रविवार, 16 नवंबर 2025

Nadi Sutras” – मुख्य सूत्र और उनका उपयोग

 

मुख्य सूत्र 1:

“ग्रह वहीं फल देते हैं जहाँ वे बैठे हों, जिससे युति हो और जिनसे दृष्टि मिले।”

(सूत्र 91)

🔍 उपयोग:

किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखने से पहले 3 चीज़ें देखें —

  1. ग्रह किस घर में है

  2. किस ग्रह के साथ है

  3. किन ग्रहों से दृष्ट है

यही तीन बातें ग्रह का पूरा फल तय करती हैं।
नाड़ी ज्योतिष में यही सबसे बड़ा सिद्धांत है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 2:

“शुभ ग्रह केंद्र–त्रिकोण में शुभ, पाप ग्रह उपचय भावों में शुभ।”

(सूत्र 92)

🔍 उपयोग:

  • गुरु, शुक्र, चंद्र, बुध → 1,4,7,10 या 1,5,9 में बैठे हों = जीवन में आसानी

  • सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु → 3,6,10,11 में शुभ परिणाम देते हैं

➡ इसका उपयोग कर्म, धन, संघर्ष, सफलता के विश्लेषण में होता है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 3:

“लग्नेश और चंद्रमा जीवन की नींव हैं। इनका बल ही जीवन की गुणवत्ता तय करता है।”

(सूत्र 93)

🔍 उपयोग:

  • लग्नेश अच्छा → शरीर, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य अच्छा

  • चंद्र अच्छा → मन, बुद्धि, निर्णय, सुख अच्छा

➡ भविष्यवाणी लग्नेश + चंद्र देखकर शुरू की जाती है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 4:

“5वें और 9वें भाव का संबंध भाग्य और ज्ञान ठहराता है।”

(सूत्र 94)

🔍 उपयोग:

  • पंचमेश + नवमेश = शिक्षा, भाग्य, संतानयोग, ईश्वरकृपा

  • यह संबंध शुभ हो → जीवन सरल और भाग्यशाली

  • अशुभ हो → संघर्ष अधिक

➡ नाड़ी में इसे “धर्म–त्रिकोण” कहा जाता है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 5:

“हर ग्रह अपने संयोजन के अनुसार फल बदलता है।”

(सूत्र 21–40, 41–50 आदि सभी संयोजन विधान)

🔍 उपयोग:

एक ग्रह अकेला नहीं बोलता —
जिसके साथ बैठा है वही उसके फल को अच्छा या खराब बना देता है।

उदाहरण:

  • चंद्र + मंगल = तेज दिमाग

  • चंद्र + राहु = बेचैनी

  • बुध + शुक्र = कलाकार

  • बुध + मंगल = बहस, इंजीनियरिंग

➡ ग्रहों के मित्र–सम्बंध नाड़ी का आधार हैं।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 6:

“शुभ ग्रह ऊपर उठाते हैं, पाप ग्रह परीक्षा लेकर परिपक्व बनाते हैं।”

(सूत्र 95)

🔍 उपयोग:

  • शुभ ग्रह → सहारा

  • पाप ग्रह → संघर्ष = सुधार = शक्ति

➡ पापग्रह जीवन बिगाड़ते नहीं — वे सिखाते हैं।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 7:

“ग्रह अपने परिपक्व होने की आयु में सबसे सटीक फल देते हैं।”

(सूत्र 96)

🔍 उपयोग:

  • गुरु = 16

  • शुक्र = 25

  • मंगल = 28

  • सूर्य = 22

  • चंद्र = 24

  • बुध = 32

  • शनि = 36

  • राहु = 42

  • केतु = 48

➡ जीवन के परिवर्तन इन्हीं आयुओं पर समझे जाते हैं।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 8:

“गुरु और चंद्र जीवन में बड़े पतन से बचाते हैं।”

(सूत्र 97)

🔍 उपयोग:

कुंडली में देखिए —
अगर गुरु या चंद्र मजबूत हों,
तो जीवन में बड़े संकट में भी पुनः उठान (Recovery) होता है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 9:

“राहु वही देता है जो गुरु चाहता है — पर शॉर्टकट और अचानक।”

(सूत्र 98)

🔍 उपयोग:

  • राहु = तेज़ सफलता, अचानक अवसर

  • गुरु = स्थिर सफलता, नैतिक मार्ग

➡ राहु–गुरु संबंध करियर और अचानक उन्नति देखने में मुख्य सूत्र है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 10:

