मंगलवार, 19 जून 2012

घर पर ही बनाइये ये ब्‍यूटी प्रोडक्‍ट


1. टाइटनिंग-टोनिंग लेमन मास्‍क
सामग्री- 1/2 नींबू रस और 1 अंडा (सफेद भाग)
विधि- नींबू का रस और अंडे के सफेद भाग को लेकर 3 मिनट तक के‍ लिये अच्‍छे से फेंट लें। आंख बचा कर इस पेस्‍ट को डायरेक्‍ट चेहरे पर लगा लें। 30 मिनट तक चेहरे पर पेस्‍ट ऐसे ही लगा रहने दें और फिर हल्‍के गरम पानी से धो लें।
2. हनी लिप बाल्‍म
सामग्री- 2 चम्‍मच ऑलिव ऑयल, 1/2 चम्‍मच शहद, 3/4 चम्‍मच बीवैक्‍स, 1/2 चम्‍मच कोकोआ बटर, अपनी पसंद का फ्लेवर तेल (पिपरमिंट), 1 विटामिन इ कैप्‍सूल।
विधि- एक छोटे पैन में तेल, शहद, वैक्‍स और बटर गरम करें और पिघला लें। इसको आंच से उतारने के बाद 2-3 मिनट तक के लिये ठंडा होने के लिये रखें। इसको चलाते हुए विटामिन इ की गोली को पीस कर डालें। यह तैयार हो चुका है, अब इसे किसी हवा बंद डिब्‍बी में स्‍टोर कर लें।
3. सी साल्‍ट बॉडी स्‍क्रब
सामग्री- 1 कप दरदरा सेंधा नमक, 1/2 कप बेबी ऑयल
विधि- एक कटोरे में सारी सामग्रियों को आपस में मिला लें और जार में बंद कर के 24 घंटे के लिये रख दें। अब यह इस्‍तमाल करने के लिये बिल्‍कुल तैयार है, इसे अपने शरीर पर किसी भी भाग पर लगा कर स्‍क्रब कीजिये। इसको लगाने के बाद नहाइये।
4. फेस मास्‍क
सामग्री- 1/2 कप घिसा खीरा, 1/2 कप घिसा ऐवकाडो, 1 अंडे का सफेद भाग, 2 चम्‍मच मिल्‍क पाउडर।
विधि- सभी सामग्रियों को एक साथ मिक्‍सर में पीस लें और पेस्‍ट तैयार कर लें। इस मास्‍क को अपने चेहरे और गर्दन पर गोलाई में ऊपर की ओर लगाएं। इस मास्‍का को 30 मिनट तक के लिये लगाए रखें और इसके बाद गरम पानी से धो लें।
5. ब्राउन शुगर हैंड सॉफ्टनर
सामग्री- 1/4 कप ब्राउन शुगर, 1 चम्‍मच बेबी ऑयल।
विधि- इन सामग्रियों को एक साथ मिला कर पेस्‍ट बनाएं। फिर जिस तरह से आप हाथ धोती हैं, उसी मोशन में इस पेस्‍ट को अपने हाथों पर लाइये और थोड़ी देर के लिये मालिश कीजिये। कुछ देर बाद अपने हाथों को गरम पानी से धो कर सुखा लीजिये।

एसीडिटी के कारण जलन कर रही हो परेशान तो ये है एक आसान निदान

एसीडिटी के कारण पेट में कई बार असहनीय जलन भी परेशान करती है। अगर आपके साथ भी ऐसी ही समस्या है तो जरूर आजमाएं ये आयुर्वेदिक उपाय, पेट की जलन तुरंत दूर हो जाएगी।

आयुर्वेदिक उपाय- पुष्कर मूल, एरण्ड की जड़, जौ और धमासा- चारों को मोटा-मोटा कूट कर बोतल में भर लें। एक गिलास पानी में दो चम्मच चूर्ण डाल कर उबालें। जब पानी आधा कप बचे तब उतार कर आधा सुबह व आधा शाम को पी लिया करें। पेट की जलन दूर हो जाएगी। यह प्रयोग आठ दिनों तक करके बंद कर दें।

