मंगलवार, 2 नवंबर 2010

बालों को हटाना

बालों को हटाना
चिकित्सा :
1. थूहर : थूहर का दूध, बालों को जड़ से उखाड़कर लगाने के बाद दुबारा बाल नहीं उगते हैं।
2. कुसुम्बा : कुसुम्बा के तेल की मालिश करने से अनचाहे बाल थोड़ी ही देर में उड़ जाते हैं।
3. शंख-भस्म (शंख की राख) : 50 ग्राम शंख-भस्म, 10 ग्राम हरताल बिर्कया आदि को लेकर बारीक पीसकर रख लें। इसे आवश्कतानुसार लेकर पानी के साथ मिलाकर सिर पर लेप करने से बाल उड़ जाते हैं।
4. अजवायन : खुरासानी अजवायन और अफीम आधा-आधा ग्राम लेकर सिरके में घोट लें और इसे बालों में लगाने से बाल उड़ जाते हैं।
5. हल्दी : अगर शरीर में कही भी अनचाहे बाल उगें हो तो हल्दी का लेप लगायें।

बालों के रोग

बालों के रोग
तिल :
200 ग्राम तिल और नारियल (गोला) के 5 ग्राम गर्म तेल में कपूर का चूर्ण मिलाकर उसे ठंड़ा कर लें। इसे सुबह-शाम बालों की जड़ों में मालिश करने से बालों के रोगों में लाभ होता है।
बालों के गिरने पर तिल का तेल लगाने से लाभ होता है और यह सिर को भी ठंड़ा रखता है।
लगभग 10-10 ग्राम तिल के फूल, गोखरू और नमक को एक साथ पीसकर मक्खन में मिलाकर बालों की जड़ों में मालिश करें। इससे बालों के सभी रोग मिट जाते हैं।
उड़द की दाल :
200 ग्राम उड़द की दाल, 100 ग्राम आंवला, 50 ग्राम शिकाकाई, 25 ग्राम मेथी को कूटकर छान लें। इस मिश्रण में से 25 ग्राम को खुराक के रूप में 200 ग्राम पानी के साथ एक घंटा भिगोकर रख दें और इसके बाद इसे अच्छी तरह से मिलाकर छानकर बालों को धो लें। इससे बालों के रोगों में लाभ होता है। उड़द की दाल उबालकर पीस लें और इसको रात को सोते समय सिर के गंजेपन की जगह पर लगायें। इसका प्रयोग करने से बाल उग आते हैं।
तेज जैतून
60 ग्राम तेज जैतून में 2 सूखी जौंक को जला लें और इसको ठंड़ा करके छान लें। इस मिश्रण से बने तेल को सिर के गंजे भाग पर मालिश करने से लाभ होता है।
सुहागा
20 ग्राम सुहागा और 10 ग्राम कपूर को 50 ग्राम उबले पानी में मिलाकर हल्के गर्म पानी के साथ धोने से बाल मुलायम तथा काले बनते हैं।
राई
लगभग 10-10 ग्राम राई और बकरी की मेंगनी को एक साथ पीसकर लेप बना लें। इस लेप को बालों में प्रयोग करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
मक्खन
मक्खन के साथ हल्दी मिलाकर सिर में मालिश करने से बालों को लाभ होता है।

चुकन्दर
50-50 ग्राम चुकन्दर और आंवले के रस को 100 ग्राम तिल के तेल में मिलाकर जला लें। थोड़ा तेल रह जाने पर उतारकर ठंड़ा कर लें। इस तेल को बालों पर मालिश करने से बाल काले हो जाते हैं।
चुकन्दर के रस में आंवले को पीसकर सिर पर लगाने से 7 दिनों के अन्दर गंजे सिर में बाल आने शुरू हो जाते हैं।
चुकन्दर और मेंहदी के पत्तों को जल में भिगोकर पीस लें और इसको माथे पर लगातार कुछ महीने तक लगायें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है।
चमेली
चमेली के पत्ते, कनेर, चीता और करंज को पानी के साथ पीस लें, फिर इसकी लुगदी के वजन से 4 गुना मीठा तेल और तेल के वजन से 4 गुना जल और बकरी का दूध लें, इन सबको मिलाकर पका लें। जब थोड़ा तेल ही बाकी रह जाय तब उसे उतारकर छान लें। इस तरह इस तेल को सिर पर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
चमेली के तेल को सिर में लगाने से सिर-दर्द ठीक हो जाता है।
गेहूं
गेहूं के पौधों के हरे पत्तों का रस निकालकर रोजाना सुबह कुछ दिनों तक लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
गेहूं के पौधों का रस 1 कप रोजाना 40 दिन तक पीने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
बन्दगोभी (पत्तागोभी)
बन्दगोभी की सब्जी खाने और इसके भीतर वाला भाग रोजाना खाने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
अनार
अनार के पत्ते को पानी के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
लहसुन
सिर के बाल उड़ने पर लहसुन को खाने से बाल फिर से उग आते हैं।
धनिया
हरे धनिये का रस सिर के गंजे स्थान पर लगाने से बाल उग आते हैं।
धतूरा
4 किलो सरसों का तेल और धतूरे के पत्तों का रस 16 किलो को एक साथ मिलाकर मन्दी आंच पर पकायें, जब तेल मात्र शेष रह जाए तो इसे बोतल में भरकर रख लें। इस तेल को बालों में लगाने से सिर की जुंए मर जाती हैं।
धतूरा की पत्तियों के रस को सिर के बालों की जड़ों में लगाने से जुएं व लीखे नष्ट हो जाती हैं। रस में कपूर को मिलाकर लगाने से अधिक प्रभावशाली असर होता है।
मुलहठी
मुलेठी के काढ़े से बाल धोने से बाल बढ़ते हैं।
मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
गुड़हल
गुड़हल के फूलों का रस बालों में रोजाना लगाने से बाल उड़ना बन्द हो जाते हैं।