“कुंडली भविष्य नहीं, कर्म का नक्शा है; ग्रह शिक्षक हैं।”

(सूत्र 100)

🔍 उपयोग:

  • सूर्य → अहं

  • चंद्र → मन

  • मंगल → ऊर्जा

  • बुध → बुद्धि

  • गुरु → धर्म

  • शुक्र → प्रेम

  • शनि → धैर्य

  • राहु → महत्वाकांक्षा

  • केतु → वैराग्य

➡ नाड़ी ज्योतिष का अंतिम नियम —
ग्रह दंड नहीं देते, कर्म सुधारते हैं


🌟 इन मुख्य सूत्रों का उपयोग – कैसे करें?

अब सबसे महत्वपूर्ण बात — इन 10 सूत्रों को प्रैक्टिकल उपयोग में कैसे लाते हैं?

✔ Step 1: लग्नेश और चंद्र देखिए

→ क्या ये मजबूत हैं?
→ यदि हाँ, जीवन की नींव मजबूत है।

✔ Step 2: सभी ग्रहों के घर + युति देखें

→ मुख्य सूत्र 1 लागू करें
→ ग्रह कहाँ बैठे हैं + किसके साथ हैं + कौन-सी दृष्टि है

✔ Step 3: शुभ + पापग्रह की स्थिति

→ मुख्य सूत्र 2
→ शुभ ग्रह त्रिकोण/केंद्र में?
→ पापग्रह उपचय में?

✔ Step 4: धर्म-त्रिकोण (5–9) की जाँच

→ मुख्य सूत्र 4
→ भाग्य, संतान, शिक्षा यहीं से देखें।

✔ Step 5: संयोजन सिद्धांत लगाएँ

→ बुध–शुक्र
→ चंद्र–मंगल
→ शनि–मंगल
→ राहु–सूर्य
→ गुरु–चंद्र

✔ Step 6: ग्रहों की परिपक्व आयु पर परिणाम

→ मुख्य सूत्र 7
→ जीवन के बदलाव इन्हीं वर्षों में देखिए।

✔ Step 7: राहु–गुरु नियम

→ मुख्य सूत्र 9
→ अचानक उन्नति है या स्थिर उन्नति?

नौकरी, पदोन्नति, बदलाव, विफलता या सफलता

 

सूत्र 1 — दशा हमेशा पहला निर्णायक

"Career events follow the Mahadasha–Antardasha pattern first."

✔ इसका मतलब

  • करियर में बदलाव तभी होगा जब 10th lord, 6th lord, 11th lord,
    या योगकारक ग्रह की दशा/अंतर चल रही हो।

  • “अच्छी दशा = rise”,

  • “खराब दशा = fall / struggle",

  • "Mixed दशा = slow progress"

कैसे प्रयोग करें?

  1. व्यक्ति की वर्तमान दशा देखें

  2. उस ग्रह की nature + placement देखें

  3. उससे career की दिशा बताएं

उदाहरण—
अगर किसी की शनि महादशा चल रही है →
career becomes stable, disciplined, slow, but long-lasting success.


सूत्र 2 — 6th, 10th और 11th भाव = Career Triangle

"The strongest career events happen when 6th, 10th, 11th houses activate together."

✔ कैसे पहचानें?

  • दशा का ग्रह इन घरों को aspect करे

  • या transit इन घरों को activate करे

  • या इन घरों के स्वामी सक्रिय हों

प्रयोग

जब ये तीनों किसी समय powerful हों →
Promotion / new job / big break


सूत्र 3 — 10th lord is the KING of Career

"10th lord decides the quality, direction, rise, fall, name, fame."

✔ देखें:

  • 10th lord किस घर में?

  • कौन-से ग्रह उसको aspect करते हैं?

  • Combust है या exalted है?

  • Shadbala कैसा है?

✔ कैसे काम में लाएं?

10th lord की position देखकर ही यह तय होता है कि व्यक्ति
– नेता बनेगा,
– creative होगा,
– service करेगा,
– business करेगा,
– या authority roles में जाएगा।


सूत्र 4 — Double Transit (Shaani + Guru) सबसे बड़ा Trigger

"No major career event happens unless Saturn and Jupiter simultaneously activate a career house."