क्या ध्यान रखें- इस प्रयोग के साथ उचित आहार का सेवन करें यानी गरिष्ट भोजन से बचें। सुबह एक कप कच्चा दूध और एक कप पानी मिलाकर इसमें एक छोटी चम्मच मिश्री या चीनी डालकर फेंट लगाएं और खाली पेट चाय व दूध की जगह पीएं। भोजन के अंत में आगरे का पेठा या केला खाएं। सुबह -शाम आवंलें का मुरब्बा चबा-चबाकर खाएं।

सोमवार, 18 जून 2012

क्या आप पाइल्स की पीड़ा से परेशान हैं?



कहते हैं कि हम बीमार नहीं होते अपितु एक रोग को स्वयं निमंत्रण देते है। शरीर और मन बीमारी को बुलाते हैं। गलत खान-पान, दिनचर्या, जीवन शैली, रहन-सहन हमें रुग्णता की तरफ ले जाते हैं। हमारी 80 प्रतिशत बीमारियां स्वयं की पैदा की हुई होती है।
आजकल फास्ट फूड, जंक फूड व मांसाहारी भोजन कब्ज के जनक हैं और कब्ज बवासीर (पाइल्स) की जन्मदात्री है। वैसे कब्ज सब बीमारियों की जड़ है। कब्ज की पहली बेटी बवासीर दूसरी संतान सिरदर्द, सुस्ती, अपाच्य, गैस, अफारा, भूख न लगना है।
पाइल्स क्या है- कब्ज के कारण कड़े मल के कारण रैक्टम में जख्म हो जाते हैं। वे रिसते हैं तथा मलद्वार में से रक्तस्राव होता है। बैठने में असुविधा होती है। अनियमित खान-पान और जो मिला, वही खा लिया, सलाद, रेशेदार भोजन की कमी, कब्ज और अर्श की जन्मदात्री है।
अर्श का गुदा-दर्द आदमी को अर्श से फर्श पर ले आता है। बैठना लेटना दूभर हो जाता है। वसायुक्त, तले पदार्थ ज्यादा नानवेज उदर विकार करते है। गुदा की रक्तवाहिनियां एक गुच्छा बना लेती है। इसे मस्सा भी कहते हैं। शौच की हाजत को रोकने से ज्यादा देर तक सख्त आसन पर बैठने से भी बवासीर रोग हो जाता है। इसका दर्द रोगी ही जानता है। असहनीय दर्द से रोगी कराहता है।
पाइल्स, अर्श, बवासीर सभी एक रोग के नाम है। यह एक कष्टदाई दुखदाई रोग है। हम भोजन खान पान की परवाह किये बिना दुकानों, खोमचों पर जो मिला खा लेते हैं जिससे पाचन शक्ति प्रभावित होती है और हम कब्ज से पीड़ित हो जाते हैं।
कुछ सावधानी, पथापथ्य, खानपान व दिनचर्या में परिवर्तन एवं जागरुकता द्वारा हम रोग मुक्त हो सकते हैं।
* मल त्याग की भावना को कभी रोके नहीं। पूर्ण समय लगाकर पूर्ण सफाई रखें। पानी ज्यादा पिएं। भोजन को चबा-चबा कर खाएं।
* भोजन से पहले ज्यादा सलाद खाएं। सलाद में मूली गाजर, प्याज, फल प्रयोग करें।
* लस्सी मट्ठा नमक, कालीमिर्च डालकर पिएं। दही ज्यादा खाएं।
* पालक, साग, मेथी, मूली, शलगम की सब्जी प्रयोग करें।
* पपीता, आम, अमरूद कब्ज बवासीर के लिए घातक है।
* मल वेग के आवेग से तुरन्त मुक्त हों। बथुआ, चौलाई, मौसमी फल, सब्जी खाएं। हरी सब्जियां आतड़ियों में फंसा अन्न निकाल फेंकती है।
* आहार का दमन रोगों का शमन करने में सहायक रहता है। रोग को शुरू से ही पकड़ ले नहीं तो यह आपको पकड़ लेगा जिससे छूटना मुश्किल होगा।
* गर्म दूध के साथ च्यवनप्राश, ईसबगोल या त्रिफला नित्य लेकर चिरंजीवी बने।
* खान-पान का ध्यान रोगमुक्ति सूत्र है। मिठाई, नानवैज, तले पदार्थ, फास्टफूड गरिष्ठ भोजन वर्जित है। इलाज से परहेज बेहतर है।
* चिकित्सक की राय से क्षारसूत्र चिकित्सा, कांटरी चिकित्सा, जैली प्रयोग बर्फ सेंकन, कटिस्ान, औषधि सेवन लाभदायक हो सकते हैं परन्तु परम उपयोगी साधन है सौ बीमारी और एक परहेज जिन्दगी को स्वस्थ रखता है। परहेज सचमुच इलाज से बेहतर है क्योंकि निमंत्रण तो रोगों को हम स्वयं ही देते हैं।
* ईसबगोल का छिलका प्रात: खाएं दूध, शर्बत या पानी से लगातार दो मास तक लें। कब्ज के दुश्मन बन जाएं क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य का दुश्मन है।
* हाट वाटर टब में कटि स्नान करें अर्थात मल द्वार डुबोएं रखें, इससे रैक्टम के जख्मों को राहत मिलती है और दर्द भाग जाता है।

