बुधवार, 13 जून 2012

ये दो काम करें दिमाग हो जाएगा एकदम शार्प


बढ़ते पढ़ाई व काम के बोझ के कारण आजकल भूलने की बीमारी आम हो चली है। उम्र कोई भी हो यह समस्या किसी के भी साथ हो सकती है। इसी कारण लोग अपने कार्यक्षेत्र में अपना सौ-प्रतिशत नहीं दे पाते हैं। इसलिए याददाश्त बढ़ाने के लिए लोग कई तरह की दवाईयां भी खाते हैं। अगर आपके साथ भी बार-बार भूल जाने की समस्या है तो नीचे लिखी दो यौगिक क्रियाओं से आप इससे छुटकारा पा सकते हैं।

विधि- सीधे खड़े होकर इसमें पैर के दोनों पंजे मिलाकर खड़े हो जाएं, सामने देखते हुए एक सीधे रखें हाथ को जंघाओं से सटे हुए हों। ध्यान को मस्तिष्क पर केंद्रित करें। दस बार तेजी से सांस ले और छोड़े।

- दूसरी क्रिया इसमें ध्यान मस्तिष्क पर केंद्रित करें। ठीक उसी प्रकार सांस लें और छोड़े। फिर सांस भरें और ऊपर की तरफ देखें। ललाट, कनपटी, और मस्तिष्क को शिथिल छोड़ें।
लाभ- इस क्रिया सोचने की शक्ति बढ़ जाती है। मन शांत रहता है। आंखों का व्यायाम भी हो जाता है। मस्तिष्क की शक्ति का विकास होता है। सिरदर्द में ठीक हो जाता है। आंखों की रोशनी तेज होती है। यादादश्त बढ़ती है।

सायटिका का भयानक दर्द खत्म हो जाएगा, सिर्फ दो हफ्तों में


सायटिका एक तरह का भयानक दर्द है जिसका मुख्य कारण सायटिक नर्व है, यह वो नर्व है जो रीढ़ के निम्न भाग से निकलकर घुटने के पीछे की ओर से पैर की तरफ जाती है। शरीर को अधिक समय तक एक ही स्थिति में रखने से यह दर्द बढ़ जाता है यह पेन बहुत असहनीय होता है। अक्सर यह समस्या उन लोगों में होती है जो बहुत समय तक बैठ कर काम करते हैं या बहुत अधिक चलते रहने से अत्यधिक साइकिल, मोटर साइकिल अथवा स्कूटर चलाने से सायटिका नर्व पर दबाव पड़ता है। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि अचानक हड्डियों पर जोर पड़ जाने से भी इस प्रकार का दर्द होता है। इस प्रकार का दर्द अकसर 40 से 50 वर्ष की उम्र में होता है और यह बीमारी बरसात या ठंड के मौसम में ज्यादा तकलीफ देती है। अगर आप भी सायटिका पेन से परेशान है तो आइए हम आपको बताते हैं कुछ ऐसे आयुर्वेदिक प्रयोग जिनसे सायटिका पेन जल्द ही ठीक हो जाएगा।

आयुर्वेदिक प्रयोग- मीठी सुरंजान 20 ग्राम + सनाय 20 ग्राम + सौंफ़ 20 ग्राम + शोधित गंधक 20 ग्राम + मेदा लकड़ी 20 ग्राम + छोटी हरड़ 20 ग्राम + सेंधा नमक 20 ग्राम इन सभी को लेकर मजबूत हाथों से घोंट लें व दिन में तीन बार तीन-तीन ग्राम गर्म जल से लीजिये।

-  लौहभस्म 20 ग्राम + रस सिंदूर 20 ग्राम + विषतिंदुक बटी 10 ग्राम + त्रिकटु चूर्ण 20 ग्राम इन सबको अदरक के रस के साथ घोंट कर 250 मिलीग्राम के वजन की गोलियां बना लीजिये और दो-दो गोली दिन में तीन बार गर्म जल से लीजिये।

- एरण्ड के बीज की पोटली बनाकर उस से सेंक करें। दर्द से जल्द ही राहत मिलेगी।

- 50 पत्ते परिजात या हरसिंगार व 50 पत्ते निर्गुण्डी के पत्ते लाक र एक लीटर पानी में उबालें। जब यह पानी 750 मिली हो जाए तो इसमें एक ग्राम केसर मिलाकर उसे एक बॉटल में भर लें। यह पानी सुबह शाम पौन कप मात्रा में दोनों टाइम पीएं। साथ ही दो-दो गोली वातविध्वंसक वटी की भी लें।
 

ऐसा एक गिलास जूस आपकी उम्र को कभी ढलने नहीं देगा

आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा में हमेशा से ही शहतूत को सेहत के लिये बेहद लाभदायक बताया जाता रहा है। आधुनिक वैज्ञानिक प्रयोगों से भी यही बात साबित और सिद्ध हो रही है। हाल ही में हुई एक शोध में शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि शहतूत में एंटी एज यानी उम्र को रोकने वाला गुण होता है।

