रविवार, 17 जून 2012

बिना इंजेक्शन डाइबिटीज को कंट्रोल में रखना है तो ये हैं कुछ घरेलू उपाय

डाइबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिससे रक्त के भीतर शर्करा (ग्लूकोज) की मात्रा अधिक हो जाती है। नियमित योगाभ्यास और नियमित दिनचर्या से इस रोग से बचा जा सकता है। डायबिटीज में शिथिल पेंक्रियाज की स्त्राव क्षमता को धीरे-धीरे कई अभ्यासों से दुरूस्त किया जाना संभव है।



घरेलू उपचार- डाइबिटीज के इलाज के लिए प्रतिदिन करेले और आंवले का जूस।

- नीम और तुलसी की पत्तियों से डाइबिटीज का इलाज।

- डाइबिटीज के मरीज़ो के लिए सर्वोत्तम आहार है सोयाबीन।

- डाइबिटीज का इलाज आम और जामुन से।

- प्याज खाएं और डाइबिटीजका इलाज करें। 

- सौंफ के सेवन से भी डाइबिटीज पर नियंत्रण संभव है।

-  काले जामुन डाइबिटीज के मरीजों के लिए अचूक औषधि मानी जाती है।

-  शतावर रस और दूध समान मात्रा में लेने मसालों में थोड़ी सी दालचीनी डाल देने से आपको अपना ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रखने में मदद मिल सकती है ।

-  मेथी दाने को रात भर पानी में भिगाकर सुबह पानी फेंककर इसे सुखा लीजिए और पाउडर बनाकर फिर इसका इस्तेमाल करें या सब्जी की तरह खाएं ।

 डाइबिटीज की रोकथाम के लिए कुछ योगा

पश्चिमोत्तान आसन- दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। सांस छोडते हुए दोनों हाथों से पैरों के अंगूठे को पकडें। जितना हो सके, सिर को घुटनों के पास लाएं। क्षमतानुसार रूकें, फिर धीरे-धीरे पहले की स्थिति में आ जाएं।

योग मुद्रा-पद्मासन में बैठकर आंखें बंद कर लें। पीठ के पीछे एक हाथ से दूसरे हाथ की कलाई पकड लें। कमर को आगे झुकाते हुए माथा जमीन पर रखें। इस स्थिति में कुछ देर रूककर फिर पहले वाली स्थिति में आ जाएं।

भुजंगासन-पेट के बल लेट जाएं। दोनों हाथों को कंधों के पास रखें और धीरे-धीरे सिर और छाती को ऊपर उठाएं। सांस को सामान्य रखते हुए क्षमतानुसार रूकें।

नोट- समस्या अगर अधिक गंभीर है जो चिकित्सकीय परामर्श बहुत जरुरी है।

चिकनी स्किन व आकर्षक फिगर के लिए याद रखें खाने से जुड़ी इन बातों को

संतुलित भोजन स्वस्थ शरीर के लिए बहुत आवश्यक है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए भोजन में हरी सब्जियों को भी अधिक मात्रा में लेना चाहिए। फिर चाहे टमाटर हो पालक या करेला, सभी की अपनी खूबियां है। पिज्जा, बर्गर व अन्य फास्टफूड त्वचा के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। सुंदर बनने के लिए अन्न कम खाएं, सब्जियों का प्रयोग ज्यादा करें, वह भी रसेदार बनाकर। इससे शरीर के भीतर के अंग पुष्ट होते हैं। 

कुछ सब्जियां और फल तो बहुत उपयोगी हैं, जैसे करेला पेट के कीड़े नष्ट करता है। टमाटर रक्त बढ़ाता है एवं त्वचा निखारता है। नींबू शरीर के पाचक रसों को बढ़ाता है। पालक हड्डियों को कैल्शियम से सुदृढ़ करता है। पत्तेदार सब्जी लौह तत्व से भरपूर होती है, अत: इन सबका उचित रूप से प्रयोग करें। खीरा रक्तकणों का शोधन करता है व इसका प्रवाह बढ़ाता है। लहसुन खून का थक्का जमने नहीं देता, अत: ये ह्रदय रोग में लाभकारी है। परवल शरीर को ऊर्जा देती है, जबकि फास्टफूड हमारे शरीर के लिए चरस की तरह है जिसकी शरीर को आदत हो जाती है। इससे न सिर्फ मोटापा तेजी से बढ़ता है बल्कि ज्यादा ऑयली भोजन त्वचा को भी नुकसान पहुंचा सकता है। 

कमरदर्द से तुरंत राहत चाहिए... तो ये हैं कुछ छोटे-छोटे टिप्स कमरदर्द से तुरंत राहत चाहिए... तो ये हैं कुछ छोटे-छोटे टिप्स

1. अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है।

2. जहां दर्द हो, वहाँ 5 मिनट तक गरम सेंक और दो मिनट ठंडा सेंक देने से तत्काल लाभ पहुंचता है। 

