शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2012

कैसी भी हो खांसी, बंद हो जाएगी कालीमिर्च के कुछ दानों को ऐसे चबाने से...

काली मिर्च को मसाले के रूप में पुराने समय से ही उपयोग में लाया जाता है। पिसी काली मिर्च सलाद, कटे फल या दाल शाक पर बुरक कर उपयोग में ली जाती है। इसका उपयोग घरेलु इलाज में भी किया जा सकता है।आज हम आपको बताने जा रहे हैं कालीमिर्च के कुछ ऐसे ही रामबाण प्रयोग।

- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि दूर हो जाती है। 



- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।



- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है। 



- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे। 

- त्वचा पर कहीं भी फुंसी उठने पर, काली मिर्च पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी बैठ जाती है। 



- काली मिर्च को सुई से छेद कर दीये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी चलना भी बंद हो जाती है। 



- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह शाम पानी के साथ फांक लें। बावासीर रोग में लाभ होता है। 



- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है। 



- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। 

बादाम की इस अनजानी खूबी को जानकर आप बोल उठेंगे...ओह!



अगर आप डायबिटीज से परेशान है तो यह खबर आपके लिए खुशखबर है कि अपने प्रतिदिन के नाश्ते में बादाम को भी शामिल करें। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन तथा पेनसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि बादाम खाने में से हानि कारण कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटता है साथ ही इंसुलिन को सक्रिय करता है। इससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है।



 भारत में इस बीमारी से हैरान-परेशान लोगों की संख्या दिनो-दिन बढ़ती ही जा रही है। आंकड़े तो बताते हैं कि अकेले भारत देश में ही डायबिटीज से ग्रसित लोगों की संख्या 5 करोड़ के स्तर को पार कर चुकी है।



बादाम डायबिटीज में फायदेमंद है यह बात तो हालिया शोध से पता चली है लेकिन इसके दूसरे कई चमत्कारी गुणों के विषय में तो अधिकांश भारतवासी परिचित हैं ही। कमजोर स्मरण शक्ति, मानसिक तनाव, स्नायुदौर्बल्य, हड्डियों की कमजोरी, बौद्धिक क्षमता की कमी...आदि कई बेहद कठिन समस्याओं में भी बादाम का प्रयोग बहुत ही फायदेमंद है।

गुरुवार, 9 फ़रवरी 2012

ब्‍लीच की जलन से पाएं मुक्‍ती

त्‍वचा काली पड़ जाने पर अक्‍सर आपकी ब्‍यूटीशियन आपको ब्‍लीच करवाने की सलाह देती होगी। पर इसके प्रयोग से त्‍वचा में जलन, लाल चकत्‍ते तथा खुजली मचना आम बात है।ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि ब्‍लीच में मौजूद कठोर रसायन त्‍वचा के लिए बिल्‍कुल भी अच्‍छे नहीं होते। चलिए आज बात करते हैं ब्‍लीच की जलन से आखिर मुक्‍ती कैसे पाई जाए। 

ब्‍लीच की जलन को इस तरह कम करें- 

1.जब भी आप ब्‍लीच करवा कर आईं हो तो अपना मुंह ताज़े पानी से धोएं। यह जलन को धीरे धीरे कम कर देगा। और ध्‍यान रखे की उस दिन कभी भी साबुन या लोशन का प्रयोग न करें। 

2.त्‍वचा पर जलन को कम करने के लिए उस पर बर्फ से मसाज करें इससे जलन कम हो जाएगी। आप चाहें तो एलो वेरा जेल को आइस्‍क्‍यूब ट्रे में जमा कर उससे मसाज करें। 

3.कभी भी ब्‍लीच करवाने के बाद सूरज की रौशनी में सीधे नहीं आना चाहिए वरना त्‍वचा मे जलन और खुजली बढ़ सकती है। इससे त्‍वचा और खराब हो सकती है। आपको ठंडे दूध में रुई भिगों कर अपने चेहरे को साफ करना चाहिए इससे राहत मिलती है। 

