बुधवार, 1 फ़रवरी 2012

किचन के डॉक्टर्स: छोटी-छोटी बीमारियों के कुछ मसालेदार इलाज


स्वास्थ्य संबंधी छोटी-मोटी समस्याएं हर घर में कभी न कभी घर के किसी न किसी सदस्य को हो ही जाती है। ऐसे में समय-असमय डॉक्टर के पास जाना या मामूली तकलीफ के लिए बिना डॉक्टर की सलाह लिए दवा लेना भी ठीक नहीं होता। ऐसी छोटी-मोटी बीमारियों का घरेलु इलाज करना ही बेहतर रहता है। भारतीय किचन के मसाले भी किसी औषधि से कम नहीं है आइए हम बताते हैं आपको छोटी-मोटी बीमारियों के कुछ मसालेदार इलाज:

 - सर्दी ज्यादा परेशान कर रही हो तो छाती पर और सिर पर अजवाइन की पोटली से सेंक करके ओढ़कर सो जाएं। सर्दी से जल्द ही राहत मिलेगी।

 - घी में सिकी हुई लोंग मुंह में रखें खांसी और खराश से छुटकारा मिलेगा।

 - पानी में अजवाइन उबालकर इस अजवाइन वाले पानी की भाप घुटनों पर देने से घुटनों का दर्द ठीक होता है।

 - थोड़ा-सा काला नमक, अजवाइन, सौंफ और मिलाकर चूर्ण बनाकर खाएं पेटदर्द में आराम मिलेगा।

 - एक गिलास दूध में इलाइची पाउडर डालकर पीने से सिरदर्द बंद हो जाता है।

-  एक चम्मच सरसों के तेल में एक चुटकी हल्दी और नमक मिलाकर दांतों पर हल्के-हल्के मालिश करने से दांत का दर्द दस से पंद्रह मिनट में ठीक हो जाता है।

-  रात में सोने से पहले नाक में गाय के दूध से बने घी की दो-दो बूंदें डालने से माइग्रेन के दर्द से मुक्ति मिलती है।

मंगलवार, 31 जनवरी 2012

रोज ऐसे खाएं मुट्ठी भर चने...तो हेल्दी हो जाएंगे बॉडी, स्कीन और बाल

बड़े-बुजुर्ग कहते हैं चने रोज खाने वाले का शरीर बहुत स्वस्थ और ताकतवर बना रहता है। चने के सेवन से सुंदरता बढ़ती है साथ ही दिमाग भी तेज हो जाता है। इसलिए अगर आप भी उसके जैसे फुर्तीले बनना चाहते हैं तो चने का सेवन नियमित रूप से करना शुरू कर दीजिए। 

इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नमी, चिकनाई, रेशे, कैल्शियम, आयरन और विटामिन्स पाए जाते हैं। चने या दालें या किसी भी प्रकार के अनाज के दाने हमारा रोजाना के आहार में शामिल होना चाहिए, माना जाता है कि इन अनाज के दानों में एमीनो एसीड्स पाया जाता है, लेकिन अंकुरित होने के बाद इनकी पोषक वैल्यू कई गुनी बढ़ जाती है। हमारे शरीर की एक बहुत बड़ी आवश्यकता है। 

अंकुरित हो कर ये दाने फाइबर से भरपूर, पाचक और पोषक हो जाते है। मोटापा  घटाने  के  लिये  नाश्ते  में  चना  और  चाय  लें। अंकुरित  चना 3 वर्ष  तक  खाते  रहने  से  कुष्ट  रोग  में  लाभ  होता  है। 250  ग्राम  चने  को  एक  किलो  पानी  में  रात  को  भिगो  दें। चांदनी रात  हो  तो  इन्हें  चांदनी में  रखें। प्रात:  इनको  इतना  उबालें  कि  चौथाई  पानी रह  जाए। इस  पानी  को  पीने  से  शारीरिक  शक्ति  बढ़ती  है। प्रात:  अंकुरित  चने  का  नाश्ता  प्रत्येक  परिवार  को  करना  चाहिये।गुर्दे  या  मुत्राशय  में  पथरी  हो  तो  रात  को  चने  कि  दाल एक  मुट्ठी  भिगो  दें,  सुबह इस  दाल  में  शहद  मिलाकर  खाएं। 

