सोमवार, 20 जून 2011

चहरे पर दाग, निशान या झाइयां....करें सबका सूपड़ा साप

चेहरे पर दाग-धब्बे, झाइयां या किसी भी प्रकार के अनचाहे निशान किसी को भी हेरान-परेशान कर सकते हैं। झाइयां, दाग-धब्बे या बदरंगे निशान सुन्दर या रूपवान चेहरे को भी अनाकर्षक और बदसूरत बना सकते हैं। बढ़ती उम्र, प्रदूषित वातावरण,गलत खान-पान, अप्राकृतिक जीवनशैली या किसी बीमारी के प्रभाव से इस तरह की समस्या हो सकती है।

भोजन में पोषक तत्वों की कमी से खून में विटामिन्स, प्रोटीन्स या दूसरी किसी कमी से भी ऐसी दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। तेज धूप के कारण या चेहरे पर किसी हानिकारक केमीकल्स से बनी सुगंधित क्रीम के लगाने से भी किसी-किसी को ऐसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं को माहवारी की अनियमितता व हार्मोन की गडबड़ी के कारण भी चेहरे पर झाइयां हो जाती हंै।

इस तरह की तमाम समस्याओं से छुटकारा पाने का एक बेहद आसान घरेलू उपाय भी हो सकता है। आइये जानते हैं ऐसे ही एक प्रयोग के बारे में...

प्रयोग

एक चम्मच मलाई में दो पत्ती केसर एक धंटे तक रहने दे, जब उसका रंग संतरे के रंग के समान हो जाए तो उसको चेहरे पर झॅाई, दाग-धब्बे, या निशान वाले भाग पर लगा कर 5 से 10 मिनट हल्के हाथ से मसाज करें और फिर लगभग 30 मिनट तक रहने दे और फिर सादे पानी से धो लें। लगातार 7 दिनोंतक इस प्रयोग को करने से 8 वें दिन से इस तरह की अधिकांश समस्याओ से मुक्ति पा सकते हैं।

16 दिनों में फोड़े-फुंसियों का काम तमाम! ये हैं दादी के नुस्खे

फोड़े-फुंसियों या दाद-खाज खुजली जैसी चमड़ी की बीमारियों को पीछे प्रमुख रूप से रक्त का दूषित होना होता है। जब शरीर का खून दूषित यानी गंदा हो जाता है तो कुछ समय के बाद उसका प्रभाव बाहर त्वचा पर भी नजर आने लगता है। प्रदूषण चाहे बाहर का हो या अंदर का वो हर हाल में अपना दुष्प्रभाव दिखाता ही है। बाहरी और भतरी प्रदूषण ने मिलकर हमारे शरीर की प्राकृतिक खूबसूरती को छीनकर कई सारे त्वचा रोगों को जन्म दिया है फोड़े- फुंसियां भी उन्हीं में से एक हैं।

आज दुनिया का हर दूसरा व्यक्ति चमड़ी से जुड़े किसी न किसी रोग से जूझ रहा है। खुजली, जलन, फुंसियां, घमोरियां, दराद, लाल-सफेद चकत्ते... जैसी कई समस्याएं हैं जिनसे हर कोई परेशान है या कभी न कभी रह चुका है। कई बार छूत से यानी इनसे संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क में आने पर खुद को भी संक्रमण लगने से भी फोड़े- फुंसी या खुजली जैसी कोई त्वचा संबंधी समस्या हो सकती है। 

यहां हम कुछ ऐसे घरेलू उपाय दे रहे हैं जो बर्सों से आजमाए और परखे हुए हैं। ये नुस्खे कारगर तो हैं ही साथ ही इनकी सबसे बड़ी खाशियत यह है कि इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है, ऊपर से ये हैं भी बहुत ही सस्ते..

- जब तक समस्या से पूरी तरह से छुटकारा नहीं मिल जाता मीठा यानी शक्कर से बनी, बासी, तली-गली और अधिक मिर्च-मसालेदार चीजों को पूरी तरह से छोड़ दें।

- फोड़े-फुंसी, दराद या खुजली वाले स्थान पर मूली के बीज पानी में पीस कर गरम करके लगाने से तत्काल लाभ होता होगा।

- नीम की पत्तियों को पीस कर फोड़े-फुंसी, दराद या खुजली वाले स्थान पर लगाने और पानी के साथ पीने से बहुत सीघ्र लाभ होता है।

- पालक, मूली के पत्ते, प्याज, टमाटर, गाजर, अमरुद, पपीता आदि को अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करें।

- सुबह खाली पेट चार-पांच तुलसी की पत्तियां चूंसने से भी त्वचा रोगों में स्थाई लाभ होता है।

