प्याज के कुछ औषधीय उपयोग
प्याज न सिर्फ खाने के स्वाद को बढ़ाता है, बल्कि शरीरिक प्रक्रियाओं को भी संतुलित रखता है। सब्जियों में प्याज एक ऐसी सब्जी है, जिसका इस्तेमाल प्रायः हर घर में होता है। सब्जी हो या सलाद, प्याज का कोई सानी नहीं है। प्याज की तासीर गर्म होती है। यह हमें रोजमर्रा की तमाम परेशानियों से दूर रखता है। इसमें केलिसिन और विटामिन बी पर्याप्त मात्रा में होता है। इसलिए यह सेहत की दृष्टि से भी उपयोगी है। इसे आप कच्चा खाएं या सब्जियों के साथ पका कर, हर हाल में यह लाभ ही देता है। क्या आप जानती हैं, प्याज के कुछ और औषधीय उपयोगों के बारे में।
सिर में दर्द हो, तो प्याज पीसकर पैरों के नीचे तलवे में लगाएं। प्याज को काटकर सूंघने से भी सिर का दर्द ठीक होता है।
बवासीर में प्याज के 4-5 चम्मच रस में मिश्री और पानी मिलाकर नियमित रूप से कुछ दिन तक सेवन करने से खून आना बंद हो जाता है।
घाव में नीम के पत्ते का रस और प्याज का रस समान मात्रा में मिलाकर लगाने से शीघ्र ही घाव भर जाता है।
प्याज के रस में दही, तुलसी का रस तथा नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों का गिरना बंद हो जाता है और रूसी की समस्या से भी निजात मिलती है।
मासिक धर्म की अनियमितता या दर्द में प्याज के रस के साथ शहद लेने से काफी लाभ मिलता है। इसमें प्याज का रस 3-4 चम्मच तथा शहद की मात्रा एक चम्मच होनी चाहिए।
गर्मियों में प्याज रोज खाना चाहिए। यह आपको लू लगने से बचाएगा। अगर लू लग गई हो, तो प्याज का रस दो-चार चम्मच पिएं। इसके रस को कनपटी व छाती पर मलें।
प्याज का रस और सरसों का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर मालिश करने से गठिया के दर्द में आराम मिलता है।
प्याज के 3-4 चम्मच रस में घी मिलाकर पीने से शारीरिक शक्ति बढ़ती है।
प्याज के रस में चीनी मिलाकर शर्बत बनाएं और पथरी से पीड़ित व्यक्ति को पिलाएं। इसे प्रातः खाली पेट ही पिएं। मूत्राशय की पथरी छोटे-छोटे कणों के रूप में बाहर निकल जाएगी। लेकिन ध्यान रहे, एक बार में इसका बहुत अधिक सेवन न करें।
सोमवार, 1 नवंबर 2010
आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता नींबू
Sunday, October 03, 2010
आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता नींबू
नींबू सदाबहार सर्वोत्तम रोगनाशक व आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता है। नींबू की कई किस्में हैं। सभी किस्म उपयोगी व फलदायी हैं।
नींबू का सेवन कैसे करें
किसी भी चीज का सेवन करने के लिए जानकारी पहले जरूरी है।
नींबू का सेवन का सबसे आसान तरीका है कि एक ग्लासस गुनगुना पानी में नींबू निचोड कर पीलें।
नींबू में अग्नि का बल होता है इसमें दो चुटकी सेंधा नमक या काला नमक अवश्य डालें ।
नींबू वर्षाकाल में अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि बरसात में हमेशा शरीर के अंदर दूषित तत्व (टाक्सिक) बनते हैं। उन्हें नींबू दूर करता है तथा बरसात में होने वाली तमाम बीमारियों से बचाता है।
नींबू का रस हमेशा छानकर ही लेना चाहिए नींबू का बीज लेना उचित नहीं है।
नींबू का रस कांच या मिट्टी के बरतन में ही रखें. काऱण अन्य धातु में यह जहरीला हो जाता है।
जहां तक संभव हो कागजी नींबू इस्तेमाल करें। सावधानी-
जिन लोगों को दमा, खांसी, जुकाम की शिकायत हो, उन्हें नींबू नहीं लेना चाहिए। नींबू एक, गुण अनेक
नींबू खट्टी ढकारों को दूर करता है, वायु विकार मिटाकर भूख बढ़ाता है, नींबू खाने को जल्दी हजम करता है, नीबू पेट के कीटाणुओं व कीड़ों को नष्ट करता है।किसी भी रूप में रोजाना नींबू का सेवन करना चाहिये
थकान दूर कर स्फूर्ति का संचार करता है, पेट का दर्द ठीक करता है।
भोजन के प्रति अरुचि दूर करने में सबसे ज्यादा लाभ कारी है।नींबू का पुराना अचार लाभकारी है।
मुंह का स्वाद बढ़ाता है व कब्ज दूर करता है।
हैजे से बचाव करता है, नींबू के रस में चीनी मिलाकर(शिकंजी) लेने से हैजे में आराम मिलता है।
यात्रा में वमन रोकने व दूर करने का सरल उपाय नींबू है।
खट्टे फलों में नींबू लेने से स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं होती है। जोड़ों की खुश्की दूर करता है।
दांतों तथा मुंह की बीमारियों से दूर रखता है, चीनी मिट्टी की कटोरी में नींबू का रस रखें, रोज उससे दांत साफ करें। दांत चमकेगा तथा पायरिया ठीक होगा।
नींबू का रस शरीर के भीतर के टॉक्सिक (गंद) को बाहर निकालता है।
बिच्छू व मधुमख्खियों के काटने पर नींबू के बीजों को पीसकर सेंधा नमक डालकर पिलायें कारण बीज बहुत कसैला होता है यह इनके जहर को मारता है। आमतौर ( रोज)पर बीज इस्तमाल ने करें।
दूध तथा नींबू के रस में काली मसूर पीसकर मिलाएं, इसका उबटन लगायें, झाइया दूर होंगी।
काली चाय में नींबू ङालकर पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है पेट में गैस नहीं बनती।
