मंगलवार, 12 अप्रैल 2011

औषधि भी है कर्पूर

कर्पूर औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसका प्रयोग सदियों से विभिन्न मलहमों में किया जाता है। यह जीवाणुओंसे लडने का भी काम करता है। कर्पूर तेल का इस्तेमाल मोच और मांसपेशियों में खिंचाव में इस्तेमाल किया जाता है। हिन्दू धर्म में इसका इस्तेमाल पूजा में सदियों से होता आ रहा है। यह वातावरण को शुद्ध करने का काम करता है। आज आपको बता रहे हैं इसके खास गुणों के बारे में-

* कर्पूर युक्त मलहम से मांस- पेशियों के दर्द में राहत मिलती है।

* आर्थराइटिसके दर्द से राहत पाने के लिए कर्पूर मिश्रित मलहम का प्रयोग करें।

* पानी में कर्पूर के तेल की कुछ बूंदों को डालकर नहाएं। यह आपको तरोताजा रखेगा।

* कफ की वजह से छाती में होने वाली जकडनमें कर्पूर का तेल मलने से राहत मिलती है।

* सूजन, मुहांसेऔर तैलीयत्वचा के उपचार में इसका उपयोग किया जाता है।

* गर्भावस्था या अस्थमा के मरीजों को कर्पूर तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

* गर्दन में दर्द होने पर कर्पूर युक्त बाम लगाने पर आराम मिलेगा।

* कर्पूर का तेल त्वचा में रक्त संचार को सहज बनाता है।

सोमवार, 11 अप्रैल 2011

डार्क सर्कल्स दूर करते है ये 5 टिप्स

आज की तनाव भरी जिंदगी में स्वास्थ्य का ध्यान रख पाना काफी मुश्किल हो गया है। इन्हीं कारणों के चलते काफी लोगों को डार्क सर्कल की समस्या हो जाती है। डार्क सर्कल यानि आंखे के नीचे काले घेरे बन जाते हैं। इस वजह से लड़कियों की सुंदरता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

डार्क सर्कल्स से बचने के लिए कई देसी उपाय बताए गए हैं। इन्हें अपनाने से यह समस्या तो दूर होगी साथ ही अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होंगे-

रात को बादाम पानी में भिगोकर रख दें। सुबह भिगे हुए बादाम को पीस लें, इसमें नींबू की कुछ बूंद मिलाएं और इसे आंखों के आसपास लगाएं।

डार्क सर्कल्स दूर करने के लिए खीरा सबसे अच्छा उपाय है। इसके लिए खीरा और उसमें पोदीने की कुछ पत्तियां मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट को डार्क सर्कल्स पर लगाएं। कुछ ही दिनों में लाभ होगा।

दिन में कम से कम ढाई लीटर पानी अवश्य पीएं।

जहां तक हो सके चिंताओं से दूर रहें। कार्य का अतिरिक्त भार आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। योग और ध्यान करें। इससे मन को शांति मिलेगी और तनाव दूर होगा। जिससे डार्क सर्कल्स की समस्या से निजात मिलेगी।

प्रतिदिन फल अवश्य खाएं। हो सके तो प्रतिदिन एक सेब अवश्य लें।

डार्क सर्कल्स दूर करते है ये 5 टिप्स

आज की तनाव भरी जिंदगी में स्वास्थ्य का ध्यान रख पाना काफी मुश्किल हो गया है। इन्हीं कारणों के चलते काफी लोगों को डार्क सर्कल की समस्या हो जाती है। डार्क सर्कल यानि आंखे के नीचे काले घेरे बन जाते हैं। इस वजह से लड़कियों की सुंदरता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

डार्क सर्कल्स से बचने के लिए कई देसी उपाय बताए गए हैं। इन्हें अपनाने से यह समस्या तो दूर होगी साथ ही अन्य स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होंगे-

रात को बादाम पानी में भिगोकर रख दें। सुबह भिगे हुए बादाम को पीस लें, इसमें नींबू की कुछ बूंद मिलाएं और इसे आंखों के आसपास लगाएं।

डार्क सर्कल्स दूर करने के लिए खीरा सबसे अच्छा उपाय है। इसके लिए खीरा और उसमें पोदीने की कुछ पत्तियां मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट को डार्क सर्कल्स पर लगाएं। कुछ ही दिनों में लाभ होगा।

दिन में कम से कम ढाई लीटर पानी अवश्य पीएं।

जहां तक हो सके चिंताओं से दूर रहें। कार्य का अतिरिक्त भार आपकी सेहत पर बुरा प्रभाव डालता है। योग और ध्यान करें। इससे मन को शांति मिलेगी और तनाव दूर होगा। जिससे डार्क सर्कल्स की समस्या से निजात मिलेगी।

