बुधवार, 20 जुलाई 2022

RISHI SUNAK will be NEXT PM of UK



Rishi Sunak 12 May 1980 12.50 pm Southampton UK

Why rishi sunak has the maximum chances to win the election and to be the next prime minister of UK ? Let us study his chart. 

He has Leo Lagna and Sun, the lord of Lagna is exalted in the 9th house, the house of kingdom. 

Mars and Jupiter are the lords of both the trine  house and seated in the Lagna with political  planet Rahu. Mars is exchanging his energy with Sun. 

Mars Jupiter  Saturn and Rahu are seated in the Lagna so energy of all these 4 planets is  transfered to 9th house  and Sun has become the dispositor. 

Fortunately sub period of Sun will be running in Moon main period from 24 July 2022. Sun is the power house in this chart and also the dispositor of Rahu. So Sun can bestow him Prime minister post. 

Mahadasha of Moon is running. Moon is vargottami  in Aries in 9th house. Moon is also with Rahu in Navamsha so political rise is confirmed in his dasha. Moon is at zero degree and when the lord of 12th house is  at zero degree then he gives name and fame in his Mahadasha.  

At the time of final announcement of Prime Minister name  on 5th September 2022 Mars will be in his 10th house and will be aspecting the Lagna and natal  Mars too. Sun will be  crossing the natal Rahu and Rahu will be crossing natal Sun. Moon will be in Sagittarius in trine to natal Jupiter. 

In my view nobody can stop Rishi Sunak to become the Prime Minister of UK. 

Ashwin Rawal.         21.7.2022

secret of 12th house in horoscope कुंडली के बारहवें भाव का रहस्य



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हम सभी अच्छी तरहसे जानते हैं कि जन्म कुंडली में हर भावका अपना एक प्रभाव होता है।  हर भावमें लग्न के हिसाब से अलग-अलग राशियां सेट होती है । लग्नका स्वामी लग्नेश कहलाता है जो कुंडली में प्रधानमंत्री की तरह एक प्रमुख शासक होता है।  उसके पास सभी भावों से उत्तम फल प्राप्त करने की पूरी ताकत होती है।  

लेकिन छठे, आठवें और बारहवें भाव के स्वामी विपक्षी दल के समान होते हैं।  वे कुछ मामलों में प्रधान मंत्री का समर्थन भी करते हैं और कभी नहीं भी करते । 

उदाहरण के लिए आध्यात्मिक यात्रा करने या शुरू करने के लिए अष्टमेश हमेशा साथ देगा।  विदेश जाना हो या संन्यासी बनना हो तो 12वें भावका स्वामी सदैव सहयोग देगा।  कोर्ट केस जीतने के लिए छठे भाव का स्वामी हमेशा साथ देगा ।  लेकिन सभी मामलों में नहीं देते ।   

सभी ग्रह हमारे पिछले जन्मोंसे जुड़े हुए हैं और हमारे अच्छे बुरे कर्म को जानते हैं,  साक्षी हैं तो अपना फर्ज तो निभाएंगे ही । 6 8 12 के स्वामी हमारे पाप कर्मों के फल देने के लिए अपनी भूमिका निभाते हैं ।

अब आज हम 12वें भाव पर चर्चा करेंगे ।  बारहवा भाव क्या बताता है?  आम तौर पर हम बताएंगे कि मोक्ष, कैद, अस्पताल, विदेशगमन, आर्थिक नुकसान आदि ।  लेकिन ये शब्द बारहवें भाव का वर्णन करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।

बारहवा भाव जिंदगीमें अकेलापन पैदा करता है । इंसान को भीड़ से अलग कर देता है।  दिन-प्रतिदिन के जीवन में कुछ मर्यादाएं, कुछ सीमाएँ बन जाती है।  एक प्रकार का कार्मिक नियंत्रण आ जाता है ।  जीवन में अज्ञात प्रदेश या वातावरणमें जाना पड़ता है।  