- पानी अधिक से अधिक पीएं।

- सुबह उठकर 2 से 3 किलो मीटर घूमने के लिये अवश्य जाएं ताकि आपके शरीर और रक्त को शुद्ध ताजा हवा मिल सके और शरीर का रक्त प्रवाह भी सुधर सके।

रविवार, 19 जून 2011

पेट की चर्बी झटपट कम होती है इससे

आजकल अंसतुलित खाने के बढ़ते प्रचलन के चलते अधिकांश लोगों को अत्यधिक चर्बी की समस्या रहने लगी है। हेल्थ के प्रति सावधान न रहने के कारण यह समस्या धीरे-धीरे बड़ा रूप ले लेती है और मोटापा बढ़ जाता है।

मोटापे की वजह से हमारे स्वास्थ्य को कई खतरनाक बीमारियों का खतरा सदैव बना रहता है। मोटापे को जल्द से जल्द कम करने के लिए योग क्रिया की मदद ली जा सकती है। ऐसी ही एक क्रिया है कपाल भाति, जिससे निश्चित ही मोटापे पर नियंत्रण किया जा सकता है।

क्रिया करने की विधि:

समतल स्थान पर साफ टॉवेल या अन्य कपड़ा बिछाकर अपनी सुविधानुसार आसन में बैठ जाएं। बैठने के बाद पेट को ढीला छोड़ दें। अब तेजी से सांस बाहर निकालें और पेट को भीतर की ओर खींचें। सांस को बाहर निकालने और पेट को पिचकाने के बीच सामंजस्य रखें। प्रारंभ में दस बार यह क्रिया करें, धीरे-धीरे 60 तक बढ़ा दें। बीच-बीच में विश्राम ले सकते हैं। इस क्रिया से फेफड़े के निचले हिस्से की प्रयुक्त हवा एवं कार्बन डाइ ऑक्साइड बाहर निकल जाती है और सायनस साफ  हो जाती है साथ ही पेट पर जमी फालतू चर्बी खत्म हो जाती है।

सावधानियां:

- श्वास संबंधी बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति इस क्रिया को ना करें।

- कपाल भाति क्रिया प्रात: काल खाली पेट ही करें।

- किसी योग विशेषज्ञ की सलाह लेकर ही करें।

देहाती नुस्खे...जो ब्लड प्रेशर को जड़ से मिटाते हैं

ब्लड प्रेशर आज एक आम बीमारी का रूप अख्तियार करती जा रही है। कुछ सालों पहले तक इसके बारे में कभी कभार ही सुनने को मिलता था लेकिन अब तो यह सर्दी-खांसी जैसी कॉमन समस्या बन चुकी है। गांवों में तो लो-बीपी या हॉय-बीपी जैसी किसी बला से लोग लगभग अनजान  ही थे। जबकि आज तस्वीर ही बदल चुकी है, क्या गांव और क्या शहर सभी जगह एक जैसे हालात हैं। बड़े-बूढ़ों में पाए जाने वाली यह समस्या अब जवानों और यहां तक कि बच्चों के गले का हार बल चुकी है।

ब्लड प्रेशर से छुटकारे के लिये हम आधुनिक चिकित्सा की मदद तो लेते ही हैं, साथ ही अगर कुछ देहाती या घरेलू नुस्खों की भी मदद ली जाए जो कि अनुभव की कसोटी पर 100 फीसदी खरे तो हैं ही साथ ही इनका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं हैं। तो आइये देखते हैं ऐसे ही कुछ बेहद आसान घरेलू नुस्खे तो ब्लड प्रेशर को खत्म करने में बेहद कारगर हैं...

1.एक दिन उपवास, दो दिन रसाहार, चार-पांच दिन फलाहार जो कि दिन में दो तीन बार दिया जाए। एक समय में एक ही प्रकार का फल देना ठीक है, प्रयाग के दोरान दोनों समय एनीमा भी लेना चाहिए।

2.दिन में दो चार बार छोटे चम्मच भर शहद पानी के साथ नियमिन रूप से लें। प्रयोग के दोरान धीमी गति से टहलना लाभकारी होता है।

3.स्वस्थ होने पर एक वक्त शब्जी-रोटी, दूसरे समय फल दूध का भोजन लेना चाहिए।

विशेष

पेट की सफाई के लिये एनीमा लेने और उपवार की सही व्यवस्था करने के लिये किसी आयुर्वेदिक या प्राकृकित चिकित्सक की मदद लेना चाहिये।

थोड़ा सा गुड़ और गायब हो जाएगा आधे सिर का दर्द


शुक्रवार, 17 जून 2011

जोड़ों में कैसा भी दर्द हो दादी के नुस्खे अचूक हैं

अप्राकृतिक जीवनशैली ने शरीर की दंतुरुस्ती को बुरी तरह से प्रभावित किया है। प्रगति और विकास के नाम पर इंसान ने भले ही सुख-सुविधा के ढेरों-ढेर साधन जुटा लिये हों लेकिन इस पाने के एवज में जो खोया है वह उससे भी ज्यादा कीमती था। चारों तरफ तेजी से फेलते प्रदूषण और नैतिक ह्रास से आधुनिक इंसान शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्तरों पर कमजोर और खोखला होता जा रहा है।

