बुधवार, 4 जनवरी 2012

ग्यारंटेड देहाती नुस्खा: गंजे सिर पर भी आ जाएंगे सौ-प्रतिशत बाल

जीवन शैली में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण आजकल सिर्फ पुरुषों में ही नहीं महिलाओं में भी बाल टूटने और गंजेपन की समस्या होने लगी है। बढ़ते तनाव, नींद में आ रही कमी, संतुलित आहार नहीं लेने और अनियमित माहवारी के कारण महिलाओं में गंजेपन की बीमारी बढ़ रही है। वहीं पुरुषों में थायरायड ग्रंथि में गडबड़ी के कारण थायराक्सिन नामक हार्मोन के अत्यधिक स्राव की वजह से गंजापन उत्पन्न होता है। अगर आप भी कम उम्र में गंजेपन की समस्या से परेशान हैं तो अपनाइए ये नीचे लिखा ग्यारंटेड आयुर्वेदिक नुस्खा।

नुस्खा-कल्मी शोरा 20 ग्राम लेकर छ: कागजी नींबू के रस में खरल कर के रखें। इस मिश्रण को गंजेपन वाले स्थान पर लगाएं। दो घंटे बाद साबुन से धोकर नारियल का तैल लगा लें। यह सस्ता और सरल नुस्खा कभी फैल नहीं होता। पुरुष व महिलाएं दोनों ही बाल कम होने की स्थिति में इसका उपयोग कर सकते हैं। इस मिश्रण को लगाने के साथ ही बाजार से आमलकी रासायन ले आएं। इसे 3-3 ग्राम से 5-5 ग्राम के बीच मात्रा में, आयु के अनुसार सुबह शाम सेवन करें। इसके साथ पानी या दूध ले सकते हैं।

सोमवार, 2 जनवरी 2012

देसी फंडा: इसे अपनाएं तो भूख खुलकर लगने लगेगी

सुबह-शाम ठीक से पेट साफ होना व जमकर भूख लगना स्वास्थ्य के लिए एक अच्छा संकेत माना जाता है। ऐसा न होने पर यानी कब्ज व गैस, एसीडिटी की शिकायत होने पर शरीर में कई दूसरी व्याधियां भी होने लगती है। जिन लोगों को खुलकर भूख नहीं लगती घुटनों का दर्द और पाचन क्रिया से परेशानियां महसूस करते हैं,तो उनके लिए योग ही एक मात्र सही उपचार है। सुप्त पवन मुक्तासन को इन समस्याओं से मुक्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस आसन के नियमित अभ्यास से इन समस्याओं के साथ-साथ अन्य बहुत सारी बीमारियां दूर हो जाएंगी।



सुप्त पवन मुक्तासन आसन की विधि:कंबल या दरी बिछाकर पीठ के बल लेट जाएं। फिर दाहिने पैर को घुटने से मोड़कर छाती पर ले आएं। अब घुटने से थोड़ा नीचे पिंडली पर उंगलियां आपस में फंसा कर, दोनों हाथों का पंजा कसें। यही क्रिया बाएं पैर से करें। दो मिनिट तक प्रतिदिन यह आसन करें।



आसन के लाभ:सुप्त पवन मुक्तासन के नियमित अभ्यास से अपच और गैस की समस्या दूर होती है। साथ ही घुटनों और कमर के दर्द में भी राहत मिलती है। इस आसन से नितंब सुंदर और पुष्ट बनते हैं। 

कुछ तरीके ऐसे, जो बिना मेहनत और एक्सरसाइज टमी गायब कर देंगे

आवश्यकता से अधिक भोजन करने से या अनियमित दिनचर्या व आलसी जीवन शैली से मोटापा बढ़ता है। मोटापे के कारण कई तरह की बीमारियां शरीर को घेर सकती हैं। अधिकांश लोग जब शुरुआत में मोटापा बढ़ता है, तो उस पर ध्यान नहीं देते हैं। लेकिन जब मोटापा बहुत अधिक बढ़ जाता है तो उसे घटाने के लिए घंटो पसीना बहाते रहते हैं। मोटापा घटाने के लिए भोजन शैली में सुधार जरूरी है। कुछ प्राकृतिक चीजे ऐसी हैं जिनके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है।

-  शराब और दूध निर्मित पदार्थ का उपयोग न करें।

-  अदरक को व नींबु को काटकर दोनों पानी में ऊबालें ठंडा कर पीएं।

-  रोज पोन किलो फल और सब्जी का उपयोग करें।

-  ज्यादा कर्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं का परहेज करें।शक्कर,आलू,और चावल में अधिक कार्बोहाईड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं। 

-  केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाय गेहूं सोयाबीन,चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।

- भोजन मे ज्यादा रेशे वाले पदार्थ शामिल करें। हरी सब्जियों ,फलों में अधिक रेशा होता है। 

- फलों को छिलके सहित खाएं। आलू का छिलका न निकालें। 

-  चम्मच शहद आधा चम्मच नींबू का रस गरम जल में मिलाकर लेते रहने से शरीर की अतिरिक्त चर्बी नष्ट होती है। यह दिन में 3 बार लेना चाहिए।