नींबू का रस तेल की तरह बालों की जड, में लगाने से रूसी खत्म होती है।
शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।
नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।
नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।
नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।
नींबू में पिसी काली मिर्च छिडक कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।
निम्बू के रस तथा नमक पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढता है।
नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।
नींबू के बीज को पीसकर सर पर लगाने से गंजापन दूर होता है।
रक्तक्षीणता दूर करता है नींबू के रस में, कच्चा टमाटर का रस मिलाकर पीयें।
आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोडकर पियें, रक्त की कमी दूर होगी।
आधा कप पालक के रस में नींबू निचोडकर धीरे-धीरे करीब बीस मिनट तक पियें, रक्त की कमी दूर करेगा।
गर्भाधान (गर्भ ठहरने में सहायक) एक दोनींबू का बीज पीस लें, घी में मिलाकर सेवन करें।
आधा सीसा दर्द में नींबू का रस नाक में दो-दो बूंद डालना चाहिये।
कान का दर्द हो तो अदरक पीसकर बगैर पानी अब नींबू का रस मिलायें(कहीं भी पानी इस्तमाल न करें)तथा कान में डालें।
बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।
कान का दर्द हो तो प्याज के रसमें भी मिलाकर डालें।
कद्दू की सब्जी में नींबू निचोड कर अवश्य खायें।
याददाश्त की कमी दूर करता है-1. नींबू के रस में सौंफ का रस मिलाकर लें। 2. चुकंदर के रस में नींबू का रस मिलाकर पियें।
सरल प्रसव - पांचवे माह से गर्भवती स्त्री रोज नियम से नींबू की शिकंजी पिये। रोजाना 1 गिलास पानी में नींबू का रस मिलाकर भी पी सकते है। टिप्सनींबू के कुछ उपयोगी किचन टिप्स
चावल पकाते समय उसमें नींबू की चार पांच बूंद डाल दें चावल चावल अलग अलग बनेगा।
अंण्डा उबालते समय 4-5 बूंद नींबू डाल दें। अंडा चटकेगा नहीं।
गोभी की सब्जी बनाते समय 3-4 बूंद नींबू का रस डाल दें बदबू नहीं आयेगी तथा गोभी का रंग सफेद। आलू उबालते समय नींबू 3-4 बूंद डाल दें तो आलू सफेद, भुर-भुरे रहेंगे। चीनी भी डाल सकते हैं।
आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता नींबू
नींबू सदाबहार सर्वोत्तम रोगनाशक व आरोग्य एवं सौंदर्य प्रदाता है। नींबू की कई किस्में हैं। सभी किस्म उपयोगी व फलदायी हैं।
नींबू का सेवन कैसे करें
किसी भी चीज का सेवन करने के लिए जानकारी पहले जरूरी है।
नींबू का सेवन का सबसे आसान तरीका है कि एक ग्लासस गुनगुना पानी में नींबू निचोड कर पीलें।
नींबू में अग्नि का बल होता है इसमें दो चुटकी सेंधा नमक या काला नमक अवश्य डालें ।
नींबू वर्षाकाल में अधिक फायदेमंद होता है क्योंकि बरसात में हमेशा शरीर के अंदर दूषित तत्व (टाक्सिक) बनते हैं। उन्हें नींबू दूर करता है तथा बरसात में होने वाली तमाम बीमारियों से बचाता है।
नींबू का रस हमेशा छानकर ही लेना चाहिए नींबू का बीज लेना उचित नहीं है।
नींबू का रस कांच या मिट्टी के बरतन में ही रखें. काऱण अन्य धातु में यह जहरीला हो जाता है।
जहां तक संभव हो कागजी नींबू इस्तेमाल करें। सावधानी-
जिन लोगों को दमा, खांसी, जुकाम की शिकायत हो, उन्हें नींबू नहीं लेना चाहिए। नींबू एक, गुण अनेक
नींबू खट्टी ढकारों को दूर करता है, वायु विकार मिटाकर भूख बढ़ाता है, नींबू खाने को जल्दी हजम करता है, नीबू पेट के कीटाणुओं व कीड़ों को नष्ट करता है।किसी भी रूप में रोजाना नींबू का सेवन करना चाहिये
थकान दूर कर स्फूर्ति का संचार करता है, पेट का दर्द ठीक करता है।
भोजन के प्रति अरुचि दूर करने में सबसे ज्यादा लाभ कारी है।नींबू का पुराना अचार लाभकारी है।
मुंह का स्वाद बढ़ाता है व कब्ज दूर करता है।
हैजे से बचाव करता है, नींबू के रस में चीनी मिलाकर(शिकंजी) लेने से हैजे में आराम मिलता है।
यात्रा में वमन रोकने व दूर करने का सरल उपाय नींबू है।
खट्टे फलों में नींबू लेने से स्वास्थ्य को कोई हानि नहीं होती है। जोड़ों की खुश्की दूर करता है।
दांतों तथा मुंह की बीमारियों से दूर रखता है, चीनी मिट्टी की कटोरी में नींबू का रस रखें, रोज उससे दांत साफ करें। दांत चमकेगा तथा पायरिया ठीक होगा।
नींबू का रस शरीर के भीतर के टॉक्सिक (गंद) को बाहर निकालता है।
बिच्छू व मधुमख्खियों के काटने पर नींबू के बीजों को पीसकर सेंधा नमक डालकर पिलायें कारण बीज बहुत कसैला होता है यह इनके जहर को मारता है। आमतौर ( रोज)पर बीज इस्तमाल ने करें।
दूध तथा नींबू के रस में काली मसूर पीसकर मिलाएं, इसका उबटन लगायें, झाइया दूर होंगी।
काली चाय में नींबू ङालकर पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है पेट में गैस नहीं बनती।