हर दिन सैकड़ों नई बीमारियां पैदा हो रही हैं। चिकित्सा विज्ञान जब तक एक रोग का इलाज खोज पाता है, तब तक चार नए रोग सीना तान कर खड़े हो जाते हैं। जोड़ों का दर्द हो भी गलत खान-पान और प्रदूषण के दुष्प्रभाव का ही एक नतीजा है। असल में हमार शरीर इस प्रकृति का ही एक हिस्सा है। इसलिये शरीर से जुड़ी समस्याओं का समाधान भी हमें प्रकृति की गोद में ही मिल सकता है। आइये देखते हैं कि अपने अनुभवों के खजाने में से दादी मां जोड़ों के दर्द का क्या समाधान बताती है....

- सरसों के तेल में चुटकीभर हल्दी मिलाकर धीमी आंच पर गर्म कर लें। इस तेल के ठंडा होने पर शरीर के सभी जोड़ों पर  इसकी हल्की मसाज करें। सुबह की नर्म धूप में यह प्रयोग करने पर सीघ्र लाभ मिलता है। मसाज के बाद शरीर को तत्काल ढक लें हवा न लगने दें अन्यथा लाभ की बजाय हानि भी हो सकती है।

- अजवाइन को तवे के ऊपर थोड़ी धीमी आंच पर सेंक लें तथा ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। लगातार 7 दिनों तक यह प्रयोग किया जाए तो आठवे दिन से  ही जोड़ों के दर्द या कमर दर्द में 100 फीसदी लाभ होता है।

- जहाँ दर्द होता होता है हो वहाँ 5 मिनट तक गरम सेंक, और दो मिनट ठंडा सेंक देने से तत्काल लाभ पहुंचता है।

विशेष:

अपनी क्षमता के अनुसार सुबह के समय आसन विशेषकर सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करने से जोड़ों के दर्द से स्थाई रूप से छुटकारा पाया जा सकता है।

पेट हो दुरुस्त.... तो आप रहेंगे दिनभर मस्त, ये रहे अचूक नुस्खे


दिमाग वाले डिपार्टमेंट मे मन और शरीर वाले विभाग में पेट ये दो ही प्रमुख केन्द्र हैं। यदि किसी तरह चाहे कुशलता से, सावधानी, संयम से या ज्ञान से... जिस भी तरीके से यदि इन दोनों केन्द्रों को नियंत्रित और दुरुस्त किया जा सके तो इंसान का पूरा का पूरा व्यक्तित्व ही विकसित और सतेज बन सकता है।

यह सभी के अनुभव की बात है कि यदि शरीर चुस्त-दुरुस्त हो तो इंसान का मन-मस्तिष्क भी पूरी तरह से सक्रिय ओर सतेज बना रहता है। हमारे शरीर में पेट एक ऐसा केन्द्र है जिसको यदि किन्हीं उपायों से फिट-फाट रखा जा सके तो शरीर और मन दोनों जोश और उत्साह से भरपूर रहते हैं। आइये जाने उन बेहद सरल घरेलू उपायों को जो कब्जियत को तो जड़ से मिटाते ही हैं साथ ही पेट के पहले जैसे प्राकृतिक स्वरूप को भी फिर से लोटाते हैं....

1. गलत समय पर गलत खान-पान के चक्कर में व्यक्ति आए दिन कब्ज़ से परेशान रहता है, इससे बचने के लिए त्रिफला  यानी हरड़, बहेड़ा और आंवला के मिक्सर चूर्ण को लगातार 6 माह तक बराबर पानी के साथ सोते समय लेने से कब्ज़ की परेशानी हमेशा के लिये दूर हो जाती है।

2. जो रोगी काफी कमजोर हो या बालक हो तो आंवला पीस कर नाभि के चारों और दीवाल सी बना दो, उसी के भीतर अदरक का रस भर दो, दो घंटे रोगी को लेटा रहने दो, जुलाब की बगैर किसी तेज हानिकारक दवाई के ही महीनों पुराना सारा मल साफ हो जाता है।

3. सुबह खाली पेट गुनगुने गर्म पानी में एक चुटकी काला नमक डालें और उसे पीकर 15 मिनट तक घूम लें कब्ज में अवश्य ही राहत मिलेगी।

4. भोजन में काला नमक, आधा नीबू, सिका जीरा, हींग, और मौसम के अनुसार उपलब्ध सलाद को शामिल करने से कब्ज और पेट की दूसरी तमाम समस्याओं से स्थाई रूप से छुटकारा पाया जा सकता है।

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