4.अपने चेहरे को नारियल पानी से धोएं क्‍योंकि यह एक प्राकृतिक ब्‍लीच बर्न उपचार है। इसका पानी चेहरे पर पड़े लाल दाग को तुरंत ठीक करता है। 

5.अगर आपको अपनी त्‍वचा अंदर से साफ और हाइड्रेटे रखनी है तो पर्याप्‍त कद्दू का जूस या फिर खीरे का जूस पीएं। इन उपायों को आज़माने के बाद आपकी त्‍वचा में कोई परेशानी नहीं आएगी। 

घर पर कैसे बनाएं लिप बाल्‍म

अपने होंठों को सर्दियों से बचाने के लिए उन्‍हें प्राकृतिक तरीके से नमी प्रदान करें। इसके लिए आप खुद ही घर पर लिप बाल्‍म तैयार कर सकती हैं। इसके लिए आपको बस मधु मोम यानी की बी वैक्‍स लेने की जरुरत पड़ेगी जो कि मधु मक्‍खी के छत्‍ते में पाई जाती है। यह बाजार में भी आसानी से मिल जाती है। हमेशा फिल्‍टर किए गए मोम का ही इस्‍तमाल करें क्‍योंकि शुद्ध वैक्‍स में गंदगी और पौलेन मिला होता है। 

इस तरह बनाएं लिप बाल्‍म-

जोजोबा लिप बाल्‍म- एक कटोरी में 2 चम्‍मच बी वैक्‍स और 2 ¼ चम्‍मच जोजोबा तेल लें और उन्‍हें गरम कर लें। फिर उसमें 6-7 बूंदे मौसमी यानी ग्रेप फ्रूट का तेल मिलाएं। अब इस गरम तेल को ठंडा होने के लिए एक कंटेनर में रख दें और अपने होंठों पर लगाएं। 
लेमन लिप बाल्‍म- एक चम्‍मच बी वैक्‍स लें और उसे पिघला लें। अब नींबू की कुछ बूंदे और 4 से 5 बूंदे पेट्रोलियम जेली की उस बी वैक्‍स में मिलाएं। अब इन मिश्रण को गरम आंज पर पिघला लें और एक शीशी में पलट कर प्रयोग करें। 

कोकोनट लिप बाल्‍म- इसको बनाने के लिए सबसे पहले 2 चम्‍मच बी वैक्‍स और 2 ¼ चम्‍मच जोजोबा ऑयल लें। अब इसको साथ में मिला कर गर्म कर लें और आंच को बंद कर दें। अब इसमें 6 से 7 बूंदे नारियल तेल की मिला लें। इस मिश्रण को गरम ही एक कंटेनर में पलट लें और ठंडा कर के प्रयोग करें। 

हनी लिप बाल्‍म- इसके लिए आपको 1 चम्‍मच पेट्रोलियम जेली और 1/3 चम्‍मच शहद को एक साथ मिलाने की जरुरत होगी। इनको एक साथ मिला कर आंच पर गरम कर लें और गरम ही एक शीशी में पलट लें। बन गया आपका हनी लिप बाल्‍म प्रयोग करने के लिए।

अगर आप गंजे हैं तो इससे होगा लाभ

आजकल की भाग दौड भरी जिंदगी, काम का ज्‍यादा प्रेशर और बालों की देखभाल न करना ही पुरुषों में गंजेपन का एक आम कारण बन गया है। ज्‍यादातर यह समस्‍या 25 से 35 साल की उम्र के पुरुषों में देखने को मिल रही है। अक्‍सर पुरुष भूल जाते हैं कि बालों को भी ठीक उसी तरह से केयर की जरुरत पड़ती है जैसा कि शरीर को। अगर आपके बाल बहुत तेजी से गिर रहे हैं तो और आप गंजे हो रहे हैं तो हमारे दिए गए टिप्‍स को जरुर आजमाएं- 

ऐसे करें देखभाल- 

गीलों बालों की देखभाल- ध्‍यान रहे की आपके बाल आपके शरीर की तरह मजबूत नहीं हैं। इसलिए इनकी देखभाल अच्‍छे से करनी चाहिए खासकर की जब यह गीले हों। तौलिए से इसे जोर जोर से नहीं रगडना चाहिए वरना यह और भी ज्‍यादा टूटेगें साथ ही जो नए और छोटे बाल निकल भी रहे होगें उन पर भी असर पडेगा।

प्राकृतिक कंघी- जिस प्राकृतिक कंघी की बात हम कर रहे हैं वह और कुछ नहीं बल्कि आपके अपने हाथ हैं। गीले बलों को झाडने के लिए कडे ब्रश वाली कंघी सही नहीं होती। जब आपके बाल नाजुक अवस्‍था में होते हैं तो यह उन्‍हें खीचं कर नुक्‍सान पहुंचाती है। इसके अलावा यह सिर की त्‍वचा को भी हानि पहुंचाती है। पहले गीले बालों को अपनी उंगलियों से ठीक कर लें और जब यह सूख जाएं तो इस पर कंघी चलानी चाहिए। 

हेयरकट करवाएं- जब भी आपको लगे कि गंजेपन की शुरुआत होने लगी है तो तुरंत ही अपने बालों को छोटा करवा लें। छोटे बालों को गीले होने के बाद सूखने में बिल्‍कुल भी देर नहीं लगती। बालों को छोटा रखने से बिना किसी नुक्‍सान के स्‍टाइलिश लगेगें। 

हेयर ट्रीटमेंट और स्टाइलिंग उत्पादों से बचें- अगर बाल कमजोर हैं तो उन्‍हें स्‍ट्रेट या फिर कर्ली नहीं करवाने चाहिए। इसके अलावा ना तो उस पर जेलय या हेयर कलर करना चाहिए क्‍योंकि इन उत्‍पादों में रसायन मिले होते हैं जो बालों को तुरंत ना खराब कर के धीरे धीरे अपना असार दिखाते हैं। ऐसे प्रोडक्‍ट बालों को दुबारा उगने में बाधा करते हैं। 

हर्बल जैसा कुछ भी नहीं है- अगर आप अपने सिर की किसी अच्‍छे हर्बल तेल से मसाज करेगें तो आपके बाल का झड़ना काफी कम हो जाएगा। आप चाहें तो ऐसे हेयर प्रोड्क्‍ट इस्‍तमाल कर सकते हैं जिसमें मिनॉक्‍सीडिल मिला हुआ हो, यह वैज्ञानिक रूप से बाल के नुकसान को कम करने के लिए सिद्ध किया गया है।

डाइट सोडा: वजन बढाता है या घटाता है?

वजन कम करने के लिए डाइट सोडा एक प्रभावशाली पेय माना जाता है। कई वजन कम करने वालों का यह मानना है कि भोजन के बाद इसका सेवन करने से शरीर की एक्‍स्‍ट्रा कैलोरी बर्न होती। क्‍या यह सच है? क्‍या डाइट सोडा पीने से आपके वजन में सच-मुच कोई कमी आई है या फिर आपका वजन और बढ गया है? चलिए जानते हैं इसके पीछे का राज़। 

1.कार्बोनेटेड ड्रिंक खासतौर पर डाइट सोड़े में कैलोरीज़ पाई जाती हैं जो हमारे शरीर के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकती हैं। इसको पीने से शरीर पर पहले तो प्रभाव नहीं पडेगा पर धीरे धीरे आप का वजन बढने लगेगा। 

2.इसमें पाई जाने वाली कृत्रिम मिठास शरीर में ब्‍लड शुगर को बढ़ा सकती है। अगर ब्‍लड शुगर बढ गई तो डायबीटीज होने का खतरा बढ़ सकता है। 

3.यह माना जाता है कि डाइट सोडे में कम कैलोरी होती है पर आपके लिए यह जानना जरुरी है कि कोई भी ड्रिंक जिसमें कृत्रिम स्‍वीटनर मिला होता है वह हर एक ड्रिंक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए खराब और वजन को बढाने वाली होती है। डाइट सोडे में तरह तरह के यानी की सैक्‍रीन, सूकरालोज़ और नीयोटेम नामक शुगर सब्स्टिटूट मिले होते हैं, जो की वजन बढाने का कार्य करते हैं। 