यह अचेतन मन का स्थान, ट्रांस स्थिति का स्थान, ध्यान अवस्था का स्थान, नींद का स्थान और सपनों का भाव भी है । बारहवें भाव में ग्रहों की जो भी हलचल होती रहती है उसके हिसाब से हमें सपने आते हैं ।

बारहवां भाव सक्रिय होने पर व्यक्ति विदेश जाता है और इस प्रकार  नए प्रदेश और वातावरण में अपने आपको ढालना पड़ता है। 12वा भाव  सक्रिय होने पर व्यक्ति को कोई नई जगह पर या कहीं दूर  नौकरी मिलती है।  12वा भाव सक्रिय होता है तो इंसान ट्रांसफर हो जाता है।  कोई जेल जाता है और खुद को एक बंधन में रखना पड़ता है और कार्मिक दंड भुगतना पड़ता है ।  कोई  अस्पताल में भर्ती होता है और खुद को डॉक्टरों और नर्सों के बीच बिस्तर पर लेट जाना पड़ता है।

एक बच्चा बारहवीं की उम्र में पूरी तरह से बदल जाता है और बच्चे में पूर्ण परिवर्तन आने लगता है क्यों कि उसका  12वां भाव सक्रिय हो जाता है ।  व्यक्ति को अपनी पहली नौकरी या स्थानांतरण तब मिलता है जब वह 23 वर्ष पूरा करता है और अपनी आयु के 24वें वर्ष में प्रवेश करता है।  व्यक्तिको टर्निंग पॉइंट तब मिलता है जब वह 35 वर्ष की आयु पूरी करता है और 36वें वर्षमें प्रवेश करता है।  

12वा भाव ट्रांसफर, पदोन्नति, नई जिम्मेदारी, नए वातावरण, विदेश यात्रा, किसी करीबी रिश्तेदारकी बिदाई  या आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत का भाव है । 

याद रखें कि 12वां 24वां 36वां 48वां 60वां 72वां और 84वां रनिंग वर्ष 12वे भाव का एक्टिवेशन है इसलिए इन सभी रनिंग वर्षमें ऐसी कोई ना कोई घटना बनेगी ही । 60वां साल लंबे समय तक चलने वाली जॉब का आखिरी साल होता है।  सभी साथियों से अलग पड़ना होता है ।  72वां वर्ष हमेशा खराब स्वास्थ्य या पैरों की समस्याओं के कारण चलने की सीमाएं देता है।  यह उम्र से जुड़ी 12वे स्थानकी सक्रियता का फल है । 

अब जब बृहस्पति शनि राहु या केतु जैसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह इस स्थानसे गुजरते हैं  तो भी बारहवां स्थान सक्रिय हो जाता है। 

जब बारहवें भाव के स्वामीकी महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तब भी 12वा भाव प्रबल रूप से सक्रिय हो जाता है।अंतर्दशा का प्रभाव अधिक होता है।  साथ ही बारहवें भाव की छिपी शक्ति का पता लगाने के लिए शनि का 12वें भाव में गोचर भी अधिक महत्वपूर्ण है।

नैसर्गिक राशि चक्र में मीन बारहवीं राशि है इसलिए बृहस्पतिमें बारहवें घर के छिपे हुए गुण हैं ।  बारहवें घर में बृहस्पति का गोचर सांसारिक मामलों में नकारात्मक हो सकता है, लेकिन इसमें एक चिंगारी है जो किसी को भी अपने भीतरकी दुनिया में धकेल सकती  है । 

जीवन की वास्तविकता को समझने के लिए, ध्यान शुरू करने के लिए, मन को मोड़ देने के लिए बृहस्पति  शनि या केतु का 12वें भाव में गोचर बहुत महत्व का होता है । 

यह सिर्फ 12वें भाव का एक स्केच है । इसके सिवा भी 12वे स्थान में बहुत रहस्य छुपे हुए  हैं । 

अश्विन रावल           20.7.2022

मंगलवार, 5 जुलाई 2022

#Birth Date 5th (not 14th or 23rd)


This indicates that you have a mercurial temperament. You are active and clever at work, but, you do not utilize your full potential. However, once you lose interest, your enthusiasm simply fizzles out and you may become impatient and even careless.