केवल  चने  की  रोटी  दस  दिन  तक  खाते  रहने  से  पेशाब  में  शक्कर  आना  बन्द  हो  जाता  है। गर्भवती  को  उल्टी  हो  तो भुने  हुए  चने  का  सत्तू  पिलाएं। डॉक्टरों का कहना है कि चने में बहुत प्रोटीन होता है जो आपके शरीर के लिए बेहद जरूरी है। चना आपकी पाचन शक्ति को संतुलित और दिमागी शक्ति को भी बढ़ाता है। चने से खून साफ  होता है जिससे आपकी त्वचा निखरती है।आपको यकीन नहीं होगा चना लोगों में यौन शक्ति को भी बढ़ाता है।चने का गरीबों का बादाम कहा जाता है क्योंकि ये सस्ता होता है लेकिन इसी सस्ती चीज में बड़ी से बड़ी बीमारियों की लडऩे की क्षमता है। चने से बालों का गिरना भी रूकता है क्योंकि इसमें उपस्थित प्रोटीन बालों को मजबूती प्रदान करता है।

सरल इलाज: परेशान नहीं करेगा सिरदर्द, बिना दवा के ही ठीक हो जाएगा

सिरदर्द एक आम समस्या है जिसके कई कारण हो सकते हैं। थोड़े समय तक या हल्का सिरदर्द तो किसी को भी हो सकता है। लेकिन अगर सिरदर्द बार-बार होता है तो आगे चलकर यह कई बीमारियों का कारण बन जाता है। अगर आप भी बार-बार होने वाले सिरदर्द से परेशान हैं तो नीचे लिखे आसनों को नियमित रूप से करें।

 विधि

ध्यान-  इस आसन में सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठें। दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में होंगे। आंखें बंद, गर्दन बिल्कुल सीधी रखें। चित्त बिल्कुल शांत करें और श्वास, प्रश्वास और प्रश्वसन आसन में बैठ जाएं।

योग मुद्रा- दोनों पैरों को एक-दूसरे के ऊपर रखकर पद्मासन की मुद्रा में आ जाएं। दोनों हाथों को  पीछे ले जाकर कलाइयां पकड़ लें। उसके बाद धीरे-धीरे कमर को आगे की ओर झुकाते हुए अपनी ठोड़ी को जमीन पर लगाने की कोशिश करें। 

चन्द्रभेदी प्राणायाम- पद्मासन में बैठें। गर्दन, कमर बिल्कुल सीधी रखें। दायें हाथ के अंगूठे से दाहिनी नाक को बंद करें। फिर नाक के बाएं छिद्र से सांस भरें और दाएं हाथ की उंगलियों से नाक को बंद करते हुए दाईं और से श्वास बाहर निकालें। इस प्राणायाम को 12-15 बार करें। 

पवनमुक्त आसन- सबसे पहले पीठ के बल लेट जाइए। उसके बाद दायीं टांग को घुटनों से मोड़ते हुए अपनी छाती से लगाने का प्रयास करें। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में मिला लें और ठोड़ी को घुटनों से मिलाने की कोशिश करें। बायीं टांग जमीन पर सीधी रहेगी। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें। इसी प्रकार इस आसन को बायीं टांग से करें। इस आसन को कम से कम पांच बार दोहराएं। 

वज्रासन- घुटनों को मोड़कर अपने शरीर का पूरा भार अपने दोनों पैरों की एडिय़ों पर रखकर बैठ जाएं। दोनों पैरों के पंजे आपस में मिले हों और दोनों एडिय़ां आपस में जुड़ी नहीं हों। दोनों हाथ घुटनों पर रखें। गर्दन, कमर और कंधे बिल्कुल सीधे और आंखें खुली रखें। इस आसन में कम-से-कम पांच मिनट तक बैठें।

