सोमवार, 21 फ़रवरी 2011
पाइल्स की प्राब्लम
आजकल की अति व्यस्त जीवन शैली में मन को एकाग्र रख पाना असंभव सा हो गया है। मन को एकाग्र रखने का मतलब यही है कि मन फालतू बातों की ओर ना भटके तथा किसी भी कार्य को अच्छे मन से कर सके। मन की एकाग्रता बढ़ाने के लिए प्रणवासन करें। जल्द ही लाभ प्राप्त होने लगेगा।आसन की विधि:किसी साफ और स्वच्छ स्थान पर कंबल या दरी बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। अब दाएं पैर को घुटने से मोड़कर, बाएं हाथ से दाहिने पैर की एड़ी को पकड़ें। इसके बाद दाहिने पैर को कंधे के पीछे से ले जाकर गर्दन के पिछले भाग से एड़ी को छूते हुए सिर के नीचे रखें। इसी तरह अब बाएं पैर को भी गर्दन के पीछे ले जाकर एड़ी को सिर के नीचे रखें। दोनों हाथों की उंगलियां नितंबों में फंसा कर रखें और अपनी दृष्टि को सामने की ओर टिकाएं।सावधानी:यह आसन लड़कियों और महिलाओं को कभी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके अभ्यास से संतान नहीं होती है। जो महिलाएं संतान नहीं चाहती वे इस आसन को कर सकती हैं।आसन के लाभ:यह आसन ध्यान और समाधि में सहायक है। इस आसन से मन को शांति प्राप्त होती है और एकाग्रता बढ़ती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। पेट और गले सुदृढ़ रहते हैं। कमर दर्द दूर होता है। इस आसन से बवासीर के रोग में भी राहत मिलती है।
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