You are able to debate and reason well. You have a keen interest in doing business and are not averse to taking risks. You take fast decisions and complete the work with speed. You will get many opportunities in life and you need to recognize and avail them, if you wish to make progress in life.


Most important, you should not over indulge in anything, and should try to maintain equilibrium. This will help you build your finances and material wealth. You need to appreciate your inner peace and joy and use your freedom in a constructive manner.


On the off side, you are impulsive tend to get excited very quickly. You cannot handle mental stress easily and may get irritated or have a nervous breakdown. However, you also have a good power of recovery and do not stay despondent for long. You cannot keep secrets easily.


It is not easy to change your ways as persuasion does not work with you. You may suffer from mental ailments like epilepsy in your advanced years.


If you don't know your accurate time of birth but date of birth and year is confirmed, you should ask for #numerology readings by Vishwajeet Babbal The Vedic Counselor 🎲 which covers almost every phase of one's life.



यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.

#Aquarius #Ascendant कुम्भ लग्न

#Aquarius Ascendant कुम्भ लग्न




For Aquarius lagna, the #Moon, #Mars and #Jupiter are evil, only #Venus is auspicious. Mars produces #RajYoga, when gets related to Venus. Jupiter and Mars kill when endowed with Maraka powers. Thus, one should guess the results for Aquarius lagna native.


Jupiter is inauspicious because he owns the 2nd house (Maraka) and 11th house. If he acquires killing powers to a great extent, then he would surely be the killer.


Mars owns the 10th house and as natural malefic owning a Kendra leaves his maleficence and becomes neutral. Again by owning the 3rd house, he becomes inauspicious.


Venus owns the 4th house (Kendra) hence neutral. Venus also owns the 9th house (Trikona) and becomes auspicious. Thus, Venus becomes single lord of a Kendra and Trikona. Hence he is declared #RajYogaKaraka.


#Mercury owns the 8th house therefore he is evil but then he is also the 5th house (Trikona) lord, hence auspicious.


The Moon as the 6th house lord is inauspicious in her #Dasha.


The Sun as the 7th lord turns neutral and #Kendradhipatya Dosha does not occur to him. As a 7th house lord, he is essentially a Maraka, but not endowed with as much Maraka powers as a natural benefic like Jupiter or Venus owns.


#Saturn as the Lagna and 12th house lord gives results only as the Lagna Lord. Saturn placed in the 12th house is more a 12th house lord and hence less auspicious.



यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.

Facing Problem in Conceiving #Baby ? गर्भ धारण में समस्या




Reason #1 #Bedroom in East-South-East or Bedroom in South-South-West or Bedroom in West-North-West

What to do ?  Shift your bedroom to South-West or South-East or North-North-West.


Reason #2 #Kitchen in North-East

What to do ? Place Jaisalmer Yellow Slab under Burner.


Reason #3 #Cut in North-East

What to do ? Space Enlightening Technique is required.



Reason #4 Long #Corridor in South-West

What to do ? Space Filling Technique as per Vāstu Bar Chart.


यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.



शुक्रवार, 22 अप्रैल 2022

How to quickly open your third eye

 आप जब भी किसी से पूछते हैं, कि क्या आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं। तो यकीन मानिये उसका उत्तर हां ही होगा। हम अपना भविष्य जान सकते हैं, इस बात को सोच कर ही एक अजीब सी गुदगुदाहट शरीर में पैदा होती है। हर इंसान, अपनी आने वाली जिंदगी के बारे में जानना चाहता है। वह पता करना चाहता है, कि उसके साथ क्या होने वाला है। हर किसी की चाहत अपने भविष्य को देखने की होती है।  अपनी इस ख्वाहिश को पूरा करने के लिए, वैसे तो कई माध्यम है। उनमें से सबसे ज्यादा प्रचलित है, तीसरे नेत्र को जागृत करना। जिसे हम थर्ड आई भी कहते हैं।  थर्ड आई का सम्बन्ध आपके आज्ञा चक्र से होता है। जो आपको भविष्य में घटने वाली घटनाओं के बारे में इनट्यूशन मिलने लगता है।