नीम
नीम के पत्तों को पानी में खूब उबालकर ठंड़ा हो जाने पर इसी पानी से सिर को धोते रहने से बाल मजबूत, काले होते हैं और बालों का गिरना या झड़ना बन्द हो जाता है।
सिर के बाल उड़ जाने पर धब्बे और निशान बन जाते हैं। इसके लिए नीम का तेल प्रयोग में लाने से बाल फिर से उग आते हैं।
नीम का तेल रात को सोने से पहले बालों में लगा लें और सुबह नीम वाले साबुन से सिर को धो लें। कुछ दिनों तक नियमित यह प्रयोग करने से सिर की जुएं और लीखें नष्ट हो जाती हैं।
नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर स्नान करने से अनेक रोगों से मुक्ति मिल जाती है। इससे नहाने से बालों की जुऐं मर जाती हैं।
नीम के पत्तों का काढ़ा बनाकर सिर को धोकर नीम के तेल को रोजाना लगाने से सिर की जुएं और लीखों के कारण होने वाली खुजली बन्द हो जाती है। नीम के बीजों को पीसकर लगाने से भी लाभ होता है।
नीम और बेर के पत्तों को पानी में उबालकर बालों को धोकर बालों को सुखा लें। इसके बाद नीम के तेल को बालों की जड़ों में लगाकर मसलने से बालों का गिरना बन्द हो जाता है।
बरगद
बरगद के पत्तों की 20 ग्राम राख को 100 ग्राम अलसी के तेल में मिलाकर मलते रहने से सिर के बाल उग आते हैं।
बरगद के स्वच्छ कोमल पत्तों के रस में इसके बराबर मात्रा में तेल मिलाकर गर्म कर लें, इस तेल को बालों में लगाने से बालों के सभी रोग दूर होते हैं।
बरगद की जड़, जटा और जटामांसी का चूर्ण 25-25 ग्राम, तिल का तेल 400 ग्राम तथा गिलोय का रस 2 किलो सबको मिलाकर धूप में रख लें, जब पानी सूख जाये तो तेल को छानकर रख लें। इस तेल की मालिश से गंजापन दूर होकर बाल आ जाते हैं और बाल झड़ने बन्द हो जाते हैं।
बरगद की जटा और काले तिल को बराबर लेकर खूब बारीक पीसकर लेप बना लें। इस लेप को सिर पर लगाकर आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ करें और ऊपर से भांगरे एवं नारियल की गिरी को पीसकर लगायें। इससे बाल कुछ ही दिनों में काले और लंबे हो जाते हैं।
एरण्ड
ऐसे शिशु जिनके सिर पर बाल नहीं उगते हो या बहुत कम हो या ऐसे पुरुष स्त्री जिनकी पलकों व भौहों पर बहुत कम बाल हों तो उन्हें एरण्ड के तेल की मालिश नियमित रूप से सोते समय करना चाहिए। इससे कुछ ही हफ्तों में सुंदर, घने, लंबे और काले बाल पैदा हो जाएंगे।
एरण्ड के गूदे को पीसकर बाल गिर जाने के बाद लगाने से बाल फिर से उग आते हैं।
बेल
बेल को तिल के तेल में पीसकर सिर में लगाने से सिर के गंजेपन में लाभ होता है तथा बालों की जड़ें मजबूत होती हैं।
नींबू
नींबू के रस में आंवला के फलों को पीसकर बालों में लगाने से रूसी नष्ट होती है और बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
नहाने से पहले सिर में नींबू के रस से अच्छी तरह मालिश करने से बालों का पकना और गिरना दूर हो जाता है। इसके प्रयोग से जुंए भी नष्ट हो जाती हैं।
10 ग्राम नींबू के रस में 10 ग्राम नारियल का पानी मिलाकर बालों में अच्छी तरह से लगायें। इसको लगाने के 40-45 मिनट बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ महीनों तक ऐसा करने से बालों का टूटना बन्द हो जाता है तथा बाल लंबे और घने होते हैं।
रात को सोते समय नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर सिर में मालिश करने से लाभ होता है।
मेथी
मेथी के दानों को पानी में पीसकर बालों में सोते समय लेप लगाने से रूसी और खुश्की आदि रोग दूर होते हैं।
4 चम्मच अरण्डी तेल, 4 मसले हुए आलू, 2 चम्मच मेथी पाउडर, 2 चम्मच भृंगराज बूटी का पाउडर और 2 चम्मच शिकाकाई पाडडर का गाढ़ा घोल बनाकर बालों और सिर में लगा लें। एक घंटे तक लगा रहने दें और फिर धोयें।
4 चम्मच मेथी पाउडर, एक नींबू का रस, एक केला मसला हुए लेकर रख लें, फिर इन सबको मिलाकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को सिर पर लगाकर सूखने के बाद धोने से बाल साफ, मुलायम और चमकदार हो जायेंगे।
मेथी की हरी पत्तियां 70 ग्राम रातभर पानी में पड़ी रखें। प्रात: पानी छानकर निकाल दें और पत्तियों को बिना पानी डालकर पीस लें। इसमें 35 ग्राम दही मिलाकर पेस्ट को बालों पर लेप करें, बालों की जड़ों में लगायें। 20 मिनट बाद धोयें। इस प्राकृतिक कण्डीशनर से बाल मुलायम हो जायेंगें तथा फरास भी निकल जायेगी। मेथी और दही की मात्रा पेस्ट या बालों को कण्डीशनर जैसा बनाने के लिए आवश्यकतानुसार घटा-बढ़ा लें। मेथी के ताजा हरे पत्तों को पीसकर सिर में लगाने से बाल मुलायम होते हैं।
मेथी दाना 1 चम्मच और बेर के 10-15 पत्ते बारीक पीसकर सिर में लगा लें और 1 घण्टे के बाद सिर को धोयें। इससे बाल घुंघराले हो जायेंगे।
4 बड़े चम्मच दही में 3 चम्मच पिसी हुई मेथी दानों को भिगो दें, आधा घंटा भीगने के बाद सिर की त्वचा पर लगाकर आधा घंटा लगायें रखें, फिर बालों धो लें। इससे बाल मुलायम हो जायेंगे।