-  पत्ता गोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबोलिज्म ताकतवर बनता है। 

-  पुदीना रस एक चम्मच 2 चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से मोटापा कम होता है।

-  सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से  शरीर की वसा  में कमी होती है।

-  गाजर का रस मोटापा कम करने में उपयोगी है। करीब 300 ग्राम गाजर का रस दिन में किसी भी समय लें।

-  दिन भर में कम से कम 20 गिलास पानी पीएं।

-  कम  कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग करें। 

-  नींबू, जामफल, अंगूर, सेवफल, खरबूज, जामुन, पपीता आम, संतरा, पाइनेपल, टमाटर, तरबूज, स्ट्राबेरी आदि को भोजन में शामिल करें। 

- पत्ता गोभी, फूल गोभी, ब्रोकोली, प्याज, मूली , पालक, शलजम, सौंफ, लहसुन आदि का ज्यादा सेवन करें।

-  कम नमक,कम शकर आदि का उपयोग करें।

- अधिक वसा युक्त भोजन पदार्थ से परहेज करें।  

- तली गली चीजें इस्तेमाल करने से चर्बी बढती है। वनस्पति घी हानिकारक है।

-  सूखे मेवे ,अलसी के बीज,ओलिव आईल में उच्चकोटि की वसा होती है। इनका संतुलित उपयोग करें।

बेहतरीन आयुर्वेदिक उपाय जब हो सीने में जलन तो इन्हें जरूर आजमाएं

आवश्यकता से अधिक भोजन, पानी कम पीने  से या भोजन से जुड़ी दूसरी गलत आदतों के कारण सीने में जलन की समस्या होती है। बीमारी को गैस्टो ईसोफेगियल रिफ्लक्स डिजीज कहते हैं और साधारण भाषा में इसे कहा जाता है। यह बीमारी पेट का अम्ल भोजन-नली में जाने पर होती है। जिसके कारण सीने में जलन महसूस होती है। अगर आपको भी एसीडिटी के कारण सीने में जलन महसूस होती है तो अपनाएं ये बेहतरीन घरेलू उपाय।

- ताजा पुदीने के रस का रोज सेवन करना है।

- एक ग्लास पानी में दो चम्मच सेब का सिरका तथा दो चम्मच शहद मिलाकर खाने से पहले सेवन करें, यह भी एक बेहतरीन उपाय है

- खाना के बाद आधा चम्मच सौंफ चबाएं।

- भोजन के पहले अलो वेरा जूस का सेवन करें ।

- अदरक का प्रयोग भरपूर मात्रा में करें । पीसी हुई अदरक चाय में प्रयोग करने से भी सीने की जलन कम होती है।

-  मुहं में एक लौंग रखकर धीरे धीरे चूसें ।

- तुलसी के पत्ते चबाने से भी काफी लाभ मिलता है ।

- खाने से एक दो घंटे पहले नींबू के रस में  काला नमक मिलाकर पीने से भी सीने की जलन में लाभ मिलता है। 

नींबू का प्रयोग भोजन में ज्यादा करें। 

- मूली का सेवन करने से भी लाभ मिलता है। 

- मूली का रस पीने से भी लाभ मिलता है।

- हरड़ का टुकड़ा चबाना भी एक बहुत ही पुराना उपाय है।

- नारियल पानी का सेवन करें।

रविवार, 1 जनवरी 2012

जबर्दस्त हो जाएगी याददाश्त अपनाएं ब्रह्मी व बादाम का ये अचूक उपाय

कमजोर याददाश्त को बुढ़ापे की निशानी माना जाता है, लेकिन बार-बार भूलने की समस्या केवल बूढ़े लोगों के साथ ही नहीं बल्कि जवान लोगों के साथ भी होती है। दरअसल भूलने का मुख्य कारण एकाग्रता की कमी है। स्मरण शक्ति बढ़ाने के लिए दिमाग को सक्रिय रखना आवश्यक है। अगर आपके साथ भी यही समस्या है कमजोर स्मरण शक्ति आपके लिए परेशानी का कारण बनी हुई है, तो नीचे लिखे घरेलू उपायों को जरुर अपनाएं।

- अखरोट स्मरण शक्ति बढाने में सहायक है। 20 ग्राम अखरोट और साथ में 10 ग्राम किशमिश रोजाना लेना चाहिये।

- अलसी का तेल आपकी एकाग्रता बढाता है, आपकी स्मरण शक्ति तेज करता है तथा सोचने समझने की शक्ति को भी बढ़ाता है। नियमित रूप से अलसी के तेल के सेवन से आपको मष्तिष्क सम्बन्धी कोई विकार नहीं रहेगा।

-  ब्रह्मी दिमागी शक्ति बढाने की मशहूर जड़ी-बूटी है। इसका एक चम्मच रस नित्य पीना हितकर है। इसके 7 पत्ते चबाकर खाने से भी वही लाभ मिलता है। ये दिमाग की शक्ति घटने पर रोक लगती है।

