मंगलवार, 8 नवंबर 2011

इन खतरनाक बीमारियों को उखाड़ फेकेंगा ये चमत्कारी पौधा

एलोवेरा ऐसा पौधा है जिसमें अनेक रोगों का निदान छिपा है। इसीलिए पहले के समय में एलोवेरा का उपयोग साधारण लोगों ज्यादा बहुत अधिक नहीं किया जाता था। लेकिन अब इसका उपयोग सबसे अधिक औषधी निर्माण किया जा रहा है।माना जाता है कि इसके औषधीय गुणों के कारण व्यक्ति को फिट रखने में एलोवेरा महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता हैं।एलोवेरा के पौधे को घृतकुमारी, कुमारी, घी-ग्वार भी कहा जाता है। एलोवेरा का जीवन देने वाली यानी संजीवनी आयुर्वेदिक औषधी भी मानी जाती है। घी ग्वार को पेट के लिए अमृत माना गया है। जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है उन्हें नियमित रुप से इसका सेवन करना चाहिए। 

ऐलोवेरा में बहुत तरह के खनिज तत्व और अमीनो अम्ल भी मिलता है।ये दोनों ही शरीर के लिए जरूरी है इन तत्वों को निरंतर शरीर की जरूरत रहती है जिसे पूरी करना भी जरूरी है। एलोवेरा बढिय़ा एंटीबायोटिक और एंटीसेप्टिक के रूप में काम करता है। दिल से जुड़ी कोई बीमारी या मधुमेह हो तो ये इन दोनों ही रोगों के रोगियों के लिए बहुत अच्छा माना गया है। जोड़ों का दर्द भी गायब हो जाता है एलोवेरा दवाई के रूप में हर उम्र के लोग इस्तेमाल कर सकते है और यह शरीर में जाकर खराब सिस्टम को ठीक करता है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता। यह बैक्टीरिया नाशक है साथ ही मेटाबॉलिक क्रिया को ठीक करता है। त्वचा की देखभाल और बालों की मजबूती व बालों की समस्या से निजात पाने के लिए एलोवेरा एक संजीवनी का काम करती है। इसके प्रयोग से बीमारियों से मुक्त रहकर लंबी उम्र तक स्वस्थ और  रहा जा सकता है।

ये फ्रूट खाएं तो बुढ़ापा आसपास भी नहीं फटकेगा

अगर आपकी उम्र कम है लेकिन आप अपनी त्वचा के कारण उम्र से अधिक दिखाई देते हैं। आप चाहते हैं कि बढ़ती उम्र थम जाए तो इसके लिए सही पोषण जरूरी है। प्रकृति की अद्भुत उपहारों में से एक है फल। शहतूत एक ऐसा ही फल है। जो वैसे तो लोगों के द्वारा कम ही सेवन किया जाता है। लेकिन जो लोग इसका सेवन करते हैं उन्हें चमत्कारिक रूप से फायदे होते हैं। शहतूत का ऐसा ही एक गुण ताजा रिसर्च के अनुसार सामने आया है। हाल ही में हुई एक शोध में शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि शहतूत में एंटी एज यानी उम्र को रोकने वाला गुण होता है।

अध्ययन में यह पाया गया कि शहतूत बालों के लिये भी बेहद लाभदायक होता है। परीक्षण के दौरान देखा गया कि शहतूत में दूसरे लाभदायक फ लों की तुलना में 79 प्रतिशत ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है। डेली एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि शहतूत के जूस में एंटीऑक्सीडेंट संतरे से दोगुना होता है।

इसके अलावा शहतूत में रेजवर्टेरोल पाया जाता है जिसमें स्वास्थ को लाभ पहुंचाने वाला गुण पाया जाता है। रेजवर्टेरोल के बारे में माना जाता है कि यह शरीर में फैले प्रदूषण को साफ करता है और संक्रमित चीजों को बाहर निकालता है।परीक्षण में पाया गया कि शहतूत में ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे आंखों की गड़बड़ी ठीक हो सकती है। यहां तक कि लंग कैंसर का जोखिम कम हो सकता है और कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है।

