शुक्रवार, 24 जून 2011

जानिये फौलादी तंदुरुस्ती के सारे देशी फंडे


हम सब अपने शरीर और मष्तिस्क को पूरी तरह से स्वस्थ रखने में कामयाब नहीं हो पाते हैं।  क्योंकि हमने कई प्रकार कि  अनावश्यक चिंताओं और गलत आदतों से अपने आप को घेर रखा है। यह विज्ञान के द्वारा स्थापित तथ्य है कि ज्यादा चिंता करने वालों का तन्त्रिका तंत्र अधिक सक्रीय होता है, जो शरीर के विभिन्न अंगो में रक्त कि मात्रा को असंतुलित कर देता है। इससे ह्रदय की गति जरूरत से ज्यादा तेज हो जाती है।

यदि ऐसी स्थिति ज्यादा समय तक बनी रहे तो, धीरे-धीरे शरीर के अंगो को कमजोर कर देती है, जिससे कई रोग हमारे शरीर को घेर लेते हैं। अत: ऐसी स्थिति से बचने का तरीका क्या है? तथा किन उपायों और अच्छी आदतों से अपने शरीर ओर दिमाग को स्थाई रूप से स्वस्थ रखें आइये जाने....

- नियमित रूम से प्राणायाम करें, प्राणायाम आपके मष्तिस्क को शांत, संतुलित और विषय पर केन्द्रित करता है। प्राणायाम मस्तिष्क को हानिकारक तत्वों से बचाता है।

- प्राणायाम के दौरान गहरी सांस लेने से मष्तिष्क की कोशिकाओ में रक्त प्रवाह बढ जाता है, जो उन्हें स्वस्थ बनता है।

- कम से कम 30 मिनट प्रतिदिन आत्मचिंतन करें, आत्मचिंतन से जीवन को दिशा मिलती है, मष्तिष्क संतुलित और  दिशामान होता है, तथा आपको परिस्तिथियों का सामना करने कि हिम्मत मिलती है।

- हमेशा संतुलित शाकाहारी आहार ग्रहण करें, आप जैसा खाते हंै वैसे ही बन जाते हैं, अच्छा आहार न केवल आपके दिमाग को स्वस्थ रखेगा बल्कि आपके विचारों को भी सकारात्मक बनाएगा। शाकाहारी भोजन आपमें अहिंसा कि भावना को जगायेगा और आपको दृढनिश्चयी बनाएगा।

- अच्छे लोगों के साथ में रहे, अच्छी किताबें पड़े तथा अच्छी बातें सोचने का प्रयत्न करें। अपने दिमाग में अच्छे और सकारात्मक विचार रखने वाले लोगों का दिमाग ज्यादा तेज और चुस्त होता है, तथा इस तरह के दिमाग में चिंता घर नहीं कर पाती।

- आपका दिमाग एक मांसपेशी की तरह होता है। जैसे आपकी मांसपेशीयों को मजबूत बनाने के लिए नियमित रूप से वजन उठाना पड़ता है, उसी तरह दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए अच्छे विचारों को नियमित रूप से सोचना पड़ता है, अपने दिमाग का नियमत रूप से सौष्ठव करें, तथा बिमारियों को अपने से दूर रखें।

ये उपाय आसान और व्यावहारिक हैं जो आपके मष्तिष्क को स्वस्थ रखने में आपकी सहायता करेंगे, इनके साथ-साथ आपको ये ध्यान देना है कि आप नियमित रूम से व्यायाम करते रहें। ये जीवन का शाश्वत सत्य है की मष्तिष्क और शरीर एक दूसर के पूरक हैं।

विशेष- बुरी आदतों से बचना और शारीरिक श्रम करने का कोई और विकल्प नहीं है, इनके बिना आप सम्पूर्ण स्वास्थ्य को नहीं पा सकते।

गुरुवार, 23 जून 2011

इस चमत्कारी आम को खाने के हैं-फायदे ही फायदे


आम को फलों का राजा वैसे ही नहीं कह दिया गया है। या कोई कह दे कि ऐसा करने में आम क बगीचे वालों की कुछ साजिश रही होगी। आम को फलों का राजा कह देने में अन्य फलों के साथ कोई भेदभाव या पक्षपात नहीं किया गया है। असल में आम है ही इस लायक कि उसे फलों का राजा बना दिया जाए। आम के अद्भुत और अनमोल गुणों को जानकर आप को भी उसे फलों का राजा मानने में कोई आपत्ति नहीं होगी।

आयुर्वेद, प्राकृतिक विज्ञान और वनस्पति शास्त्र ने विश्लेषणों के आधार पर फलों के राजा आम के दुर्लभ गुणों का वर्णन कुछ इस प्रकार से किया गया है....