प्रतिदिन फल अवश्य खाएं। हो सके तो प्रतिदिन एक सेब अवश्य लें।

रविवार, 10 अप्रैल 2011

अपनी मुस्कुराहट को बचाएं इन नुस्खों के साथ

चाहे सर्दी हो या गर्मी किसी किसी के होंठ मौसम के बदलते रुख को सह नहीं पाते और फट जाते हैं। यहां तक की ये अपने निशान भी छोड़ देते हैं।

बहुत सी महिलाएं अपने होठो को सुन्दर दिखाने के लिए लिपस्टिक का प्रयोग करती हैं लेकिन लिपस्टिक के लगातार प्रयोग से अक्सर होठों की प्राकृतिक सुन्दरता खत्म हो जाती है और होठ काले पडऩे लगते हैं।

अगर आप अपने होठों के फटने या कालेपन से परेशान हैं तो टेंशन न लें, नीचे दिए जा रहे कुछ आसान घरेलू नुस्खों से आप अपने होठों की सुन्दरता को चार चांद लगा सकते हैं।



अगर आपके होठ हमेशा रूखे रहते हैं तो थोड़ी सी मलाई में चुटकी भर हल्दी मिलाकर धीरे धीरे होठो पर मालिश करें
होठों को फटने से बचाने के लिए रात में सोते समय सरसों के तेल को गुनगुना कर अपनी नाभि पर लगाएं
अगर आपके होठों पर पपड़ी जम जाती है तो बादाम का तेल रात को सोते समय होंठो पर लगाएं।
गुलाब की पंखुडिय़ों को पीसकर उसमें थोड़ी सी ग्लिसरीन मिलाकर। इस मिक्सचर को रोजाना अपने होंठों पर लगाएं होंठों का कालापन जल्दी ही दूर होने लगेगा और लिपस्टिक लगाना बन्द कर दें।
दही के मक्खन में केसर मिलाकर होठों पर मलने से आपके होठ हमेशा गुलाबी रहेंगे।

क्या आप माइग्रेन से परेशान हैं...?

क्या आप पीठ, छाती, कन्धे, गर्दन तथा हाथ पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाना चाहते हैं? आप स्लिप डिस्क, गर्दन, रीढ़ की हड्डी, पीठ आदि का दर्द से पीडि़त हैं तो सर्पासन यानि भुजंगासन करें। यह आसन टांसिल व गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है तथा गण्डमाला और गुल्म में भी लाभकारी होता है। सर्पासन से आधे सिर के दर्द यानि माईग्रेन में भी लाभ होता है।

सर्पासन की विधि

किसी समतल और स्वच्छ स्थान पर कंबल या चटाई बिछा लें। अब पेट के बल लेट जाएं और दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिलाते हुए बिल्कुल सीधा रखें। पैरों के तलवें ऊपर की ओर तथा पैरों के अंगूठे आपस में मिलाकर रखें। दोनों हाथों को कोहनियों से मोड़कर दोनों हथेलियों को छाती के बगल में फर्श पर टिका कर रखें। अब गहरी सांस लेकर सिर को ऊपर उठाएं, फिर गर्दन को ऊपर उठाएं, सीने को और (छाती) फिर पेट को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।

सिर से नाभि तक का शरीर ही ऊपर उठना चाहिए तथा नाभि के नीचे से पैरों की अंगुलियों तक का भाग जमीन से समान रूप से सटा रहना चाहिए। गर्दन को तानते हुए सिर को धीरे-धीरे अधिक से अधिक पीछे की ओर उठाने की कोशिश करें। अपनी आंखें ऊपर की ओर रखें। यह आसन पूरा तब होगा जब आप के शरीर का कमर से ऊपर का भाग सिर, गर्दन और छाती सांप के फन के समान ऊंचा ऊठ जाएंगे।

पीठ पर नीचे की ओर नितम्ब और कमर के जोड़ पर अधिक खिंचाव या जोर मालूम पडऩे लगेगा। ऐसी अवस्था में आकाश की ओर देखते हुए कुछ सेकंड तक सांस रोकें। अगर आप सांस न रोक सकें तो सांस सामान्य रूप से लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए पहले नाभि के ऊपर का भाग, फिर छाती को और माथे को जमीन पर टिकाएं तथा बाएं गाल को जमीन पर लगाते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें। कुछ देर रुकें और पुन: इस क्रिया को करें। इस प्रकार से भुजंगासन को पहले 3 बार करें और अभ्यास होने के बाद 5 बार करें। इस आसन को करने से पहले सिर को पीछे ले जाकर 2 से 3 सेकेंड तक रुके और इसके अभ्यास के बाद 10 से 15 सेकेंड तक रुके।

