बुधवार, 15 जून 2011

Health 19


ह्रदय रोग की सरल व अनुभूत चिकित्सा

  • १ कटोरी लौकी के रस में पुदीने व तुलसी के ७-८ पत्तों का रस, २-४ काली मिर्च का चूर्ण व १ चुटकी सेंधा नमक मिलाकर पियें l इससे ह्रदय को बल मिलता है और पेट की गड़बडियां भी दूर हो जाती हैं l
  • नींबू का रस, लहसुन का रस, अदरक का रस व सेवफल का सिरका समभाग मिलाकर धीमी आंच पर उबालें l एक चौथाई शेष रहने पर नीचे उतारकर ठंडा कर लें l तीन गुना शहद मिलाकर कांच की शीशी में भरकर रखें l प्रतिदिन सुबह खाली पेट २ चम्मच लें l इससे Blockage खुलने में मदद मिलेगी l
  • अगर सेवफल का सिरका न मिले तो पान का रस, लहसुन का रस, अदरक का रस व शहद प्रत्येक १-१ चम्मच मिलाकर लें l इससे भी रक्तवाहिनियाँ साफ़ हो जाती हैं l लहसुन गरम पड़ता हो तो रात को खट्टी छाछ में भिगोकर रखें l
  • उड़द का आटा, मक्खन, अरंडी का तेल व शुद्ध गूगल संभाग मिलाके रगड़कर मिश्रण बना लें l सुबह स्नान के बाद ह्रदय स्थान पर इसका लेप करें l २ घंटे बाद गरम पानी से धो दें l इससे रक्तवाहिनियों में रक्त का संचारण सुचारू रूप से होने लगता है l
  • १ ग्राम दालचीनी चूर्ण एक कटोरी दूध में उबालकर पियें l दालचीनी गरम पड़ती हो तो १ ग्राम यष्टिमधु चूर्ण मिला दें l इससे कोलेस्ट्रोल के अतिरिक्त मात्रा घट जाती है l
  • भोजन में लहसुन, किशमिश, पुदीना व हरा धनिया की चटनी लें l आवलें का चूर्ण, रस, चटनी, मुरब्बा आदि किसी भी रूप में नियमित सेवन करें l
  • औषधि कल्पों में स्वर्ण मालती , जवाहरमोहरा पिष्टि, साबरशृंग भस्म, अर्जुन छाल का चूर्ण, दशमूल क्वाथ आदि हृदय रोगों का निर्मूलन करने में सक्षम है l

गौ माता की महिमा

गाय से शरीर से जो सात्विक उर्जा निकलती है, उस घर या इलाके में गाय होने से बहुत साड़ी अशुभ चीजें दूर हो जाती हैं l गाय के शरीर में सुर्यकेतु नाड़ी होती है, जो सूर्य किरणों को पीती है, इसलिए गाये के गोबर व मूत्र में भी सात्विक पॉवर होता है l मरते समय भी गाय के गोबर का लीपन करके व्यक्ति को सुलाया जाता है l
  • कैसी भी जहरी दवाएं खायी हो, गौमूत्र थोड़े दिन पिये, Blockage खुल जायेगा और जहरी दवाओं का असर उतर जायेगा l
  • बच्चों को गाय की पूंछ का झाड़ा देने से ऊपर की आई हुई हवा या कुप्रभाव नाश होता है l
  • जिसको रात को ठीक से नींद न आती हो, वो मोर के पंख रख दे, सिरहाने के नीचे और "हरि ॐ" का गुंजन करे , नींद आने लगेगी l
  • जिसको बुरे स्वप्न आते हों वो बुरे स्वप्न न आयें इसका आग्रह छोड़ दें l पैरों को गाय का घी मल दें और सिर में थोड़ा हलकी मालिश कर दें किसी भी तेल की l
  • गाए के दूध से बनी दही शरीर पर रगड़कर स्नान करने से स्वास्थ्य, प्रसन्नता और दरिद्रता दूर हो जाती है l
  • चावल पानी में पका लें फिर गाय के दूध में डालकर खीर बना लें, ज्यादा मीठा और मेवा न डालें और फिर "ॐ" का १२० माला जप करें l ७ सप्ताह तक करें तो ७ जनम की दरिद्रता दूर हो जाती है और ७ जनम तक कुटुंब में दरिद्रता नहीं आती l
  • जिस रोग के लिए डॉक्टर ने मना कर दिया हो की ये रोग ठीक नहीं हो सकता, वो व्यक्ति घर में गाय पालें और चारा-पानी खुद खिलाये और स्नेह करें l गाय की प्रसन्नता उसके रोमकूपों से प्रकट होगी और आप अपने हाथ गाय की पीठ पर घुमाएंगे तो आपके हाथों की उँगलियों द्वारा वो प्रसन्नता, रोग प्रतिकारक शक्ति बढाएगी l २-४ महीने तक ऐसा करें l
  • काली गाय का घी बुढापे में भी जवानी ले आता है l हार्ट अटैक की तकलीफ है और चिकनाहट खाने की मनाही है तो गाए का घी खाएं, हार्ट मज़बूत बनता है l

