गुरुवार, 25 अगस्त 2011

पेट से जुड़ी हर प्राब्लम का यह है रामबाण इलाज

अगर आप भोजन न पचता हो, देर तक पेट और दिमाग में भारीपन लगे। कई-कई घंटे तक खाया-पीया हजम न हो, खट्टे डकार आते हों तो यह आसन पेट की बीमारी जैसे अपच, गैसे बनना, भुख ना लगना, खाना हजम ना होना, कब्ज, पेट में दर्द, आदि समस्त रोगों को दूर करता है साथ ही वजन भी कम होता है।

इस आसन को श्वास, प्रश्वास करने से एकाग्रता बढ़ती है। मन शांत और स्थिर होता है। अत: हम कह सकते हैं कि इस आसन के नियमित अभ्यास से शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य उत्तम होता है।

विधि: एकांत स्थान पर समतल जमीन पर आसन बिछाएं। पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथों को शरीर के बगल में रखें। अपनी आंखें खुली रखें तथा श्वांस को अंदर खींचते हुए दोनों पैरों को एक साथ लगभग एक फिट ऊंचा उठाएं।


अपने सिर को जमीन पर टिकाये रखें। अपनी क्षमता के अनुसार श्वास रोककर कुछ देर इसी अवस्था में रहें। अब धीरे-धीरे दोनों पैरों को एक साथ जमीन पर रखें और कुछ देर विश्राम करें। अभ्यास होने के बाद इस क्रिया को नियमित 5 बार करें।

सावधानी- आसन का अभ्यास धैर्य पूर्वक करें। जल्दबाजी और हड़बड़ाहट में शरीर पर अधिक जोर ना दें। 

सफेद बाल भी हो जाएगें काले, अपनाएं यह घरेलू नुस्खा


भाग दौड़ भरी जिंदगी, बालों की ठीक से देखभाल न हो पाने और प्रदूषण के कारण बालों का सफेद हो जाते है। बाल डाई करना या कलर करना इस समस्या का एकमात्र विकल्प नहीं। कुछ घरेलू उपचार आजमा कर भी सफेद बालों को काला किया जा सकता है।

- बेसन मिला दूध या दही के घोल से बालों को धोएं। फायदा होगा।

- दस मिनट का कच्चे पपीता का पेस्ट सिर में लगाएं। बाल नहीं झड़ेंगे और डेंड्रफ  भी नहीं होगी।

- आंवले के पावडर में नींबु मिलाकर नियमित रूप से लगाएं सफेद बाल काले हो जाते है

- रोजाना सिर में प्याज का पेस्ट लगाएं। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।

- तिल खाएं। इसका तेल भी बालों को काला करने में कारगर है।

- आधा कप दही में चुटकी भर काली मिर्च और चम्मच भर नींबू रस मिलाकर बालों में लगाए।

मिनट बाद बाल धो लें। बाल सफेद से काले होने लगेंगे।

- रोज घी से सिर की मालिश करके भी बालों के सफेद होने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।

बुधवार, 24 अगस्त 2011

इस चमत्कारी दवा से खत्म हो जाएगी भूलने की बीमारी


आमतौर पर हम सभी के घरों में किचन में पाई जाने वाली हल्दी अपने आप में किसी डॉक्टर से कम नहीं है। तभी तो आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से संबंधित ग्रंथों में घरेलू हल्दी को चमत्कारी औषधि का दर्जा दिया गया है। जिस बात को आयुर्वेद में हजारों साल पहले कह दिया

था, उसकी सच्चाई और प्रामाणिकता पर आज विज्ञान जगत भी मुहर लगा रहा है।




हल्दी के औषधीय गुणों पर किये जा रहे शोध बताते हैं कि हल्दी में कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता होती है। भारतीय लोग तो हल्दी के फायदों से परिचित हैं ही लेकिन अब वैज्ञानिकों ने भी साबित कर दिया है कि हल्दी में न केवल कैंसर कोशिकाओं को मारने की क्षमता होती है, बल्कि डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी जिसमें रोगी को मतिभ्रम हो जाता है और वह जरूरी बातें भी भूल जाता है, को भी नियंत्रित करने की क्षमता होती है।

डिमेंशिया में भी अचूक:


हल्दी में पाए जाने वाले रसायन 'करक्यूमिन' में रोगहारी शक्ति होती है, जो गठिया और मनोभ्रंश या डिमेंशिया यानी भूलने की बीमारी जैसी बीमारियों के इलाज में प्रभावी सिद्ध हो चुकी है।


कैंसर की रोकथाम:

ब्रिटेन के कॉर्क कैंसर रिसर्च सेंटर में किए गए परीक्षण दिखाते हैं कि प्रयोगशाला में जब करक्यूमिन का प्रयोग किया गया तो उसने गले की कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर दिया।


डॉ शैरन मैक्केना और उनके दल ने पाया कि करक्यूमिन ने 24 घंटों के भीतर कैंसर की कोशिकाओं को मारना शुरु कर दिया। कैंसर विशेषज्ञों का कहना है कि ब्रिटिश जरनल ऑफ़  कैंसर में प्रकाशित यह खोज कैंसर के नए इलाज विकसित करने में सहायक हो सकती है

मुफ्त में घर बैठें पाएं मासूम खूबसूरती


अगर आप भी अपनी त्वचा को फूलों की तरह तरोताजा व खिला-खिला रखना चाहते हैं तो ठंडे पानी से चेहरे पर छींटे मारें। क्योंकि ठंडा पानी रक्तवाहनियों में संकुचन और फैलाव लाता है, जिससे स्किन कोमल और मृदु बनती है। बिस्तर छोडऩे के साथ ही साथ इस लाजवाब प्रयोग को कीजिये।

ऐसा करने के बाद भी यदि चेहरा निस्तेज लग रहा हो, तो दूध और आइस क्यूबस का उपयोग कीजिए। नैपकिन को इसके मिश्रण में डुबोकर चेहरे पर कुछ मिनट लगाइए।

देर से सोने के कारण आंखों में सूजन आ जाती है। बहुत से लोग रात में सोते समय आई क्रीम लगाते हैं। लेकिन यह असरदायक नहीं होता।

इसकी बजाय नारियल तेल की कुछ बूंदे लेकर हल्के-हल्के मसाज करें। सूजन और काला घेरा दोनों में तत्काल राहत मिलेगी।

नींद पूरी नहीं होने के कारण आंखों के नीचे काले घेरे हो जाते हैं। अगर आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो आंखों के उपर खीरा रखें और 8 से 10 घंटे की नींद लें।

कैसे भी मुंहासे हों...यह रामबाण सदा अचूक रहा है


सबकुछ नया और फटाफट की चाहत में हम कई बार खर्चे के साथ-साथ मुसीबत भी मोल ले लेते हैं। चेहरे की खूबसूरती के लिये आधुनिक कोस्मेटिक्स का प्रयोग करना खुद समस्याओं को न्योता देने के समान जोखिम भरा होता है।



इसीलिये अनुभवियों और जानकारों का सीख होती है कि किसी को सिर्फ इसलिये गले मत लगाओ कि वह नया है, और पुराना सोचकर ही किसी को ठुकरा देना भी जायज नहीं है।




हमारे यहां घर-परिवारों में परंपरागत रूप से कई कार्य होते रहें हैं जिनमें से कुछ वाकई आज भी बेहद कारगर और कीमती होते हैं। यहां हम कुछ ऐसे ही बहुत काम के नुस्खों को बता रहें हैं, जो प्रयोग करने पर आपको भी यकीनन पसंद आएंगे...




मुहांसों से मुक्ति- नारंगी और चारोली के छिलकों को दूध के साथ पीस कर इसका लेप तैयार कर लें और चेहरे पर लगाए। इसे अच्छी तरह सूखने दें और फिर खूब मसल कर चेहरे को धो लें। इससे चेहरे के मुहंासे गायब हो जाएंगे। अगर एक हफ्ते तक प्रयोग के बाद भी असर न दिखाई दे तो लाभ होने तक इसका प्रयोग जारी रखें।




चमकता चेहरा- चारोली को गुलाब जल के साथ सिलबट्टे पर या मिक्सर में बारीक पीस कर लेप तैयार कर चेहरे पर लगाएं। लेप जब सूखने लगे तब उसे अच्छी तरह मसलें और बाद में चेहरा धो लें। इससे आपका चेहरा चिकना, सुंदर और चमकदार हो जाएगा। इसे एक सप्ताह तक हर रोज प्रयोग में लाए। बाद में सप्ताह में दो बार लगाते रहें। इससे आपका चेहरा लगेगा हमेशा चमकदार व खिला-खिला और हरदम ताजातरीन भी।




खुजली का सफाया- अगर आप गीली खुजली की बीमारी से पीडि़त हैं तो 10 ग्राम सुहागा पिसा हुआ, 100 ग्राम चारोली, 10 ग्राम गुलाब जल इन तीनों को साथ में पीसकर इसका पतला लेप तैयार करें और खुजली वाले सभी स्थानों पर लगाते रहें। ऐसा करीबन 4-5 दिन करें। इससे खुजली में काफी आराम मिलेगा व आप ठीक हो जाएंगे।

भूख व नींद को जबरन रोका तो गले पड़ेंगी ऐसी मुसीबतें!