नींबू का रस तेल की तरह बालों की जड, में लगाने से रूसी खत्म होती है।
शुद्ध शहद में नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।
नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।
नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।
नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।
नींबू में पिसी काली मिर्च छिडक कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।
निम्बू के रस तथा नमक पानी में मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढता है।
नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।
नींबू के बीज को पीसकर सर पर लगाने से गंजापन दूर होता है।
रक्तक्षीणता दूर करता है नींबू के रस में, कच्चा टमाटर का रस मिलाकर पीयें।
आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोडकर पियें, रक्त की कमी दूर होगी।
आधा कप पालक के रस में नींबू निचोडकर धीरे-धीरे करीब बीस मिनट तक पियें, रक्त की कमी दूर करेगा।
गर्भाधान (गर्भ ठहरने में सहायक) एक दोनींबू का बीज पीस लें, घी में मिलाकर सेवन करें।
आधा सीसा दर्द में नींबू का रस नाक में दो-दो बूंद डालना चाहिये।
कान का दर्द हो तो अदरक पीसकर बगैर पानी अब नींबू का रस मिलायें(कहीं भी पानी इस्तमाल न करें)तथा कान में डालें।
बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।
कान का दर्द हो तो प्याज के रसमें भी मिलाकर डालें।
कद्दू की सब्जी में नींबू निचोड कर अवश्य खायें।
याददाश्त की कमी दूर करता है-1. नींबू के रस में सौंफ का रस मिलाकर लें। 2. चुकंदर के रस में नींबू का रस मिलाकर पियें।
सरल प्रसव - पांचवे माह से गर्भवती स्त्री रोज नियम से नींबू की शिकंजी पिये। रोजाना 1 गिलास पानी में नींबू का रस मिलाकर भी पी सकते है। टिप्सनींबू के कुछ उपयोगी किचन टिप्स
चावल पकाते समय उसमें नींबू की चार पांच बूंद डाल दें चावल चावल अलग अलग बनेगा।
अंण्डा उबालते समय 4-5 बूंद नींबू डाल दें। अंडा चटकेगा नहीं।
गोभी की सब्जी बनाते समय 3-4 बूंद नींबू का रस डाल दें बदबू नहीं आयेगी तथा गोभी का रंग सफेद। आलू उबालते समय नींबू 3-4 बूंद डाल दें तो आलू सफेद, भुर-भुरे रहेंगे। चीनी भी डाल सकते हैं।
सरसों का तेल
करामाती तेल सरसों का तेल
अगर हम रसोई से जुड़ी किसी एक सामग्री को ढूंढ़ने बैठ जाएं, जो रसोई से निकलकर मंदिर तक पहुंच गई है, तो तेल का नाम ही सबसे पहले दिमाग में आएगा। खाने से लेकर घरेलू नुस्खे और खूबसूरती बढ़ाने तक में सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। हजारों सालों से भारत में तेल का इस्तेमाल न सिर्फ पर्सनल केयर के लिए बल्कि आयुर्वेद में भी हो रहा है। तेल संस्कृत के तैला शब्द से बना है, जिसकी हिंदी में अर्थ है स्नेह। स्नेह का अर्थ है- प्यार, दुलार, देखभाल।
सरसों का तेल बालों को पोषण देने का काम करता है। इससे बालों का नियमित मसाज करने पर बाल काले, घने और मजबूत होते हैं।
सरसों के तेल को मेहंदी के पत्ते के साथ उबालकर और उसे ठंडा और छानने के बाद नियमित रूप से बालों में लगाने से बालों का टूटना बंद होता है।
सरसों के तेल का इस्तेमाल उबटन में किया जाता है। नियमित उबटन का इस्तेमाल करने से त्वचा को पोषण मिलता है और उसमें चमक आती है।
उबटन बनाने के लिए सरसों के तेल में हल्दी पाउडर, केसर, चंदन पाउडर, चना दाल आदि मिलाकर पेस्ट तैयार करें। पूरे शरीर पर २०-३० मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद ठंडे पानी की मदद से उबटन उतार लें।
दांत के दर्द को दूर करने में भी सरसों का तेल उपयोगी होता है। कुछ बूंद सरसों के तेल में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाएं और इससे मसूढ़े की मालिश करें। दर्द और दांत से जुड़ी अन्य परेशानी में राहत मिलेगी।
सरसों के तेल में कपूर मिलाकर अस्थमा से पीड़ित मरीज की छाती की मालिश करें। ऐसा करने से सांस से जुड़ी तकलीफ में आराम मिलता है।
सरसों के तेल से मालिश करने पर आर्थराइटिस और पीठ के दर्द में राहत मिलती है। सरसों के तेल में कपूर मिलाकर जोड़ों की मालिश करें। वहीं, पीठ का दर्द दूर करने के लिए ४ चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की १०-१२ कलियों को डालकर तेल गर्म करें और उसके बाद पीठ की मालिश करें।
अगर हम रसोई से जुड़ी किसी एक सामग्री को ढूंढ़ने बैठ जाएं, जो रसोई से निकलकर मंदिर तक पहुंच गई है, तो तेल का नाम ही सबसे पहले दिमाग में आएगा। खाने से लेकर घरेलू नुस्खे और खूबसूरती बढ़ाने तक में सरसों के तेल का इस्तेमाल होता है। हजारों सालों से भारत में तेल का इस्तेमाल न सिर्फ पर्सनल केयर के लिए बल्कि आयुर्वेद में भी हो रहा है। तेल संस्कृत के तैला शब्द से बना है, जिसकी हिंदी में अर्थ है स्नेह। स्नेह का अर्थ है- प्यार, दुलार, देखभाल।
