मुख्य सूत्र 1:
“ग्रह वहीं फल देते हैं जहाँ वे बैठे हों, जिससे युति हो और जिनसे दृष्टि मिले।”
(सूत्र 91)
🔍 उपयोग:
किसी भी व्यक्ति की कुंडली देखने से पहले 3 चीज़ें देखें —
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ग्रह किस घर में है
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किस ग्रह के साथ है
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किन ग्रहों से दृष्ट है
➡ यही तीन बातें ग्रह का पूरा फल तय करती हैं।
नाड़ी ज्योतिष में यही सबसे बड़ा सिद्धांत है।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 2:
“शुभ ग्रह केंद्र–त्रिकोण में शुभ, पाप ग्रह उपचय भावों में शुभ।”
(सूत्र 92)
🔍 उपयोग:
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गुरु, शुक्र, चंद्र, बुध → 1,4,7,10 या 1,5,9 में बैठे हों = जीवन में आसानी
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सूर्य, मंगल, शनि, राहु, केतु → 3,6,10,11 में शुभ परिणाम देते हैं
➡ इसका उपयोग कर्म, धन, संघर्ष, सफलता के विश्लेषण में होता है।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 3:
“लग्नेश और चंद्रमा जीवन की नींव हैं। इनका बल ही जीवन की गुणवत्ता तय करता है।”
(सूत्र 93)
🔍 उपयोग:
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लग्नेश अच्छा → शरीर, आत्मविश्वास, स्वास्थ्य अच्छा
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चंद्र अच्छा → मन, बुद्धि, निर्णय, सुख अच्छा
➡ भविष्यवाणी लग्नेश + चंद्र देखकर शुरू की जाती है।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 4:
“5वें और 9वें भाव का संबंध भाग्य और ज्ञान ठहराता है।”
(सूत्र 94)
🔍 उपयोग:
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पंचमेश + नवमेश = शिक्षा, भाग्य, संतानयोग, ईश्वरकृपा
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यह संबंध शुभ हो → जीवन सरल और भाग्यशाली
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अशुभ हो → संघर्ष अधिक
➡ नाड़ी में इसे “धर्म–त्रिकोण” कहा जाता है।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 5:
“हर ग्रह अपने संयोजन के अनुसार फल बदलता है।”
(सूत्र 21–40, 41–50 आदि सभी संयोजन विधान)
🔍 उपयोग:
एक ग्रह अकेला नहीं बोलता —
जिसके साथ बैठा है वही उसके फल को अच्छा या खराब बना देता है।
उदाहरण:
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चंद्र + मंगल = तेज दिमाग
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चंद्र + राहु = बेचैनी
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बुध + शुक्र = कलाकार
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बुध + मंगल = बहस, इंजीनियरिंग
➡ ग्रहों के मित्र–सम्बंध नाड़ी का आधार हैं।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 6:
“शुभ ग्रह ऊपर उठाते हैं, पाप ग्रह परीक्षा लेकर परिपक्व बनाते हैं।”
(सूत्र 95)
🔍 उपयोग:
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शुभ ग्रह → सहारा
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पाप ग्रह → संघर्ष = सुधार = शक्ति
➡ पापग्रह जीवन बिगाड़ते नहीं — वे सिखाते हैं।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 7:
“ग्रह अपने परिपक्व होने की आयु में सबसे सटीक फल देते हैं।”
(सूत्र 96)
🔍 उपयोग:
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गुरु = 16
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शुक्र = 25
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मंगल = 28
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सूर्य = 22
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चंद्र = 24
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बुध = 32
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शनि = 36
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राहु = 42
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केतु = 48
➡ जीवन के परिवर्तन इन्हीं आयुओं पर समझे जाते हैं।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 8:
“गुरु और चंद्र जीवन में बड़े पतन से बचाते हैं।”
(सूत्र 97)
🔍 उपयोग:
कुंडली में देखिए —
अगर गुरु या चंद्र मजबूत हों,
तो जीवन में बड़े संकट में भी पुनः उठान (Recovery) होता है।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 9:
“राहु वही देता है जो गुरु चाहता है — पर शॉर्टकट और अचानक।”
(सूत्र 98)
🔍 उपयोग:
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राहु = तेज़ सफलता, अचानक अवसर
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गुरु = स्थिर सफलता, नैतिक मार्ग
➡ राहु–गुरु संबंध करियर और अचानक उन्नति देखने में मुख्य सूत्र है।
🔶 ⭐ मुख्य सूत्र 10:
“कुंडली भविष्य नहीं, कर्म का नक्शा है; ग्रह शिक्षक हैं।”
(सूत्र 100)
🔍 उपयोग:
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सूर्य → अहं
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चंद्र → मन
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मंगल → ऊर्जा
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बुध → बुद्धि
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गुरु → धर्म
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शुक्र → प्रेम
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शनि → धैर्य
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राहु → महत्वाकांक्षा
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केतु → वैराग्य
➡ नाड़ी ज्योतिष का अंतिम नियम —
ग्रह दंड नहीं देते, कर्म सुधारते हैं।
🌟 इन मुख्य सूत्रों का उपयोग – कैसे करें?
अब सबसे महत्वपूर्ण बात — इन 10 सूत्रों को प्रैक्टिकल उपयोग में कैसे लाते हैं?
✔ Step 1: लग्नेश और चंद्र देखिए
→ क्या ये मजबूत हैं?
→ यदि हाँ, जीवन की नींव मजबूत है।
✔ Step 2: सभी ग्रहों के घर + युति देखें
→ मुख्य सूत्र 1 लागू करें
→ ग्रह कहाँ बैठे हैं + किसके साथ हैं + कौन-सी दृष्टि है
✔ Step 3: शुभ + पापग्रह की स्थिति
→ मुख्य सूत्र 2
→ शुभ ग्रह त्रिकोण/केंद्र में?
→ पापग्रह उपचय में?
✔ Step 4: धर्म-त्रिकोण (5–9) की जाँच
→ मुख्य सूत्र 4
→ भाग्य, संतान, शिक्षा यहीं से देखें।
✔ Step 5: संयोजन सिद्धांत लगाएँ
→ बुध–शुक्र
→ चंद्र–मंगल
→ शनि–मंगल
→ राहु–सूर्य
→ गुरु–चंद्र
✔ Step 6: ग्रहों की परिपक्व आयु पर परिणाम
→ मुख्य सूत्र 7
→ जीवन के बदलाव इन्हीं वर्षों में देखिए।
✔ Step 7: राहु–गुरु नियम
→ मुख्य सूत्र 9
→ अचानक उन्नति है या स्थिर उन्नति?