सावधानियां

हर्निया के रोगी तथा गर्भवती स्त्रियों को यह आसन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा पेट में घाव होने पर, अंडकोष वृद्धि में, मेरूदंड से पीडि़त होने पर अल्सर होने पर तथा कोलाइटिस वाले रोगियों को भी यह आसन नही करना चाहिए। यह आसन थोड़ा कठिन है अत: जल्दबाजी ना करें।

सर्पासन से रोगों में लाभ

इस आसन से रीढ़ की हड्डी का तनाव दूर हो जाता है और रीढ़ से संबंधित परेशानियों को दूर हो जाती है। सर्पासन बेडौल कमर को पतली तथा सुडौल व आकर्षक बनाता है। यह आसन सीना चौड़ा करता है, कद लम्बा करता है तथा बढ़े हुए पेट को कम करके मोटापे को दूर करता है। यह शरीर की थकावट को भी दूर करता है। इस आसन से शरीर सुंदर तथा कान्तिमय बनता है। इस आसन से पेट संबंधी कई जटिल बीमारियों में राहत मिलती है। महिलाओं के लिए भी सर्पासन बहुत ही लाभकारी आसन माना जाता है। यह आसन मासिकधर्म की अनियमितता, मासिकधर्म का कष्ट के साथ आना तथा प्रदररोग में फायदेमंद होता है। यह आसन गर्भाशय और भीतरी योनांगों के अनेक विकारों को दूर करता है तथा स्त्रियों के योनांग तथा गर्भाशय को पुष्ट (शक्तिशाली) बनाता है। इस आसन से महिलाओं का यौवन और सौंदर्य हमेशा बना रहता है।

कील-मुहासों को कीजिए बाय बाय इन तीन नुस्खों से

सही खानपान न होने के कारण और चारों ओर फैले प्रदूषण से अधितर लोग चेहरे पर मुहासों की समस्या से परेशान हैं। काफी कोशिशों के बाद भी उन्हें इस समस्या से छुटकारा नहीं मिलता। लेकिन आयुर्वेद में कुछ ऐसे नुस्खें बताए गए हैं जिनके प्रयोग से आपको मुहासों की इस समस्या से छुटकारा मिल सकता है।


- नीबूं के रस में गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। तीस मिनट बाद चेहरा सादा पानी से धो लें।
गाय के कच्चे दूध में जायफल को घिस लें और पेस्ट तैयार करें, इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं फिर सूखने के बाद उबटन की तरह छुड़ा लें इसके बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो लें। इस प्रयोग से 4 से 5दिनों के अन्दर ही मुहासे गायब होने लगेंगे और उनके दाग भी नहीं बनेंगे।
- जैतून के तेल को रोज रात में सोते समय चेहरे पर लगाएं ऐसा करने से मुहासे और चेहरे पर हो रही फुंसियां ठीक हो जाती हैं।

शुक्रवार, 8 अप्रैल 2011

अगर रहना है फिट तो...आजमाइए ये 10 टिप्स

हमेशा स्वस्थ और जवां रहना कौन नहीं चाहता, सभी अच्छा स्वास्थ्य और सुंदर शरीर पाना चाहते हैं। जो लोग स्वास्थ्य को लेकर सावधान हैं वे योगा को अपने नियमित रुटिन में शामिल जरूर करते हैं जिससे उनका शरीर फिट रहता है।



लेकिन जिनके पास टाइम की कमी है या अपने काम के ज्यादा होने से वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाते उनके लिए कुछ आसान से टिप्स हैं जिन्हें अपना कर आप हमेशा हेल्दी रह सकते है।



रोज सुबह उठने के बाद नाश्ता जरूर करें। नाश्ता में कुछ भी ले सकते हैं जो आपके स्वास्थ्य के ठीक है।
खाने में रोटी और चावल अलग-अलग समय पर खाएं।
रोज एक केला, सेब और फ्रूट ज्यूस अवश्य लें। दिन में जब भी समय मिले फ्रूट जरूर खाऐं।
खाने में ज्यादा मीठा खाने से थोड़ा परहेज करें।
रोज सुबह उठकर हल्की एक्सरसाइज या व्यायाम जरूर करें।
कम से कम 15-20 मिनिट रोज ध्यान लगाएं। वज्रासन की मुद्रा में बैठें और दिमाग को आराम दें।
रोज सुबह या शाम को लॉन्ग वॉक पर जाएं।
चटपटे खाने और मैदे से बनी खाने की चीजों को कम खाएं।
खाने के साथ या उससे पहले सलाद जरूर खाएं।
खाने के बाद छाछ जरूर पीएं।

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