✔ Activation houses:

  • 6th = job

  • 10th = promotion / authority

  • 11th = gains, benefits

  • 3rd = efforts paid

  • 1st = new beginning

प्रयोग

Transit chart खोलें और देखें
कौन-से भाव पर
शनि और गुरु एक साथ दृष्टि/स्थान दे रहे हैं।

यही career event window है।


सूत्र 5 — Ashtakavarga support = event stronger

"Strong SAV/BAV points in 6, 10, 11 guarantee success."

कैसे उपयोग करें?

  • 10th house में 30+ points = professional rise

  • 11th में high BAV = gains

  • 6th में high BAV = victory, service success

अगर 10th में low points हों →
job-change कठिन, delay


सूत्र 6 — D-10 (Dashamsha) is confirmation chart

"D-10 confirms what D-1 promises."

कैसे प्रयोग करें?

  1. D-1 में 10th lord को देखें

  2. D-10 में उसकी dignity देखें

  3. Promotion या fall D-10 से final confirm होता है


सूत्र 7 — Saturn gives rise only after struggle

"Shani indicates slow progress but permanent success."

कैसे काम करें?

अगर 10th lord = शनि
या शनि 10th house में हो →
व्यक्ति late-bloomer होता है
लेकिन authority और सम्मान उसे ही मिलता है।


सूत्र 8 — Sun + Mars = Government, Leadership, Command

"Aggressive fire planets in 10th give bold careers."

This predicts:

  • defence

  • police

  • administration

  • politics

  • management

  • entrepreneurial rise


सूत्र 9 — Rahu gives sudden rise or sudden fall

"Rahu in 10th or influencing 10th lord creates dramatic jumps."

कैसे उपयोग करें?

अगर Rahu दasha आए →

  • तेज promotion

  • अचानक job change

  • foreign opportunities

  • big risk / big reward

Combined with Saturn → karmic lift.


सूत्र 10 — Moon = public, popularity, support

"Good Moon gives fame, bad moon gives instability."

Moon का role:

  • Public dealing

  • Social support

  • HR/People-based roles

  • Emotional career shifts

Moon weak → job instability periods की prediction मिलती है।


⭐ अब इन सूत्रों का Step-by-Step Practical System

(किसी भी कुंडली पर ऐसे लगाएं)


Step 1: Dasha देखें → Event possible है या नहीं?

अगर 10th/6th/11th/योगकारक ग्रह की दशा नहीं चल रही →
Career major event नहीं होगा।


Step 2: 10th lord की placement देखें

इससे career का nature पता चलता है।


Step 3: 6th–10th–11th triangle देखें

कितना strong है = उतना ही career strong।


Step 4: Double Transit देखें (Saturn + Jupiter)

Promotion/Job change तभी confirm होता है।


Step 5: Ashtakavarga देखें

High points = guarantee
Low points = delay


Step 6: D-10 खोलकर final confirmation लें

चार्ट झूठ नहीं बोलता —
D-10 rise या fall directly दिखाता है।

ASHTAKAVARGA के मुख्य सूत्र

 

सूत्र 1 — ग्रह जिस भाव में जितने बिंदु देता है, उतनी ही उस भाव की शक्ति है।

➤ प्रयोग

यदि सूर्य 10वें भाव को 5 बिंदु देता है → करियर में उन्नति।
यदि चंद्र 4थे भाव में 2 बिंदु देता है → मन-शांति कम।


सूत्र 2 — 4 या उससे अधिक बिंदु = शुभ फल। 3 या कम = बाधा/विलम्ब।

➤ प्रयोग

कोई ग्रह यदि 7वें भाव में 2 बिंदु दे → विवाह/साझेदारी में विलम्ब।
उसी ग्रह द्वारा 11वें भाव में 5 बिंदु → धन-लाभ।


सूत्र 3 — जिस भाव के बिंदु सर्वाधिक हों, वही भाव जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

➤ प्रयोग

किसी व्यक्ति का 9वाँ भाव (भाग्य) 37 SAV बिंदु रखे →
उसका जीवन भाग्य और धर्म-कर्म के आधार पर उठेगा।


सूत्र 4 — Kendra (1,4,7,10) और Trikona (1,5,9) में उच्च बिंदु विशेष फल देते हैं।

➤ प्रयोग

1st, 5th, 9th में high bindu → शिक्षा, भाग्य, personality बहुत मजबूत।
10th में high bindu → बड़ा करियर, authority।


