हर आदमी अपने खाने पीने को लेकर  बेहद लापरवाह होता जा रहा है। जब कभी उसका ध्यान इस ओर जाता है तो उसे ये समझ नहीं  आता कि ऐसा क्या खाया जाए जो उनकी सेहत के लिए लाभकारी हो।
आईए हम बताते  हैं आपको कि खाने की कुछ चीजें ऐसी हैं जिनको अगर रोज के खानें में इस्तेमाल किया  जाए तो आपकी सेहत हमेशा तन्दरुस्त रहेगी।
रसोईघर- से सौंदर्य सुझाव
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