राशियाँ राशिचक्र के उन बारह बराबर भागों को कहा जाता है जिन पर ज्योतिषी आधारित है। हर राशि सूरज के ऍक्लिप्टिक पर आने वाले एक तारामंडल से सम्बन्ध रखती है और उन दोनों का एक ही नाम होता है.
ज्योतिषीय गणनाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। इस साल किस राशि के लोग किस क्षेत्र में जमाएंगे अपना प्रभाव। मेष राशि के जातक तेजी से काम करने वाले, आशावादी और आत्मकेंद्रित होते हैं। राशि चक्र की प्रथम राशि होने के कारण ये शिशु की तरह मासूम होते हैं। इनका प्रतीक मेढ़ा होता है, जो निडर और साहसी होता है।
वृषभ, कन्या और मीन राशि वालों के लिये पूर्णा (५,१०,१५) तिथियाँ, मिथुन और कर्क राशि वालों के लिये भद्रा (२,७,१२) तिथियाँ, वृश्चिक और मेष राशि वालों के लिये नन्दा (१,६,११) तिथियाँ, मकर और तुला राशि वालों के लिये रिक्ता (४,९,१४) तिथियाँ, धनु, कुम्भ और सिंह राशि वालों के लिये जया (३,८,१३) तिथियाँ घात संज्ञक होती हैं.
ये घात तिथियाँ बहुत अशुभ होती हैं. भूल से भी कोई शुभ और अति महत्वपूर्ण कार्य की प्लानिंग इस दिन पर न करें.
उत्तर में नीले रंग के कांच के पात्र में मनी प्लांट लगायें और दक्षिण में लाल गमले में आर्टिफीशल गुलाब लगायें यदि नौकरी नहीं मिल रही.
दशम भाव में सूर्य-शनि युति रंक से धन्नासेठ और नगरसेठ तक बना देती है लेकिन ट्रांसफॉर्मेशन की ये राह बहुत ही कठिन और कंटीली होती है.
8 तारीख को जन्मे या तो ज़बरदस्त कामयाब या ज़बरदस्त फेलियर। भौतिकतावादी और आध्यात्मिक, दोनों प्रकार का जीवन जीते हैं.
यह लेख विश्वजीत बब्बल वैदिक काउंसलर के फेसबुक पोस्ट से लिया गया है. वे वास्तु और ज्योतिष की बहुत अच्छी जानकारी रखते हैं. उन्होंने अपनी जानकारी के आधार पर कई लोगों के परेशानिया दूर की है. यह अपने अनुभव को भी समय समय पर लोगों से शेयर करते हैं. आप इनसे सशुल्क परामर्श ले. सकते हैं. आप उनसे फेसबुक के द्वारा सम्पर्क कर सकते हैं. इस सेवा का लाभ जरुर लें.
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