सूत्र 5 — 6, 8, 12 में कम बिंदु शुभ हैं (क्योंकि बुरे भाव कमजोर होंगे)।

➤ प्रयोग

6th = disease, enemy
अगर 6th में bindu कम हैं → रोग/दुश्मन कमजोर।

8th कम → दुर्घटना/दीर्घ रोग कम।
12th कम → खर्च नियंत्रण।


सूत्र 6 — जिस भाव के स्वामी के Ashtakavarga बिंदु कम हों, उस भाव के विषय में कमी होगी।

➤ प्रयोग

5th भाव का स्वामी (मंगल) यदि अपने AV में 2 bindu रखता है →
संतान/शिक्षा में बाधाएँ आएँगी, भले ही SAV ठीक हो।


**सूत्र 7 — कोई भाव तभी पूर्ण फल देता है जब:

उस भाव + उसके स्वामी + संबंधित ग्रह — तीनों के बिंदु अच्छे हों।**

➤ प्रयोग

10th करियर:

  • 10th SAV अच्छा (35+)?

  • 10th lord (शनि) के AV में 4+?

  • सूर्य/मंगल (करियर ग्रह) strong?

तभी बड़ा पद/authority मिलता है।


सूत्र 8 — Ashtakavarga का समय सिद्धांत (Timing Principle)

ग्रह अपने transit में वहीं लाभ देता है जहाँ उसके bindu ज़्यादा हों।

➤ प्रयोग

यदि गुरु के 11वें भाव में 5 बिंदु हों →
गुरु गोचर में 11वें भाव से गुजरते समय धन-लाभ, promotion।


सूत्र 9 — प्रत्येक ग्रह जहाँ बिंदु दे, उसी भाव से संबंधित घटनाएँ उसी ग्रह की दशा में सक्रिय होती हैं।

➤ प्रयोग

शुक्र के 7th में 5 bindu →
शुक्र दशा में विवाह, प्रेम, साझेदारी सशक्त।


सूत्र 10 — जिस भाव में सभी ग्रह मिलकर (SAV) 28 से कम बिंदु दें → वह भाव कमजोर।

➤ प्रयोग

यदि 4th SAV = 25 →
घर-परिवार, वाहन, जमीन में समस्याएँ।


सूत्र 11 — जिस भाव का SAV 30–34 हो = सामान्य शुभ। 35–40 = बहुत शुभ। 40+ = असाधारण।

➤ प्रयोग

11th SAV = 38 →
जीवन में धन-लाभ लगातार रहेगा।


सूत्र 12 — भावों को जोड़कर निर्णय करो (Bhava Pair Formula)।

भाव-युग्म:

  • 2 + 11 = धन

  • 4 + 10 = करियर vs घर

  • 5 + 9 = शिक्षा/भाग्य

  • 7 + 1 = विवाह/जीवन

➤ प्रयोग

यदि 2 = 5 bindu, 11 = 4 → मजबूत धनयोग।
यदि 7 = 3, 1 = 2 → विवाह में बाधा।


सूत्र 13 — Sarvashtakavarga का विचलन दिखाता है कि किस उम्र में उतार–चढ़ाव आएँगे।

➤ प्रयोग

कम SAV वाले भाव पर गोचर वर्ष में कष्ट।
अधिक SAV वाले भाव पर good events.


सूत्र 14 — ग्रह जिस भाव में कम बिंदु रखता है, वहाँ उसके Remedies सबसे तुरंत असर देते हैं।

➤ प्रयोग

चंद्र 4th में 2 bindu? → चंद्र उपाय = immediate mind-relief।


सूत्र 15 — यदि कोई ग्रह किसी भाव को 7 बिंदु देता है → उस क्षेत्र में चमत्कारिक परिणाम। (Rare Yogas)

➤ प्रयोग

अगर गुरु 9th को 7 bindu दे दे →
भाग्य, धर्म, ज्ञान में असाधारण उन्नति
जीवन को ऊपर उठाने वाला योग।


⭐ अब सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न:

इन सूत्रों का वास्तविक उपयोग कैसे करते हैं?

