1. ताजे भुट्टे पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन, गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है।
2. यह प्रचूर मात्रा में रेशे से भरा हुआ है इसलिये इसे खाने से पेट का डायजेशन अच्छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना दूर होती है।
3. भुट्टे के पीले दानों में बहुत सारा मैगनीशियम, आयरन, कॉपर और फॉस्फोरस पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इन पोषक तत्वों से बुढापे में हड्डियों के टूटने के चांस कम रहते हैं और गुर्दे सामान्य कार्य करते हैं।
4. कार्न में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जिससे स्किन लंबे समय तक जवान दिखती है। इसको लगातार खाने के अलावा आप इसका तेल लगाइये जिसमें लिनोलिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा स्किन रैश और खुजली के लिये भी भुट्टे का स्टार्च प्रयोग किया जाता है जिससे स्किन बहुत कोमल बन जाती है।
5. आयरन की कमी की वजह से एनीमिया की बीमारी हो जाती है, इसलिये इसको दूर करने के लिये भुट्टा खाना चाहिये क्योंकि इसमें विटामिन बी और फोलिक एसिड होता है जिससे एनीमिया दूर होता है।
6. भुट्टा दिल की बीमारी को भी दूर करने में सहायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेविनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढने से बचाता है और शरीर में खून के फ्लो को भी बढाता है।
6. भुट्टा दिल की बीमारी को भी दूर करने में सहायक है क्योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेविनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढने से बचाता है और शरीर में खून के फ्लो को भी बढाता है।
7. इसका सेवन प्रेगनेंसी में भी बहुत लाभदायक होता है इसलिये गर्भवती महिलाओं को इसे अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिये। इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जिसकी कमी से होने वाला बच्चा अंडरवेट हो सकता है और कई अन्य बीमारियों से पीडि़त भी।
8. ताजे दूधिया भुट्टे के दाने पीसकर शीशी में भरकर खुली हुई शीशी धूप में रखें। दूध सूख कर उड़ जाएगा और तेल शीशी में रह जाएगा। छान कर तेल को शीशी में भर लें और मालिश किया करें। दुर्बल बच्चों के पैरों पर मालिश करने से बच्चा जल्दी चलेगा।
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