अध्ययन में यह पाया गया कि शहतूत बालों के लिये भी बेहद लाभदायक होता है। इसके नियमित सेवन से त्वचा जवां बनी रहती है।परीक्षण के दौरान देखा गया कि शहतूत में दूसरे लाभदायक फलों की तुलना में 79 प्रतिशत ज्यादा एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है।

डेली एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अध्ययन में पाया गया कि शहतूत के जूस में एंटीऑक्सीडेंट संतरे से दोगुना होता है। इसके अलावा शहतूत में रेजवर्टेरोल पाया जाता है जिसमें स्वास्थ को लाभ पहुंचाने वाला गुण पाया जाता है। रेजवर्टेरोल के बारे में माना जाता है कि यह शरीर में फैले प्रदूषण को साफ  करता है और संक्रमित चीजों को बाहर निकालता है। परीक्षण में पाया गया कि शहतूत में ऐसे गुण पाए जाते हैं जिससे आंखों की गड़बड़ी ठीक हो सकती है। यहां तक कि लंग कैंसर का जोखिम कम हो सकता है और कोलोन और प्रोस्टेट कैंसर से बचा जा सकता है।  

मंगलवार, 12 जून 2012

बालों को लंबा और चमकदार बनाना है तो जरुरी है ये सात चीजें खाना क्योंकि....




बाल लंबे होने के बावजूद एक खास बात जो ब्यूटी निखारती है, वह है बालों की चमक। अगर आप बालों को लंबा और चमकदार बनाना चाहते हैं तो  इसके  सिर्फ अच्छे उत्पादों का इस्तेमाल ही जरूरी नहीं बल्कि बालों की सही देखरेख भी जरूरी है। इसके साथ ही उपयुक्त आहार का सेवन ना किया जाएं तो भी बालों की ग्रोथ रूक जाती हैं। आइए जानें कैसे पायें लंबे बाल।


सामन फिश- भोजन में सामन फिश को शामिल करें। इसमें पर्याप्त मात्रा में ओमेगा 3 व विटामिन बी 12 पाया जाता है। जिससे हेयर फालिकल्स मजबूत होते हैं। अगर ओमेगा ३ और विटामिन बी १२ की कमी हो जाती है तो सिर की त्वचा से जुड़ी परेशानियां होने लगती हैं। साथ ही बाल भी रूखे और बेजान नजर आने लगते हैं।


सेम- सेम में पर्याप्त मात्रा में फाइबर्स पाए जाते हैं। एक कप पके हुए बीन्स में कम से कम 9 से 13 ग्राम फाइबर पाया जाता है। इसमें प्रोटिन पर्याप्त मात्रा में होता है इसलिए ये बालों के विकास में मदद करता है।


साबुत अनाज- साबुत अनाज खाने से भी बाल स्वस्थ होते हैं। साबुत अनाज में विटामिन बी, जिंक व आयरन पाया जाता है। ड्राय फ्रूटस- बादाम, काजू, मुंगफली, अखरोट आदि के पर्याप्त मात्रा में सेवन से ओमेगा ३, खनिज, सेलेनियम व जिंक आदि मिलते हैं जिससे बाल हेल्दी और शाईनी बन जाते हैं।


हरी सब्जियां- ब्रोकली, पालक व अन्य हरी सब्जियों में आयरन, विटामिन्स, कैल्शियम आदि मिलते हैं जो बालों की अच्छी ग्रोथ के लिए बहुत आवश्यक है।अंडे- अंडे में प्रोटिन, विटामिन बी 12, बायोटिन आदि पाए जाते हैं। इसे पकाते समय थोड़े आइल या बटर का उपयोग करें तो ये विटामिन और प्रोटिन बनाने में मदद करता है।


गाजर- हेल्दी स्केल्प और बालों की नेचुरल कंडिशनिंग के लिए गाजर का सेवन बहुत अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें विटामिन ए भरपूर मात्रा में पाया जाता है।


लो-फैट डेयरी प्रोडक्टस- लो-फेट डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दही व पनीर में पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। बालों को हेल्दी बनाना है तो इनका सेवन भी बहुत जरुरी है।

अगर वैवाहिक जीवन से संतुष्ट नहीं हैं तो ये करके


वर्तमान समय में  भागदौड़ भरी जीवनशैली के कारण वैवाहिक जीवन औपचारिकता भर रह गया है। इन्ही कारणों से यौन संबंधों को लेकर असंतुष्ट युगलों की संख्या में इजाफा हो रहा है, परिणाम झगड़े , तनाव अन्य कई तरह की शारीरिक व मानसिक व्याधियां। ऐसी स्थिति में आयुर्वेद एवं आयुर्वेदिक औषधियां मददगार हो सकती है तो आइए जानते हैं घर पर बनी कुछ ऐसी आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जो आपका वैवाहिक जीवन खुशियों से भर देंगी...