आंवला
आंवले का चूर्ण पानी में भिगोकर रात्रि में रख दें। सुबह इस पानी से रोजाना बालों को धोने से उनकी जड़े मजबूत होंगी, उनकी सुंदरता बढ़ेगी और मेंहदी मिलाकर बालों में लगाने से वे काले हो जाते हैं।
सूखा आंवला 30 ग्राम, बहेड़ा 10 ग्राम, आम की गुठली की गिरी 50 ग्राम और लौह चूर्ण 10 ग्राम को रात भर कढ़ाई में भिगोकर रखें। बालों पर इसका नित्य प्रति लेप करने से छोटी आयु में सफेद हुए बाल कुछ ही दिनों में काले पड़ जाते हैं।
आंवला, रीठा और शिकाकाई तीनों का काढ़ा बनाकर सिर को धोने से बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।
आंवले और आम की गुठली को एक साथ पीसकर सिर में लगाने से जड़ से लंबे, मजबूत और बाल पैदा होते हैं।
दही
आधा कप दही में एक नींबू निचोड़कर मिला लें। इसे बालों पर लगाएं और 20 मिनट तक लगा रहने दें। 20 मिनट के बाद सिर को धोने से बाल मुलायम एवं काले हो जाएंगे।
एक कप दही में नमक मिलाकर बालों में लगाने से सिर की रूसी दूर हो जाती है।
खट्टे दही को बालों की जड़ों में लगाकर थोड़ी देर तक मालिश करने के बाद उसे ठंड़े पानी से धो लें। इससे बालों का झड़ना बन्द हो जाता

अरहर
सिर के धब्बे को खुरदरे कपड़ों से रगड़कर साफ करने के बाद अरहर की दाल पीसकर रोजाना तीन बार इसका प्रयोग करें। इसके दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठ जाएं और 4 घण्टे बाद फिर से इसे लगायें, इसी तरह कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से बाल फिर से उग आते हैं।
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सिर के बालों के चकत्तों को खुरदरे कपड़े से रगड़कर अरहर की दाल पीसकर रोजाना 3 बार लेप करें, दूसरे दिन सरसों का तेल लगाकर धूप में बैठें। 4 घण्टे बाद फिर से लेप करें। इस तरह लगातार कुछ दिनों के प्रयोग से सिर के बाल उग आते हैं।
नमक
1-1 चम्मच पिसा हुआ नमक और कालीमिर्च, 5 चम्मच नारियल का तेल एक साथ मिलाकर बाल उडे़ जगह पर लगाने से वहां बाल फिर से आ जाते हैं।
केला
केले के गूदे को नींबू के रस के साथ पीसकर लगाने से गंजेपन का रोग मिट जाता है।
शरीफा
शरीफा के बीजों को बकरी के दूध के साथ पीसकर लगाने से उड़े बाल फिर से उग आते हैं।
नारियल :
नारियल का तेल बालों में लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
प्याज
एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच प्याज का रस मिलाकर बालों को धोने से लाभ होता है।
प्याज के रस को शहद में मिलाकर बालों की जड़ों में रोजाना लगाने से बालों का झड़ना कम हो जाता है।
जहां गंजापन हो वहां प्याज का रस रगड़ने से बाल फिर से उग आते हैं।
अदरक :
अदरक और प्याज के रस को सेंधानमक के साथ मिलाकर गंजे सिर पर मालिश करने से गंजेपन से राहत मिलती है।
अदरक के टुकडे़ को गिरे हुए बालों पर धीरे-धीरे स्पर्श करने से बालों के रोग मिट जाते हैं।
बड़ (बरगद) की दाढ़ी
60 ग्राम सूखी बड़ की दाढ़ी को पीसकर 250 ग्राम नारियल के तेल में 15 दिनों तक भिगोएं, फिर इसे छानकर रात को सिर में मालिश करें। इससे सिर के गंजेपन से छुटकारा मिल जाता है।