काले हैं तो क्या हुआ… ‘स्वस्थ’ तो हैं!



कुछ पुरुष अथवा महिलाएं अपने काले या सांवले रंग के कारण दुःखी बने रहते हैं। वे शीशे के सामने जाने से घबराते हैं। उन्हें अपने रंग की चिंता किये बिना, अपने शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ रखने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। रंग गोरा होने पर यदि कोई रोगी रहता है तो उस गोरी त्वचा का क्या लाभ? हमें रोग मुक्त रहकर शरीर को स्वस्थ रखना चाहिए, यह हमारा धर्म है।
:) त्वचा के सांवलेपन को हटाने के लिए बाजारू प्रसाधनों पर पैसा बर्बाद मत करें। ऐसा खाएं कि आपकी सांवली त्वचा पर भी निखार आने लगे।
:) स्वस्थ रहने के लिए पूरे शरीर को नियमित साफ रखें। इससे त्वचा में भी सुधार आता जायेगा।
:) शरीर पर नियमित मालिश करने के पश्चात् नहाने की आदत बना लें। इससे त्वचा पर खुरदरा या रूखापन भी नहीं आयेगा। शरीर में रक्त संचार ठीक होगा। रोग दूर भागेंगे।
:) जैतून का तेल खुरदरी या रूखी त्वचा को ठीक कर देता है। इसको लगाना अच्छा रहता है।
:) कच्चा दूध थोड़ा-सा कटोरी में लें। हल्की चुटकी नमक डालें। रूई के साथ चेहरे तथा हाथों पर मलें। रंग रूप दोनों निखरेंगे। स्वास्थ्य में भी वृध्दि आने लगेगी, क्योंकि रक्त संचार बढ़ जायेगा।
:) कच्ची सब्जियां, कच्चे फल, हरी सब्जियां तथा मौसमी फल अधिक मात्रा में लें। तले पदार्थों तथा जंक फूड से बचें। स्वस्थ होते जायेंगे।
:) शरीर को दिन भर 8 से 10 गिलास पानी मिलना ही चाहिए। इससे शरीर तो स्वस्थ होगा ही, आपकी सांवली त्वचा में भी चमक आती जायेगी।
:) गाजर खाएं। इसका रस चेहरे पर मलें। पानी में नींबू डालकर पीएं। छिलके को चेहरे पर मलें। एक-दो सप्ताह में चमत्कारी परिवर्तन देखेंगे।
:) अधिकारिक ताजा हवा, शुध्द हवा में जाएं। स्वास्थ्य तथा रंग, दोनों उत्तम होंगे।