वेदों को दुनिया की सबसे प्राचीन व महान किताबों के रूप में विश्वभर में मान्यता प्राप्त है। वेदों की परंपरा में ही आगे चलकर आयुर्वेद की रचना हुई। चारों वेदों के समान ही महान और प्रामाणिक होने के कारण ही आयुर्वेद को चिकित्सा शास्त्र से बढ़कर एक धार्मिक ग्रंथ के रूप में भी गरिमा प्राप्त है।



क्योंकि इसमें आयु यानी उम्र का पूरा का पूरा विज्ञान समाया हुआ है, इसीलिये इसका नाम सारे संसार में आयुर्वेद के रूप में विख्यात हुआ।





आयुर्वेद में इंसानी जिंदगी से जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात को बड़ी गहराई और वैज्ञानिकता के साथ प्रस्तुत किया गया है। हमारे आहार-विहार से जुड़ी हर वो बात जो जिंदगी को प्रभावित करती है, उसे आयुर्वेद में बड़े ही स्पष्ट और वैज्ञानिक आधारों पर समझाया गया है।

खान-पान और जागने-सोने की क्रियाएं हमारे जीवन से गहरे से जुड़ी होती हैं।



आयुर्वेद में भूख और नींद के विषय में की जाने वाली लापरवाही को बहुत ही गंभीर माना जाता है। आयुर्वेद के  प्रामाणिक ग्रंथों में स्पष्ट कहा गया है कि इंसान को कभी भी अपनी स्वाभाविक भूख और नींद को जबरन रोकना नहीं चाहिये।





आयुर्वेद के अनुसार जो व्यक्ति भूख और नींद की स्वाभाविक क्रियाओं को रोकता है, उसे इन समस्याओं या बीमारियों का सामना करना पड़ता है...



भूख दबाने के दुष्परिणाम:


- शरीर का कमजोर होना या टूटना।



- भोजन में अरुचि हो जाना।



- शरीर में ग्लानि उत्पन्न होती है।



- पेट या आंतों में दर्द होना।



नींद को रोकने की हानियां:


- याद्दाश्त का कमजोर होना।



- मतिभ्रम पैदा होना।



- बुद्धि का भ्रमित होना।



- शरीर में आलस्य बढऩा और काम करने में अरुचि पैदा होना।



- बार-बार जम्हाई आना।



- लगातार नींद टालने पर अनिद्रा की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ सकता है।



इसीलिये जिन्हें अपनी सेहत और जिंदगी की परवाह है, उन्हें कभी भी शरीर की स्वाभाविक जरूरतों को रोकना नहीं चाहिये।

घर बैठे स्वाइन फ्लू को करें छूमंतर

स्वाइन फ्लू एक बेहद घातक बीमारी है। जो कई बार महामारी की तरह फेलता है और एक साथ सैकड़ों को अपना शिकार बना लेता है। यहां हम आपको आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़े  कुछा घरेलू उपाय बता रहे हैं जो स्वाइन फ्लू में बेहद असरदार और कारगर होते हैं...

तुलसी - रोज सुबह उठकर 5 तुलसी की पत्तिया धोकर खाएं।

गिलोए- गिलोय देश भर में बहुतायत से मिलता है। गिलोय की एक फुट लंबी डाल का हिस्सा, तुलसी की पांच-छ: पत्तियों के साथ 15 मिनट तक उबालें। स्वाद के मुताबिक सेंधा नमक या मिश्री मिलाएं। कुनकुना होने पर इस काढ़े को पिएं। यह आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति को चमत्कारिक ढंग से बढ़ा देगा।

कपूर- महीने में एक या दो बार कपूर की गोली पानी के साथ निगल लें। बच्चों को केले अथवा उबले हुए आलू में मिलाकर दे सकते हैं। याद रखें कपूर रोज नहीं लेना है, मौसम में एक बार या महीने में एक या दो बार ले सकते हैं।

लहसुन - लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट कुनकुने पानी के साथ जरूर लें। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होगा।

हल्दी- रात को सोते समय हल्दी का दूध अवश्य पिएं।

विशेष: किसी भी प्रकार की असावधानी और असुविधा से बचने के लिये आयुर्वेद के अनुभवी चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

Featured post

इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं

महिलाएँ ...इस फ़ार्मूले के हिसाब से पता कर सकती हैं अपनी शुभ दिशाऐं।   तो ये है इस फ़ार्मूले का राज... 👇 जन्म वर्ष के केवल आख़री दो अंकों क...