- असगंध ,विधारा,शतावर ,सफेद मूसली ,तालमखाना के बीज ,कौंच बीज प्रत्येक 50-50 ग्राम की मात्रा में लेकर दरदरा कर कपड़े से छान लें तथा 350 ग्राम मिश्री मिला लें, इस नुस्खे को 5-10 ग्राम की मात्रा में सुबह शाम ठन्डे दूध से लें ,लगातार एक माह तक लेने से यौन सामथ्र्य में वृद्धि अवश्य होगी।
- दालचीनी ,अकरकरा ,मुनक्का और श्वेतगुंजा को एक साथ पीसकर इन्द्रिय पर लेप करें तथा सम्भोग के समय कपडे से पोछ डालें ,यह योग इन्द्रियों में रक्त के संचरण को बढाता है।

- शुद्ध शिलाजीत 500 मिलीग्राम की मात्रा में ठन्डे  दूध में घोलकर सुबह शाम पीने से भी लाभ मिलता है।

- शीघ्रपतन की शिकायत हो तो धाय के फूल ,मुलेठी ,नागकेशर ,बबूलफली इनको बराबर मात्रा में लेकर इसमें आधी मात्रा में मिश्री मिलाकर ,इस योग को 5-5 ग्राम की मात्रा में सेवन लगातार एक माह तक करें ,इससे शीघ्रपतन में लाभ मिलता है

।- कामोत्तेजना का बढाने के लिए कौंचबीज चूर्ण ,सफेद मूसली ,तालमखाना ,अस्वगंधा चूर्ण को बराबर मात्रा में तैयार कर 10-10 ग्राम की मात्रा में ठन्डे दूध से सेवन  करें निश्चित लाभ मिलेगा।ये चंद नुस्खें हैं, जिनका प्रयोग यौनशक्ति,यौनऊर्जा एवं पुरुषार्थ को बढाने में मददगार है। 

थोड़ी सी कालीमिर्च कर देगी इन सारे रोगों को ठीक

- कालीमिर्च का चूर्ण नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है।

- सूजन पर कालीमिर्च का लेप करने से वह ठीक हो जाती है।

- काली मिर्च व तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर छानकर उसमें बताशा मिलाकर पीने से जुकाम ठीक होता है।

- कालीमिर्च व काला नमक अंदाज से लेकर दही  में मिलाकर पीने से खाना न पचने की समस्या दूर होती है।  

- कालीमिर्च को पीसकर पुराने गुड़ के साथ देने से नाक से गिरने वाला खून बंद हो जाता है। 

- कालीमिर्च को घी में मिलाकर या मिश्री के साथ सुबह उठते ही खाने से अनेक प्रकार के नेत्र रोग मिटते हैं।

- कालीमिर्च को पीसकर तेल में मिलाकर लकवे के रोगी को लेप करने से लाभ होता है। 

- त्वचा पर कहीं भी फुंसी होने पर, काली मिर्च को पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी खत्म जाती है। 

- काली मिर्च को सुई से छेद कर दिये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी आना भी  भी बंद हो जाती है। 

- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह-शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है। 

- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है। 

- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है। 

- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ, पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि (खाना न पचना) दूर हो जाती है। 

- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।

- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है। 

- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे। 

- बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है। 

रोज पीना चाहेंगे टमाटर सूप जब जान लेंगे इसका ये अनोखा गुण.


यूं तो हर फल एवं सब्जियों में कुछ न कुछ औषधीय गुण होते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो, अब टमाटर दर्द निवारक दवा एस्पिरिन का विकल्प हो सकता है। एस्पिरिन को दर्द निवारक के साथ-साथ खून पतला करने वाली दवा के रूप में जाना जाता है, अब ऐसे ही कुछ गुणों को टमाटर में भी देखा गया है।

टमाटर के बीजों से बनाए गए प्राकृतिक जेल, शरीर में खून के प्रवाह को बढ़ाने वाले तथा रक्त के थक्कों के बनने से रोकने वाले पाए गए हैं, यह बात हम नहीं रोवेट संस्थान के प्रोफेसर असीम दत्त रॉय के शोध के परिणाम कह रहे हैं। यूरोपीयन यूनियन के स्वास्थ्य अधिकारी तो पहले ही इस बात को मान चुके हैं। यह बात उन करोड़ों लोगों के लिए एक सुखद एहसास है ,जो अपने खून को पतला रखने के लिए एस्पिरिन का सेवन कर अल्सर जैसे दुष्प्रभाव को झेलने को मजबूर हैं।

प्रो. असीम दत्त रॉय के अनुसार आज तक इस जेल के  कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं, इस अध्ययन के अनुसार टमाटर के बीजों से बने जेल के सेवन के तीन घंटे के अन्दर ही यह रक्त के प्रवाह को बढ़ा देता है, तथा इसका अपना प्रभाव 18 घंटे तक बना रहता है। तो है न कमाल का टमाटर। पीएं टमाटर का सूप या टमाटर के बीजों का जेल और कर लें खुद को एस्पिरिन लेने की टेंशन से फ्री।

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