भुट्टा खाने का स्‍वास्‍थ्‍य लाभ


1. ताजे भुट्टे पानी में उबालकर उस पानी को छानकर मिश्री मिलाकर पीने से पेशाब की जलन, गुर्दों की कमजोरी दूर हो जाती है।
2. यह प्रचूर मात्रा में रेशे से भरा हुआ है इ‍सलिये इसे खाने से पेट का डायजेशन अच्‍छा रहता है। इससे कब्ज, बवासीर और पेट के कैंसर के होने की संभावना दूर होती है।
3. भुट्टे के पीले दानों में बहुत सारा मैगनीशियम, आयरन, कॉपर और फॉस्‍फोरस पाया जाता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। इन पोषक तत्‍वों से बुढापे में हड्डियों के टूटने के चांस कम रहते हैं और गुर्दे सामान्य कार्य करते हैं।
4. कार्न में एंटीऑक्‍सीडेंट पाया जाता है, जिससे स्‍किन लंबे समय तक जवान दिखती है। इसको लगातार खाने के अलावा आप इसका तेल लगाइये जिसमें लिनोलिक एसिड पाया जाता है। इसके अलावा स्‍किन रैश और खुजली के लिये भी भुट्टे का स्‍टार्च प्रयोग किया जाता है जिससे स्‍किन बहुत कोमल बन जाती है।
5. आयरन की कमी की वजह से एनीमिया की बीमारी हो जाती है, इसलिये इसको दूर करने के लिये भुट्टा खाना चाहिये क्‍योंकि इसमें विटामिन बी और फोलिक एसिड होता है जिससे एनीमिया दूर होता है।

6. भुट्टा दिल की बीमारी को भी दूर करने में सहायक है क्‍योंकि इसमें विटामिन सी, कैरोटिनॉइड और बायोफ्लेविनॉइड पाया जाता है। यह कोलेस्‍ट्रॉल लेवल को बढने से बचाता है और शरीर में खून के फ्लो को भी बढाता है।
7. इसका सेवन प्रेगनेंसी में भी बहुत लाभदायक होता है इसलिये गर्भवती महिलाओं को इसे अपने आहार में जरुर शामिल करना चाहिये। इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जिसकी कमी से होने वाला बच्‍चा अंडरवेट हो सकता है और कई अन्‍य बीमारियों से पीडि़त भी।
8. ताजे दूधिया भुट्टे के दाने पीसकर शीशी में भरकर खुली हुई शीशी धूप में रखें। दूध सूख कर उड़ जाएगा और तेल शीशी में रह जाएगा। छान कर तेल को शीशी में भर लें और मालिश किया करें। दुर्बल बच्चों के पैरों पर मालिश करने से बच्चा जल्दी चलेगा।

चमकदार त्‍वचा के लिये लगाइये कुकुम्‍बर मास्‍क मंगलवार, जून 19, 2012, 9:45 [IST]


