उत्तर दिशा में यदि डस्टबिन रखेंगे तो यह आपके करियर में नए अवसरों को ख़ारिज करता है. नौकरी ढूँढने वालों के लिए भी रोड़े अटकाता है. व्यापारियों के लिए तो और भी अधिक हानिकारक है. यहाँ रखा डस्टबिन पुराने क्लाइंट्स के साथ रिलेशनशिप ख़राब करता है और तो और, पेमेन्ट रिकवरी में भी घणी दिक्कत आती है.
अधिकांशतः बीमार ही रहते हैं तो फिर डस्टबिन नार्थ-नार्थ-ईस्ट में रखा है. ये कमज़ोर रोग प्रतिरोधक क्षमता का कारण बनता है. दवाइयां असर ही नहीं करती. नार्थ-ईस्ट में डस्टबिन है तो नए क्रिएटिव आइडियाज बमुश्किल ही आते हैं. भ्रमित और दूरदृष्टि-विहीन रहते हैं और अपना लक्ष्य भी सही तरीके से निर्धारित नहीं कर पाते हैं. आलसी और टालमटोल नेचर वाले लोगों के घर में ईस्ट-नार्थ-ईस्ट में डस्टबिन रखा होता है. अपने अतीत से नियंत्रित होते हैं ऐसे लोग.
पूर्व दिशान्तार्गत डस्टबिन वाले निवासी अपने खोल में ही रहते हैं. समाज और सामाजिक संपर्क की महत्ता को नहीं समझते. पड़ोसी तक से नहीं बनती. व्यापार में भी समस्याएं झेलनी पड़ती हैं. बेस्ट प्लेसमेंट है ईस्ट-साउथ-ईस्ट. अनावश्यक विश्लेषण करने की आदत को नियन्त्रित करता है. ऐसे निवासी सही और लाभदायक विचार और आइडियाज पर अपना समय और उर्जा केन्द्रित करते हैं.
व्यापारिक पेमेन्ट अटक रहा है तो हो सकता है कि डस्टबिन आपके घर या वर्किंग प्लेस पर साउथ-ईस्ट वास्तु ज़ोन में रखा हो.
सेल्फ़-कॉन्फिडेंस और पॉवर में कमी का एक प्रमुख रीज़न है साउथ-साउथ-ईस्ट वास्तु ज़ोन में रखा डस्टबिन. यह शारारिक और मानसिक दुर्बलता का भी कारण बनता है. साउथ में रखेंगे तो हमेशा रेस्टलेस ही रहेंगे. सारे प्रयास और कठिन मेहनत भी विफल होती है. कोई तारीफ़ भी नहीं मिलती. वैसे साउथ-साउथ-वेस्ट भी बहुत अच्छी जगह है डस्टबिन रखने के लिए. सारी नाकारात्मकता और व्यर्थ के विचारों और भावनाओं को आपके मन से बाहर निकाल फेंकता है. आप चीज़ों को एक नए नज़रिए से देखने लगते हैं और फालतू बातों पर ध्यान तक नहीं देते हैं. जो जैसा है, उसे वैसे ही देखते हैं.
साउथ-वेस्ट में रखा डस्टबिन सबसे अधिक रिश्ते ख़राब करता है. इसकी वजह से परिवार के सदस्यों के बीच एक राय नहीं बनती है. अपने खून के रिश्तों तक को व्यर्थ मानने लगते हैं. वेस्ट-साउथ-वेस्ट में डस्टबिन सेविंग्स को धुऐं की तरह उड़ा देता है. बच्चे पढाई से जी चुराने लगते हैं. वेस्ट में डस्टबिन आपको आपकी मेहनत का फल ही नहीं देता. न कमा पाते हैं, न बचा पाते हैं.
डिप्रेशन है तो डस्टबिन को वेस्ट-नार्थ-वेस्ट में रखिये. डिप्रेशन तो दूर होगा ही, साथ ही आपके मन को शक्तिवान भी बनाएगा.
नार्थ-वेस्ट में डस्टबिन रखेंगे तो न तो आप किसी की मदद करेंगे और न ही आपकी ज़रूरत के टाइम कोई आपकी हेल्प करेगा. त्वचा रोग होने का एक कारण यहाँ रखा डस्टबिन भी है.
नार्थ-नार्थ-वेस्ट में रखा डस्टबिन विवाहित कपल्स की अंतरंग संतुष्टि को ठंडापन देता है. यही वजह है कि ऐसे कपल्स फिर अपने घर से बाहर सेक्स-संतुष्टि ढूँढ़ते हैं.
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यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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