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रविवार, 16 नवंबर 2025

Nadi Sutras” – मुख्य सूत्र और उनका उपयोग

 

मुख्य सूत्र 1:

“ग्रह वहीं फल देते हैं जहाँ वे बैठे हों, जिससे युति हो और जिनसे दृष्टि मिले।”

(सूत्र 91)

🔍 उपयोग:

किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखने से पहले 3 चीज़ें देखें —

  1. ग्रह किस घर में है

  2. किस ग्रह के साथ है

  3. किन ग्रहों से दृष्ट है

यही तीन बातें ग्रह का पूरा फल तय करती हैं।
नाड़ी ज्योतिष में यही सबसे बड़ा सिद्धांत है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 2:

“शुभ ग्रह केंद्र–त्रिकोण में शुभ, पाप ग्रह उपचय भावों में शुभ।”

(सूत्र 92)

🔍 उपयोग:

  • गुरु, शुक्र, चंद्र, बुध → 1,4,7,10 या 1,5,9 में बैठे हों = जीवन में आसानी

  • सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु → 3,6,10,11 में शुभ परिणाम देते हैं

➡ इसका उपयोग कर्म, धन, संघर्ष, सफलता के विश्लेषण में होता है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 3:

“लग्नेश और चंद्रमा जीवन की नींव हैं। इनका बल ही जीवन की गुणवत्ता तय करता है।”

(सूत्र 93)

🔍 उपयोग:

  • लग्नेश अच्छा → शरीर, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य अच्छा

  • चंद्र अच्छा → मन, बुद्धि, निर्णय, सुख अच्छा

➡ भविष्यवाणी लग्नेश + चंद्र देखकर शुरू की जाती है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 4:

“5वें और 9वें भाव का संबंध भाग्य और ज्ञान ठहराता है।”

(सूत्र 94)

🔍 उपयोग:

  • पंचमेश + नवमेश = शिक्षा, भाग्य, संतानयोग, ईश्वरकृपा

  • यह संबंध शुभ हो → जीवन सरल और भाग्यशाली

  • अशुभ हो → संघर्ष अधिक

➡ नाड़ी में इसे “धर्म–त्रिकोण” कहा जाता है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 5:

“हर ग्रह अपने संयोजन के अनुसार फल बदलता है।”

(सूत्र 21–40, 41–50 आदि सभी संयोजन विधान)

🔍 उपयोग:

एक ग्रह अकेला नहीं बोलता —
जिसके साथ बैठा है वही उसके फल को अच्छा या खराब बना देता है।

उदाहरण:

  • चंद्र + मंगल = तेज दिमाग

  • चंद्र + राहु = बेचैनी

  • बुध + शुक्र = कलाकार

  • बुध + मंगल = बहस, इंजीनियरिंग

➡ ग्रहों के मित्र–सम्बंध नाड़ी का आधार हैं।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 6:

“शुभ ग्रह ऊपर उठाते हैं, पाप ग्रह परीक्षा लेकर परिपक्व बनाते हैं।”

(सूत्र 95)

🔍 उपयोग:

  • शुभ ग्रह → सहारा

  • पाप ग्रह → संघर्ष = सुधार = शक्ति

➡ पापग्रह जीवन बिगाड़ते नहीं — वे सिखाते हैं।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 7:

“ग्रह अपने परिपक्व होने की आयु में सबसे सटीक फल देते हैं।”

(सूत्र 96)

🔍 उपयोग:

  • गुरु = 16

  • शुक्र = 25

  • मंगल = 28

  • सूर्य = 22

  • चंद्र = 24

  • बुध = 32

  • शनि = 36

  • राहु = 42

  • केतु = 48

➡ जीवन के परिवर्तन इन्हीं आयुओं पर समझे जाते हैं।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 8:

“गुरु और चंद्र जीवन में बड़े पतन से बचाते हैं।”

(सूत्र 97)

🔍 उपयोग:

कुंडली में देखिए —
अगर गुरु या चंद्र मजबूत हों,
तो जीवन में बड़े संकट में भी पुनः उठान (Recovery) होता है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 9:

“राहु वही देता है जो गुरु चाहता है — पर शॉर्टकट और अचानक।”

(सूत्र 98)

🔍 उपयोग:

  • राहु = तेज़ सफलता, अचानक अवसर

  • गुरु = स्थिर सफलता, नैतिक मार्ग

➡ राहु–गुरु संबंध करियर और अचानक उन्नति देखने में मुख्य सूत्र है।


🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 10:

“कुंडली भविष्य नहीं, कर्म का नक्शा है; ग्रह शिक्षक हैं।”

(सूत्र 100)

🔍 उपयोग:

  • सूर्य → अहं

  • चंद्र → मन

  • मंगल → ऊर्जा

  • बुध → बुद्धि

  • गुरु → धर्म

  • शुक्र → प्रेम

  • शनि → धैर्य

  • राहु → महत्वाकांक्षा

  • केतु → वैराग्य

➡ नाड़ी ज्योतिष का अंतिम नियम —
ग्रह दंड नहीं देते, कर्म सुधारते हैं


🌟 इन मुख्य सूत्रों का उपयोग – कैसे करें?

अब सबसे महत्वपूर्ण बात — इन 10 सूत्रों को प्रैक्टिकल उपयोग में कैसे लाते हैं?

✔ Step 1: लग्नेश और चंद्र देखिए

→ क्या ये मजबूत हैं?
→ यदि हाँ, जीवन की नींव मजबूत है।

✔ Step 2: सभी ग्रहों के घर + युति देखें

→ मुख्य सूत्र 1 लागू करें
→ ग्रह कहाँ बैठे हैं + किसके साथ हैं + कौन-सी दृष्टि है

✔ Step 3: शुभ + पापग्रह की स्थिति

→ मुख्य सूत्र 2
→ शुभ ग्रह त्रिकोण/केंद्र में?
→ पापग्रह उपचय में?

✔ Step 4: धर्म-त्रिकोण (5–9) की जाँच

→ मुख्य सूत्र 4
→ भाग्य, संतान, शिक्षा यहीं से देखें।

✔ Step 5: संयोजन सिद्धांत लगाएँ

→ बुध–शुक्र
→ चंद्र–मंगल
→ शनि–मंगल
→ राहु–सूर्य
→ गुरु–चंद्र

✔ Step 6: ग्रहों की परिपक्व आयु पर परिणाम

→ मुख्य सूत्र 7
→ जीवन के बदलाव इन्हीं वर्षों में देखिए।

✔ Step 7: राहु–गुरु नियम

→ मुख्य सूत्र 9
→ अचानक उन्नति है या स्थिर उन्नति?

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