तरह-तरह के कुकुम्‍बर फेस मास्‍क -
1. ओट, दही और शहद के साथ - आ‍धे खीरे को ले कर मिक्‍सी में अच्‍छे से पीस लें और उसमें एक चम्‍मच ओट, दही और शहद मिलाएं। इस पैक को अपने चेहरे और गर्दन पर 20 मिनट तक लगाएं रखें और फिर ठंडे पानी से धो लें।
2. नींबू और अंडे के साथ - खीरे का पेस्‍ट लें और उसमें नींबू का रस और अंडे का सफेद भाग मिला कर ड्राई स्‍किन पर लगाने से त्‍वचा मुलायम हो जाती है और पिंपल भी खतम हो जाते हैं। इस मिश्रण को त्‍वचा पर 20 से 25 मिनट तक के लिये रखें।
3. शहद, नींबू और मिन्‍ट के साथ - यह मिश्रण स्‍किन को अंदर से हाइड्रेट कर के ग्‍लो लाता है। इस पेस्‍ट को बनाने के लिये 4-5 चम्‍मच गाढा खीरे का पेस्‍ट लें और उसमें शहद और नींबू की कुछ बूंदे मिक्‍स कर दें। साथ ही पुदीने की कुछ पत्‍तियां लेकर उसे क्रश करें और उसके रस को भी इस पेस्‍ट में मिला दें। इस पेस्‍ट को अपने चेहरे पर 15-20 मिनट तक के लिये लगाए।
4. गुलाबजल और मुल्‍तानी मिट्टी के साथ - 3 चम्‍मच खीरे के रस में 12 बूंदे गुलाबजल की मिलाए और मुल्‍तानी मिट्टी भी डालें। इस पेस्‍ट को चेहरे और गर्दन पर 10-15 मिनट तक के लिये लगाएं और पानी से धो लें। इस पेस्‍ट से चेहरे के पिंपल कम हो जाते हैं।
5. एवोकाडो, टमाटर और शहद - इस फ्रूट फेस पैक से अपने चेहरे की थोड़ी देर के लिये मसाज करें। खीरा, एवोकाडो और टमाटर को अच्‍छे से चॉप करें और इसमें शहद की कुछ बूंदे मिलाएं। इस फ्रूट फेस मास्‍क को चेहरे पर लगा कर 20 मिनट तक के लिये छोड दें। जब यह फ्रूट मास्‍क चेहरे पर सूख जाए तब इसे रगड़ कर छुड़ा लीजिये। इससे चेहरे के दाग-धब्‍बे हटेगे और स्‍किन कोमल हो जाएगी।

रविवार, 17 जून 2012

सिगरेट छोड़ने के लिए इन बातों को आजमाएं


सिगरेट की तलब इतनी तेज होती है कि संबंधित शख्स खुद को रोक नहीं पाता। वह न पीने की इच्छा रखते हुए भी कश मार लेता है। लेकिन कुछ उपायों को ध्यान में रख इससे छुटकारा पा सकते हैं। 


ई-सिगरेट एक अच्छा विकल्प है। इसमें न तो तंबाकू होती है और न ही निकोटीन। इसके अंदर मेंथॉल और मिंट होता है, जो सिगरेट की तलब को दिमागी स्तर पर शांत करता है।


च्युइंग गम भी एक विकल्प है। लेकिन ज्यादा च्युइंग गम से स्वास्थ्य पर असर पड़ता है। हालांकि शुगरलेस मिंट च्युइंग गम बेहतर रहता है।



मिंट गम स्वास्थ्यवर्धक और प्रभावी होती है। आप चाहें तो मिंट कैंडी भी खा सकते हैं।


डार्क चॉकलेट टेस्टी और स्वास्थ्यवर्धक होती है। जब आप सिगरेट छोड़ने की प्रक्रिया अपनाते हैं, तो भूख तेज लगती है। इस कारण आप कुछ भी खाने पर मजबूर हो सकते हैं। ऐसे में कई स्मोकर्स सिगरेट छोड़ने के लिए डार्क चॉकलेट का सहारा लेते हैं, जिसके स्वाद के आगे वह सिगरेट को भूल ही जाते हैं।


फ्लेवर्ड टूथपिक भी कई लोंगो के लिए सिगरेट छोड़ने में मददगार बनती है। यह बांस या फिर बिर्चवुड की बनी होती है, जो कि प्राकृतिक और जैविक पदार्थ हैं। इसका स्वाद मुंह में देर तक रहता है और सिगरेट पीने की तलब नहीं महसूस होती।

सौंफ या मेवे भी इसके अलावा सिगरेट छोड़ने के अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं। मेवे में बादाम को प्रमुखता से खाया जा सकता है।

केले में भी ऐसे तत्व होते हैं, जो सिगरेट की तलब शांत करते हैं। इससे शारीरिक लाभ भी मिलेगा।

योग उन लोगो को फायदा पहुंचाता है, जो स्ट्रेस या थकान की वजह से सिगरेट पीते हैं। योग में ऐसे कुछ आसन हैं, जो मन शांत रखेंगे और इससे वजन भी नियंत्रित रहेगा।

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