शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को शुक्र की होरा में अपनी अनामिका उंगली की नाप का छल्ला खरीद कर लायें । इसे गंगाजल, दूध , शहद से पवित्र करके...केले के पेड़ में चाकू से चीरा लगा कर अंदर फंसा देवें, छल्ले को तने में इतना फंसा देवें की बाहर से दिखाई न देवे । इस कटे भाग पर हल्दी से स्वास्तिक बना कर केले के पेड़ में जल देवें और धूप दीप जला कर केले के पेड़ की पूजा करें । यह पूजा नित्य पूर्णिमा तक करें व केले के पेड़ को जल नित्य देवें । पूर्णिमा को पूजा करने के बाद छल्ले को तने से निकाल कर घर ले आयें और विधिवत पूजा करके चन्द्र की होरा में उंगली में धारण कर लेवें ।
शुक्रवार, 26 जुलाई 2024
धन व शीघ्र विवाह और सुखी वैवाहिक जीवन के लिये अनुभूत उपाय
बहुत कठिन सघन विपत्ति आ गयी हो
बहुत कठिन सघन विपत्ति आ गयी हो , बात एक दम गले तक आ गई हो , जान पर बन आयी हो तब यह उपाय करें , आप निश्चित ही उस समस्या से निकल जाएंगे । यह प्रयोग उनके लिये खास है जो सघन बीमारी झेल रहे हों , अचानक कोई दुर्घटना हो गयी हो, पुलिस कोर्ट-कचहरी का मामला हो गया हो । किसी का विवाह या अन्य कोई शुभ कार्य होना है उसमें धन या अन्य वजह से रुकावट आ रही हो , कर्ज से गला घुट रहा हो , कर्जदार बहुत परेशान कर रहें हो, शत्रु परेशान कर रहा हो..नौकरी नही लग रही हो या कोई भी मनोकामना सिद्धि के लिए यह एक उपाय विधि कीजिये तुरंत समाधान व राहत मिल जायेगी । यह प्रयोग विधि 3 दिन मंगलवार-शनिवार-मंगलवार की है । विधि इस प्रकार है :-
कालसर्प योग/दोष व इसका सटीक उपाय
ये उपाय आप वैसे तो किसी भी दिन कर सकते हैं पर सोमवार हो या मास शिवरात्रि हो या मुख्य शिवरात्रि हो या नागपंचमी को करें तो सबसे बढ़िया है । इसके लिये आपको चाहिये बालू मिट्टी ... मिट्टी कहीं खुदाई में नीचे के मिल जाये तो अति उत्तम वरना सही जगह से ज़मीन खोद के मिट्टी लेवें , नदी किनारे की हो या समुद्र किनारे की हो तो भी कोई हर्ज नही । उस मिट्टी को छान कर घर ले आएं जो लोग किसी पोखर, तालाब, नदी या समंदर के किनारे पूजा करना चाहते हैं तो कोई नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ है । इस मिट्टी में थोड़ा दूध, गंगाजल, गौमूत्र का छांटा दे देवें और एक शिवलिंग का निर्माण करें ।सभी धातुओं, पदार्थों में मिट्टी का शिवलिंग सर्वश्रेष्ठ होता है । स्वयं श्रीराम जी ने मिट्टी की शिवलिंग की स्थापना की थी जो अब रामेश्वरम के नाम से प्रसिद्ध है । ऐसी शिवलिंग की विधिवत पूजा करें । बिल्कुल थोड़ा दूध या जल ही चढ़ाएं । पूजा करने के बाद जब शाम को या अगले दिन वह शिवलिंग की मिट्टी सूख कर मिट्टी के ढेर में बदल जायेगी , अब आप चाहें तो इस मिट्टी को एक गमले में डाल कर कोई भी पौधा लगा सकते हैं या तुलसी के पौधे को छोड़कर अन्य पौधों में डाल सकते हैं ।
हनुमान चालीसा व उसको करने का असरकारी तरीका