पानी पीने के इस तरीके को अपनाकर मोटापे से छुटकारा पाएं हमेशा के लिए

कहते हैं ज्यादा पानी पीने के ढेरों फायदें हैं। चिकित्सक भी ये मानते हैं कि ज्यादा पानी पीने से कई बीमारियां अपने आप ही समाप्त हो जाती हैं। लेकिन पानी को अगर सही तरीके से पीया जाए तो आपको मोटापा कंट्रोल करने में भी अधिक मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। खाना खाने से पहले दो गिलास पानी पीने की आदत न सिर्फ आपके वजन को नियंत्रित करती है, बल्कि लंबे समय तक आपको फिट बनाने के लिए भी कारगर है। 

एक शोध के अनुसार जिन डाइटर्स ने कैलोरी काउंट के तहत आधार लेने पर ध्यान दिया उनके मुकाबले वैसे डाइटर्स का वजन तेजी से घटा, जिन्होंने खाने से पहले दो गिलास पानी पीने का फंडा अपनाया उनका वजन आसानी से घट गया। पानी वजन घटाने का सबसे सस्ता उपाय है। पानी को कैलोरी फ्री आहार भी माना जा सकता है। पानी कम मात्रा में पानी पीने से शरीर में वसा ऊर्जा के रूप में जलने के बजाय एकत्रित होनी शुरू हो जाती है। 

इसका कारण है शरीर में मौजूद वसा का ऊर्जा में परिवर्तन आपके शरीर में मौजूद पानी की मात्रा पर निर्भर करता है।

जितना अधिक पानी आप पीएंगे, उतनी ही अधिक वसा आप खर्च कर पाएंगे। वह के समय एक गिलास गुनगुने पानी में दो टीस्पून शहद डालकर पीने से वजन नियंत्रित रहता है। यदि इसमें एक टी स्पून नींबू का ताजा रस डाल दिया जाए तो कहना ही क्या। आप चाहे तो दिन में कई बार इसका सेवन कर सकती है।हर एक घंटे में एक गिलास पानी का सेवन आपके शरीर के लिए चमत्कार कर सकता है । यह आपको भूख का एहसास न कराते हुए कम खाने में आपकी मदद करता है । अधिक मात्रा में ग्रहण किया हुआ पानी शरीर से अवांछित अवशेषों को बाहर निकालता है और पाचन प्रक्रिया में अपना सहयोग देता है।

सोमवार, 7 नवंबर 2011

आंखों में पैदा हो जाएगा जादूई सम्मोहन इन आसान नुस्खों से

आंखों पर वैसे तो कई कहावतें और फिल्मी गाने बनाए गए हैं। अक्सर फिल्मों के गानों में आंखों का जिक्र सबसे ज्यादा होता है क्योंकि माना जाता है कि आंखे दिल का आइना होती है। आंखें देखकर आप किसी भी व्यक्ति के मन के भाव और उसकी सोच जान सकते हो। इसलिए आंखें इंसान के व्यक्तित्व को सबसे ज्यादा प्रभावित करते हैं। आंखें और चेहरा दोनों ही व्यक्तित्व के सर्वाधिक संवेदनशील केन्द्र होते हैं।

सामान्य कद-काठी वाले व्यक्ति में भी कई बार गजब का आकर्षण देखा गया है। यह अद्भुत आकर्षण उनकी आंखों के कारण ही होता है। आंखो की इसी चमत्कारी सम्मोहन शक्ति के दम पर अकेला व्यक्ति हजारों-लाखों की भीड़ को प्रभावित ही नहीं अपनी मर्जी के मुताबिक चला भी सकता है। 



नीचे दिये जा रहे इन नुस्खों से आंखों में जादूई चमक पैदा कर सकते हैं

-  त्राटक या दीप त्राटक का अभ्यास  करें।



- किसी मार्गदर्शक के सहयोग से शीर्षासन या सर्वांगासन का नियमित अभ्यास करें।



- ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं, दिन में कई बार आंखों पर ठंडे पानी के छींटे मारें।



- शुद्ध और प्राकृतिक आहार-विहार करें। बाजारू खाने से यथा संभव बचें।



- आंखों का काम करते समय बीच-बीच में कुछ समय के लिये आंखें बंद करके खोई हुई ऊर्जा को फिर से प्राप्त करें।



- किसी योग विशेषज्ञ से सीखकर या मार्गदर्शन में प्रतिदिन रात्रि के प्रथम और अंतिम पहर में 25 से 30 मिनिट तक बिन्दु पर ध्यान केंद्रित करें।