-  बादाम 9 नग रात को पानी में गलाएं। सुबह छिलके उतारकर बारीक पीस कर पेस्ट बना लें। अब एक गिलास दूध गरम करें और उसमें बादाम का पेस्ट घोलें। इसमें 3 चम्मच शहद भी डालें। जाने पर उतारकर मामूली गरम हालत में पीएं। यह मिश्रण पीने के बाद दो घंटे तक कुछ न लें।

आंवले की करामात: ये है लंबी उम्र और जवान बने रहने का राज

आयुर्वेद में दवाइयों, च्यवन प्राश, ब्राह्म रसायन, धात्री रसायन, अनोशदारू , त्रिफला रसायन, आमलकी रसायन, त्रिफला चूर्ण, धात्र्यरिष्ट, त्रिफलारिष्ट, त्रिफला घृत आदि के साथ मुरब्बे, शर्बत, केश तेल आदि निर्माण में आंवला प्रयुक्त होता है। दरअसल आंवले को आयुर्वेद में गुणों की खान माना गया है। यह कई बीमारियों को दूर करता है। इसका अपना पौष्टिक महत्व भी है। संतरे से बीस गुना ज्यादा विटामिन सी इसमें पाया जाता हैं। आंवले को गूजबेरी के नाम से भी जाना जाता हैं। आंवले का सबसे बड़ा गुण यह है कि इसे पकाने के बाद भी इसमें मौजूद विटामिन सी खत्म नहीं होता।



- आंवले के जूस में शहद मिलाकर पीएं। यह मोतियाबिंद की परेशानी में भी फायदेमंद रहता है।

- आंवला बॉडी की इम्युनिटी पावर बढ़ाकर उसे इंफेक्शंस से लडऩे की स्ट्रेंथ देता हैं।

- सुबह नाश्ते में आंवले का मुरब्बा खाने से आप स्वस्थ बने रह सकते हैं।

- आंवला हमारी आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है।

- आंवला हमारे पाचन तन्त्र और हमारी किडनी को स्वस्थ रखता है।

- आंवला अर्थराइटिस के दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।

- आंवला हमारे शरीर की त्वचा और हमारे बालों के लिए बहुत लाभकारी होता है। 

- आंवला खाने से सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

- दिल को सेहतमंद रखने के लिए रोजा आंवला खाने की आदत डालें। इससे आपके दिल की मांसपेशियां मजबूत होंगी, जिससे दिल शरीर को ज्यादा व साफ खून सप्लाई कर पाएगा। बेशक इससे आप सेहतमंद रहेंगे।

-  आंवला बालों को मजबूत बनाता है, इनकी जड़ों को मजबूत करता है और बालों का झडऩा भी काफी हद तक रोकता है।

-  आंवला खाने से कब्ज दूर होती है। यह डायरिया जैसी परेशानियों को दूर करने में बहुत फायदेमंद है।

- खाना खाने से पहले आंवले का पाउडर, शहद और मक्खन मिलाकर खाने से भूख अच्छी लगती है।

- एसीडिटी की समस्या है, तो एक ग्राम आंवला पाउडर और थोड़ी-सी चीनी को एक गिलास पानी या दूध में मिलाकर लें।

- आंवला खाने को अच्छी तरह पचाने में मदद करता है, जिससे आपको खाने के तमाम न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं।

मैजिकल तरीका: बिना दवाई और झंझट के ऐसे करें हर बीमारी का इलाज

कहते हैं अगर स्वस्थ शरीर की चाहत है, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरुरी है। शरीर की आवश्यकता से कम पानी कई बीमारियों का कारण बन सकता है। दरअसल पानी की कमी से कोशिकाएं शुष्क  हो जाती हैं। पानी को वरुण भी कहा जाता है। विज्ञान के अनुसार भी जल तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत आवश्यक माने गए हैं। इसलिए शरीर में तरलता बढ़ाने के लिए एक मुद्रा बताई गई है जिसे वरुण मुद्रा कहते हैं। इस मुद्रा को करने के एक नहीं अनेक फायदे

हैं, तो आइए जानते हैं कैसे बनाएं वरुण मुद्रा।



विधि- कनिष्ठा हाथ की सबसे छोटी अंगुली को कहा जाता है। कनिष्टा जल तत्व का प्रतीक है। जल तत्व और अग्रि तत्व को मिलाने से परिवर्तन घटित होता

है। कनिष्ठा अंगुली का अग्रभाग और अंगुष्ठ के अग्रभाग को मिलाने से वरुण मुद्रा बनती है।



आसान- सर्दी के समय में इनका सीमित प्रयोग करें। अन्य मौसम में कम से कम 24 मिनट करें। पूरा समय 48 मिनट है।



परिणाम- 

- शरीर का रूखापन दूर होता है। 

- शरीर की कांति व स्निग्धता बढ़ती है।

- त्वचा चमकीली व मुलायम बनती है।

-  चर्र्म रोग दूर होते हैं।

-  रक्त विकार दूर होते हैं।

- समय तक बना रहता है।

- बुढ़ापा जल्दी नहीं आता है।

- यह मुद्रा प्यास को बुझाती है।

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