बाल सफेद होना-पालित रोग

बाल सफेद होना-पालित रोग
गौ नीला चित्रक
गौ नीला चित्रक के क्षुप को सूंघ लेने और उसकी जड़ को दूध में मिला देने मात्र से दूध काला हो जाने पर इसका प्रयोग करना चाहिए। इससे बाल काले हो जाते हैं।
कनैल
सफेद और लाल कनैल की पत्ती दूध में पीसकर सिर में लगाने से ``पलित रोग´´ से लाभ मिलता है। पीले रंग की फूलवाली कनैल इसके लिए और ज्यादा लाभकारी हैं।
भंगरैया
5-10 ग्राम भंगरैया सुबह-शाम सेवन करने से ``पलित´´ रोग मिट जाता है। भंगरैया के रस का लेप भी कर सकते हैं। इसके प्रयोग के कुछ दिनों तक धैर्य बनाये रखें।
भंगरैया के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) से सिद्ध तेल को सूंघने से बालों को सफेद होना, सिर दर्द और आंखों की रोशनी में लाभ पहुंचता हैं।
नीला चीता (चित्रक)
नीला चित्रक की जड का चूर्ण़ आधे से 2 ग्राम लगातार सेवन करने से बाल जड़ से काले हो जाते हैं।

आंवला
आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर लेप बनाएं। इस लेप को रोजाना सुबह बालों में अच्छी तरह लगा लें।
नोट : इस प्रयोग के दौरान साबुन का प्रयोग न करें। इससे सफेद बाल काले हो जायेंगे।
1 चम्मच आंवले का चूर्ण दो घूंट पानी के साथ सोते समय प्रयोग करें। यह बालों के सफेद होने को दूर करती है, चेहरे की रौनक नष्ट हो जाने पर अच्छा असर करती है और आवाज को मधुर एवं शुद्ध बनाती है।
सूखे आंवले के चूर्ण को पानी के साथ मिलाकर सिर पर लगाने के बाद बालों को अच्छी तरह धो लें। इससे सफेद बाल गिरना बन्द हो जायेंगे। सप्ताह में दो बार नहाने से पहले इसका प्रयोग करें। अपनी आवश्यकतानुसार करीब तीन महीने तक इसका प्रयोग कर सकते हैं।
25 ग्राम सूखे आंवले के यवकूट (मोटा-मोटा कूटकर) कर उसके टुकड़े को 250 ग्राम पानी में रात को भिगो दें। सुबह फूले आंवले को कड़े हाथ से मसलकर सारा जल पतले स्वच्छ कपड़े से छान लें। अब इस छाने हुए पानी को बालों की जड़ों में हल्के-हल्के हाथों से अच्छी तरह से लगाएं और 10-20 मिनट बाद बालों की जड़ को अच्छी तरह धो लें। रूखे बालों को 1 बार और चिकने बालों को सप्ताह में 2 बार यानी सुबह-शाम धोना चाहिए। आवश्यकता हो तो और भी धोया जा सकता है। जिस दिन बाल धोने हो, उसके एक दिन पहले रात में आंवले के तेल को अच्छी तरह से बालों पर मालिश कर लेना चाहिए। इससे बालों का सफेद बन्द हो जाता है और बाल काले होने लगते हैं।
हरे आंवलों को पीसकर साफ कपड़े में निचोड़कर 500 ग्राम रस निकालकर रख बर्तन में रख लें। फिर इस रस में 500 ग्राम साफ किया हुआ काले तिलों का तेल मिला लें और हल्की आग पर गर्म करें। गर्म करते समय जब आंवले का रस भाप बनकर उड़ जाए और केवल तेल ही बाकी रह जाये तब बर्तन को आग से नीचे उतारकर ठंड़ा कर लें। ठंड़ा हो जाने पर इसे फिल्टर बेग (पानी साफ करने की मशीन) की सहायता से छान लें। इसके बाद इस तेल को बोतल में भरकर रोजाना के प्रयोग में ला सकते हैं। इस तेल से बालों की जड़ों में अंगुलियों की पोरों से हल्की मालिश करना चाहिए। इससे बाल लम्बे और काले बनते हैं।
मेथी
मेथी को खाने और इसका तेल लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
नींबू :
दही और नींबू के रस का मिश्रण बनाकर बालों पर अच्छी तरह लगाने से बाल काले और मुलायम हो जाते हैं।
नींबू के रस में सूखे आंवले के बारीक चूर्ण को मिलाकर बालों पर लगातार लेप लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
नीम
नीम के बीजों को भांगरा के रस और असना पेड़ की छाल के काढ़े की अनेक भावना (उबाल) देकर उनका तेल निकाल लेते हैं। इस तेल की 2-2 बूंदों को नाक के द्वारा ले सकते हैं तथा भोजन में दूध और भात (चावल) को खाने से पालित रोग यानी बालों का सफेद होना रोग पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
नीम के बीजों के तेल को 2-2 बूंद नाक से लेने और केवल गाय के दूध का सेवन करने से पलित रोग में लाभ होता है।
इन्द्रायण
इन्द्रायण के बीजों का तेल और नारियल के तेल को एक समान मात्रा में लेकर बालों पर लगाने से बाल काले हो जाते हैं।
इन्द्रायण की जड़ के 3 से 5 ग्राम चूर्ण को गाय के दूध के साथ सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं। परन्तु ध्यान रहे कि पीने में केवल दूध ही पीना चाहिए।
सिर के बाल पूरी तरह से साफ कराके इन्द्रायण के बीजों का तेल लगाने से सिर के बाल काले हो जाते हैं।
नीम का तेल
नीम के तेल को सूंघने से बालों के काले होने में लाभ होता है।
सफेद तिल
सफेद तिल और चित्रक की जड़ पीसकर मट्ठा (मठ्ठा) के साथ मिलाकर पीने से ``पलित´´ रोग (बालों का सफेद होना) मिट जाता है।
गाजर
गाजर का रस प्रतिदिन सेवन करने से बाल सफेद नहीं होते, और जिसके सफेद बाल है वह काले हो जाते हैं।
तिल
तिल का लड्डू बनाकर खाने और सिर पर तिल के तेल के इस्तेमाल से बाल काले हो जाते हैं।
भांगरा (भगरिया)
भगरिया के पत्तों को पीसकर रस निकाल लें और उसे सिर के बालों पर अच्छी तरह लगा लें। इससे सिर के बाल काले होने लगते हैं।
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) :
त्रिफला का नियमित सेवन करने से बाल काले हो जाते हैं।
गोरखमुण्डी
गोरखमुण्डी के पंचांग (जड़, तना, पत्ती, फल और फूल) को पुष्पागमन से पूर्व काले भांगरे अथवा सामान्य भृंगराज को भी छाया में सुखा लेते हैं। दोनों के बराबर चूर्ण को 2 से 8 ग्राम तक शहद और घी से 40-80 दिनों तक सेवन करने से बालों के सभी रोग दूर हो जाते हैं तथा सफेद बाल काले होना शुरू हो जाते हैं।