3. सुबह सूर्योदय के समय 2-3 मील लंबी सैर पर जाने वालों को कमर दर्द की शिकायत कभी नहीं होगी।

4. नियमित रूप से चक्रासन करें।

सावधानियां- नीचे लिखी बातों का भी जरुर ध्यान रखें।

- नियमित रूप से पैदल चलें। यह सर्वोत्तम व्यायाम है।

- अधिक समय तक स्टूल या कुर्सी पर झुककर न बैठें।

- शारीरिक श्रम से जी न चुराएँ। शारीरिक श्रम से मांसपेशियां पुष्ट होती हैं।

- एक सी मुद्रा में न तो अधिक देर तक बैठे रहें और न ही खड़े रहें।

- किसी भी सामान को उठाने या रखने में जल्दबाजी न करें।

- भारी सामान को उठाकर रखने की बजाय धकेल कर रखना चाहिए।

एक आसान योगासन इससे खत्म हो जाती है पेट की सारी प्रॉब्लम्स

पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे एसीडिटी और कब्ज। यह बीमारियां अधिकांश लोगों को परेशान करती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए कूर्मासन का नियमित अभ्यास काफी फायदेमंद है।

कूर्मासन की विधि

किसी समतल स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब दोनों कोहनियों को नाभि के दोनों ओर लगाएं। हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए हाथ को मिलाकर सीधा रखें। सांस बाहर निकालते हुए सामने झुकें। ठोड़ी का हथेलियों से स्पर्श करें। दृष्टि सामने रखें। सांस लेते हुए वापस आएं या सांस की स्थिति सामान्य रखते हुए कुछ देर नीचे ही झुके रहें।

कूर्मासन के लाभ

इस आसन के नियमित अभ्यास से अग्न्याशय (पेन्क्रियाज) को सक्रिय करता है। जिससे डायबिटीज की बीमारी में काफी हद तक रोक लग जाती है। पेट संबंधी कई छोटे-छोटे रोग सदैव दूर ही रहते हैं। साथ ही यह आसन हृदय संबंधी बीमारियों की रोकथाम में भी मदद करता है।

एक आसान योगासन इससे खत्म हो जाती है पेट की सारी प्रॉब्लम्स

पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे एसीडिटी और कब्ज। यह बीमारियां अधिकांश लोगों को परेशान करती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए कूर्मासन का नियमित अभ्यास काफी फायदेमंद है।

कूर्मासन की विधि

किसी समतल स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर वज्रासन की स्थिति में बैठ जाएं। अब दोनों कोहनियों को नाभि के दोनों ओर लगाएं। हथेलियों को ऊपर की ओर रखते हुए हाथ को मिलाकर सीधा रखें। सांस बाहर निकालते हुए सामने झुकें। ठोड़ी का हथेलियों से स्पर्श करें। दृष्टि सामने रखें। सांस लेते हुए वापस आएं या सांस की स्थिति सामान्य रखते हुए कुछ देर नीचे ही झुके रहें।

कूर्मासन के लाभ

इस आसन के नियमित अभ्यास से अग्न्याशय (पेन्क्रियाज) को सक्रिय करता है। जिससे डायबिटीज की बीमारी में काफी हद तक रोक लग जाती है। पेट संबंधी कई छोटे-छोटे रोग सदैव दूर ही रहते हैं। साथ ही यह आसन हृदय संबंधी बीमारियों की रोकथाम में भी मदद करता है।

अचूक तरीके ....ऐसे रखें कोलेस्ट्रोल को काबू में हमेशा


कोलेस्ट्रोल, एक ऐसी समस्या है जो अब आम बनती जा रही है। कोलेस्ट्रोल का स्तर जब सामान्य से अधिक हो जाता है तो वह रक्त वाहिनियों में जमने लगता है जिसके कारण हृदय रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर आप भी बढ़े हुए कोलेस्ट्रोल या दिल की बीमारी से पीडि़त हैं तो नीचे लिखे उपाय आपके बहुत लाभदायक सिद्ध होंगे।

- कच्चा लहसुन रोज सुबह खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम होता है।

- रोज 50 ग्राम कच्चा ग्वारपाठा खाली पेट खाने से कोलेस्ट्रोल कम हो जाता है।

- अंकुरित दालें भी खानी आरंभ करें।

- सोयाबीन का तेल प्रयोग करें यह भी उपचार है।

- लहसुन, प्याज के रस का सेवन भी उपयोगी साबित होता है।

- नींबू, आंवला जैसे भी ठीक लगे रोजाना केभोजन में शामिल करें।

- शराब या कोई नशा ना करें।

- इसबगोल के बीजों का तेल आधा चम्मच दिन में दो बार लेने से भी फायदा होता है।

- दूध में थोड़ी सी दालचीनी डालकर पीने से भी कोलेस्ट्रोल कंट्रोल में रहता है।

- रात के समय दो चम्मच धनिया एक गिलास पानी में भिगो दें। सुबह हिलाकर पानी पी लें। धनिया भी चबाकर निगल जाएं।

