यूं तो हर फल एवं सब्जियों में कुछ न कुछ औषधीय गुण होते हैं, लेकिन वैज्ञानिकों की माने तो, अब टमाटर दर्द निवारक दवा एस्पिरिन का विकल्प हो सकता है। एस्पिरिन को दर्द निवारक के साथ-साथ खून पतला करने वाली दवा के रूप में जाना जाता है, अब ऐसे ही कुछ गुणों को टमाटर में भी देखा गया है।
टमाटर के बीजों से बनाए गए प्राकृतिक जेल, शरीर में खून के प्रवाह को बढ़ाने वाले तथा रक्त के थक्कों के बनने से रोकने वाले पाए गए हैं, यह बात हम नहीं रोवेट संस्थान के प्रोफेसर असीम दत्त रॉय के शोध के परिणाम कह रहे हैं। यूरोपीयन यूनियन के स्वास्थ्य अधिकारी तो पहले ही इस बात को मान चुके हैं। यह बात उन करोड़ों लोगों के लिए एक सुखद एहसास है ,जो अपने खून को पतला रखने के लिए एस्पिरिन का सेवन कर अल्सर जैसे दुष्प्रभाव को झेलने को मजबूर हैं।
प्रो. असीम दत्त रॉय के अनुसार आज तक इस जेल के कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं, इस अध्ययन के अनुसार टमाटर के बीजों से बने जेल के सेवन के तीन घंटे के अन्दर ही यह रक्त के प्रवाह को बढ़ा देता है, तथा इसका अपना प्रभाव 18 घंटे तक बना रहता है। तो है न कमाल का टमाटर। पीएं टमाटर का सूप या टमाटर के बीजों का जेल और कर लें खुद को एस्पिरिन लेने की टेंशन से फ्री।
टमाटर के बीजों से बनाए गए प्राकृतिक जेल, शरीर में खून के प्रवाह को बढ़ाने वाले तथा रक्त के थक्कों के बनने से रोकने वाले पाए गए हैं, यह बात हम नहीं रोवेट संस्थान के प्रोफेसर असीम दत्त रॉय के शोध के परिणाम कह रहे हैं। यूरोपीयन यूनियन के स्वास्थ्य अधिकारी तो पहले ही इस बात को मान चुके हैं। यह बात उन करोड़ों लोगों के लिए एक सुखद एहसास है ,जो अपने खून को पतला रखने के लिए एस्पिरिन का सेवन कर अल्सर जैसे दुष्प्रभाव को झेलने को मजबूर हैं।
प्रो. असीम दत्त रॉय के अनुसार आज तक इस जेल के कोई भी साइड इफेक्ट नहीं देखे गए हैं, इस अध्ययन के अनुसार टमाटर के बीजों से बने जेल के सेवन के तीन घंटे के अन्दर ही यह रक्त के प्रवाह को बढ़ा देता है, तथा इसका अपना प्रभाव 18 घंटे तक बना रहता है। तो है न कमाल का टमाटर। पीएं टमाटर का सूप या टमाटर के बीजों का जेल और कर लें खुद को एस्पिरिन लेने की टेंशन से फ्री।
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