बालों का बढ़ना

बालों का बढ़ना
1. अमरबेल : 250 ग्राम अमरबेल को लगभग 3 लीटर पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाये तो इसे उतार लें। सुबह इससे बालों को धोयें। इससे बाल लंबे होते हैं।
2. त्रिफला : त्रिफला के 2 से 6 ग्राम चूर्ण में लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग लौह भस्म मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से बालों का झड़ना बन्द हो जाता है।
3. कलौंजी : 50 ग्राम कलौंजी 1 लीटर पानी में उबाल लें। इस उबले हुए पानी से बालों को धोएं। इससे बाल 1 महीने में ही काफी लंबे हो जाते हैं।
4. नीम : नीम और बेर के पत्तों को पानी के साथ पीसकर सिर पर लगा लें और इसके 2-3 घण्टों के बाद बालों को धो डालें। इससे बालों का झड़ना कम हो जाता है और बाल लंबे भी होते हैं।
5. लहसुन : लहसुन का रस निकालकर सिर में लगाने से बाल उग आते हैं।
6. सीताफल : सीताफल के बीज और बेर के बीज के पत्ते बराबर मात्रा में लेकर पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं। ऐसा करने से बाल लंबे हो जाते हैं।
7. आम : 10 ग्राम आम की गिरी को आंवले के रस में पीसकर बालों में लगाना चाहिए। इससे बाल लंबे और घुंघराले हो जाते हैं।
8. शिकाकाई : शिकाकाई और सूखे आंवले को 25-25 ग्राम लेकर थोड़ा-सा कूटकर इसके टुकड़े कर लें। इन टुकड़ों को 500 ग्राम पानी में रात को डालकर भिगो दें। सुबह इस पानी को कपड़े के साथ मसलकर छान लें और इससे सिर की मालिश करें। 10-20 मिनट बाद नहा लें। इस तरह शिकाकाई और आंवलों के पानी से सिर को धोकर और बालों के सूखने पर नारियल का तेल लगाने से बाल लंबे, मुलायम और चमकदार बन जाते हैं। गर्मियों में यह प्रयोग सही रहता है। इससे बाल सफेद नहीं होते अगर बाल सफेद हो भी जाते हैं तो वह काले हो जाते हैं।
9. मूली : आधी से 1 मूली रोजाना दोपहर में खाना-खाने के बाद, कालीमिर्च के साथ नमक लगाकर खाने से बालों का रंग साफ होता है और बाल लंबे भी हो जाते हैं। इसका प्रयोग 3-4 महीने तक लगातार करें। 1 महीने तक इसका सेवन करने से कब्ज, अफारा और अरुचि में आराम मिलता है।
नोट : मूली जिसके लिए फयदेमन्द हो वही इसका प्रयोग कर सकते हैं।
10. आंवला : सूखे आंवले और मेंहदी को समान मात्रा में लेकर शाम को पानी में भिगो दें। प्रात: इससे बालों को धोयें। इसका प्रयोग लगातार कई दिनों तक करने से बाल मुलायम और लंबे हो जायेंगे।
11. ककड़ी : ककड़ी में सिलिकन और सल्फर अधिक मात्रा में होता है जो बालों को बढ़ाते हैं। ककड़ी के रस से बालों को धोने से तथा ककड़ी, गाजर और पालक सबको मिलाकर रस पीने से बाल बढ़ते हैं। यदि यह सब उपलब्ध न हो तो जो भी मिले उसका रस मिलाकर पी लें। इस प्रयोग से नाखून गिरना भी बन्द हो जाता है।
12. रीठा
कपूर कचरी 100 ग्राम, नागरमोथा 100 ग्राम, कपूर तथा रीठे के फल की गिरी 40-40 ग्राम, शिकाकाई 250 ग्राम और आंवले 200 ग्राम की मात्रा में लेकर सभी का चूर्ण तैयार कर लें। इस मिश्रण के 50 ग्राम चूर्ण में पानी मिलाकर लुग्दी (लेप) बनाकर बालों में लगाना चाहिए। इसके पश्चात् बालों को गरम पानी से खूब साफ कर लें। इससे सिर के अन्दर की जूं-लींकें मर जाती हैं और बाल मुलायम हो जाते हैं।
