भृंगराज आस्टेरेसी कुल का पौधा है। यह प्राय: नम स्थानों में उगता है। यह लगभग पूरे संसार में पाया जाता है। आयुर्वेद में इसका तेल बालों के लिये बहुत उपयोगी माना जाता है। बालों को घने, काले और सुंदर बनाने के लिए भृंगराज का उपयोग कई तरह से किया जाता है। हम बताने जा रहे हैं आपको भृंगराज के कुछ ऐसे ही उपयोगी प्रयोग....
- भृंगराज के पत्तों का रस निकालकर बराबर का नारियल तेल लें और धीमी आंच पर रखें। जब केवल तेल रह जाए, तो बन जाता है भृंगराज केश तेल। अगर धीमी आंच पर रखने से पहले आंवले का रस मिला लिया जाए तो और भी अच्छा तेल बनेगा। बालों में रूसी हो या फिर बाल झड़ते हों, तो इसके पत्तों का रस 15-20 ग्राम लें।
- थोडा सुहागे की खील, भृंगराज और दही मिलाकर बालों की जड़ में लगाकर एक घंटे के लिए छोड़ दें। बाद में धो लें नियमित रूप से ऐसा करने पर बाल सुंदर घने और मजबूत हो जाते हैं।
- एसिडिटी होने पर भृंगराज के पौधे को सुखाकर चूर्ण बना लिया जाए और हर्रा के फलों के चूर्ण के साथ समान मात्रा में लेकर गुड के साथ सेवन कर लिया जाए तो एसिडिटी की समस्या से निजात मिल सकती है।
- त्रिफला, नील और भृंगराज तीनों एक एक चम्मच लेकर 50 मिली पानी में मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही में रख देते है। प्रात: इसे बालों में लगाकर, इसके सूख जाने के बाद नहाना चाहिए। बाल नेचुरली काले हो जाएंगे।
- माईग्रेन या आधा सीसी दर्द होने पर भृंगराज की पत्तियों को बकरी के दूध में उबाला जाए व इस दूध की कुछ बूँदें नाक में डाली जाए तो आराम मिलता है। हाथी पाँव हो गया हो तो इसके पत्ते पीसकर सरसों का तेल मिलाकर लगाएं।
-भृंगराज एवं आंवले लें के ताजे पत्तों को पीस कर बालों की जड़ों में लगायें ,साथ ही नीम,शिकाकाई ,आंवला, कालातिल, रीठा इन सब को साथ मिलाकर एक पेस्ट बना लें, यह आपके लिए एक हर्बल शैम्पू का काम करेगा जो बालों को कंडिशनिंग के साथ ही जड़ों को मजबूत बनाएगा। पेट साफ रखने के लिए केवल त्रिफला के चूर्ण का प्रयोग करें ,यह आपके बालों के जड़ों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
- भृंगराज के पत्तों का रस निकालकर बराबर का नारियल तेल लें और धीमी आंच पर रखें। जब केवल तेल रह जाए, तो बन जाता है भृंगराज केश तेल। अगर धीमी आंच पर रखने से पहले आंवले का रस मिला लिया जाए तो और भी अच्छा तेल बनेगा। बालों में रूसी हो या फिर बाल झड़ते हों, तो इसके पत्तों का रस 15-20 ग्राम लें।
- थोडा सुहागे की खील, भृंगराज और दही मिलाकर बालों की जड़ में लगाकर एक घंटे के लिए छोड़ दें। बाद में धो लें नियमित रूप से ऐसा करने पर बाल सुंदर घने और मजबूत हो जाते हैं।
- एसिडिटी होने पर भृंगराज के पौधे को सुखाकर चूर्ण बना लिया जाए और हर्रा के फलों के चूर्ण के साथ समान मात्रा में लेकर गुड के साथ सेवन कर लिया जाए तो एसिडिटी की समस्या से निजात मिल सकती है।
- त्रिफला, नील और भृंगराज तीनों एक एक चम्मच लेकर 50 मिली पानी में मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही में रख देते है। प्रात: इसे बालों में लगाकर, इसके सूख जाने के बाद नहाना चाहिए। बाल नेचुरली काले हो जाएंगे।
- माईग्रेन या आधा सीसी दर्द होने पर भृंगराज की पत्तियों को बकरी के दूध में उबाला जाए व इस दूध की कुछ बूँदें नाक में डाली जाए तो आराम मिलता है। हाथी पाँव हो गया हो तो इसके पत्ते पीसकर सरसों का तेल मिलाकर लगाएं।
-भृंगराज एवं आंवले लें के ताजे पत्तों को पीस कर बालों की जड़ों में लगायें ,साथ ही नीम,शिकाकाई ,आंवला, कालातिल, रीठा इन सब को साथ मिलाकर एक पेस्ट बना लें, यह आपके लिए एक हर्बल शैम्पू का काम करेगा जो बालों को कंडिशनिंग के साथ ही जड़ों को मजबूत बनाएगा। पेट साफ रखने के लिए केवल त्रिफला के चूर्ण का प्रयोग करें ,यह आपके बालों के जड़ों को भी मजबूती प्रदान करेगा।
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