आज्ञा या अजना चक्र का संबंध पीनियल ग्रंथि से होता है। जो हमारी दोनों भौहों के बीच में होती है। इसी कारण इसे “तीसरी आंख” थर्ड आई भी कहा जाता है। यहां स्थित आज्ञा चक्र को स्पष्टता और बुद्धि का केंद्र माना जाता है। यह चक्र हमारी इच्छा शक्ति को कंट्रोल करने में मदद करता हैं।

थर्ड आई जागृत होने या इनट्यूशन पावर बढ़ने से, इंसान को कई लाभ मिलते हैं। व्यक्ति का दिल और दिमाग एक ही तरीके से काम करना शुरू कर देता है। यह इंसान को किसी भी चीज के बारे में स्पष्टता प्रदान करता हैं। व्यक्ति की एकाग्रता बढ़ जाती है। व्यक्ति का अंतर्ज्ञान बढ़ जाता है। व्यक्ति चीजों को लेकर अधिक स्पष्ट हो जाता है। व्यक्ति अंदर से खुश होता है। इनट्यूशन पावर बढ़ने से व्यक्ति के हर काम में निश्चितता और स्पष्टता बढ़ जाती है। व्यक्ति मानसिक रूप से संतुलित होने लगता है। ऐसे व्यक्ति तनाव पूर्ण स्थिति में भी अपना आपा नहीं खोते हैं। इनटूशन पावर बढ़ने से व्यक्ति किसी भी  घटना के बारे में पूर्वानुमान लगाने में सफल होने लगता है। थर्ड आई जागृत होने से व्यक्ति के अदंर सवेंदनशीलता बढ़ जाती है। वो सकारात्मक या नकारात्मक एनर्जी को आसानी से समझने लगते हैं।

यदि आपकी थर्ड आई जागृत, आपकी इनट्यूशन पावर बढ़ गई है, तो आप भविष्य में होने वाली चीजों को आसानी से समझने लगेंगे। आपको पहले से ही पता चलने लगेगा, की कौनसी घटना घटने वाली हैं। इस घटना का क्या प्रभाव व्यक्ति पर होगा। यह सब आपको समझ आने लगता है। आपका फोकस जितना ज्यादा होगा। आपकी इनटूशन पावर भी उतनी ही ज्यादा होगी। बिना देरी किये, अब हम आपको बताने वाले हैं, की कैसे अपनी थर्ड आई को जागृत कर सकते हैं। अपनी इनट्यूशन पावर को बढ़ा सकते है। जिससे भविष्य में होने वाली घटनायों के बारें में आप पहले से जान सकें।

·         थर्ड आई को जागृत करने और इनट्यूशन पावर को बढ़ाने के लिए जो सबसे सरल और आसान उपाय हैं, वो है अपनी भोहों के मध्य दवाब देना।  यदि कोई व्यक्ति रोज 5 से 10 मिनिट तक अपने आज्ञा चक्र पर, तर्जनी ऊँगली से दवाब डालता है। तो उसकी थर्ड आई जागृत होना शुरू हो जाती है। इनट्यूशन पावर बढ़ने लगती है। ध्यान रखें यह उपाय आपको रोज करना है। तभी इसका असर आपको दिखाई देगा।

·         अपनी इनट्यूशन पावर को बढ़ाने का एक और आसान तरीका है। वो है दोनों भोह के बीच, आज्ञा चक्र पर तर्जनी ऊँगली से ऊपर से नीचे की और रगड़ना। एक बार में कम से कम, 100 बार इस प्रकिया को दोहराए।  ऐसा माना जाता है, व्यक्ति जितना अधिक इस जगह को रगड़ता हैं। उसकी इनट्यूशन पावर बढ़ती जाती है।

·         यदि कोई भी व्यक्ति शांत जगह बैठकर सुबह के समय लम्बी और गहरी साँसों का अभ्यास नियमित रूप से 15 से 20 मिनिट करता है, तो भी उसकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है, और थर्ड आई ओपन होने लगती है।