शवासन-  इसमें पीठ के बल लेट जाएं। दोनों पैरों के बीच एक से दो फुट का फासला रखें। दोनों हाथ जांघों के पास और दोनों हथेलियां ऊपर की ओर हों। इस आसन में हम अपने पूरे शरीर को आराम देते हैं और अपना सारा ध्यान सांस लेने और छोडऩे में लगाते हैं। इससे हम अपने अंतर्मन से शरीर के एक-एक अंग का अवलोकन करते हैं।



सावधानी-दमा, ब्रॉन्काइटिस, निम्न रक्तचाप के रोगी व गर्भवती महिलाएं ये आसन ना करें।

सोमवार, 30 जनवरी 2012

खराब फिगर को परफेक्ट बनाना है तो अपनाएं ये प्रयोग

महिला हो या पुरुष सुडौल शरीर किसी के भी सौन्दर्य को और अधिक बड़ा देता है। कई बार परफेक्ट फिगर न होना भी कान्फिडेन्स में कमी का कारण बन जाता है विशेषकर महिलाओं में । इसी कारण से कई बार उनमें हीन भावना विकसित हो जाती है। सही योगासन और मुद्राओं के आदि नियमित अभ्यास से महिलाएं अपना पूर्ण सौंदर्य प्राप्त कर सकती हैं। यहां हम एक मुद्रा जिसे हस्तपाद मुद्रा कहते हैं की जानकारी दे रहे हैं। इस मुद्रा के नियमित प्रयोग से स्त्रियों का शारीरिक सौंदर्य पूर्ण विकसित हो जाता है। शरीर के अंगों में कसावट आ जाती है।





हस्तपाद मुद्रा बनाने का तरीका



इस मुद्रा के अभ्यास के लिए किसी आरामदायक स्थान पर बैठ जाएं। अब दोनो हाथों की हथेलियों को पीछे की ओर से आपस में जोड़ लें। हाथों की सभी उंगलियां आपस में मिल जाती है इसे हस्तपात मुद्रा कहा जाता है।



हस्तपाद मुद्रा के लाभ



इस मुद्रा से सांस के रोग, गले के रोग जैसे- दर्द, सूजन या टॉन्सिल आदि में काफी आराम मिलता है। इसके नियमित अभ्यास से ये रोग आपसे दूर ही रहेंगे।



हस्तपाद मुद्रा स्त्रियों के लिए बहुत ही ज्यादा लाभकारी है। जिन स्त्रियों का शरीर ठीक से विकसित नहीं हुआ है या शरीर ढीला पड़ गया है उनके लिए यह मुद्रा बेहद लाभदायक है। इसके नियमित इस्तेमाल से स्त्रियां सुंदर सुड़ौल और स्वस्थ हो जाती हैं। स्त्रियों का फिगर आकर्षक हो जाता है।



इस मुद्रा से क्यों बढ़ती है सुंदरता



हस्तपाद मुद्रा से स्त्रियां की सुंदरता बढ़ती हैं क्योंकि हमारी कलाइयों के पीछे की मांसपेशियों का संबंध शरीर के कई अंगों से होता है। इस मुद्रा के माध्यम से वे मांसपेशियां एक्टिव हो जाती है और शरीर के अंगों में कसावट लाती है।

रविवार, 29 जनवरी 2012

स्कीन के रूखेपन से परेशान हैं तो ...कास्मेटिक्स से बेहतर हैं ये घरेलु नुस्खे

सर्दियों में हेल्दी स्कीन वालों को भी रूखी त्वचा की परेशानी सताने लगती है। त्वचा की खूबसूरती कम होने लगती है और खुश्की बढऩे लगती है। ऐसे में जरूरी है कि समय रहते ही इसका इलाज कर लिया जाए नहीं तो खुश्की एक सुंदर और आकर्षक चेहरे को बेजान, कांतिहीन और खुरदरे चेहरे में बदल सकती है। हम बताएंगे कि कैसे हम अपनी त्वचा को खुश्की की नजर से बचा कर रख सकते हैं।