किडनी व पेशाब की प्रॉब्लम में

६० साल के बाद पेशाब की तकलीफ होती है । पेशाब धीरे-धीरे आता है और पेशाब नली दब जाती है । प्रोटेस्ट ग्रंथि बड़ जाती है । पुनर्नवा का रस पीने से पेशाब खुल कर आएगा, किडनी नयी बन जाएगी । पुनर्नवा की सब्जी खाने से किडनी बढ़िया रहती है व पेशाब की प्रॉब्लम दूर होती है l


तुलसी के बीज
तुलसी के बीज एक चुटकी रात को भिगा दो और सुबह को ले लो l सारी बीमारियाँ दूर रहती हैं और बुदापे की कमजोरी भी नहीं रहती l दोपहर के भोजन के बाद जो पान खाते हों, वो पान में एक चुटकी तुलसी के बीज डालकर खाओ , बुढापा जल्दी नहीं आएगा |



खुजली में
खुजली में खुजलाना नहीं वरन शतघृत लगाना चाहिए | काँसे की थाली में घी और थोड़ा पानी डालकर १०० बार रगड़ो, ये शतघृत बन गया | खुजली पित्त व खून की खराबी के कारण होती है| खून की सफाई के लिए :-
  • खाली पेट टमाटर या खीर खाएं |
  • दो नींबू पानी में निचोड़ कर पियें |
  • त्रिफला फाँकें |

नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए

११ से १५ मिनट तक चंद्रमा को एकटक देखें और आँखों को पटपटायें और फिर देखें | शरद पूनम की रात को खीर बनाकर चंद्रमा की किरणों में रखें और चंद्रमा को एकटक देखते हुए जप करें | नेत्र ज्योति और स्वभाव में शीतलता बढती है |

नेत्रज्योति बढ़ाने के लिए

२ से ५ ग्राम त्रिफला, घी और मिश्री चाटने से भी नेत्रज्योति बढ़ती है |

नाड़ी ब्लोकेज व हार्ट प्रॉब्लम में

दोनों हाथ की हथेलिओं को रगड़ते हुए "ॐ" जपें और छाती पर रखें | गोमूत्र ५० मिलीग्राम दो कपड़े में छानकर पियें | -५ दिन में आराम होगा |

किडनी की प्रॉब्लम व पेशाब की गड़बडी में

मकई के बाल ५० ग्राम, २ लीटर पानी में मसल दो | धीमी आंच पे उस पानी को उबालो | १ लीटर होने पर छानकर, पीने लायक होने पर पियें | २-५ दिन में आराम हो जायेगा |

सभी प्रकार की बीमारियों में

  • असाध्य रोगों में सुश्रुत भगवान् (आयुर्वेद ग्रन्थ रचयिता) ने प्राणायाम करके इस मंत्र का जप करने का बताया है :- "अच्युताय गोविन्दाय, अनंताय नाम भेषजाम नश्यन्ति सर्व रोगाणी, सत्यं सत्यं वदाम्यहम l"
  • सुबह सूर्य नारायण के सामने सिर को अच्छी तरह ढककर 7-8 मिनट पेट की तरफ और 8-10 मिनट धूप पीछे की तरफ लगे ऐसे बैठे, उसी में लम्बे श्वास लें और वज्रासन में बैठकर श्वास अंदर-बाहर (पेट अंदर ज्यादा और बाहर कम) करें l
  • दायें नथुने से श्वास लें और रोककर "नासै रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमंत बीरा" मंत्र जपें, फिर बायें नथुने से श्वास छोड़ दें l इसी प्रकार बायें से श्वास लें और रोककर मंत्र जपें, फिर दाएं से छोड़ दें l ऐसे १० प्राणायाम करें और दो प्राणायाम सवा मिनट तक रोककर करें l