·         “ॐ” मन्त्र का गुंजन भी इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को खोलने में बहुत मदद करता हैं। यदि व्यक्ति रोज “ॐ” का गुंजन करते हुए, आज्ञा चक्र पर ध्यान केन्द्रित करता हैं। तो उसकी थर्ड आई खुलने लगती है।

·         मौन रहना भी इनट्यूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को जागृत करने में मदद करता हैं। मौन रहने से व्यक्ति कि एनेर्जी बर्बाद नहीं होती है। यदि व्यक्ति रोज, सिर्फ जितना जरूरत होउतना ही बोले तो इंसान की इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।  मौन रहने का कुछ दिन अभ्यास करने से व्यक्ति यह समझने लगता हैं कि उसे कहां कितना और क्या बोलना हैऔर क्या नहीं बोलना है। जब व्यक्ति को यह समझ होने लगती हैतो आपके मौन का सीधा प्रभाव थर्ड आई पर पड़ता है। वह सक्रिय होने लगती है। जिसकी वजह से आपकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।

·          इनटूशन पावर बढ़ाने के लिए, सफेद या लाल चन्दन में कपूर मिलाकर,अनामिका ऊँगली से दोनों भोहों के बीच में तिल लगाने से भी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।

·         थर्ड आई को जागृत करने के लिए, सबसे आसान और सरल चीज है। वो है ध्यान। ध्यान एक ऐसी विधा है, जो न केवल आपके इनटूशन पावर को बढ़ाता है, बल्कि थर्ड आई को खोलने में भी मदद करता हैं। ध्यान व्यक्ति को  सेहत से जुड़ा हुआ लाभ भी देता है। यह व्यक्ति के दिमाग को मजबूत बनाता हैं। ब्रेन पावर बढ़ाता है। वैसे जो लोग लम्बे समय तक, कंप्यूटर पर बैठकर काम करते हैं, या फिर मेंटली वर्क लोड जिन पर ज्यादा होता है। उन्हें अपनी दिनचर्या में ध्यान को जरूर शामिल करना चाहिए।  दोनों भौहों के मध्य ध्यान लगाने से व्यक्ति की थर्ड आई को जागृत होने लगती है। उसकी इनटूशन पावर बढ़ने लगती है।  कम से कम 15 मिनिट तक रोज ध्यान लगाने से, आपको इसका लाभ मिलने लगता है। ध्यान करने के लिए आप त्राटक का भी सहारा ले सकते हैं।   

·         इनटूशन पावर बढ़ाने और थर्ड आई को खोलने के लिए आप योग का भी सहारा ले सकते हैं। नियमित रूप से योग का किया गया अभ्यास भी आपको इसमें बहुत मदद करता हैं। आप नाड़ी शोधन प्राणायाम, भुमी पाद मस्तकासन, शशांकासन, शिरसासन और कपालभाति प्राणायाम को शामिल कर सकते हैं।

·          शाम्भवी मुद्रा भी थर्ड आई खोलने में भी बहुत मदद करती है। इसे किसी योग्य गुरु की देखरेख में ही करें। क्योंकि यह मुद्रा बहुत ही प्रभावी है, गलत तरीके से करने की वजह से आपको नुकसान भी हो सकता है।

·         जैसा कि हम सभी जानते हैं, रंग हमारे शरीर पर बहुत गहरा प्रभाव डालते हैं। कुछ रंग चक्रों से भी जुड़े होते हैं। यही वजह है कि बैगनी रंग को थर्ड आई से जोड़ा गया है।  बैगनी रंग का प्रयोग इनटूशन पावर बढ़ाने  और थर्ड आई को जागृत करने में मदद करता है। यदि व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में अधिक से अधिक इस रंग का प्रयोग करता हैंतो भी उसकी थर्ड आई जागृत होने लगती है।

वैसे तो हमारे धर्म ग्रंथों में थर्ड आई को जागृत करने और इनटूशन पावर बढ़ाने के लिए कई उपाय बताएं गये हैं। लेकिन हमने यहाँ पर सिर्फ वही टिप्स बताई है, जो बहुत ही असरकारक हैं। जिनको करना भी बहुत आसान है। यदि आप भी अपनी इनटूशन पावर बढ़ाना चाहते हैं, तो इन्हें जरुर अपनाए। कमेंट्स में अपना अनुभव भी जरुर बताये।