- चने के आटे को गुनगुने दूध में भिगो दें। थोड़ी देर रखने के बाद इसमें चंद बूंदे नींबू का रस निचोड़ दें। थोड़ी हल्दी मिलाएं और चेहरे पर लगा लें। 10 मिनट बाद इसे गुनगुने पानी की मदद से निकाल दें।

- रूखी त्वचा पर आप फलों का रस या गूदा इस्तेमाल कर सकती हैं। खूब पका हुआ केला मैश करें और शहद मिला लें। इसमें नीबू का रस मिला सकती हैं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ समय के लिए छोड़ दें। गुनगुने पानी से धो लें।

- उबटन के प्रयोग के कुछ समय बाद अच्छा टोनर लगा सकती हैं। गुलाब जल एक आम टोनर है।

- बेहतर होगा कि नियमित बादाम तेल या तिल के तेल से बॉडी मसाज कराएं। अगर यह संभव न हो तो नहाने के पानी में एक चम्मच तिल का तेल डालकर नहाएं।

- सर्दियों में ऑलिव ऑइल का प्रयोग अवश्य करें। नहाने के पानी में इसे मिला लें और फिर उस पानी से नहाएं।

- बहुत देर तक व बहुत गर्म पानी से न नहाएं, इससे त्वचा और रूखी हो जाती है। नहाने के बाद एक मग पानी में एक चम्मच शहद डालकर शरीर पर डालें, इससे शरीर कोमल हो जाएगा और आप सारा दिन तरोताजा महसूस करेंगी।

- इस मौसम में हाथों की कोहनियों की त्वचा काफी शुष्क हो जाती है और कभी-कभी वहां कालापन आ जाता है। अगर ऐसा हो तो एक नीबू के छिलके पर थोड़ी-सी पिसी हुई फिटकरी डालकर कुछ देर प्रभावित त्वचा पर हल्के हाथ से मलें।

फ्रूट नहीं ये टॉनिक है, कुछ दिन इसे नाश्ते में लें तो सालभर सेहतमंद रहेंगे


आंवले को आयुर्वेद में गुणों की खान माना गया है। आंवले के पेड़ की ऊचांई लगभग 6 से 8 तक मीटर तक होती है। आंवले के पत्ते इमली के पत्तों की तरह लगभग आधा इंच लंबे होते हैं। इसके पुष्प हरे-पीले रंग के बहुत छोटे गुच्छों में लगते हैं तथा फल गोलाकार लगभग 2.5 से 5 सेमी व्यास के हरे, पीले रंग के होते हैं। पके फलों का रंग लालिमायुक्त होता है।  यह कई बीमारियों को दूर करता है। इसका अपना पौष्टिक महत्व भी है। संतरे से बीस गुना ज्यादा विटामिन सी इसमें पाया जाता हैं। आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता हैं।

आंवले का सबसे बड़ा गुण यह है कि इसे पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता। आंवले में क्रोमियम काफी मात्रा में होता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है। दरअसल, क्रोमियम इंसुलिन बनाने वाले सेल्स को ऐक्टिवेट करता है और इस हॉर्मोन का काम शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करना होता है। आंवला हरा, ताजा हो या सुखाया हुआ पुराना हो, इसके गुण नष्ट नहीं होते। इसकी अम्लता इसके गुणों की रक्षा करती है। आयुर्वेद में आंवले को रसायन माना जाता है। च्यवनप्राश आयुर्वेद का प्रसिद्ध रसायन है, जो टॉनिक के रूप में आम आदमी भी प्रयोग करता है।  यह शरीर में आरोग्य शक्ति बढ़ाता है। त्वचा, नेत्र रोग और बालों  के लिए विटामिन बहुत उपयोगी है।





- आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीएं। यह मोतियाबिंद की परेशानी में भी फायदेमंद रहता है।