- पका आम खाने से शरीर में सातों धातुओं-  रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और वीर्य  की वृद्धि होती है।

- पका आम दुबले पतले बच्चों, वृद्धों व कमजोर लोगों को पुष्ट बनाने हेतु सर्वोत्तम औषधी का काम करता है।

- पका आम चंूसकर खाना आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है।

- यह उत्तम प्रकार का हृदयपोषक है तथा शरीर में छुपे हुए विष को बाहर निकालता है।

- यह वीर्य की शुद्धि एवं वृद्धि करता है।

- शुक्रप्रमेह आदि विकारों और वातादि दोषों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो उनके लिए पका आम लाभकारक है। - इसके सेवन से शुक्राल्पताजन्य नपुंसकता, दिमागी कमजोरी आदि रोग दूर होते हैं।

विशेष-जिस आम का छिलका पतला एवं गुठली छोटी हो, जो रेशारहित हो तथा जिसमें गूदा अधिक हो, ऐसा आम मांस धातु के लिए बेहद उपयोगी है।

सफेद दाग, मस्से और तिल... जानें इन सबके राज और इलाज

शरीर की त्वचा में कई प्रकार के चर्म रोग या स्किन संबंधी समस्याएं हो जाजी हैं। इस तरह की समस्याएं अच्छे भले व्यक्ति की खूबसूरती को बिगाड़ कर रख देती हैं। इन त्वचा संबंधी समस्याओं या बीमारियों के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी होना, खुद हमारे और और हमारे अपनों के लिये बेहद जरूरी होता है। आइये जानते हैं कि त्वचा की प्राकृतिक सुन्दरता को बिगाडऩे वाली प्रमुख समस्याएं कौनसी हैं और उनका समाधान कैसे हो सकता है...

सफेद दाग

यह दूधिया सफेद रंग का दाग होता है । इसे ल्यूकोडर्म कहते है इसका इलाज काफी लंबा चलता है इसके इलाज के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प का इस्तेमाल करते है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता ैहै।

सोरिएसिस

सामान्य भाषा में इसे अपरस कहते है इसमें शरीर के किसी भी भाग में चमडी छिलके के रूप में निकलती है इसका इलाज भी अल्ट्रावायलेट लैम्प के द्वारा होता है।

मस्से

ये 8 से 10 प्रकार के होते हैं। इसमें से कुछ छूत के भी होते हंै इसका इलाज केमिकल कान्ट्री इलेक्ट्रोकान्ट्री मशीन द्वारा व काय कान्ट्री और रेडियोंकान्ट्री द्वारा किया जाता है।

तिल

यह मस्से से अलग होते हंै यह काले रंग के छोटे-छोटे दाने के समान होते हंै। इसका इलाज रेडियोंकान्ट्री व कास्मेटिक सर्जरी द्वारा किया जाता है ।

सनटैनिंग

कुछ लोगों के चेहर व शरीर के खुले भाग में धूप में धूमने के कारण शरीर का वह भाग काला हो जाता है । यह दवाइयों के द्वारा ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

एलर्जी

कई बार कुछ हानिकारक सौन्दर्य प्रशाधनों, आर्टिफि शियल गहनों या कुछ हानिकारग मिलावटी वस्तु खाने से एलर्जी हो जाती है। कुछ लोगों में एलर्जी के कारण शरीर में लाल-लाल चकते निकल जाते हैं। जिन्हे अर्टीकेरिया कहते हंै।

एक्जिमा

यह भी चमडी में होने वाली एक प्रकार की एलर्जी है। इसमें चमडी मोटी हो जती है व उसमें खुजली होती है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

छीला

यह शरीर में होने वाली विशेष प्रकार का फं गल इंफेकशन है जिसमें गर्दन, चेहरे व पीठ में हल्के पीले रंग के दाग हो जाते है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।

पसीने में बदबू

कुछ व्यक्तियों के पसीने में काफी तेज बदबू होती है। पेट साफ  नहीं होने, लहसुन, प्याज के ज्यादा सेवन से भी पसीने में बदबू होने की समस्या हो सकती है । बगल के बाल साफ  रखें, शारीरिक सफाई का बहुत ध्यान रखें, नियमित व्यायाम करे, पानी ज्यादा पीयें।

बुधवार, 22 जून 2011

सिर्फ एक चम्मच यह पाउडर गटकें और हो जाएं टेंशन फ्री

गर्मी की तपन और चिपचिप से राहत दिलाने वाली झमाझम बारिश की शुरुआत हो ही गई। सेहत के लिहाज से यह मौसम काफी संवेदनशील होता है। इसीलिये दुनिया की सबसे प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद में बर्षा काल में बीमारियों से बचने के लिये कुछ बेहद महत्वपूर्ण सावधानियां बताई गईं हैं।

बारिश में पानी की स्वच्छता पर खाश ध्यान दें। पानी द्वारा पैदा होने वाले पेट की बीमारियां जैसे- अतिसार, प्रवाहिका एवं हैजा जैसी बीमारियों से बचने के लिए पानी को उबालें, आधा जल जाने पर उतार कर ठंडा होने दें, तत्पश्चात् हिलाये बिना ही ऊपर का पानी दूसरे बर्तन में भर दें एवं उसी पानी का सेवन करें।