मैं आपको “3-step practical method” दे रही/रहा हूँ:


Step 1: भाव का SAV देखो — भाव का मूल परिणाम

जैसे 10वाँ भाव करियर:

  • 25–28 = struggle

  • 30–34 = normal

  • 35–40 = rise/fame

  • 40+ = exceptional rise


Step 2: उस भाव-स्वामी ग्रह का Ashtakavarga देखो

10th = सिंह → lord सूर्य
सूर्य के AV bindu देखो।

  • 4+ bindu → करियर में authority

  • 2 या कम → चिंता/परिवर्तन


Step 3: Time देखो — Dashā + Transit जहाँ bindu high हों

उदाहरण:

  • सूर्य AV: 10th = 5 bindu

  • सूर्य दशा = करियर uplift

  • सूर्य गोचर 10th से गुजरे = job promotion

जैमिनी ज्योतिष के “मुख्य सूत्र”

 

जैमिनी ज्योतिष ग्रहों पर आधारित नहीं, बल्कि राशियों + कारक ग्रहों + दृष्टियों + पदों पर आधारित है।
इसलिए जैमिनी में जिन बातों को “मुख्य सूत्र” कहा जाता है, वे ये हैं:


1️⃣ कारक-तंत्र (Karaka System) – सबसे महत्वपूर्ण

जैमिनी ज्योतिष का आधार 7 चर-कारक हैं:

कारकक्या दर्शाता है
AKआत्मा, जीवन-दिशा
AmKपेशा, कर्म
BKभाई-बहन
MKमाता
PKसंतान
GKरोग/कष्ट/संघर्ष
DKजीवनसाथी

👉 मुख्य सूत्र:

“कारक ही फल देते हैं।”
मतलब भाव से कम, कारक ग्रह ज़्यादा बताते हैं।

📌 प्रयोग
— जीवन में कौन-सा क्षेत्र कैसे चल रहा है?
— कौन-सा ग्रह किस विषय का अधिपति है?
— रिश्तों और कर्म का आधार कैसे बन रहा है?


2️⃣ राशि-दृष्टि (Rāśi Drishti)

जैमिनी में ग्रह-दृष्टि नहीं होती।
केवल राशियाँ एक-दूसरे को देखती हैं:

राशि प्रकारकिसे देखती है
चर राशियाँस्थिर राशियों को (साथ वाली को नहीं)
स्थिर राशियाँचर राशियों को (साथ वाली को नहीं)
द्विस्वभाव राशियाँसभी द्विस्वभाव राशियों को

📌 प्रयोग
— योग बनता है कि नहीं
— कारक ग्रह किस दिशा में फल देगा
— किससे संघ और संबंध बनेगा


3️⃣ पदम् / उपपद लग्न (UL / A pada)

यह जैमिनी ज्योतिष का अत्यंत गूढ़ भाग है।

प्रकारअर्थ
UL (उपपद लग्न)विवाह / संबंध / सहभागिता
A1 (Lagna-pada)संसार में व्यक्ति का projection
A10 (Karma-pada)कर्म और पेशे का स्वरूप
A2 (Dhana-pada)धन-स्रोत

📌 मुख्य सूत्र:

उपपद लग्न से दांपत्य और संबंध-धर्म का निर्णय होता है।
लग्न-पद से संसार में छवि और नाम।

📌 प्रयोग
— संबंध की दिशा
— कर्म-योग
— पैसा कैसे आता है


4️⃣ अرجुन-फोकस सूत्र (Jaimini Sutra Logic)

जैमिनी हर जीवन-विषय के लिए तीन बिंदु देखता है:

(1) भाव / rashi (2) उसका lord (3) उसका कारक

📌 उदाहरण (education):
5th house + 5th lord + PK
= Vidya Sutra

📌 उदाहरण (career):
10th house + 10th lord + AmK
= Karma Sutra


5️⃣ अतिशय-योग (Jaimini Special Yogas)

कुछ विशिष्ट योग:

  • रज्जु योग

  • पराशरश्री योग

  • चक्र योग

  • कारक-लग्न योग

  • पति-परमेश्वर योग

📌 प्रयोग
— जीवन के “major themes” निकालने में
— बड़े turning points समझने में


6️⃣ AK – DK दर्शन (आत्मा–संबंध सूत्र)

यह सबसे बड़ा रहस्य है।

मुख्य सूत्र:

“जहाँ AK और DK का सम्बन्ध बनता है, वहाँ जीवन सीखता है।”

📌 प्रयोग
— जीवन का वास्तविक विषय क्या है
— कौन-सा संबंध आत्मिक शिक्षा देता है
— किस दिशा में व्यक्ति evolve होता है


7️⃣ नवांश (Jaimini Navamsa)

जैमिनी में नवांश =
धर्म, संस्कार, आत्मा की वृत्ति

📌 मुख्य सूत्र:

“Navamsa shows soul’s impulse, not marriage details.”