- आंवला बॉडी की इम्युनिटी पावर बढ़ाकर उसे इंफेक्शंस से लडऩे की स्ट्रेंथ देता हैं।



- सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने से आप सालभर स्वस्थ बने रहेंगे।



- आंवला हमारी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।



- आंवला हमारे पाचन तन्त्र और हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है।



- आंवला अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।



- आंवला हमारे शरीर की त्वचा और हमारे बालों के लिए बहुत लाभकारी होता है।



- आंवला खाने से सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।



- दिल को सेहतमंद रखने के लिए रोजा आंवला खाने की आदत डालें। इससे आपके दिल की मांसपेशियां मजबूत होंगी, जिससे दिल शरीर को ज्यादा व साफ खून सप्लाई कर पाएगा। बेशक इससे आप सेहतमंद रहेंगे।



-  आंवला बालों को मजबूत बनाता है, इनकी जड़ों को मजबूत करता है और बालों का झडऩा भी काफी हद तक रोकता है।



-  आंवला खाने से कब्ज दूर होती है। यह डायरिया जैसी परेशानियों को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।



- खाना खाने से पहले आंवले का पाउडर, शहद और मक्खन मिलाकर खाने से भूख अच्छी लगती है।



- एसीडिटी की समस्या है, तो एक ग्राम आंवला पाउडर और थोड़ी-सी चीनी को एक गिलास पानी या दूध में मिलाकर लें।



- आंवला खाने को अच्छी तरह पचाने में मदद करता है, जिससे आपको खाने के तमाम न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।
 

खाने के बाद बस कुछ देर ऐसे बैठें तो पेट की सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी

अगर आप गैस, एसीडिटी या पेट से जुड़ी अन्य किसी समस्या से परेशान हैं? पाचनतंत्र से जुड़ी इन समस्याओं के कारण आपको पेट का दर्द आए दिन परेशान करता रहता है तो नीचे लिखी विधि से बताया गया योगासन दस मिनट करें। पेट से जुड़ी सारी समस्याएं अपने आप दूर हो जाएंगी।

वज्रासन के अतिरिक्त अन्य सभी योगासन खाने के पूर्व ही किए जाते हैं वज्रासन ही एक मात्र ऐसा आसन हैं जो खाने के बाद किया जाता है। वज्रासन हमारा पाचन तंत्र व्यवस्थित रखता है। इसी लिए प्रतिदिन खाने के बाद कुछ समय वज्रासन अवश्य करें।



वज्रासन करने की विधि



खाने के कुछ पश्चात समतल स्थान पर कंबल आदि बिछाकर घुटनों को मोड़कर इस तरह से बैठें कि नितंब दोनों एडिय़ों के बीच में आ जाएं, दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिले रहें और एडिय़ों में अंतर भी बना रहे। दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। पीछे की ओर न झुकें और शरीर को सीधा रखें। हाथों और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ दें और कुछ देर के लिए अपनी आंखें बंद कर लें। अपना ध्यान सांस की तरफ बनाए रखें। धीरे-धीरे आपका मन भी शांत हो जाएगा। इस आसन में पाँच मिनट तक बैठना चाहिए।



वज्रासन के लिए सावधानियां



वज्रासान में अगर पैरों या टखनों में अधिक खिंचाव और तनाव हो रहा हो तो दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठें और पैरों को बारी-बारी से घुटने से ऊपर नीचे हिलाएं। वे लोग वज्रासन न करें जिनके घुटने कमजोर हैं जिन्हें गठिया है या फिर जिन्हें हड्डियों से संबंधित कोई बीमारी हो।



वज्रासन के लाभ



- इस आसन से रक्त का संचार नाभि केंद्र की ओर रहता है जिससे पाचन तंत्र व्यवस्थित होता है और पेट की कई छोटी-बड़ी बीमारियां दूर रहती हैं।



- यह आसन महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद है। इस आसन से महिलाओं की मासिक धर्म की अनियमितता से संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।

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