कमज़ोर बच्चों के लिए

कमज़ोर बच्चों को गाय के थन से सीधे ही धार बच्चे के मुंह में डालें | प्रतिदिन दो - चार धार बच्चे के मुंह में डालने से बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा |


शराब छुड़ाने का उपाय
जब शराब पीने की इच्छा हो तब किशमिश का १-१ दाना मुंह में डालकर चूसें | किशमिश का शरबत पीने से भी दिमाग को ताकत मिलेगी और धीरे-धीरे शराब छोड़ने की क्षमता आ जायेगी l साथ ही इस मंत्र का जप करें : - " ॐ ह्रीं यं यश्वराये नमः " अथवा जब शराबी निद्रा में हो तो कुटुम्बी उसकी चोटी वाले भाग में देखते हुए मन ही मन इसका जप करें l


वायु सम्बन्धी तकलीफ

वायु सम्बन्धी तकलीफ :-
गर्मी के दिनों में शरीर वायु संग्रह करता है और बारिश के दिनों में वायु प्रकोप होता है | वायु सम्बन्धी रोगों में :-
• १०० ग्रा.म. पुराना गुड व ५० ग्रा.म. हरड मिलाकर १-१ ग्रा.म. की गोलियां बना लें और १५ दिन तक सुबह-शाम चूसें और थोडा गुनगुना पानी पी लें l इससे गैस, अजीर्ण, कब्ज़ व बदहजमी में आराम होता है l
• १ लीटर पानी उबालें और जब ७५० मि.ली. हो जाए तो उतार लें और उसे पियें l इससे वायु सम्बन्धी बीमारियाँ दूर होती हैं l

Diabetes नियंत्रित करने के लिए

Diabetes नियंत्रित करने के लिए :-
१/२ किलो कच्चा करेला टुकड़े - टुकड़े करके तसले में डाल दें और अपने पैरों से १/२ से ३/४ तक तब तक रौंधे जब तक जीभ में कड़वाहट का अहसास ना हो l ७-१० दिन तक ये प्रयोग करें l इससे Diabetes नियंत्रित होती है l

स्मृतिशक्ति बढ़ाने हेतु प्रयोग
५ ममरी बादाम रात को भिगोकर सुबह छिलके उतारके पीस लें | २५० मि.ली. दूध में समभाग पानी, ११ काली मिर्च, पिसे हुए बादाम व मिश्री मिला लें | फिर मिलाया हुआ पानी जल जाने तक उबालें l गुनगुना होने पर 'ॐ श्री सरस्वत्यै नमः' मंत्र जपते हुए चुसकी लेते हुए पिये l इससे यादशक्ति व शारीरिक बल मिलता है l

सिरदर्द व गर्मी शमन हेतु

सिरदर्द होता हो या शरीर में गर्मी जैसा लगता हो, तो पैरों तले गाय का घी रगड़ना चाहिए |

गठिया और जोडों का दर्द
प्याज के रस को सरसों के तेल में मिलाकर मालिश करने से गठिया और जोडों का दर्द दूर होता है|

कब क्या न खाएं?