सरसों का तेल बालों को पोषण देने का काम करता है। इससे बालों का नियमित मसाज करने पर बाल काले, घने और मजबूत होते हैं।
सरसों के तेल को मेहंदी के पत्ते के साथ उबालकर और उसे ठंडा और छानने के बाद नियमित रूप से बालों में लगाने से बालों का टूटना बंद होता है।
सरसों के तेल का इस्तेमाल उबटन में किया जाता है। नियमित उबटन का इस्तेमाल करने से त्वचा को पोषण मिलता है और उसमें चमक आती है।
उबटन बनाने के लिए सरसों के तेल में हल्दी पाउडर, केसर, चंदन पाउडर, चना दाल आदि मिलाकर पेस्ट तैयार करें। पूरे शरीर पर २०-३० मिनट तक लगाकर रखें। उसके बाद ठंडे पानी की मदद से उबटन उतार लें।
दांत के दर्द को दूर करने में भी सरसों का तेल उपयोगी होता है। कुछ बूंद सरसों के तेल में थोड़ा-सा सेंधा नमक मिलाएं और इससे मसूढ़े की मालिश करें। दर्द और दांत से जुड़ी अन्य परेशानी में राहत मिलेगी।
सरसों के तेल में कपूर मिलाकर अस्थमा से पीड़ित मरीज की छाती की मालिश करें। ऐसा करने से सांस से जुड़ी तकलीफ में आराम मिलता है।
सरसों के तेल से मालिश करने पर आर्थराइटिस और पीठ के दर्द में राहत मिलती है। सरसों के तेल में कपूर मिलाकर जोड़ों की मालिश करें। वहीं, पीठ का दर्द दूर करने के लिए ४ चम्मच सरसों के तेल में लहसुन की १०-१२ कलियों को डालकर तेल गर्म करें और उसके बाद पीठ की मालिश करें।
घरेलू नुसखों से दूर करें दर्द »
घरेलू नुसखों से दूर करें दर्द »
जिस तरह का जीवन हम जी रहे हैं, उसमें सिरदर्द होना एक आम बात है। लेकिन यह दर्द हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाए तो हमारे लिए बहुत कष्टदायी हो जाता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए हम पेन किलर घरेलू उपाय अपनाकर इसे दूर कर सकते हैं। इन घरेलू उपायों के कोई साईड इफेक्ट भी नहीं होते। 1। अदरक: अदरक एक दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करती है। यदि सिरदर्द हो रहा हो तो सूखी अदरक को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे अपने माथे पर लगाएं। इसे लगाने पर हल्की जलन जरूर होगी लेकीन यह सिरदर्द दूर करने में मददगार होती है। 2. सोडा: पेट में दर्द होने पर कप पानी में एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है। सि्त्रयो के मासिक धर्म के समय पेट के नीचे होने वाले दर्द को दूर करने मे खाने वाला सोडा पानी में मिलाकर पीने से दर्द दूर होता है। एसिडिटी होने पर एक चुटकी सोडा, आधा चम्मच भुना और पिसा हुआ जीरा, 8 बूंदे नींबू का रस और स्वादानुसार नमक पानी में मिलाकर पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है। 3. अजवायन: सिरदर्द होने पर एक चम्मच अजवायन को भूनकर साफ सूती कपडे में बांधकर नाक के पास लगाकर गहरी सांस लेने से सिरदर्द में राहत मिलती है। ये प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक आपका सिरदर्द ठीक नहीं हो जाता। पेट दर्द को दूर करने में भी अजवायन सहायक होती है। पेट दर्द होने पर आधा चम्मच अजवायन को पानी के साथ फांखने से पेट दर्द में राहत मिलती है।4. बर्फ : सिरदर्द में बर्फ की सिंकाई करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा स्पॉन्डिलाइटिस में भी बर्फ की सिंकाई लाभदायक होती है। गर्दन में दर्द होने पर भी बर्फ की सिंकाई लाभदायक होती है।5. हल्दी: हल्दी कीटाणुनाशक होती है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और दर्द निवारक तत्व पाए गए हैं। ये तत्व चोट के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। घाव पर हल्दी का लेप लगाने से वह ठीक हो जाता है। चोट लगने पर दूध में हल्दी डालकर पीने से दर्द में राहत मिलती है। एक चम्मच हल्दी में आधा चम्मच काला गर्म पानी के साथ फांखने से पेट दर्द व गैस में राहत मिलती है। 6. तुलसी के पत्ते: तुलसी में बहुत सारे औषधीय तत्व पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियों को पीसकर चंदन पाउडर में मिलाकर पेस्ट बना लें। दर्द होने पर प्रभावित जगह पर उस लेप को लगाने से दर्द में राहत मिलेगी। एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर हल्का गुनगुना करके खाने से गले की खराश और दर्द दूर हो जाता है। खांसी में भी तुलसी का रस काफी फायदेमंद होता है। 7. मेथी: एक चम्मच मेथी दाना में चुटकी भर पिसी हुई हींग मिलाकर पानी के साथ फांखने से पेटदर्द में आराम मिलता है। मेथी डायबिटीज में भी लाभदायक होती है। मेथी के लड्डू खाने से जोडों के दर्द में लाभ मिलता है। 8. हींग: हींग दर्द निवारक और पित्तवर्द्धक होती है। छाती और पेटदर्द में हींग का सेवन लाभकारी होता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर हींग को पानी में घोलकर पकाने और उसे बच्चो की नाभि के चारो ओर उसका लेप करने से दर्द में राहत मिलती है। 9. सेब: सुबह खाली पेट प्रतिदिन एक सेब खाने से सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है। चिकित्सकों का मानना है कि सेब का नियमित सेवन करने से रोग नहीं घेरते। 10. करेला: करेले का रस पीने से पित्त में लाभ होता है। जोडों के दर्द में करेले का रस लगाने से काफी राहत मिलती है।
