रोजमर्रा के जीवन में छोटी-मोटी लापरवाहियों के चलते चोट लगना एक आम बात है। लेकिन कई बार ये छोटे-मोटे एक्सीडेंट्स बड़ी परेशानी का का कारण बन सकते हैं। कुछ घाव ऐसे होते हैं जो जल्द भर जाते हैं और कुछ को भरने में वक्त लगता है। ऐसे ही घावों को जल्दी भरने के लिए हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ आयुर्वेदिक उपाय।
किसी भी प्रकार का घाव हुआ हो, टांके लगवाये हों या ऑपरेशन का घाव हो, अंदरूनी घाव हो या बाहरी हो, घाव पका हो या न पका हो लेकिन आपको प्रतिजैविक लेकर जठरा, आंतों, यकृत एवं गुर्दों को साइड इफेक्ट द्वारा बिगाडऩे की कोई जरूरत नहीं है बल्कि नीचे दिये जा रहे आसान घरेलू उपायों को अपनाकर किसी भी तरह के गहरे से गहरे घाव को जड़ से मिटाया जा सकता है-
- घाव को साफ करने के लिए ताजे गोमूत्र का उपयोग करें। बाद में घाव पर हल्दी का लेप करें।
- एक से तीन दिन तक उपवास रखें। ध्यान रखें कि उपवास के दौरान केवल उबालकर ठंडा किया हुआ या गुनगुना गर्म पानी ही पीना है, अन्य कोई भी वस्तु खानी-पीनी नहीं है। दूध भी नहीं लेना है।
- उपवास के बाद जितने दिन उपवास किया हो उतने दिन केवल मूंग को उबाल कर जो पानी बचता है वही पानी पीना है। मूंग का पानी धीरे-धीरे गाढ़ा करके लिया जा सकता है।
- मूंग के पानी के बाद धीरे-धीरे मूंग, खिचड़ी, दाल-चावल, रोटी-सब्जी इस प्रकार सामान्य खुराक पर आना चाहिये।
- कब्ज की शिकायत हो तो रोज 1 चम्मच हरड़ का चूर्ण सुबह अथवा रात को पानी के साथ लें।
- जिनके शरीर की प्रकृति ऐसी हो कि घाव होने पर तुरंत पक जाता हो, उन्हें त्रिफ ल गूगल नामक 3-3 गोलीदिन में 3 बार पानी के साथ लेनी चाहिए।
- सुबह 50 ग्राम गोमूत्र तथा दिन में 2 बार 3-3 ग्राम हल्दी के चूर्ण का सेवन करने से बहुत जल्दी लाभ होता है।
- पुराने घाव में चन्द्रप्रभा वटी की 2-2 गोलियां दिन में 2 बार लें।
- जात्यादि तेल अथवा मलहम घाव पर लगाएं इससे घाव जल्दी से भरने लगेगा।
किसी भी प्रकार का घाव हुआ हो, टांके लगवाये हों या ऑपरेशन का घाव हो, अंदरूनी घाव हो या बाहरी हो, घाव पका हो या न पका हो लेकिन आपको प्रतिजैविक लेकर जठरा, आंतों, यकृत एवं गुर्दों को साइड इफेक्ट द्वारा बिगाडऩे की कोई जरूरत नहीं है बल्कि नीचे दिये जा रहे आसान घरेलू उपायों को अपनाकर किसी भी तरह के गहरे से गहरे घाव को जड़ से मिटाया जा सकता है-
- घाव को साफ करने के लिए ताजे गोमूत्र का उपयोग करें। बाद में घाव पर हल्दी का लेप करें।
- एक से तीन दिन तक उपवास रखें। ध्यान रखें कि उपवास के दौरान केवल उबालकर ठंडा किया हुआ या गुनगुना गर्म पानी ही पीना है, अन्य कोई भी वस्तु खानी-पीनी नहीं है। दूध भी नहीं लेना है।
- उपवास के बाद जितने दिन उपवास किया हो उतने दिन केवल मूंग को उबाल कर जो पानी बचता है वही पानी पीना है। मूंग का पानी धीरे-धीरे गाढ़ा करके लिया जा सकता है।
- मूंग के पानी के बाद धीरे-धीरे मूंग, खिचड़ी, दाल-चावल, रोटी-सब्जी इस प्रकार सामान्य खुराक पर आना चाहिये।
- कब्ज की शिकायत हो तो रोज 1 चम्मच हरड़ का चूर्ण सुबह अथवा रात को पानी के साथ लें।
- जिनके शरीर की प्रकृति ऐसी हो कि घाव होने पर तुरंत पक जाता हो, उन्हें त्रिफ ल गूगल नामक 3-3 गोलीदिन में 3 बार पानी के साथ लेनी चाहिए।
- सुबह 50 ग्राम गोमूत्र तथा दिन में 2 बार 3-3 ग्राम हल्दी के चूर्ण का सेवन करने से बहुत जल्दी लाभ होता है।
- पुराने घाव में चन्द्रप्रभा वटी की 2-2 गोलियां दिन में 2 बार लें।
- जात्यादि तेल अथवा मलहम घाव पर लगाएं इससे घाव जल्दी से भरने लगेगा।
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