लंबी उम्र की कामना सभी करते हैं, मरना कोई नहीं चाहता। इसी वजह से हर व्यक्ति अपने स्वास्थ्य की चिंता करता है। अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त के लिए कई उपाय बताए गए हैं। इन्हीं में से एक है सुबह जल्दी उठना।
शास्त्रों में सुबह जल्दी उठना अनिवार्य बताया गया है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से हमारा स्वास्थ्य तो ठीक रहता है साथ ही इसका वैदिक महत्व भी है। इस संबंध में शास्त्रों में लिखा है-
ब्राह्मे मुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी।
तां करोति द्विजो मोहात् पादकृच्छेण शुद्धयति।।
इस श्लोक का अर्थ है कि ब्रह्म मुहूर्त में सोना पुण्य का नाश करता है और पाप को बढ़ाता है। जो भी व्यक्ति इस समय सोता है उसके पापों प्रभाव कम करने के लिए पादकृच्छ नाम का व्रत करना पड़ता है। लंबी आयु तथा स्वस्थ शरीर के लिए सूर्योदय के डेढ़ घ्ंाटे पहले जाग जाना चाहिए।
सूर्योदय से पहले उठने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और ऐसे व्यक्ति को जीवन में कभी भी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजन-कर्म करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन सुखी होता है। दिनचर्या संयमित हो जाती है। सही समय पर खाना और सोना होगा तो निश्चित है व्यक्ति की उम्र लंबी और शरीर स्वस्थ रहेगा।
शास्त्रों में सुबह जल्दी उठना अनिवार्य बताया गया है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से हमारा स्वास्थ्य तो ठीक रहता है साथ ही इसका वैदिक महत्व भी है। इस संबंध में शास्त्रों में लिखा है-
ब्राह्मे मुहूर्ते या निद्रा सा पुण्यक्षयकारिणी।
तां करोति द्विजो मोहात् पादकृच्छेण शुद्धयति।।
इस श्लोक का अर्थ है कि ब्रह्म मुहूर्त में सोना पुण्य का नाश करता है और पाप को बढ़ाता है। जो भी व्यक्ति इस समय सोता है उसके पापों प्रभाव कम करने के लिए पादकृच्छ नाम का व्रत करना पड़ता है। लंबी आयु तथा स्वस्थ शरीर के लिए सूर्योदय के डेढ़ घ्ंाटे पहले जाग जाना चाहिए।
सूर्योदय से पहले उठने से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और ऐसे व्यक्ति को जीवन में कभी भी आर्थिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजन-कर्म करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जीवन सुखी होता है। दिनचर्या संयमित हो जाती है। सही समय पर खाना और सोना होगा तो निश्चित है व्यक्ति की उम्र लंबी और शरीर स्वस्थ रहेगा।
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