बुधवार, 15 जून 2011

Health 3


पायरिया

पायरिया (दाँत से खून, मवाद आना) में संतरे का सेवन व उसकी छाल के चूर्ण का मंजन लाभदायी है।

सगर्भावस्था में

गर्भवती महिलाओं को दोपहर के समय संतरा खिलाने से उनकी शारीरिक शक्ति बनी रहती है तथा बालक स्वस्थ व सुंदर होता है। इसके सेवन से सगर्भावस्था में जी मिचलाना, उलटी आदि शिकायतें भी दूर होती हैं।

पेट की गड़बड़ियों में

संतरे के रस में थोड़ा सा काला नमक व सोंठ मिलाकर लेने से अजीर्ण, 
अफरा, अग्निमांद्य आदि पेट की गड़बड़ियों में राहत मिलती है।


पुराना कब्ज

सुबह दो संतरे के रस में थोड़ा ताजा ठंडा पानी मिलाकर नियमित लेने से पुराना से पुराना कब्ज दूर हो जाता है।

कमजोर व्यक्ति

अत्यंत कमजोर व्यक्ति को संतरे का रस थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिन में 2-3 बार देने से शरीर पुष्ट होने लगता है। बच्चों के सूखा रोग में जब शरीर का विकास रुक जाता है तब संतरे का रस पिलाने से उसे नवजीवन प्राप्त होता है।


बवासीर

बवासीर में पलाश के कोमल पत्तों की सब्जी बनाकर खाएं ।


हड्डियाँ मज़बूत करने के लिए

पलाश के गोंद का पाउडर १-२ ग्राम, दूध के साथ लेने से हड्डियाँ मजबूत होती हैं ।


वीर्यवान बनने के लिए

पलाश का गोंद पचने में भारी होता है, लेकिन आंवले के रस के साथ लें तो हिजड़ा भी मर्द बन जाए...........तो मर्दों की तो बात ही क्या ..........



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