- सम्मोहन मंत्र ऊं शं सम्मोहनाय फट् का जप आज्ञाचक्र यानी दोनों भौंहों के बीच ध्यान केंद्रित करते हुए जपें।

जरा संभलकर! इन चीजों को एक साथ खा लेंगे तो बन जाएगा जहर

शादियों का सीजन शुरु होने को है। शादियां होंगी तो नाच गाना भी होगा हो-हल्ला और खाना-पीना भी। ऐसे में जब शादी में खाने के  शौकिन पहुंचते हैं तो वे खाने की चटपटी स्टाल्स को देखकर ललचा जाते हैं और जाने-अनजाने कुछ ऐसे खाने की चीजों का साथ में खा लेते हैं आयुर्वेद के अनुसार जिनका सेवन आपके लिए घातक हो सकता है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में जिन्हें एक साथ खाना आपके लिए जहर का काम कर सकता है और आपकी तबीयत बिगड़ सकती है।

- आलू और चावल एक साथ नहीं खाना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या हो सकती है।

- बैंगन का भरता और दूध की बनी कोई चीज

- आइस्क्रीम के तुरंत बाद पानीपूरी।  

-  पिपरमेंट को कभी भी कोल्डड्रिंक पीने से पहले पुदीने दोनों को मिलाने पर साइनाइड बनता है जो कि जहर के समान कार्य करता है।

- दूध में नींबु या संतरे का छिंटा भी पड़ जाए तो दूध फट जाता है।दोनों का एक साथ सेवन करने पर एसीडिटी हो जाती है।

- चिकन के साथ ज्यूस या मिठाई आदि का शौक रखने वालों को भी इसके सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसके सेवन से पेट खराब हो सकता है। इस कारण बदहजमी हो जाती है। जहां तक हो सके ऊपर बताए गई सभी चीजों को एक साथ खाने से बचना चाहिए नहीं तो ये आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं।

बात अजीब है पर सच है, डॉक्टर का काम करते हैं ये ड्रायफ्रूटस

हमारे मन में अक्सर पिस्ता बादाम एवं अखरोट खाने को लेकर कुछ भ्रांतियां रहती हैं,जैसे यह रक्त में कोलेस्ट्रोल ,ट्राईग्लीस्राइड आदि को बढ़ाकर हृदय रोगों की  संभावना को बढ़ा देता होगा,पर ऐसा नहीं है। इन सूखे फलों के कई फायदे हैं, इनका निश्चित मात्रा में सेवन मस्तिष्क के लिए ही नहीं ,अपितु कई रोगों में बचाव का साधन है। हाल में ही शोधकर्ताओं ने पिस्ता बादाम एवं अखरोट खाने वाले मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीडि़त रोगियों, जिनमे हृदय से सम्बंधित रोगों की प्रबल संभावना थी ,इसे  कम होते देखा है।

पिस्ता बादाम एवं अखरोट खाने वालों में सेरेटोनिन नामक रसायन का स्तर बढ़ जाता है, जो तंत्रिका संवेदनाओं का ले जाने का काम करता है ,परिणाम स्वरुप व्यक्ति में भूख मिट जाती  है, एवं एक खुशनुमा एहसास हृदय के लिए फायदेमंद होता है।बस ध्यान रहे, कि पिस्ता बादाम एवं अखरोट  की नियमित मात्रा एक आउंस से अधिक न हो। यह शोधपत्र ए. सी .एस .के जर्नल आफ प्रोटीओम रिसर्च में प्रकाशित हुआ है।युनिवर्सिटी ऑफ  बारसिलोना के शोधकर्ताओं का भी मानना है, कि  विश्व में मोटापे से पीडि़त रोगियों का बढऩा, मेटाबोलिक सिंड्रोम  से सीधे सम्बंधित है, जिसमें पेट के पास की चर्बी में बढ़ोत्तरी ,हाई ब्लड -शुगर और हाई ब्लड -प्रेशर मिलना तय है। 

अत: खान-पान में परिवर्तन लाकर, वजन को नियंत्रित कर, शरीर को स्वस्थ रखा जा सकता है ,इनमें नियमित पिस्ता बादाम एवं अखरोट का निश्चित मात्रा में सेवन भी सम्मिलित है। आपको शायद मालूम होगा, ये सूखे फल पोषक तत्वों से भरे पड़े हैं, इनमें अच्छी चर्बी (अनसेचुरेटेड फेटी- एसिड ) एवं एंटी-ओक्सिडेंट (पोलीफेनोल ) पाए जाते हैं ,जो मेटाबोलिक सिंड्रोम से लडऩे में मददगार होते है। तो आज से ही खाना शुरू करें अखरोट ,पिस्ता और बादाम और हृदय रोगों को करें ना ना ....!