  • भादों और सावन में दही और मठा नहीं खाना चाहिए।
  • कार्तिक मास में करेला और बैगन नहीं खाना चाहिए
  • श्रावण में हरी सब्जियां (जैसे पालक) नहीं खाना चाहिए , (क्योंकि उनमें जंतु होते हैं)
  • भाद्रपद में दही नहीं खाना चाहिए
  • आश्विन में दूध और कार्तिक में दाल नहीं खाना चाहिए।
  • सूर्यास्त के बाद तिल की कोइ भी वास्तु का प्रयोग नहीं करनी चाहिए।
  • अमावस्या , रविवार और पूनम को तिल का तेल हानिकारक होता है
  • रविवार को तुलसी, अदरक, लाल मिर्च और लाल सब्जी नहीं खाना चाहिए।
  • आँवला रविवार, शुक्रवार और षष्ठी को नहीं खाना चाहिए।·
  • तृतीया तिथि को परवल नहीं खाना चाहिए (तृतीया को परवल खाने से शत्रुओं की वृद्धि होती है)·
  • चतुर्थी को मूली नहीं खाना चाहिए (चतुर्थी को मूली खाने से धन-नाश होता है)
  • अष्टमी को नारियल नहीं खाना चाहिए (अष्टमी नारियल खाने से बुद्धि कमजोर होगा, रातको नारियल नहीं खाना चाहिए)
  • त्रयोदशी को बैगन नहीं खाना चाहिए ( त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र नाश या पुत्र से दुख मिलता है)·
  • श्रावण में हरड़ और कार्तिक में मूली स्वास्थ्य के लिए अच्छा है (श्रावण में जठराग्नि कम होने से पेट के बीमारियाँ ज्यादा होती हैं, इसलिए हरड़ खाना चाहिए)
  • भाद्रपद में दूध या दूध से बनी हुई खीर स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, इससे शरीर का पित्त निकल जाता है

Holi Tips
  • होली के बाद खजूर नहीं खाना चाहिए, ये पचने में भारी होते है, इन दिनों में सर्दियों का जमा हुआ कफ पिघलता है और जठराग्नि कम करता है. इसलिए इन दिनों में हल्का भोजन करें, धाणी और चना खाएं, जिससे जमा हुआ कफ निकल जाये
  • इन दिनों में १५-२० दिन सुबह १५-२० नीम के पत्ते और काली मिर्च चबा-चबाकर खाने से चर्म रोग दूर होते हैं. भोजन में नीम का तेल उपयोग करने से भी लाभ होता है.
  • होली के दिनों में १५-२० दिन तक नमक न खाएं, अथवा कम कर दें, इससे वर्ष भर स्वास्थ्य में मदद मिलती है
  • इन दिनों में पलाश/केसुडे/गेंदे के फूलों के रंग से होली खेलने से शरीर के ७ धातु संतुलन में रहते हैं, इनसे होली खेलने से चमड़ी पर एक layer बन जाती है जो धूप की तीखी किरणों से रक्षा करती है.
  • होली के दिन १५-२० min. सूर्यस्नान बहुत लाभकारी होता है, जरुर करना चाहिए
  • होली की रात जप-ध्यान करने से अनंत्गुना फल होता है.

काली मिर्च
लाल मिर्च ज्यादा नहीं खाना चाहिए, थोडा बहुत भोजन में काली मिर्च हो तो नाड़ी-शुद्धि होती है लाल मिर्च से पित्त की बीमारी बनती है भगवान् ने पैसा दिया है तो भोजन में काली मिर्च खाएं

खट्टी चीज़ खाने से

खट्टी चीज़ खाने से आँखें जलती हैं और स्वभाव बिगड़ता है, गुस्सा आता है, अकारण जलन होती है

दही कैसी खाना?

दही खट्टा दुश्मन को भी नहीं खिलाना और दही खाने से तो नाड़ियों में blockage होता है बड़ी उम्र में; दही को मथ के लस्सी बनाओ फिर मक्खन सब खा लो; लस्सी पी सकते हैं, दही नहीं, और दही खट्टा तो बहुत नुकसान करता है

रक्त-पित्त

रक्त-पित्त की तकलीफ है तो गुलाब जल में किशमिश भीगा कर खाए; तकलीफ शांत होती है;

करेला सेवन

हफ्ते में एक दिन करेला खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा है (कड़वा रस भी शरीर के स्वास्थ्य के लिए ज़रूरी है )

तिल का तेल कब नहीं खाना चाहिए?

