- कालीमिर्च का चूर्ण नाक में डालने से बेहोशी दूर होती है।
- सूजन पर कालीमिर्च का लेप करने से वह ठीक हो जाती है।
- काली मिर्च व तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर छानकर उसमें बताशा मिलाकर पीने से जुकाम ठीक होता है।
- कालीमिर्च व काला नमक अंदाज से लेकर दही में मिलाकर पीने से खाना न पचने की समस्या दूर होती है।
- कालीमिर्च को पीसकर पुराने गुड़ के साथ देने से नाक से गिरने वाला खून बंद हो जाता है।
- कालीमिर्च को घी में मिलाकर या मिश्री के साथ सुबह उठते ही खाने से अनेक प्रकार के नेत्र रोग मिटते हैं।
- कालीमिर्च को पीसकर तेल में मिलाकर लकवे के रोगी को लेप करने से लाभ होता है।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी होने पर, काली मिर्च को पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी खत्म जाती है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दिये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी आना भी भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह-शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ, पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि (खाना न पचना) दूर हो जाती है।
- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।
- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है।
- सूजन पर कालीमिर्च का लेप करने से वह ठीक हो जाती है।
- काली मिर्च व तुलसी के पत्ते का काढ़ा बनाकर छानकर उसमें बताशा मिलाकर पीने से जुकाम ठीक होता है।
- कालीमिर्च व काला नमक अंदाज से लेकर दही में मिलाकर पीने से खाना न पचने की समस्या दूर होती है।
- कालीमिर्च को पीसकर पुराने गुड़ के साथ देने से नाक से गिरने वाला खून बंद हो जाता है।
- कालीमिर्च को घी में मिलाकर या मिश्री के साथ सुबह उठते ही खाने से अनेक प्रकार के नेत्र रोग मिटते हैं।
- कालीमिर्च को पीसकर तेल में मिलाकर लकवे के रोगी को लेप करने से लाभ होता है।
- त्वचा पर कहीं भी फुंसी होने पर, काली मिर्च को पानी के साथ पत्थर पर घिस कर अनामिका अंगुली से सिर्फ फुंसी पर लगाने से फुंसी खत्म जाती है।
- काली मिर्च को सुई से छेद कर दिये की लौ से जलाएं। जब धुआं उठे तो इस धुएं को नाक से अंदर खीच लें। इस प्रयोग से सिर दर्द ठीक हो जाता है। हिचकी आना भी भी बंद हो जाती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, जीरा 10 ग्राम और शक्कर या मिश्री 15 ग्राम कूट पीस कर मिला लें। इसे सुबह-शाम पानी के साथ फांक लें। बवासीर रोग में लाभ होता है।
- शहद में पिसी काली मिर्च मिलाकर दिन में तीन बार चाटने से खांसी बंद हो जाती है।
- आधा चम्मच पिसी काली मिर्च थोड़े से घी के साथ मिला कर रोजाना सुबह-शाम नियमित खाने से नेत्र ज्योति बढ़ती है।
- काली मिर्च 20 ग्राम, सोंठ, पीपल, जीरा व सेंधा नमक सब 10-10 ग्राम मात्रा में पीस कर मिला लें। भोजन के बाद आधा चम्मच चूर्ण थोड़े से जल के साथ फांकने से मंदाग्रि (खाना न पचना) दूर हो जाती है।
- चार-पांच दाने कालीमिर्च के साथ 15 दाने किशमिश चबाने से खांसी में लाभ होता है।
- कालीमिर्च सभी प्रकार के संक्रमण में लाभ देती है।
- यदि आपका ब्लड प्रेशर लो रहता है, तो दिन में दो-तीन बार पांच दाने कालीमिर्च के साथ 21 दाने किशमिश का सेवन करे।
- बुखार में तुलसी, कालीमिर्च तथा गिलोय का काढ़ा लाभ करता है।
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