- एक गिलास ठंडे पानी में 40 तुलसी के पत्ते डाल लें और 1 नींबू निचोड़ लें। तुलसी के पत्तों को चबाते जाएं और नींबू का पानी पीते गए।
 

शुक्रवार, 15 जून 2012

चंदन एक फायदे अनेक



कीलमुंहासों के ठीक होने के बाद चेहरे पर किसी प्रकार के दागधब्बों को भी चंदन के लेप से साफ़ किया जा सकता है। 
  चंदन का लेप केवल कीलमुंहासों को, ठीक नहीं करता बल्कि त्वचा को साफ़ कर नमी भी प्रदान करता है। 1 चम्मच चंदन पाउडर में आधा चम्मच पाउडर मिला कर पेस्ट बना कर चेहरे पर 20 मिनट लगाए रखने से केवल कीलमुंहासे कम नहीं हो, आप का चेहरा भी खिलाखिला प्रतीत होता है। बराबर मात्रा में चंदन पाउडर हलदी पाउडर मिला कर थोड़े दूध के साथ पेस्ट बनाएं, इस में चुटकी भर कपूर भी मिलाएं। इस लेप की चेहरे पर मालिश कर रात भर लगा रहने दें। इस से आप को ठंडक के एहसास के साथसाथ चेहरे के दागधब्बे दूर होने का फायदा भी मिलेगा।
   समान मात्रा में चंदन पाउडर, हल्दी और नीबू का रस मिला कर चेहरे पर लगाएं। आधे घंटे बाद ठंडे पानी से धो लें। इस से आप की त्वचा नरम और दागरहित होगी।
  चंदन पाउडर और रोज वाटर का पेस्ट नियमित लगाने से अगर आप की त्वचा तैलीय है तो मुंहासे होने का डर नहीं रहेगा। इस के अलावा चंदन पाउडर में काले चने का पाउडर सामान मात्रा में मिला कर दूध गुलाबजल के साथ मिला कर चेहरे पर लगा कर रात भर रखने से आप कीलमुंहासों को हमेशा के लिए बायबाय कह सकेंगे।

साइड इफैक्ट नहीं 
चंदन  का प्रयोग प्राचीन काल से चला आ रहा है। खासकर आयुर्वेद में चंदन का प्रयोग खूब किया गया है। किसी प्रकार का घाव, फोड़ेफुंसी, कटनाछिलना आदिसभी पर चंदन के लेप से आराम मिलता है। यह एक कीमती पेड़ है, जो दक्षिण भारत में ज्यादातर पाया जाता है। चंदन का उबटन शादी से पहले नववधू लगाती है ताकि उस के चेहरे और काया की चमक बनी रहे। यह एक प्राकृतिक पदार्थ है, इसलिए इस के नियमित प्रयोग से किसी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता। 

इस की खूबियाँ 
- चंदन में कीटाणुनाशक विशेषता होने की वजह से यह हर्बल एंटीसेप्टिक है, इसलिए किसी भी प्रकार के छोटे घाव और खरोंच को ठीक करता है। यह जलने से हुए घाव को भी ठीक कर सकता है।
- शरीर के किसी भाग पर खुजली होने पर चंदन पाउडर में हल्दी और एक चम्मच नीबू का रस मिला कर लगाने से खुजली तो दूर होगी ही, साथ में त्वचा की लालिमा भी कम होगी।
- चंदन का तेल सूखी त्वचा के लिए गुणकारी होता है। यह सूखी त्वचा को नमी प्रदान करता है।
- अगर खटमल या मच्छर ने काटा है तो खुजली और सूजन को चंदन का लेप लगा कर कम किया जा सकता है।
- शरीर के किसी भाग का रंग अगर काला पड़ गया हो तो 5 चम्मच नारियल तेल के साथ 2 चम्मच नारियल तेल के साथ 2 चम्मच बादाम तेल और 4 चम्मच चंदन पाउडर मिला कर उस खुले भाग पर लगाएं। इस से कालापन तो  जाएगा ही, फिर से त्वचा काली नहीं होगी।
- शादी से पहले नववधू उबटन लगाए तो हल्दी में चंदन मिला कर लगाने से त्वचा में निखार आएगा।
- अगर किसी को अधिक पसीना आता है तो चंदन पाउडर में पानी मिला कर बदन पर लाने से पसीना कम होगा।
  इतना ही नहीं, चंदन का किसी भी रूप में प्रयोग गुणकारी होता है, चाहे वो साबुन, तेल या पाउडर किसी भी रूप में हो। चंदन शरीर की प्रक्रिया प्रक्रिया का संतुलन बनाता है, पाचन क्रिया को ठीक करता है, साथ ही श्वास प्रक्रिया और स्नायुतंत्र को मजबूत बनाता है।

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