हनुमान चालीसा एक ऐसा पाठ है जो अधिकांश व्यक्ति अपनी नित्य पूजा में करते ही हैं। पर अधिकांश व्यक्तियों को इसका समुचित लाभ नही मिल पा रहा है ,उसका कारण है कि हम हनुमान चालीसा को गलत तरीके से पढ़ रहे हैं । इसकी एक छोटी सी विधि है जिसको करने से हनुमान चालीसा का लाभ आपको मिलेगा वरन इसकी शक्ति का भी आभास होने लगेगा ।यह विधि इस प्रकार है कि जब भी आप हनुमान चालीसा का पाठ करें उससे पूर्व 108 बार श्रीराम नाम का उच्चारण करें फिर हनुमान चालीसा व उसके बाद फिर 108 बार श्रीराम नाम का उच्चारण करें । इस तरह से ये कवच का कार्य करता है । कहा जाता है कि सीधे हनुमान चालीसा का पाठ करने से इसकी शक्ति भटक जाती है , इधर उधर फैल जाती है । इसको एकत्र करने के लिये हनुमान चालीसा के आगे व पीछे 108-108 बार श्रीराम नाम लगाना चाहिये । ये एक कैप्सूल की तरह काम करता है । एक कवच एक ताबीज़ की तरह ..इससे चालीसा की शक्ति ऊर्जा आपके शरीर में ही समाने लगती हैं । करके देखें अवश्य लाभ मिलेगा ।
गुरु की महादशा प्रयोग
वे सभी व्यक्ति जिनकी गुरु की महादशा अच्छी नही चल रही है , और जिनका गुरु नीच का हो, पीड़ित हो अथवा पापी हो वह सभी व्यक्ति गुरु की दशा सुधारने के लिये प्रयोग कर सकते हैं । एक पीतल के लोटे में दूध लेवें उसमें केसर की कुछ पत्तियां डाल देवें , एक चुटकी बेसन, थोड़ा बूरा मिला लेवें और बृहस्पतिवार के दिन शिवलिंग पर चढ़ा आएं । ध्यान रहे शिवलिंग के अलावा किसी और पर यह न चढ़ावें , चढ़ाने के बाद मंदिर में न रुकें न प्रार्थना करें न चढ़ाते हुए किसी मंत्र का जप करें । सीधे शब्दों में कहूँ तो ये आपको शिवलिंग पर ढोल के आ जाना है । बृहस्पतिवार के अलावा ये प्रयोग न करें ।
दुर्गा बीसा यंत्र : एक चमत्कारी यंत्र उसके महत्व और लाभ
हिंदू धर्म शास्त्रों में बड़े पैमाने पर यंत्र विद्या का जिक्र मिलता है। ग्रंथों में तंत्र, मंत्र और यंत्र, इन तीनों मार्गों को जीवन सुखमय बनाने का मार्ग बताया गया है। इनमें से आम लोग तंत्र से दूर ही रहना पसंद करते हैं और मंत्र सिद्ध करना आसान नहीं है। ऐसे में तीसरा मार्ग बचता है यंत्र। यंत्र कुछ विशेष प्रकार की ज्यामितिय आकृतियों का संयोजन होता है, जिसे किसी देवी या देवता विशेष के लिए बनाया जाता है। शास्त्रों में यंत्रों को साक्षात देवी-देवता का स्वरूप कहा गया है। शास्त्रों में मंत्र को देवी-देवताओं की आत्मा कहा गया है तो यंत्र को उनका शरीर। यह बात इस मंत्र से सिद्ध हो जाती है 'यंत्र देवानां गृहम्" अर्थात यंत्र देवताओं का निवास स्थान है।
धन संबंधी और कर्ज़ संबंधी परेशानी का सरल उपाय
लेखक - पी. ए. बाला
जो भी व्यक्ति धन संबंधी , कर्ज़ संबंधी परेशानियों से गुज़र रहे हैं । वह व्यक्ति नित्य प्रातः 3:00-3:30 बजे उठ कर अपने पलंग पर ही "वेंकटेश सुप्रभातम" सुनें । जो पढ़ सकते हैं वह पढ़ें , अन्यथा सुनें । एम. एस. सुब्बुलक्ष्मी जी की आवाज़ में बेहद दिव्य है । इसके पश्चात आप वापिस सो सकते हैं । सुप्रभातम श्रीहरि को उठाने के लिये किया जाता है , कई विद्वान ये भी मत रखेंगे कि आप विष्णु जी को जगा कर खुद वापिस कैसे सो सकते हैं .. सच मानिये जब आप इस प्रयोग को करेंगे तो पाएंगे थोड़े दिन में आपकी दिनचर्या बदल गई है , आप स्वयं स्वेच्छा से ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाया करेंगे ।
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कलौंजी-एक रामबांण दवाः- मिस्र, जोर्डन, जर्मनी, अमेरीका, भारत, पाकिस्तान आदि देशों के 200 से ज्यादा विश्वविद्यालयों में 1959 के बाद कलौंजी पर...
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गेहूं का आटा 50 ग्राम डालडा 10 ग्राम चीनी 50 ग्राम( स्वाद अनुसार कम या ज्यादा) दूध 1 पाव ( ऑप्शनल) कड़ाही में गेहूं का आटा डालकर हल्का सा ...