📌 प्रयोग:
— Atma-karaka का धर्मपथ
— UL का धर्म
— DK का संस्कार-पथ


🏆 सार — “मुख्य सूत्र” का पूरा उद्देश्य

जैमिनी शास्त्र का उद्देश्य prediction नहीं है।
इसका उद्देश्य है:

✔️ जीवन का दार्शनिक theme समझना

✔️ कर्म किस दिशा में ले जा रहा है, देखना

✔️ संबंध, कर्म, ज्ञान — इन तीनों का सार पकड़ना

✔️ मनुष्य के धर्म-पथ (Life purpose) को देखना


📌 इनका उपयोग कैसे किया जाता है?

1. पहले सीखें – कारक कौन है

2. फिर देखें – वह कहाँ बैठा है

3. फिर देखें – उसकी राशि किनको देख रही है (Drishti)

4. फिर पद निकालें – UL, A10, A2

5. अंत में इन सबको जोड़कर life themes समझें

यही जैमिनी ज्योतिष की मुख्य विधि है।
इसमें “prediction” कम,
आध्यात्मिक direction + pattern recognition ज़्यादा है।

KP के 21 मुख्य सूत्र (MUKHYA SUTRA)

 

1️⃣ सबसे बड़ा सूत्र — Cuspal Sub-Lord ही फल देता है

ग्रह नहीं, नक्षत्र नहीं—CSL परिणाम तय करता है।

कैसे प्रयोग करें?

  • जिस घटना को देखना है उसी भाव का CSL देखें।

  • जैसे विवाह = 7th CSL, नौकरी = 6th CSL, संतान = 5th CSL

  • CSL किस घर को दर्शा रहा है → वही फल।


2️⃣ Star-Lord ग्रह से ज़्यादा शक्तिशाली

ग्रह agent है, परिणाम नक्षत्र स्वामी देता है।

प्रयोग:

  • Planet कौन-सा घर दर्शाता है?

  • फिर देखें वह किस नक्षत्र में है → result उसी का मिलेगा।


3️⃣ Significator (काकिनगर) ही असली निर्णयकर्ता

KP = Signification आधारित विद्या है।

प्रयोग:

  • ग्रह 3 तरह से फल देता है:

    1. उसके घर के स्वामी के हिसाब से

    2. उसके नक्षत्र स्वामी के हिसाब से

    3. जिसके घर में बैठा है उसके हिसाब से

जो strongest हो → वही फल।


4️⃣ 2-6-10-11 = सफलता के भाव

चाहे नौकरी हो, धन हो, प्रमोशन हो—इनका सक्रिय होना ज़रूरी।

प्रयोग:

  • किसी घटना को चेक करते समय देखें

    • क्या 2-6-10-11 जुड़े हैं?

    • If yes → घटना होगी।


5️⃣ 6th → Job, 7th → Business

व्यावसायिक निर्णय केवल इनसे।

प्रयोग:

  • 10th CSL 6th देता है → नौकरी

  • 10th CSL 7th देता है → व्यवसाय

  • दोनों → job + freelance दोनों


6️⃣ 5-11 संतान के विशेष भाव

संतान का वादा तभी पूरा जब 5 + 11 हों।

प्रयोग:

  • 5th CSL देखो

  • क्या वह 2-5-11 को activate कर रहा है?
    Yes → संतान।


7️⃣ 6-8-12 = बाधा, रुकावट, हानि

KP में ये 3 भाव negative clusters हैं।

प्रयोग:

  • Event देखो → यदि CSL 6-8-12 दिखाए → delay या denial।


8️⃣ Rahu/Ketu = हमेशा अपने नक्षत्र अधिपति के जैसे फल देते हैं

नोड्स surrogate planets हैं।

प्रयोग:

  • Rahu/Ketu = उसके starlord को treat करो

  • उसके sign lord को lightly treat करो


9️⃣ KP में भाव प्लैसिडस पद्धति से—Vedic से अलग

भाव बदलना = फल बदलना।

प्रयोग:

  • KP में bhav chalit नहीं

  • Placidus bhav always use

  • cusp degree = destiny cutting line


🔟 Dasha ≠ Event, Event = Dasha + Transit + CSL sync

दशा अकेली फल नहीं देती।

प्रयोग:

  • event तभी होगा जब:
    CSL house + starlord houses + transit तीनों match हों।


1️⃣1️⃣ Retro planets अपने starlord से फल देते हैं, खुद से कम

Retro = internalized result.