जिस तरह का जीवन हम जी रहे हैं, उसमें सिरदर्द होना एक आम बात है। लेकिन यह दर्द हमारी दिनचर्या में शामिल हो जाए तो हमारे लिए बहुत कष्टदायी हो जाता है। दर्द से छुटकारा पाने के लिए हम पेन किलर घरेलू उपाय अपनाकर इसे दूर कर सकते हैं। इन घरेलू उपायों के कोई साईड इफेक्ट भी नहीं होते। 1। अदरक: अदरक एक दर्द निवारक दवा के रूप में भी काम करती है। यदि सिरदर्द हो रहा हो तो सूखी अदरक को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बना लें और इसे अपने माथे पर लगाएं। इसे लगाने पर हल्की जलन जरूर होगी लेकीन यह सिरदर्द दूर करने में मददगार होती है। 2. सोडा: पेट में दर्द होने पर कप पानी में एक चुटकी खाने वाला सोडा डालकर पीने से पेट दर्द में राहत मिलती है। सि्त्रयो के मासिक धर्म के समय पेट के नीचे होने वाले दर्द को दूर करने मे खाने वाला सोडा पानी में मिलाकर पीने से दर्द दूर होता है। एसिडिटी होने पर एक चुटकी सोडा, आधा चम्मच भुना और पिसा हुआ जीरा, 8 बूंदे नींबू का रस और स्वादानुसार नमक पानी में मिलाकर पीने से एसिडिटी में राहत मिलती है। 3. अजवायन: सिरदर्द होने पर एक चम्मच अजवायन को भूनकर साफ सूती कपडे में बांधकर नाक के पास लगाकर गहरी सांस लेने से सिरदर्द में राहत मिलती है। ये प्रक्रिया तब तक दोहराएं जब तक आपका सिरदर्द ठीक नहीं हो जाता। पेट दर्द को दूर करने में भी अजवायन सहायक होती है। पेट दर्द होने पर आधा चम्मच अजवायन को पानी के साथ फांखने से पेट दर्द में राहत मिलती है।4. बर्फ : सिरदर्द में बर्फ की सिंकाई करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा स्पॉन्डिलाइटिस में भी बर्फ की सिंकाई लाभदायक होती है। गर्दन में दर्द होने पर भी बर्फ की सिंकाई लाभदायक होती है।5. हल्दी: हल्दी कीटाणुनाशक होती है। इसमें एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और दर्द निवारक तत्व पाए गए हैं। ये तत्व चोट के दर्द और सूजन को कम करने में सहायक होते हैं। घाव पर हल्दी का लेप लगाने से वह ठीक हो जाता है। चोट लगने पर दूध में हल्दी डालकर पीने से दर्द में राहत मिलती है। एक चम्मच हल्दी में आधा चम्मच काला गर्म पानी के साथ फांखने से पेट दर्द व गैस में राहत मिलती है। 6. तुलसी के पत्ते: तुलसी में बहुत सारे औषधीय तत्व पाए जाते हैं। तुलसी की पत्तियों को पीसकर चंदन पाउडर में मिलाकर पेस्ट बना लें। दर्द होने पर प्रभावित जगह पर उस लेप को लगाने से दर्द में राहत मिलेगी। एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस शहद में मिलाकर हल्का गुनगुना करके खाने से गले की खराश और दर्द दूर हो जाता है। खांसी में भी तुलसी का रस काफी फायदेमंद होता है। 7. मेथी: एक चम्मच मेथी दाना में चुटकी भर पिसी हुई हींग मिलाकर पानी के साथ फांखने से पेटदर्द में आराम मिलता है। मेथी डायबिटीज में भी लाभदायक होती है। मेथी के लड्डू खाने से जोडों के दर्द में लाभ मिलता है। 8. हींग: हींग दर्द निवारक और पित्तवर्द्धक होती है। छाती और पेटदर्द में हींग का सेवन लाभकारी होता है। छोटे बच्चों के पेट में दर्द होने पर हींग को पानी में घोलकर पकाने और उसे बच्चो की नाभि के चारो ओर उसका लेप करने से दर्द में राहत मिलती है। 9. सेब: सुबह खाली पेट प्रतिदिन एक सेब खाने से सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है। चिकित्सकों का मानना है कि सेब का नियमित सेवन करने से रोग नहीं घेरते। 10. करेला: करेले का रस पीने से पित्त में लाभ होता है। जोडों के दर्द में करेले का रस लगाने से काफी राहत मिलती है।
रंगत निखारने के उबटन
रंगत निखारने के उबटन
1. 2 चम्मच मलाई, 1 चम्मच बेसन, चुटकी भर हलदी मिला कर पेस्ट बना लें, इसे चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद चेहरा पानी से धो लें, रंगत निखरने लगेगी।
2. 1 चम्मच उडद की दाल को कचे दूध में भिगो दें, पीस कर पेस्ट बनाएं, फिर इसमें थोडा सा गुलाबजल मिला कर चेहरे पर लगाएं, थोडी देर सूखने दें फिर धीरे-धीरे गोलाई में रगडते हुए उतार दें और चेहरा धो लें। त्वचा रौनकदार हो जाएगी।
3. 2 चम्मच बेसन, 1 चम्मच सरसों का तेल, थोडा सा दूध मिला कर पेस्ट बना लें। पूरे शरीर पर इस उबटन को लगा लें। कुछ देर बाद हाथ से रगड कर छुडाएं और स्नान करें। त्वचा गोरी व मुलायम हो जाएगी।
4. मसूर की दाल को पीस कर पाउडर बना लें। 2 चम्मच दाल के पाउडर में अंडे की जर्दी मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें 2 बूंद नीबू का रस व 1 बडा चम्मच कच्चा दूध मिलाकर रोज चेहरे पर लगाएं सूखने पर छुडाएं व ठंडे पानी से चेहरा धो लें। चेहरे का रंग निखर जाएगा।
5. बडा चम्मच दही, 1 बडा चम्मच बेसन, चुटकी भर हलदी व 2-4 बूंद नीबू के रस की मिला कर गाढा लेप तैयार करें। इसे हाथ-पांव, चेहरे व पूरे शरीर पर लगा कर 5-10 मिनट छोड दें। फिर धीरे-धीरे हाथ से रगड कर छुडा दें और स्नान करें।
6. चम्मच मुलतानी मिट्टी के पाउडर में थोडी सी मलाई व कुछ बूंदे गुलाबजल की मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाकर सूखने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धोएं और चेहरे की रंगत देखें।
7. चम्मच सरसों को दूध में मिलाकर बारीक पीस लें फिर चेहरे पर लगाएं। सरसों के उबटन से न केवल रंग में निखार आएगा, त्वचा में चमक भी बनी रहेगी।
8. दही त्वचा की रंगत निखारता है, नीबू से तैलीयता कम होती है। इन दोनों को मिलाकर बनाया गया उबटन त्वचा को निखारता है व वह चमकदार होती है।
9. खरबूजे के बीज और सीताफल के बीज को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और दूध में मिलाकर चेहरे पर तथा गर्दन पर लगाएं। कुछ दिनों के प्रयोग से रंगत निखरने लगेगी।
10. 1 ब्रेड स्लाइस को थोडे से दूध में भिगो कर चेहरे पर लगा कर रखें। 5 मिनट बाद रगड कर छुडा दें। ताजे पानी से चेहरा धो लें। मृत त्वचा हटकर जानदार त्वचा हो जाएगी।
11. चम्मच चने का आटा या बेसन, चुटकी भर हलदी, 2-3 बूंदें नीबू के रस की और थोडा सा कच्चा दूध मिला कर लेप बना लें और कुछ दिनों तक इसका प्रयोग चेहरे या पूरे शरीर पर करें। त्वचा निखरेगी।
रूखी त्वचा के लिए
1. बडा चम्मच चावल का आटा, 1 छोटा चम्मच शहद व 1 छोटा चम्मच अंडे की सफेदी को मिला कर लेप बना लें। इसे 5 मिनट तक चेहरे पर लगा कर रखें फिर चेहरा धो लें।
2. बडा चम्मच जौ का आटा, 1 अंडे की जर्दी, 1 छोटा चम्मच शहद व थोडा सा दूध मिला कर चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
3. बडा चम्मच चंदन का पाउडर, इसमें गुलाबजल मिला कर लेप बना लें। इसे चेहरे पर 15-20 मिनट लगा कर रखें फिर हलके हाथ रगड कर छुडा दे और चेहरा धोकर साफ करें।
4. 1 पके केले को मसल कर पेस्ट बना लें। इसमें थोडा-सा शहद व कुछ बूंदें नीबू के रस की मिला कर चेहरे पर मलें, 5-6 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इससे चेहरे में निखार तो आता ही है, झुर्रियां भी नहीं रहतीं।
5. छोटा चम्मच बादाम का पाउडर, 1 छोटा चम्मच मलाई, 1 बडा चम्मच मसूर की दाल का पेस्ट, 1/4 चम्मच गुलाबजल व कुछ बूंदें तेल की मिला कर पेस्ट बना लें। इसे पूरे शरीर पर या चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद छुडा दें और स्नान कर लें। त्वचा कांतिवान व चमकदार बनेगी।
तैलीय त्वचा के लिए
1. बडा चम्मच जौ का आटा, 1 बडा चम्मच सेब का गूदा को मिला कर पेस्ट बनाएं, इसे त्वचा पर लगाएं।
2. संतरे के छिलके का पाउडर 2 बडा चम्मच, इसमें थोडा कच्चा दूध व गुलाबजल मिला कर गाढा लेप तैयार करें। इस उबटन को चेहरे पर लगाएं। त्वचा कांतिपूर्ण हो जाएगी।
3. बडा चम्मच दही, 1 छोटा चम्मच खीरे का रस, इन्हें मिलाकर 10-15 मिनट चेहरे पर लगाएं, फिर ठंडे पानी से धो दें।
4. बडा चम्मच चंदन का पाउडर, 1 छोटा चम्मच नीम की पत्तियां, 1 बडा चम्मच गुलाब पत्तियां, 1 छोटा चम्मच चोकर, चुटकी भर हलदी पाउडर को मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर 8-10 मिनट लगा कर रखें। सूखने पर थपथपा कर छुडाएं।
5. बडा चम्मच जौ का आटा, 1 बडा चम्मच चने का आटा, चुटकी भर हलदी, 2-4 बूंदे नीबू का रस, 1 बडा चम्मच गुलाबजल मिलाकर लेप तैयार करें। इसे शरीर या चेहरे पर लगायें। सूखने पर छुडाएं फिर स्थान करें।
दाग-धब्बेदार त्वचा के लिए
1. गांठ ताजा हलदी, 2 बडी चम्मच मलाई, कुछ बूंदें गुलाबजल की। हल्दी को काट कर सिल कर पीस लें। इसमें मलाई व गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर कुछ दिन तक हर रोज लगाएं। त्वचा निखारेगी व साफ-सुथरी व बेदाग बनेगी।
2. बडा चम्मच नीम की सूखी पत्तियां, 2 बडा चम्मच जौ का आटा, 2 बडा चम्मच चने का आटा, 2 बडा चम्मच मुलतानी मिट्टी का पाउडर, 1/2 चम्मच शहद, कुछ बूंद नीबू का रस मिलाकर लेप तैयार करें और चेहरे पर लगाएं। कुछ ही दिनों के प्रयोग से त्वचा साफ- सुथरी लगने लगेगी। इस पेस्ट को बनाकर 1 हफ्ते तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
सदाबहार इंस्टेंट उबटन
1. दूध का बर्तन खाली होने पर उसमें चुटकी भर हलदी, गेहूं का आटा व कुछ बूंदे तेल की डाल कर पेस्ट बना लें इस पेस्ट को हाथ पैर व चेहरे पर मलें। फिर सूखने पर रगडकर छुडा दें। ऐसा हर रोज करें और अपनी रंगत में आए बदलाव को देखें।
1. 2 चम्मच मलाई, 1 चम्मच बेसन, चुटकी भर हलदी मिला कर पेस्ट बना लें, इसे चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद चेहरा पानी से धो लें, रंगत निखरने लगेगी।
2. 1 चम्मच उडद की दाल को कचे दूध में भिगो दें, पीस कर पेस्ट बनाएं, फिर इसमें थोडा सा गुलाबजल मिला कर चेहरे पर लगाएं, थोडी देर सूखने दें फिर धीरे-धीरे गोलाई में रगडते हुए उतार दें और चेहरा धो लें। त्वचा रौनकदार हो जाएगी।
3. 2 चम्मच बेसन, 1 चम्मच सरसों का तेल, थोडा सा दूध मिला कर पेस्ट बना लें। पूरे शरीर पर इस उबटन को लगा लें। कुछ देर बाद हाथ से रगड कर छुडाएं और स्नान करें। त्वचा गोरी व मुलायम हो जाएगी।
4. मसूर की दाल को पीस कर पाउडर बना लें। 2 चम्मच दाल के पाउडर में अंडे की जर्दी मिलाकर पेस्ट बना लें। इसमें 2 बूंद नीबू का रस व 1 बडा चम्मच कच्चा दूध मिलाकर रोज चेहरे पर लगाएं सूखने पर छुडाएं व ठंडे पानी से चेहरा धो लें। चेहरे का रंग निखर जाएगा।
5. बडा चम्मच दही, 1 बडा चम्मच बेसन, चुटकी भर हलदी व 2-4 बूंद नीबू के रस की मिला कर गाढा लेप तैयार करें। इसे हाथ-पांव, चेहरे व पूरे शरीर पर लगा कर 5-10 मिनट छोड दें। फिर धीरे-धीरे हाथ से रगड कर छुडा दें और स्नान करें।
6. चम्मच मुलतानी मिट्टी के पाउडर में थोडी सी मलाई व कुछ बूंदे गुलाबजल की मिलाकर पेस्ट बना लें। इसे चेहरे पर लगाकर सूखने दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा धोएं और चेहरे की रंगत देखें।
7. चम्मच सरसों को दूध में मिलाकर बारीक पीस लें फिर चेहरे पर लगाएं। सरसों के उबटन से न केवल रंग में निखार आएगा, त्वचा में चमक भी बनी रहेगी।
8. दही त्वचा की रंगत निखारता है, नीबू से तैलीयता कम होती है। इन दोनों को मिलाकर बनाया गया उबटन त्वचा को निखारता है व वह चमकदार होती है।
9. खरबूजे के बीज और सीताफल के बीज को बराबर-बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और दूध में मिलाकर चेहरे पर तथा गर्दन पर लगाएं। कुछ दिनों के प्रयोग से रंगत निखरने लगेगी।
10. 1 ब्रेड स्लाइस को थोडे से दूध में भिगो कर चेहरे पर लगा कर रखें। 5 मिनट बाद रगड कर छुडा दें। ताजे पानी से चेहरा धो लें। मृत त्वचा हटकर जानदार त्वचा हो जाएगी।
11. चम्मच चने का आटा या बेसन, चुटकी भर हलदी, 2-3 बूंदें नीबू के रस की और थोडा सा कच्चा दूध मिला कर लेप बना लें और कुछ दिनों तक इसका प्रयोग चेहरे या पूरे शरीर पर करें। त्वचा निखरेगी।
रूखी त्वचा के लिए
1. बडा चम्मच चावल का आटा, 1 छोटा चम्मच शहद व 1 छोटा चम्मच अंडे की सफेदी को मिला कर लेप बना लें। इसे 5 मिनट तक चेहरे पर लगा कर रखें फिर चेहरा धो लें।
2. बडा चम्मच जौ का आटा, 1 अंडे की जर्दी, 1 छोटा चम्मच शहद व थोडा सा दूध मिला कर चेहरे पर लगाएं। 10-15 मिनट बाद चेहरा धो लें।
3. बडा चम्मच चंदन का पाउडर, इसमें गुलाबजल मिला कर लेप बना लें। इसे चेहरे पर 15-20 मिनट लगा कर रखें फिर हलके हाथ रगड कर छुडा दे और चेहरा धोकर साफ करें।
4. 1 पके केले को मसल कर पेस्ट बना लें। इसमें थोडा-सा शहद व कुछ बूंदें नीबू के रस की मिला कर चेहरे पर मलें, 5-6 मिनट के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इससे चेहरे में निखार तो आता ही है, झुर्रियां भी नहीं रहतीं।
5. छोटा चम्मच बादाम का पाउडर, 1 छोटा चम्मच मलाई, 1 बडा चम्मच मसूर की दाल का पेस्ट, 1/4 चम्मच गुलाबजल व कुछ बूंदें तेल की मिला कर पेस्ट बना लें। इसे पूरे शरीर पर या चेहरे पर लगाएं। कुछ देर बाद छुडा दें और स्नान कर लें। त्वचा कांतिवान व चमकदार बनेगी।
तैलीय त्वचा के लिए
1. बडा चम्मच जौ का आटा, 1 बडा चम्मच सेब का गूदा को मिला कर पेस्ट बनाएं, इसे त्वचा पर लगाएं।
2. संतरे के छिलके का पाउडर 2 बडा चम्मच, इसमें थोडा कच्चा दूध व गुलाबजल मिला कर गाढा लेप तैयार करें। इस उबटन को चेहरे पर लगाएं। त्वचा कांतिपूर्ण हो जाएगी।
3. बडा चम्मच दही, 1 छोटा चम्मच खीरे का रस, इन्हें मिलाकर 10-15 मिनट चेहरे पर लगाएं, फिर ठंडे पानी से धो दें।
4. बडा चम्मच चंदन का पाउडर, 1 छोटा चम्मच नीम की पत्तियां, 1 बडा चम्मच गुलाब पत्तियां, 1 छोटा चम्मच चोकर, चुटकी भर हलदी पाउडर को मिलाकर पेस्ट बनाएं और चेहरे पर 8-10 मिनट लगा कर रखें। सूखने पर थपथपा कर छुडाएं।
5. बडा चम्मच जौ का आटा, 1 बडा चम्मच चने का आटा, चुटकी भर हलदी, 2-4 बूंदे नीबू का रस, 1 बडा चम्मच गुलाबजल मिलाकर लेप तैयार करें। इसे शरीर या चेहरे पर लगायें। सूखने पर छुडाएं फिर स्थान करें।
दाग-धब्बेदार त्वचा के लिए
1. गांठ ताजा हलदी, 2 बडी चम्मच मलाई, कुछ बूंदें गुलाबजल की। हल्दी को काट कर सिल कर पीस लें। इसमें मलाई व गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर कुछ दिन तक हर रोज लगाएं। त्वचा निखारेगी व साफ-सुथरी व बेदाग बनेगी।
2. बडा चम्मच नीम की सूखी पत्तियां, 2 बडा चम्मच जौ का आटा, 2 बडा चम्मच चने का आटा, 2 बडा चम्मच मुलतानी मिट्टी का पाउडर, 1/2 चम्मच शहद, कुछ बूंद नीबू का रस मिलाकर लेप तैयार करें और चेहरे पर लगाएं। कुछ ही दिनों के प्रयोग से त्वचा साफ- सुथरी लगने लगेगी। इस पेस्ट को बनाकर 1 हफ्ते तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
सदाबहार इंस्टेंट उबटन
1. दूध का बर्तन खाली होने पर उसमें चुटकी भर हलदी, गेहूं का आटा व कुछ बूंदे तेल की डाल कर पेस्ट बना लें इस पेस्ट को हाथ पैर व चेहरे पर मलें। फिर सूखने पर रगडकर छुडा दें। ऐसा हर रोज करें और अपनी रंगत में आए बदलाव को देखें।
ताकि न रहें चिपचिपे बाल
ताकि न रहें चिपचिपे बाल
क्या आप बेजान, चिपचिपे और अतिरिक्त तैलीय बालों से परेशान हैं? अगर हां, तो हेयर एक्सपर्ट जावेद हबीब के बताए इन उपायों को अपनाएं और बालों को दें नया जीवन।
1. रुई या कॉटन बॉल को गुलाबजल में भिगोकर बालों की जडों में लगाएं। इससे उनकी चिकनाई कम होगी।
2. हार्ड पर्मिग और हानिकारक केमिकल के प्रयोग से बालों को बचाएं। यह सीजन किसी भी प्रकार के प्रयोग का नहीं है। इसलिए अपने बालों की घरेलू देखभाल करें। उनकी क्लीनिंग सही तरीके से करें।
3. मुलतानी मिट्टी में हलका गर्म पानी डालकर पेस्ट बनाएं। फिर थोडा सा नीबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। आधे घंटे बाद बाल धो लें।
4. 2 बडे चम्मच दही, एक छोटा चम्मच शहद और एक चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों में नई जान आ जाएगी और वे मजबूत भी बनेंगे।
5. बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए प्रोटीन से भरपूर आहार लें, क्योंकि प्रोटीन की कमी से बालों की रंगत खत्म हो जाती है और वे बेजान व चमकरहित हो जाते हैं।
क्या आप बेजान, चिपचिपे और अतिरिक्त तैलीय बालों से परेशान हैं? अगर हां, तो हेयर एक्सपर्ट जावेद हबीब के बताए इन उपायों को अपनाएं और बालों को दें नया जीवन।
1. रुई या कॉटन बॉल को गुलाबजल में भिगोकर बालों की जडों में लगाएं। इससे उनकी चिकनाई कम होगी।
2. हार्ड पर्मिग और हानिकारक केमिकल के प्रयोग से बालों को बचाएं। यह सीजन किसी भी प्रकार के प्रयोग का नहीं है। इसलिए अपने बालों की घरेलू देखभाल करें। उनकी क्लीनिंग सही तरीके से करें।
3. मुलतानी मिट्टी में हलका गर्म पानी डालकर पेस्ट बनाएं। फिर थोडा सा नीबू का रस मिलाकर बालों में लगाएं। आधे घंटे बाद बाल धो लें।
4. 2 बडे चम्मच दही, एक छोटा चम्मच शहद और एक चम्मच ग्लिसरीन मिलाकर बालों में लगाएं। इससे बालों में नई जान आ जाएगी और वे मजबूत भी बनेंगे।
5. बालों को मजबूत और स्वस्थ बनाने के लिए प्रोटीन से भरपूर आहार लें, क्योंकि प्रोटीन की कमी से बालों की रंगत खत्म हो जाती है और वे बेजान व चमकरहित हो जाते हैं।
पाएं रेशम से लहराते बाल
पाएं रेशम से लहराते बाल
आधुनिक लाइफस्टाइल में खुद के लिए समय निकालना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। बाल आपके सौंदर्य का अहम हिस्सा हैं। इनके लिए तो समय निकालना ही पडेगा। सखी के हेयर एक्सपर्ट जावेद हबीब आपको बता रहे हैं बालों में चमक लाने के कुछ आसान और नायाब उपाय।
1. दो ग्लास पानी में एक चम्मच चाय की पत्ती डालकर आधा होने तक उबालें। फिर इसमें एक नीबू का रस डालें। इस मिश्रण से बालों को धोने से उनमें चमक आ जाती है।
2. शैंपू करने के बाद बालों में बीयर को कंडिशनर की तरह लगाएं। यह आपके बालों को मुलायम तो बनाता ही है, साथ ही चमक भी बढाता है।
3. मसूर की दाल धोने के बाद उसके बचे हुए पानी से शैंपू के बाद बाल धोएं। फिर देखिए बाल रेशम जैसे हो जाएंगे।
4. अगर आपके बाल रूखे हो रहे हैं तो दो चम्मच शहद और दो चम्मच रम को शैंपू करने के बाद पानी में डालकर बाल धो लें। आपके बाल रेशम से मुलायम हो जाएंगे।
जावेद हबीब
आधुनिक लाइफस्टाइल में खुद के लिए समय निकालना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। बाल आपके सौंदर्य का अहम हिस्सा हैं। इनके लिए तो समय निकालना ही पडेगा। सखी के हेयर एक्सपर्ट जावेद हबीब आपको बता रहे हैं बालों में चमक लाने के कुछ आसान और नायाब उपाय।
1. दो ग्लास पानी में एक चम्मच चाय की पत्ती डालकर आधा होने तक उबालें। फिर इसमें एक नीबू का रस डालें। इस मिश्रण से बालों को धोने से उनमें चमक आ जाती है।
2. शैंपू करने के बाद बालों में बीयर को कंडिशनर की तरह लगाएं। यह आपके बालों को मुलायम तो बनाता ही है, साथ ही चमक भी बढाता है।
3. मसूर की दाल धोने के बाद उसके बचे हुए पानी से शैंपू के बाद बाल धोएं। फिर देखिए बाल रेशम जैसे हो जाएंगे।
4. अगर आपके बाल रूखे हो रहे हैं तो दो चम्मच शहद और दो चम्मच रम को शैंपू करने के बाद पानी में डालकर बाल धो लें। आपके बाल रेशम से मुलायम हो जाएंगे।
जावेद हबीब
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लेखक - पी. ए. बाला जो भी व्यक्ति धन संबंधी , कर्ज़ संबंधी परेशानियों से गुज़र रहे हैं । वह व्यक्ति नित्य प्रातः 3:00-3:30 बजे उठ कर अपने पलंग ...