जैमिनी ज्योतिष ग्रहों पर आधारित नहीं, बल्कि राशियों + कारक ग्रहों + दृष्टियों + पदों पर आधारित है।
इसलिए जैमिनी में जिन बातों को “मुख्य सूत्र” कहा जाता है, वे ये हैं:
1️⃣ कारक-तंत्र (Karaka System) – सबसे महत्वपूर्ण
जैमिनी ज्योतिष का आधार 7 चर-कारक हैं:
| कारक | क्या दर्शाता है |
|---|---|
| AK | आत्मा, जीवन-दिशा |
| AmK | पेशा, कर्म |
| BK | भाई-बहन |
| MK | माता |
| PK | संतान |
| GK | रोग/कष्ट/संघर्ष |
| DK | जीवनसाथी |
👉 मुख्य सूत्र:
“कारक ही फल देते हैं।”
मतलब भाव से कम, कारक ग्रह ज़्यादा बताते हैं।
📌 प्रयोग
— जीवन में कौन-सा क्षेत्र कैसे चल रहा है?
— कौन-सा ग्रह किस विषय का अधिपति है?
— रिश्तों और कर्म का आधार कैसे बन रहा है?
2️⃣ राशि-दृष्टि (Rāśi Drishti)
जैमिनी में ग्रह-दृष्टि नहीं होती।
केवल राशियाँ एक-दूसरे को देखती हैं:
| राशि प्रकार | किसे देखती है |
|---|---|
| चर राशियाँ | स्थिर राशियों को (साथ वाली को नहीं) |
| स्थिर राशियाँ | चर राशियों को (साथ वाली को नहीं) |
| द्विस्वभाव राशियाँ | सभी द्विस्वभाव राशियों को |
📌 प्रयोग
— योग बनता है कि नहीं
— कारक ग्रह किस दिशा में फल देगा
— किससे संघ और संबंध बनेगा
3️⃣ पदम् / उपपद लग्न (UL / A pada)
यह जैमिनी ज्योतिष का अत्यंत गूढ़ भाग है।
| प्रकार | अर्थ |
|---|---|
| UL (उपपद लग्न) | विवाह / संबंध / सहभागिता |
| A1 (Lagna-pada) | संसार में व्यक्ति का projection |
| A10 (Karma-pada) | कर्म और पेशे का स्वरूप |
| A2 (Dhana-pada) | धन-स्रोत |
📌 मुख्य सूत्र:
उपपद लग्न से दांपत्य और संबंध-धर्म का निर्णय होता है।
लग्न-पद से संसार में छवि और नाम।
📌 प्रयोग
— संबंध की दिशा
— कर्म-योग
— पैसा कैसे आता है
4️⃣ अرجुन-फोकस सूत्र (Jaimini Sutra Logic)
जैमिनी हर जीवन-विषय के लिए तीन बिंदु देखता है:
📌 उदाहरण (education):
5th house + 5th lord + PK
= Vidya Sutra
📌 उदाहरण (career):
10th house + 10th lord + AmK
= Karma Sutra
5️⃣ अतिशय-योग (Jaimini Special Yogas)
कुछ विशिष्ट योग:
-
रज्जु योग
-
पराशरश्री योग
-
चक्र योग
-
कारक-लग्न योग
-
पति-परमेश्वर योग
📌 प्रयोग
— जीवन के “major themes” निकालने में
— बड़े turning points समझने में
6️⃣ AK – DK दर्शन (आत्मा–संबंध सूत्र)
यह सबसे बड़ा रहस्य है।
मुख्य सूत्र:
“जहाँ AK और DK का सम्बन्ध बनता है, वहाँ जीवन सीखता है।”
📌 प्रयोग
— जीवन का वास्तविक विषय क्या है
— कौन-सा संबंध आत्मिक शिक्षा देता है
— किस दिशा में व्यक्ति evolve होता है
7️⃣ नवांश (Jaimini Navamsa)
जैमिनी में नवांश =
धर्म, संस्कार, आत्मा की वृत्ति
📌 मुख्य सूत्र:
“Navamsa shows soul’s impulse, not marriage details.”
📌 प्रयोग:
— Atma-karaka का धर्मपथ
— UL का धर्म
— DK का संस्कार-पथ
🏆 सार — “मुख्य सूत्र” का पूरा उद्देश्य
जैमिनी शास्त्र का उद्देश्य prediction नहीं है।
इसका उद्देश्य है:
✔️ जीवन का दार्शनिक theme समझना
✔️ कर्म किस दिशा में ले जा रहा है, देखना
✔️ संबंध, कर्म, ज्ञान — इन तीनों का सार पकड़ना
✔️ मनुष्य के धर्म-पथ (Life purpose) को देखना
📌 इनका उपयोग कैसे किया जाता है?
1. पहले सीखें – कारक कौन है
2. फिर देखें – वह कहाँ बैठा है
3. फिर देखें – उसकी राशि किनको देख रही है (Drishti)
4. फिर पद निकालें – UL, A10, A2
5. अंत में इन सबको जोड़कर life themes समझें
यही जैमिनी ज्योतिष की मुख्य विधि है।
इसमें “prediction” कम,
आध्यात्मिक direction + pattern recognition ज़्यादा है।
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