प्रयोग:

  • retro planet ignore नहीं

  • बस उसका फल starlord से आएगा, न कि खुद से।


1️⃣2️⃣ Moon = Event Trigger

Moon transit = daily activation energy.

प्रयोग:

  • Moon जिस नक्षत्र में जाता है → वही घटना active करता है।

  • शुभ/अशुभ दिन तय Moon से करें।


1️⃣3️⃣ KP में gemstones rarely—only strong planetary counselling

Remedy = subtle balancing.

प्रयोग:

  • KP remedy = mantra + breath + karma correction

  • gemstone तभी जब CSL block हो।


1️⃣4️⃣ Past-life karma संकेत = Ketu placement + CSL influence

प्रयोग:

  • Ketu किसके starlord में?

  • वही past-life energy अब active।


1️⃣5️⃣ Saturn delay नहीं, maturity देता है

Saturn = सही समय पर फल देगा।

प्रयोग:

  • Saturn का CSL = delay = maturity

  • Saturn दशा = life stabilization period


1️⃣6️⃣ Sun = status, ego, father blessings scene

प्रयोग:

  • Sun खराब → father connection heal करो

  • Surya mantra + morning sunlight


1️⃣7️⃣ Venus = marriage + comfort + refinement

प्रयोग:

  • Venus CSL marriage → calm, sweet behavior, art, perfumes


1️⃣8️⃣ Mercury = mind, nerves, communication

Mercury disturbed → conception delay, mental stress

प्रयोग:

  • बुध मंत्र, अनुलोम-विलोम, हरियाली


1️⃣9️⃣ Mars = action, surgery, anger control

प्रयोग:

  • Mars remedy -> slow exhalation breathing

  • masoor dal donation


2️⃣0️⃣ Jupiter = blessings; without it no major expansion

शिक्षा, संतान, विवाह, growth सब Jupiter से।

प्रयोग:

  • guru seva, wisdom donation

  • yellow vibrations


2️⃣1️⃣ CSL ही घटना का अंतिम निर्णय

KP हृदय यही है।

प्रयोग:

  • हर निर्णय से पहले → CSL देखो

  • न तिथी, न ग्रह, न राशि → CSL final


💡 **इन सूत्रों का वास्तविक उपयोग कैसे करें?

(किताब की शैली में Process)**

Step-1

Event चुनें (जैसे संतान)

Step-2

उस भाव का CSL देखें

Step-3

CSL किन भावों को दर्शा रहा है
(ownership + placement + starlord)

Step-4

क्या event चाहिए?
→ 2-5-11 मिल रहे हैं?
अगर शादी चाहिए → 2-7-11
नौकरी चाहिए → 2-6-10-11

Step-5

Dasha + Antardasha देखें
→ क्या वही planets active हैं?

Step-6

Moon transit देखें
→ क्या उस दिन 2-5-11 (या event) के starlord activate हैं?

Step-7

Event होता है।

NAKSHATRA COLOR MUKHYA SUTRA

 

Sutra 1 — Moon Nakshatra = Emotional Color

“चन्द्रमा का रंग प्रतिदिन के मन, भावनाओं और मानसिक स्थिति को नियंत्रित करता है।”

उपयोग:
रोज़ वही रंग पहनें जिससे मन शांत या स्थिर हो।


Sutra 2 — Lagna Nakshatra = Success Color

“लग्न नक्षत्र का रंग बाहर की दुनिया में सफलता और प्रभाव देता है।”

उपयोग:
जॉब, मीटिंग, इंटरव्यू में—लग्न का रंग पहने।


Sutra 3 — Sun Nakshatra = Authority Color

“सूर्य का रंग सम्मान, अधिकार और उच्च स्थिति दिलाता है।”

उपयोग:
जब भी आपको recognition चाहिए—सूर्य का रंग पहनें।


Sutra 4 — Nakshatra = Planet Frequency

हर नक्षत्र एक ग्रह का रंग amplify करता है।
उदाहरण:

  • अश्विनी → केतु रंग

  • विशाखा → बृहस्पति रंग

  • पूर्वा भाद्रपदा → गुरु+रुद्र रंग


Sutra 5 — Pada fine-tunes color

जीवन में किस उम्र में कौन-सा रंग ज्यादा काम करेगा = पाद से निकलता है।
उदाहरण:

  • Pada 1 = earthy tones

  • Pada 2 = fire tones

  • Pada 3 = airy tones

  • Pada 4 = watery tones


Sutra 6 — Devata decides color power

देवता किस रंग को शक्तिशाली (empowered) बनाते हैं।

  • अदि‍ति = white/yellow

  • रुद्र = black/blue

  • विश्वकर्मा = red/purple

  • पितृ = saffron/white


Sutra 7 — Tatva = color effect

  • अग्नि नक्षत्र → लाल/नारंगी

  • पृथ्वी नक्षत्र → भूरा/क्रीम

  • वायु नक्षत्र → नीला/हल्का ग्रे

  • जल नक्षत्र → चित्त-शांत रंग

  • आकाश नक्षत्र → बैंगनी/इंडिगो


Sutra 8 — Gana = color strength

  • देवगण के रंग → divine, healing

  • मानुषगण → practical, grounding

  • राक्षसगण → intense, transformative


Sutra 9 — Use the color of the ruling planet on its weekdays

उदा.

  • बृहस्पति नक्षत्र → गुरुवार yellow

  • सूर्य नक्षत्र → रविवार saffron


Sutra 10 — Color activates the Nakshatra Mantra

मनत्र तभी काम करते हैं जब सही रंग धारण किया जाए।


Sutra 11 — Color can neutralize dosha

  • राहु/केतु → white, grey

  • मंगल → light red

  • शनि → dark blue/black


🚩 SECTION 2 — उपयोग के सूत्र (How to Use Color Blueprint)

अब “कैसे” प्रयोग करना है—ये असली रहस्य है।


🌟 Sutra 12 — Daily Color = Moon Color

आज कैसा feel करेंगे?
काम कैसा होगा?
mood कैसा रहेगा?

→ चंद्र नक्षत्र का रंग पहनकर दिन stabilize करें।


🌟 Sutra 13 — Weekly Success Color = Lagna Color

हर सप्ताह एक दिन लग्न वाला रंग पहनें
→ life direction सेट हो जाती है।


🌟 Sutra 14 — Only 3 main colors should dominate your wardrobe

हर व्यक्ति के 3 रंग होते हैं:

  1. Lagna color

  2. Moon color

  3. Planetary nakshatra color (Sun/Mars/etc.)

बाकी सब color optional।


🌟 Sutra 15 — Important Work = Sun Color

interview, meeting, exam
→ सूर्य नक्षत्र का रंग = सफलता


🌟 Sutra 16 — Remedy day = Planet color

ग्रह का उपाय करते समय—उसका रंग पहनें।
उदाहरण:
गुरु उपाय → yellow cloth
केतु उपाय → white cloth


🌟 Sutra 17 — Sleep colors = Moon Nakshatra colors

कमरे की चादर / तकिया / कंबल
→ चंद्र नक्षत्र के रंग में रखें।

नींद 40% सुधर जाती है।


🌟 Sutra 18 — Health issues = opposite color balancing

जिन रंगों से conflict हो रहा है → उनसे दूरी
उदाहरण:

  • मंगल बढ़ा = bright red avoid

  • राहु बढ़ा = black avoid


🌟 Sutra 19 — Kids = Moon Nakshatra color only

बच्चों पर रंग का प्रभाव 5× ज्यादा होता है।


🌟 Sutra 20 — Couples = harmonizing colors

पति-पत्नी के Moon colors match करें:
→ fights 50% कम
→ bonding बढ़ती है


🌟 Sutra 21 — Bad day? → Wear Moon + Sun colors together

ये combination instantly aura stabilize करता है।

उदाहरण
White + saffron
Yellow + red

नक्षत्र के रंगों का प्रयोग करने के नियम

 

SituationUse Color Of
Daily RemedyMoon Nakshatra
Career / KarmaLagna Nakshatra
Soul PathAtmakaraka Nakshatra
Relationship7th lord nakshatra
Money Progress2nd & 11th lord nakshatra
Health Balance6th & 8th lord nakshatra
Mantra-SadhanaNakshatra deity color
Diseases CureNakshatra Tattva Color

देव गण = उजले/दिव्य रंग
 मानुष्य गण = मिट्टी/earthy नेचुरल रंग
 राक्षस गण = गहरे/तांत्रिक/occult रंग
 Fire signs = लाल/केसरिया
 Water signs = सफेद/नीला/मोती
 Air signs = हरा/हल्का नीला
 Earth signs = पीला/मिट्टी रंग

रंग नक्षत्र-ऊर्जा को ट्यून करते हैं, ग्रह दोष शांत करते हैं, चित्त शुद्ध करते हैं।

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