क्षण -
- बोलने में परेशानी महसूस होना और आवाज का बदल जाना।
- गला सूज कर बड़ा हो जाता है, निचले हिस्से को छूने पर दर्द महसूस होता है। ।
- गले में गांठ का होना भी थायरायड कैंसर का लक्षण है।
- शारीरिक कार्य करने पर ज्यादा थकान महसूस होना।
- शरीर या जोड़ो में दर्द होना और कमजोरी लगना।
इलाज -
अल्ट्रासाउंड और थायरायड स्कैन के जरिए थायरायड कैंसर का पता तुरंत चल जाता है। प्रभावित ग्रंथि को चेक कर के देखा जाता है कि कहीं यह प्राणघातक तो नहीं है। अगर ऐसी कोई संभावना दिखती है तो इसकी सर्जरी की जाती है और पूरी ग्रंथि को निकाल दिया जाता है। फिर 4-6 हफ्तों के बाद पेशंट को रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी दी जाती है। आयोडीन ट्रीटमेंट के बाद पेशंट को थायरायड हार्मोन दवा लेने की सलाह दी जाती है। पेंशट को यह दवा पूरी जिंदगी के लिये भी लेनी पड़ सकती है। इसके बाद 6-12 महीनों के बाद पेशंट को दुबारा डॉक्टर के पास जाना ही पड़ता है, यह देखने के लिये कि कहीं बीमारी दुबारा ना शुरु हो गई हो।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें