हमारे यहां भोजन को रूचिकर बनाने के लिए उसमें कई तरह के मासाले मिलाए जाते हैं। उन्हीं में से एक है धनिया। क्या आपको पता है कि हरी धनिया में प्रोटीन, वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, खनिज पदार्थ, जैसे- कैल्शियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थियामीन, पोटोशियम और विटामिन सी जैसे तत्व पाये जाते हैं। ये खाने को तो स्वादिष्ट बनाती है और पाचन शक्ति को दुरूस्त कर देती है। धनिया को दही में मिलाकर पीने से बदहजमी,पेचिश और कोलाइटिस में आराम मिलता है। धनिया, टाइफाइइड में भी उपयोगी है। यही नहीं धनिया कोलेस्ट्राल को भी संयमित करता है।
आंखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूंद आंखोंमें टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती है।गर्भ धारण करने के दो-तीन महीने तक गर्भवती महिला को उल्टियां आती है। ऐसे में धनिया का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिला कर पीने से जी घबराना बंद होता है। हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूंद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर मलने से नकसीर तुरंत बंद हो जाती है। शरीर में पित्ती की तकलीफ हो तो हरे धनिये के पत्तों का रस, शहद और रोगन गुल तीनों को मिला कर लेप करने से पित्ती की खुजली में तुरंत आराम होता है।
दस्त लगने पर फ्रेश बटर मिल्क में एक या दो चम्मच ताजे धनिए का रस मिलाकर पीएं। डायरिया के उपचार में सूखा धनिया कारगर है। धनिया मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए अमृत है। इस दौरान यदि मैन्स्ट्युअल फ्लो ज्यादा हो तो आधा लीटर पानी में लगभग छह ग्राम धनिए के बीज डालकर खौलाएं और इसमें शक्कर डालकर पीएं, फायदा होगा।
गठिए की समस्या हो तो पानी में धनिए का बीज डालकर काढ़ा बनाकर पीएं। इसके सेवन से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है। धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। धनिए के जूस में हल्दी का पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे पिंपल की समस्या दूर होती है।
आंखों के लिए धनिया बड़ा गुणकारी होता है। थोड़ा सा धनिया कूट कर पानी में उबाल कर ठंडा कर के, मोटे कपड़े से छान कर शीशी में भर लें। इसकी दो बूंद आंखोंमें टपकाने से आंखों में जलन, दर्द तथा पानी गिरना जैसी समस्याएं दूर होती है।गर्भ धारण करने के दो-तीन महीने तक गर्भवती महिला को उल्टियां आती है। ऐसे में धनिया का काढ़ा बना कर एक कप काढ़े में एक चम्मच पिसी मिश्री मिला कर पीने से जी घबराना बंद होता है। हरा धनिया 20 ग्राम व चुटकी भर कपूर मिला कर पीस लें। सारा रस निचोड़ लें। इस रस की दो बूंद नाक में दोनों तरफ टपकाने से तथा रस को माथे पर लगा कर मलने से नकसीर तुरंत बंद हो जाती है। शरीर में पित्ती की तकलीफ हो तो हरे धनिये के पत्तों का रस, शहद और रोगन गुल तीनों को मिला कर लेप करने से पित्ती की खुजली में तुरंत आराम होता है।
दस्त लगने पर फ्रेश बटर मिल्क में एक या दो चम्मच ताजे धनिए का रस मिलाकर पीएं। डायरिया के उपचार में सूखा धनिया कारगर है। धनिया मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के लिए अमृत है। इस दौरान यदि मैन्स्ट्युअल फ्लो ज्यादा हो तो आधा लीटर पानी में लगभग छह ग्राम धनिए के बीज डालकर खौलाएं और इसमें शक्कर डालकर पीएं, फायदा होगा।
गठिए की समस्या हो तो पानी में धनिए का बीज डालकर काढ़ा बनाकर पीएं। इसके सेवन से ब्लड में इंसुलिन की मात्रा नियंत्रित रहती है। इसके साथ ही यह शरीर में बैड कोलेस्ट्रोल की मात्रा घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ाने में भी मदद करता है। धनिया त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। धनिए के जूस में हल्दी का पाउडर मिलाकर चेहरे पर लगाएं। इससे पिंपल की समस्या दूर होती है।
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