रीठा, आंवला, सिकाकाई तीनों को मिलाने के बाद बाल धोने से बाल सिल्की, चमकदार, रूसी-रहित और घने हो जाते हैं।
13. गुड़हल :
गुड़हल के फूलों के रस को निकालकर सिर में डालने से बाल बढ़ते हैं।
गुड़हल के पत्तों को पीसकर लुग्दी बना लें। इस लुग्दी को नहाने से 2 घंटे पहले बालों की जड़ों में मालिश करके लगायें। फिर नहायें और इसे साफ कर लें। इस प्रयोग को नियमित रूप से करते रहने से न केवल बालों को पोषण मिलेगा, बल्कि सिर में भी ठंड़क का अनुभव होगा।
गुड़हल के पत्ते और फूलों को बराबर की मात्रा में लेकर पीसकर लेप तैयार करें। इस लेप को सोते समय बालों में लगाएं और सुबह धोयें। ऐसा कुछ दिनों तक नियमित रूप से करने से बाल स्वस्थ बने रहते हैं।
गुड़हल के ताजे फूलों के रस में जैतून का तेल बराबर मिलाकर आग पर पकायें, जब जल का अंश उड़ जाये तो इसे शीशी में भरकर रख लें। रोजाना नहाने के बाद इसे बालों की जड़ों में मल-मलकर लगाना चाहिए। इससे बाल चमकीले होकर लंबे हो जाते हैं।
14. शांखपुष्पी : शांखपुष्पी से निर्मित तेल रोज लगाने से सफेद बाल काले हो जाते हैं।
15. भांगरा :
बालों को छोटा करके उस स्थान पर जहां पर बाल न हों भांगरा के पत्तों के रस से मालिश करने से कुछ ही दिनों में अच्छे काले बाल निकलते हैं जिनके बाल टूटते हैं या दो मुंहे हो जाते हैं। उन्हें इस प्रयोग को अवश्य ही करना चाहिए।
त्रिफला के चूर्ण को भांगरा के रस में 3 उबाल देकर अच्छी तरह से सुखाकर खरल यानी पीसकर रख लें। इसे प्रतिदिन सुबह के समय लगभग 2 ग्राम तक सेवन करने से बालों का सफेद होना बन्द जाता है तथा इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।
आंवलों का मोटा चूर्ण करके, चीनी के मिट्टी के प्याले में रखकर ऊपर से भांगरा का इतना डाले कि आंवले उसमें डूब जाएं। फिर इसे खरलकर सुखा लेते हैं। इसी प्रकार 7 भावनाएं (उबाल) देकर सुखा लेते हैं। प्रतिदिन 3 ग्राम की मात्रा में ताजे पानी के साथ सेवन से करने से असमय ही बालों का सफेद होना बन्द जाता है। यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने वाला, उम्र को बढ़ाने वाला लाभकारी योग है।
भांगरा, त्रिफला, अनन्तमूल और आम की गुठली का मिश्रण तथा 10 ग्राम मण्डूर कल्क व आधा किलो तेल को एक लीटर पानी के साथ पकायें। जब केवल तेल शेष बचे तो इसे छानकर रख लें। इसके प्रयोग से बालों के सभी प्रकार के रोग मिट जाते हैं।
16. अनन्तमूल : अनन्तमूल की जड़ का चूर्ण 2-2 ग्राम दिन में 3 बार पानी के साथ सेवन करने से सिर का गंजापन दूर होता है।
17. तिल :
तिल के पौधे की जड़ और पत्तों के काढ़े से बालों को धोने से बालों पर काला रंग आने लगता है।
काले तिलों के तेल को शुद्ध करके बालों में लगाने से बाल असमय में सफेद नहीं होते हैं। प्रतिदिन सिर में तिल के तेल की मालिश करने से बाल हमेशा मुलायम, काले और घने रहते हैं।
तिल के फूल और गोक्षुर को बराबर मात्रा में लेकर घी और शहद में पीसकर लेप बना लें। इसे सिर पर लेप करने से गंजापन दूर होता है।
तिल के तेल की मालिश करने के एक घंटे बाद एक तौलिया गर्म पानी में डुबोकर उसे निचोड़कर सिर पर लपेट लें तथा ठण्डा होने पर दोबारा गर्म पानी में डुबोकर निचोड़कर सिर पर लपेट लें। इस प्रकार 5 मिनट लपेटे रखें। फिर ठंड़े पानी से सिर को धो लें। ऐसा करने से बालों की रूसी दूर हो जाती है।