पानी को उबालकर ठंडा करके पीना सर्वश्रेष्ठ उपाय है।

आजकल पानी को शुद्ध करने हेतु कई तरह के इलेक्ट्रानिक फि ल्टर भी प्रयुक्त किये जाते हैं। उनका भी उपयोग कर सकते हैं। पीने के लिए और नहाने के लिए गंदे पानी का उपयोग बिल्कुल न करें क्योंकि गंदे पानी के सेवन से उदर व त्वचा सम्बन्धी व्याधियां पैदा हो जाती हैं।

विशेष:

500 ग्राम हरड़ और 50 ग्राम सेंधा नमक के मिश्रण का पाउडर बनाकर प्रतिदिन 5-6 ग्राम लेने से अनजाने या मजबूरी में पीए गए गंदे पानी का प्रभाव अधिकांशत: निष्प्रभावी हो जाता है।

मंगलवार, 21 जून 2011

झुर्रियों के प्राकृतिक उपाय

उम्र बढ़ने के अलावा सूरज की तेज रोशनी, प्रदूषण, धूम्रपान, तनाव, वजन कम होना और शरीर में विटामिन ई की कमी के कारण असमय ही त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे उपाय, जो प्राकृतिक रूप से त्वचा को झुर्रियांे से मुक्त कर सकती है।

अंडे की जर्दी: अंडे का सफेद हिस्सा चेहरे पर लगाने से झुर्रियों से निजात मिलती है। आंखों के नीचे और माथे की त्वचा पर मौजूद झाइयों से यह प्राकृतिक तरीके से मुक्ति दिलाता है। इसे गर्दन पर भी लगाना चाहिए। अंडे में भरपूर प्रोटीन, विटामिंस और मिनरल्स होते हैं।

पपीता: नहाने से पहले चेहरे और गर्दन पर पपीते का टुकड़ा रगड़ने से त्वचा कोमल होती है। इसमें मौजूद पापेन नामक तत्व त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने और नई कोशिकाओं को विकसित करने में सहायक होता है।

केला: चेहरे व गर्दन पर केले का छोटा-सा टुकड़ा हफ्ते में एक बार रगड़ना चाहिए। यह विटामिंस से भरपूर होता है, जिससे त्वचा जवां दिखती है और झुर्रियों से सुरक्षित रहती है।
अनानास: इसे त्वचा पर लगाने से झुर्रियों से मुक्ति मिलती है, लेकिन रूखी त्वचा के लिए यह कारगर नहीं है। डिहाइड्रेट त्वचा कांतिहीन दिखती है, इसलिए भरपूर पानी पीना ही एक मात्र उपाय है।
जूस: फेस पैक तैयार करते समय उसमें पानी की बजाय नींबू, गाजर या ककड़ी का रस मिलाएं। यह तरीका अधिक फायदेमंद साबित होगा।

मसाज: जैतून, बादाम या नारियल के तेल से चेहरे की मसाज भी की जा सकती है। इसमें विटामिन ई होने से त्वचा का तेज बरकरार रहता है। वहीं मृत कोशिकाओं से मुक्ति भी मिलती है।
हल्दी: इसके पाउडर में गन्ने का रस मिलाकर तैयार पेस्ट लगाने से त्वचा में कसावट आती है। यह झुर्रियां दूर करने के साथ ही त्वचा निखारने में भी सहायक है। वहीं हल्दी की एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी त्वचा विकारों को भी दूर करती है।

किस समय उठने से आपकी उम्र हो जाएगी 100 साल!

लंबी उम्र की कामना सभी करते हैं, मरना कोई नहीं चाहता। इसी वजह से हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की चिंता करता है। अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है सुबह जल्दी उठना।



शास्त्रों में सुबह जल्दी उठना अनिवार्य बताया गया है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से हमारा स्वास्थ्य तो ठीक रहता है साथ ही इसका वैदिक महत्व भी है। इस संबंध में शास्त्रों में लिखा है-



ब्राह्मे मुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी।

तां करोति द्विजो मोहात् पादकृच्छेण शुद्धयति।।



इस श्लोक का अर्थ है कि ब्रह्म मुहूर्त में सोना पुण्य का नाश करता है और पाप को बढ़ाता है। जो भी व्यक्ति इस समय सोता है उसके पापों प्रभाव कम करने के लिए पादकृच्छ नाम का व्रत करना पड़ता है। लंबी आयु तथा स्वस्थ शरीर के लिए सूर्योदय के डेढ़ घ्ंाटे पहले जाग जाना चाहिए।



सूर्योदय से पहले उठने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और ऐसे व्यक्ति को जीवन में कभी भी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजन-कर्म करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन सुखी होता है। दिनचर्या संयमित हो जाती है। सही समय पर खाना और सोना होगा तो निश्चित है व्यक्ति की उम्र लंबी और शरीर स्वस्थ रहेगा।

किस समय उठने से आपकी उम्र हो जाएगी 100 साल!


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