प्रसूति के लिए
गर्भवती महिला, जब ९वां महीना हो जाये तो बादाम रोगन ८-१० ग्राम दूध में डालकर पी ले l प्रसूति की पीड़ा या प्रसूति की तकलीफें इतनी ज्यादा नहीं होंगी और प्रसूति आराम से होगी l
खांसी
आधा चम्मच तुलसी का रस और उतना ही अदरक का रस मिलाकर लेने से लाभ होता है l
अस्थिरोग
जिनकी अस्थियाँ जकड गयी हो, टूट गयी हों, टेडी-मेढ़ी हो गयी हों अथवा जिनकी अस्थियों में पीड़ा होती हो, उनके लिए शीत ऋतू में लहसुन का उचित मात्रा में सेवन बहुत लाभदायी है l लहसुन के छिलके उतारकर रात को खट्टी छाछ में बिघोकर रखें l सुबह धोके पीसकर रस निकालें l १ से ४ ग्राम रस में उतना ही तिल का तेल अथवा घी मिलाकर पियें l आहार सात्विक, सुपाच्य लें l
सावधानी : लहसुन तामसी होने के कारण रुग्णावस्था में भी इसका सेवन औषधवत करना चाहिए l
दीर्घायु के लिए
२ ग्राम सौंठ में पानी मिलाकर रात को लोहे की कड़ाही के अंदर लेप करें l प्रातः काल वह सौंठ दूंध में मिलाकर पीने से दीर्घायुश की प्राप्ति होती है l
खांसी में
अब जाड़ों के दिन हैं, सर्दी की शिकायत होगी, खांसी व कफ की शिकायत होगी l दायें नथुने से श्वास लिया और रोका l एक से सवा मिनट श्वास रोका और मन में जप करो "नासे रोग हरे सब पीरा, जपत निरंतर हनुमंत बीरा" l फिर बायें नथुने से श्वास निकाल दो l जिसको सर्दी है तो ४ से ५ बार करें, ज्यादा नहीं l लेकिन सूखी खांसी हो तो वे लोग ये प्राणायाम ना करें l सूखी खांसी में घी के मालपुए बनाकर दूध में डूबा दो l २ घंटे तक डूब जाएँ, फिर वो मालपुए खा लो l सूखी खांसी में आराम होगा l
रेशमी बालों के लिए
बालों को रेशम जैसा करना है तो गौझरण अर्क से बाल ज़रा गीले कर लें और आधा या एक घंटे बाद नहा लो l जुएँ सदा के लिए गायब और बाल रेशम जैसे होंगे l अगर बाल और रेशम जैसे करने हैं तो गौझरण अर्क में गिलोय, थोड़ी से मिलाकर बालों को लगा दें l फिर थोड़ी देर के बाद भले स्नान कर लें, बाल रेशम जैसे होंगे l
वायु की तकलीफ में
वायु की तकलीफ है, जोडों का दर्द है तो १०-१५ तुलसी के पत्ते, १-२ काली मिर्च, १०-१५ ग्राम गाय का घी मिलाकर खाया करें l वायु सम्बन्धी बीमारियों में आराम होगा l
सुन्दर संतान प्राप्ति के लिए
गर्भवती महिला हो, वो भोजन के बाद सौंफ चबा-चबा कर खाए, तो उसको गोरी व सुन्दर संतान प्राप्त होगी l
पेट में कृमि
बच्चों को पेट में कृमि (कीडों) की शंका हो तो तुलसी व पुदीना के १०-१० पत्ते, गुड़ में मिलाकर दो l पेट के कीडों से बच्चे की रक्षा हो जायेगी l ऐसा २-४ महीने करें l
बुढ़ापा दूर करने के लिए
आंवले का रस, गाय का घी, शहद व मिश्री चारों समभाग १५-१५ ग्राम लेकर मिला लो l बुढ़ापा दूर करने के लिए ये रसायन है l इसे सुबह खाली पेट लो तथा उसके बाद २ घंटे तक कुछ ना लो, तो ये रसायन आपके शरीर में स्थायी यौवन का काम करेगा और बुढ़ापा दूर रहेगा l
सौन्दर्य निखार
तुलसी के पत्तों का रस चेहरे पर लगाने से सौंदर्य निखरता है l
पेट सम्बन्धी तकलीफों में
नींबू के रस में सौंफ भिगो दें और जितना नींबू का रस, सौंफ पी ले ...पी ले l फिर सौंफ में थोड़ा काला नमक या संत कृपा चूर्ण मिलाकर तवे में सेंक कर रख दो l ये लेने से पेट का भारीपन, बदहाजमा दूर होगा और भूख खुलकर लगेगी l कब्ज़ की तकलीफ भी ठीक हो जायेगी l
पीपल की पत्तियों का रस व मिश्री प्रयोग
पीपल की कोमल पत्तियों का रस १० ग्राम और थोड़ी मिश्री मिलाकर सुबह-शाम पियो l ह्रदय बलवान होगा, कितना भी Heart Attack का भय हो अथवा मस्तिस्क की कमजोरी हो, अपने आप ठीक हो जायेगा l मूर्छा आती हो, मिर्गी आती हो, उन्माद चड़ता हो, जुकाम और नजले की तकलीफ हो ......... बस ! ये अक्सीर इलाज है l
अगर किसी को त्वचा का रंग निखारना हो तो हल्दी व मक्खन अथवा हल्दी व सरसों का तेल मिलाकर, जहाँ काली त्वचा हो, वहां लगाकर सो जाओ और अगले दिन गुनगुने पानी से धो लो, रंग निखरेगा l
धारणा शक्ति बढ़ाने हेतु
मुलेठी का २ ग्राम चूर्ण, गाय के दूध में मिलाकर रोज़ पीने से धारणा शक्ति बढ़ेगी l
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