सोमवार, 1 नवंबर 2010

प्याज के कुछ औषधीय उपयोग

प्याज के कुछ औषधीय उपयोग

प्याज न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि शरीरिक प्रक्रियाओं को भी संतुलित रखता है। सब्जियों में प्याज एक ऐसी सब्जी है, जिसका इस्तेमाल प्रायः हर घर में होता है। सब्जी हो या सलाद, प्याज का कोई सानी नहीं है। प्याज की तासीर गर्म होती है। यह हमें रोजमर्रा की तमाम परेशानियों से दूर रखता है। इसमें केलिसिन और विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में होता है। इसलिए यह सेहत की दृष्टि से भी उपयोगी है। इसे आप कच्चा खाएं या सब्जियों के साथ पका कर, हर हाल में यह लाभ ही देता है। क्या आप जानती हैं, प्याज के कुछ और औषधीय उपयोगों के बारे में।
सिर में दर्द हो, तो प्याज पीसकर पैरों के नीचे तलवे में लगाएं। प्याज को काटकर सूंघने से भी सिर का दर्द ठीक होता है।
बवासीर में प्याज के 4-5 चम्मच रस में मिश्री और पानी मिलाकर नियमित रूप से कुछ दिन तक सेवन करने से खून आना बंद हो जाता है।
घाव में नीम के पत्ते का रस और प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर लगाने से शीघ्र ही घाव भर जाता है।
प्याज के रस में दही, तुलसी का रस तथा नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों का गिरना बंद हो जाता है और रूसी की समस्या से भी निजात मिलती है।
मासिक धर्म की अनियमितता या दर्द में प्याज के रस के साथ शहद लेने से काफी लाभ मिलता है। इसमें प्याज का रस 3-4 चम्मच तथा शहद की मात्रा एक चम्मच होनी चाहिए।
गर्मियों में प्याज रोज खाना चाहिए। यह आपको लू लगने से बचाएगा। अगर लू लग गई हो, तो प्याज का रस दो-चार चम्मच पिएं। इसके रस को कनपटी व छाती पर मलें।
प्याज का रस और सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
प्याज के 3-4 चम्मच रस में घी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
प्याज के रस में चीनी मिलाकर शर्बत बनाएं और पथरी से पीड़ित व्यक्ति को पिलाएं। इसे प्रातः खाली पेट ही पिएं। मूत्राशय की पथरी छोटे-छोटे कणों के रूप में बाहर निकल जाएगी। लेकिन ध्यान रहे, एक बार में इसका बहुत अधिक सेवन न करें।

आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता नींबू

Sunday, October 03, 2010
आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता नींबू