4.मीठे पेय आपकी टेस्‍ट बड को नुक्‍सान पहुंचा सकते हैं। इसको पीने की लत पड़ सकती है और इसकी वजह से आपकी डाइट पर असर पड़ सकता है। 

5.डाइट सोडा पीने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। कई लोग प्‍यास लगने पर पानी न मिलने पर साफ्ट ड्रिंक का उपभोग कर लेते हैं जो डीहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। प्‍यास लगने पर हमेशा पानी ही पीना चाहिए।

अचूक उपाय: न होगा आपरेशन न दर्द आसानी से हो जाएगी डिलेवरी

 मां होने का एहसास हर औरत के लिए बहुत खास होता है। लेकिन डिलेवरी के समय होने वाला दर्द बहुत अधिक होता है अगर ये दर्द कम हो जाए तो मां बनने का दर्द और भी अधिक सुखद हो सकता है। इसीलिए डिलेवरी  से पहले यानी गर्भावस्था के दौरान बद्धकोणासन करें। इस आसन से प्रसव पीड़ा कम होती है। साथ ही यह आसन पुरुष भी कर सकते हैं जिससे शरीर के कई रोग दूर होते हैं।



बद्धकोणासन की विधि-



समतल स्थान पर कंबल या अन्य कोई कपड़ा बिछाकर दोनों पैरों को सामने की ओर करके बैठ जाएं। फिर दोनों घुटनों को मोड़ते हुए पैरों के पास ले आएं और दोनों पैरों के तलवें आपस में मिलाएं। दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में जोड़ लें। पैरों की उंगुलियों को दोनों हाथों से पकड़ लें और रीढ़ को सीधा रखें जैसे तितली आसन में बैठा जाता है। बाजू को सीधा करें और पैरों को ज्यादा से ज्यादा पास लाने का प्रयास करें जिससे आपका शरीर तन जाए।



यह इस आसन की प्रारंभिक स्थिति है। गहरी सांस भरें और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे कमर से आगे इस प्रकार झुकें कि रीढ़ और पीठ की माँसपेशियों में खिंचाव बना रहे। प्रयास करें की आपका सिर जमीन से स्पर्श हो जाए। अगर ये संभव ना हो तो अपनी ठुड्डी को पैरों के अंगूठे से सांस को सामान्य कर लें। अंत में सांस भरते हुए वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं. दो या तीन बार इस आसन का अभ्यास करें।



बद्ध कोणासन की प्रारंभिक स्थिति तितली आसन जैसी ही है। गर्भवती महिलाएं इन दोनो आसनों का अभ्यास योग शिक्षक की सलाह लेकर पहले 6 महीने तक कर सकती है।



गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें कि वे बद्ध कोणासन में आगे की तरफ ना मुड़ें। उन्हें केवल बैठने का अभ्यास ही करना है और रीढ़ को सीधा रखना है ठीक उसी तरह जिस तरह तितली आसन में बैठा जाता है।



इसके अतिरिक्त पद्मासन में बैठकर पर्वतासन का अभ्यास करना भी सरल है। वैसे सभी वर्ग के लोग पर्वतासन का अभ्यास कर सकते हैं।



बद्ध कोणासन के लाभ-



जो बद्ध कोणासन का अभ्यास करते हैं उन्हें किडनी, यूरीनरी ब्लैडर और प्रोस्टेट की समस्या नहीं होती।बद्ध कोणासन श्याटिका के दर्द को दूर करने में सहायक है। जो इस आसन का नियमित अभ्यास करते हैं उन्हें भविष्य में हर्निया की समस्या भी नहीं होती। गर्भवती महिलाएं भी बद्ध कोणासन को नियमित रूप से एक या दो मिनट तक बैठने का अभ्यास कर सकती हैं। गर्भवती महिलाएं सिर्फ बैठने का ही अभ्यास करेंगी, आगे की ओर बिल्कुल नहीं झुकेंगी। इस आसन के अभ्यास से प्रसव के दौरान कम से कम पीड़ा होगी।

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