ये जानने के बाद आप कहेंगे-शराब ....ना बाबा ना

यूं तो कोई भी नशा हमारे स्वास्थ्य एवं समाज के लिए नुकसानदायक होता है। आयुर्वेद भी जीवन को व्यसन मुक्त करने की सलाह देता है। हाँ यह बात भी एक सत्य है, कि प्राचीन काल में मद्य का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता था। यह कुछ रोगों की चिकित्सा से लेकर बेहोशी लाकर सर्जरी करने तक सीमित था। यही कारण है, कि कुछ लोगों द्वारा अधिक पीने के कारण होने वाली समस्याओं का समाधान भी आचार्य चरक ने मदात्यय नामक अध्याय में वर्णित किया है। वैसे भी एल्कोहल एक टोक्सिक रसायन है, जिसका प्रयोग कोशिकाओं एवं सूक्ष्म जीवाणुओं को मारने में किया जाता है ,यही कारण है,कि़ इसे स्टरलाइजेसन हेतु प्रयोग में लाया जाता है। तो आप खुद सोचिये, कि़ यह आपके शरीर के  लिए कैसे फायदेमंद हो सकता है ? आजकल लोगों में  शराब एक फैशन एवं स्टेटस सिम्बल का रूप लेता जा रहा है। जो नहीं पीता उसे सोसाएटी में दब्बू मानने का चलन व्याप्त है। क्या महिलाएं क्या पुरुष आप इन सबको मदिरालय में जाम गटकते देख सकते हैं ,और यह भी कहते सुन सकते हैं - थोड़ी-थोड़ी पीया करो। हाँ, यह भी एक सत्य है , कि कोरोनरी हार्टडीजीज,टायप-2 डाईबिटीज से सम्बंधित कुछ अध्ययन थोड़ी मात्रा में एल्कोहल लेने के पक्ष में जाते हैं।

लेकिन आपको हम कुछ सत्य से रु-ब रु कराते हैं, जिसे  जानने के बाद आप कहेंगे -शराब ...ना  बाबा ना  -अमेरिकन कालेज आफ गेस्ट्रोएंटेरोलोजी के अध्ययन के अनुसार थोड़ी मात्रा में शराब का सेवन भी आपकी आँतों के बेक्टीरियल ग्रोथ को बढ़ा सकता है ढ्ढ 

-हारवर्ड मेडिकल स्कूल में कराये गए एक अध्ययन जिसे जर्नल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएसन में प्रकाशित किया गया है  इसके अनुसार एल्कोहल की थोड़ी मात्रा भी ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को 51 प्रतिशत से अधिक बढ़ा देती है।

-गर्भावस्था के दौरान शराब पीना भी आनेवाले बच्चे के लिए खतरनाक हो सकता है।

-यूनिवर्सिटी आफ टेक्सास, एम..ड़ी.एंडरसन कैंसर सेंटर के वैज्ञानिकों की मानें तो थोड़ी मात्रा में भी शराब का सेवन लीवर एवं ओरल कैंसर की संभावना को बढ़ा देता है।

-आपको शराब पीते देख आपके बच्चे भे इसका अनुकरण करने लग जाते हैं और ऑस्ट्रेलिया में हुआ एक अध्ययन भी इसकी पुष्टि करता है, कि़ कम उम्र से ही थोड़ी मात्रा में  शराब का प्रयोग बाद में शराब की आदत और रिस्की सेक्सुअल व्यवहार के लिए जिम्मेदार होता है। 

-थोड़ी मात्रा में एल्कोहल का सेवन भी आपके शारीरिक कोर्डिनेशन,प्रतिक्रिया एवं निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है, अत: किसी मशीन को चलाते समय या ड्राईविंग के समय एल्कोहल की थोड़ी मात्रा भी आपके जीवन के लिए खतरनाक हो सकती है।

-यदि आपको लिवर से सम्बंधित कोई समस्या है, या खून में चर्बी की मात्रा अधिक है ,तो थोड़ी मात्रा में भी शराब आपके लिए जानलेवा हो सकती है।

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