अमावस्या और रविवार को तिल का तेल नहीं खाना चाहिए

For strong teeth

रात को नमक - सरसों के तेल से रगड़कर सोयें, तो दांत मज़बूत रहते हैं

Caution on Sunday

रविवार को अदरक, टमाटर, लाल रंग के कपड़े, गुस्सा बढ़ाते हैं 
अदरक को फ्रिज (refrigerator) में नहीं रखा जाता

AC Cooler Direction

पश्चिम दिशा में air-conditioner (a।c.)/cooler से बीमारी होगी

Sleeping related tips

  • शयन करने से १-२ घंटे पहले हाथ पैर धो लेने चाहिए रात को गीले पैर नहीं सोना चाहिए
  • रात्रि को स्नान नहीं करना चाहिए (महिलाएं मासिक धर्म के दौरान कर सकती हैं)
  • ceiling fan के नीचे नहीं सोना चाहिए, नहीं तो गठिया का रोग हो जाता है; खिड़की खोलकर सोयें, अथवा तो table fan से थोडी हल्की हवा आती रहे;
  • रात को सोने से पहले भगवन्नाम की पुनावृत्ति करें; हास्य प्रयोग करें और हाथ ऊपर करें - भगवान् की शरणागति - हम जैसे तैसे हैं, तुम्हारे हैं; इस प्रकार सोते समय भावना करें कि हम भगवान् की गोद में जा रहे हैं
  • सुबह उठकर थोडी देर शांत बैठें; कोई परेशानी हो, तो गुरुमंत्र का जप करें भूमध्य में देखते हुए; इस प्रकार गुरुदेव के साथ मानसिक contact कर लें, फिर निर्णय लें;
-25th Jan'09, Vrindavan
. सोते समय सिराना (pillow) पूर्व या दक्षिण दिशा में होना चाहिए उत्तर या पश्चिम दिशा में सिराना है तो रोग, चिंता बढ़ेंगे

Speak the truth

सत्य बोलने से लक्ष्मी, प्रसन्नता, आरोग्य और भगवत प्राप्ति हो जाती है; झूठ बोले तो तीन दिन उपवास करें, ईश्वर से प्रार्थना करें, क्षमा मांगें;

असत्य बोलने के पाप से प्रकृति फिर ऐसी योनि देगी जिस में वाणी नहीं मिलेगी - भैंसा/कुत्ता बन गए; वाणी का दुरूपयोग न हो; सत्य, मधुर, हितकर, सारगर्भित, प्रसंगोचित, सामने वाला भगवान की तरफ लगे या उनका ज्ञान बढ़े ऐसा विचार कर बोलें; शत्रु के प्रति भी कटु वचन का प्रयोग नहीं करना चाहिए

कान की तकलीफ

सरसों का तेल डालने से सौ साल तक ठीक से सुन सकते हैं; प्याज़ का रस दाल दे, अगर कोई बहरा हो गया हो तो

सूर्य स्नान

आठ मिनट पेट के बल पर सुबह के सूर्य की किरणें लें; दस मिनट पीठ के बल पर सूर्य की किरणें लें; सिर ढका रहे; इस प्रकार सूर्य की किरणों में शरीर को स्नान कराओ; इसके बराबर की कोई औषधि दुनिया में नहीं है; इस प्रयोग से रोग ऐसे भागेंगे जैसे सूर्योदय होने से अन्धकार भागता है

पेशाब सम्बन्धी तकलीफें

जौ का आटा की रोटियां खाओ पेशाब सम्बन्धी तकलीफें दूर होते हैं।

पौष्टिक आटा
गुरुदेव ने आटा को पौष्टिक बनने के लिए निम्नलिखित composition बताया है:
गेहूं - ५ kg
सोयाबीन - १ kg
मक्का - १ kg
जाऊ - १ kg
इसके अलावा अपने रूचि और पाचन के अनुसार बाजरी भी डाल सकते हैं।


स्नान

गो-झरण से स्नान कराने से रोग नष्ट होंगे पाप नष्ट होंगे…स्नान में गो-झरण डाले…पंचगव्य से स्नान करने से पापनाशिनी उर्जा मिलती है

कभी बिलि के पत्ते से स्नान करो , कभी उबटन का स्नान करो..कभी गो-झरण का स्नान करो तो कभी दही लगा के स्नान करो… दही लगाके स्नान करने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ..ये सभी शरीर के लिए है….शरीर स्वस्थ रख के अंतरात्मा में आने के लिए ये सब है…

भूख लगाने के लिए

इन दिनों में अदरक , खजूर , सैंधा नमक और मिर्च की चटनी बना के भोजन से पहले खाए तो भूख अच्छी लगेगी॥

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