रविवार, 12 दिसंबर 2021

RAHU or KETU and date राहु और केतु की तारीख का प्रभाव

 


आपकी कुंडली में राहु और केतुकी डिग्री देख लो । और गोचर का सूर्य उस डिग्रीके ऊपर पर कौन सी तारीख को आता है वह डेट नोट कर लो ।  मान लो की राहु आपकी कुंडली में मेष राशि में 6 डिग्री का है और केतु तुला राशि में 6 डिग्री का है तो सूर्य हर साल 20 अप्रैल के आसपास मेष में राहु की 6 डिग्री पर आता है  और 23 अक्टूबर के आसपास तुलामें केतु की  6 डिग्री के ऊपर  आता है । 

तो उदाहरण कुंडली में  राहु वाली डेट  20 अप्रैल के आसपास मतलब 15 अप्रैल से 25 अप्रैल के बीच जिसका भी जन्म हो ऐसा इंसान अगर आपकी जिंदगी में आता है तो.....  फिर  चाहे वह पुरुष हो या स्त्री हो । बॉयफ्रेंड हो या गर्लफ्रेंड हो । पति हो या पत्नी हो । बेटा हो या बेटी हो ।  दोस्त हो या बिजनेस में पाटनर हो .... तो आने वाले  इंसान का आपके  पिछले जन्म से कोई न कोई लेन-देन जरूर होता है । वह अपना ऋण चुकाने आपकी  जिंदगी में आया है ।   

आपके जीवन में उसके आने के बाद आपका भाग्य खुलता है । तरक्की होती है आमदनी बढ़ती है स्वास्थ्य में सुधार होता है । कार्यों में सफलता मिलती है और आपके जीवन में खुशियां आती है ।

उसी प्रकार उदाहरण कुंडलीमें  केतु वाली तारीख   23 अक्टूबर के आसपास  मतलब 18 अक्टूबर से 28 अक्टूबर के बीच  जिसका जन्म हो ऐसा कोई इंसान अगर आपकी जिंदगी में आता है तो समझ लो कि उसके साथ आपका पिछले जन्म का कोई ना कोई नेगेटिव  नाता है और वह पिछले जन्म के आपके  कर्मों का  बदला लेने और अपना  हिसाब चूकते करने और आपसे कुछ ना कुछ  लेने आया है । इसीलिए उसके आने के बाद  आपको नुकसान हो सकता है  । भाग्य हानि भी हो सकती है । उसके आने के बाद आपकी आमदनी कम होती है । जीवन में तनाव बढ़ता है । वह आपसे लेने के लिए ही आया है । बेटा बनकर आ सकता है या बीवी बनकर भी आ सकता है । बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड बन कर भी आ सकता है । 

कुंडली मैचिंग में या पार्टनर की पसंदगी में यह बात हमेशा याद रखें । बड़ी बड़ी कंपनी वाले अपना स्टाफ सिलेक्शन करने के लिए भी यह सिद्धांत का उपयोग कर सकते हैं ।

आपकी कुंडली में राहु की डिग्री और केतु की डिग्री को पकड़ो और उस डिग्री के ऊपर  कौन सी तारीख को सूर्य आता है वह तारीख को  पकड़ के चलो  । 5 दिन आगे 5 दिन पीछे चल सकते हैं ।

राहु और केतु की डिग्री बहुत ही सेंसिटिव होती है और उस डिग्री पर जब भी सूर्य आता है उस दिन आपको बहुत संभालना पड़ता है । एक्सीडेंट भी हो सकता है । कोई बुरी खबर भी आ सकती है । कोर्ट की नोटिस भी आ सकती है । किसी से झगड़ा भी हो सकता है । 

बहुत रिसर्च के बाद यह पोस्ट मैंने लिखी है । आप भी खुद अनुभव करें । 

अश्विन रावल                  25.11.2021

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