नींबू सदाबहार सर्वोत्तम रोगनाशक व आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता है। नींबू की कई किस्में हैं। सभी किस्म उपयोगी व फलदायी हैं।
नींबू का सेवन कैसे करें
किसी भी चीज का सेवन करने के लिए जानकारी पहले जरूरी है।
नींबू का सेवन का सबसे आसान तरीका है कि एक ग्लासस गुनगुना पानी में नींबू निचोड कर पीलें।
नींबू में अग्नि का बल होता है इसमें दो चुटकी सेंधा नमक या काला नमक अवश्य डालें ।
नींबू वर्षाकाल में अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि बरसात में हमेशा शरीर के अंदर दूषित तत्व (टाक्सिक) बनते हैं। उन्हें नींबू दूर करता है तथा बरसात में होने वाली तमाम बीमारियों से बचाता है।
नींबू का रस हमेशा छानकर ही लेना चाहिए नींबू का बीज लेना उचित नहीं है।
नींबू का रस कांच या मिट्टी के बरतन में ही रखें. काऱण अन्य धातु में यह जहरीला हो जाता है।
जहां तक संभव हो कागजी नींबू इस्तेमाल करें। सावधानी-
जिन लोगों को दमा, खांसी, जुकाम की शिकायत हो, उन्हें नींबू नहीं लेना चाहिए। नींबू एक, गुण अनेक
नींबू खट्टी ढकारों को दूर करता है, वायु विकार मिटाकर भूख बढ़ाता है, नींबू खाने को जल्दी हजम करता है, नीबू पेट के कीटाणुओं व कीड़ों को नष्ट करता है।किसी भी रूप में रोजाना नींबू का सेवन करना चाहिये
थकान दूर कर स्फूर्ति का संचार करता है, पेट का दर्द ठीक करता है।
भोजन के प्रति अरुचि दूर करने में सबसे ज्यादा लाभ कारी है।नींबू का पुराना अचार लाभकारी है।
मुंह का स्वाद बढ़ाता है व कब्ज दूर करता है।
हैजे से बचाव करता है, नींबू के रस में चीनी मिलाकर(शिकंजी) लेने से हैजे में आराम मिलता है।
यात्रा में वमन रोकने व दूर करने का सरल उपाय नींबू है।
खट्टे फलों में नींबू लेने से स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं होती है। जोड़ों की खुश्की दूर करता है।
दांतों तथा मुंह की बीमारियों से दूर रखता है, चीनी मिट्टी की कटोरी में नींबू का रस रखें, रोज उससे दांत साफ करें। दांत चमकेगा तथा पायरिया ठीक होगा।
नींबू का रस शरीर के भीतर के टॉक्सिक (गंद) को बाहर निकालता है।
बिच्छू व मधुमख्खियों के काटने पर नींबू के बीजों को पीसकर सेंधा नमक डालकर पिलायें कारण बीज बहुत कसैला होता है यह इनके जहर को मारता है। आमतौर ( रोज)पर बीज इस्तमाल ने करें।
दूध तथा नींबू के रस में काली मसूर पीसकर मिलाएं, इसका उबटन लगायें, झाइया दूर होंगी।
काली चाय में नींबू ङालकर पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है पेट में गैस नहीं बनती।
नींबू का रस तेल की तरह बालों की जड, में लगाने से रूसी खत्म होती है।
शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।
नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।
नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।
नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।
नींबू में पिसी काली मिर्च छिडक कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।
निम्बू के रस तथा नमक पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढता है।
नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।
नींबू के बीज को पीसकर सर पर लगाने से गंजापन दूर होता है।
रक्तक्षीणता दूर करता है नींबू के रस में, कच्चा टमाटर का रस मिलाकर पीयें।
आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोडकर पियें, रक्त की कमी दूर होगी।
आधा कप पालक के रस में नींबू निचोडकर धीरे-धीरे करीब बीस मिनट तक पियें, रक्त की कमी दूर करेगा।
गर्भाधान (गर्भ ठहरने में सहायक) एक दोनींबू का बीज पीस लें, घी में मिलाकर सेवन करें।
आधा सीसा दर्द में नींबू का रस नाक में दो-दो बूंद डालना चाहिये।
कान का दर्द हो तो अदरक पीसकर बगैर पानी अब नींबू का रस मिलायें(कहीं भी पानी इस्तमाल न करें)तथा कान में डालें।
बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।
कान का दर्द हो तो प्याज के रसमें भी मिलाकर डालें।
कद्दू की सब्जी में नींबू निचोड कर अवश्य खायें।
याददाश्त की कमी दूर करता है-1. नींबू के रस में सौंफ का रस मिलाकर लें। 2. चुकंदर के रस में नींबू का रस मिलाकर पियें।
सरल प्रसव - पांचवे माह से गर्भवती स्त्री रोज नियम से नींबू की शिकंजी पिये। रोजाना 1 गिलास पानी में नींबू का रस मिलाकर भी पी सकते है। टिप्सनींबू के कुछ उपयोगी किचन टिप्स
चावल पकाते समय उसमें नींबू की चार पांच बूंद डाल दें चावल चावल अलग अलग बनेगा।
अंण्डा उबालते समय 4-5 बूंद नींबू डाल दें। अंडा चटकेगा नहीं।
गोभी की सब्जी बनाते समय 3-4 बूंद नींबू का रस डाल दें बदबू नहीं आयेगी तथा गोभी का रंग सफेद। आलू उबालते समय नींबू 3-4 बूंद डाल दें तो आलू सफेद, भुर-भुरे रहेंगे। चीनी भी डाल सकते हैं।

सरसों का तेल

करामाती तेल सरसों का तेल
अगर हम रसोई से जुड़ी किसी एक सामग्री को ढूंढ़ने बैठ जाएं, जो रसोई से निकलकर मंदिर तक पहुंच गई है, तो तेल का नाम ही सबसे पहले दिमाग में आएगा। खाने से लेकर घरेलू नुस्खे और खूबसूरती बढ़ाने तक में सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। हजारों सालों से भारत में तेल का इस्तेमाल न सिर्फ पर्सनल केयर के लिए बल्कि आयुर्वेद में भी हो रहा है। तेल संस्कृत के तैला शब्द से बना है, जिसकी हिंदी में अर्थ है स्नेह। स्नेह का अर्थ है- प्यार, दुलार, देखभाल।
सरसों का तेल बालों को पोषण देने का काम करता है। इससे बालों का नियमित मसाज करने पर बाल काले, घने और मजबूत होते हैं।
सरसों के तेल को मेहंदी के पत्ते के साथ उबालकर और उसे ठंडा और छानने के बाद नियमित रूप से बालों में लगाने से बालों का टूटना बंद होता है।
सरसों के तेल का इस्तेमाल उबटन में किया जाता है। नियमित उबटन का इस्तेमाल करने से त्वचा को पोषण मिलता है और उसमें चमक आती है।
उबटन बनाने के लिए सरसों के तेल में हल्दी पाउडर, केसर, चंदन पाउडर, चना दाल आदि मिलाकर पेस्ट तैयार करें। पूरे शरीर पर २०-३० मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद ठंडे पानी की मदद से उबटन उतार लें।
दांत के दर्द को दूर करने में भी सरसों का तेल उपयोगी होता है। कुछ बूंद सरसों के तेल में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाएं और इससे मसूढ़े की मालिश करें। दर्द और दांत से जुड़ी अन्य परेशानी में राहत मिलेगी।
सरसों के तेल में कपूर मिलाकर अस्थमा से पीड़ित मरीज की छाती की मालिश करें। ऐसा करने से सांस से जुड़ी तकलीफ में आराम मिलता है।
सरसों के तेल से मालिश करने पर आर्थराइटिस और पीठ के दर्द में राहत मिलती है। सरसों के तेल में कपूर मिलाकर जोड़ों की मालिश करें। वहीं, पीठ का दर्द दूर करने के लिए ४ चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की १०-१२ कलियों को डालकर तेल गर्म करें और उसके बाद पीठ की मालिश करें।

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