शरीर की त्वचा में कई प्रकार के चर्म रोग या स्किन संबंधी समस्याएं हो जाजी हैं। इस तरह की समस्याएं अच्छे भले व्यक्ति की खूबसूरती को बिगाड़ कर रख देती हैं। इन त्वचा संबंधी समस्याओं या बीमारियों के बारे में सही और वैज्ञानिक जानकारी होना, खुद हमारे और और हमारे अपनों के लिये बेहद जरूरी होता है। आइये जानते हैं कि त्वचा की प्राकृतिक सुन्दरता को बिगाडऩे वाली प्रमुख समस्याएं कौनसी हैं और उनका समाधान कैसे हो सकता है...
सफेद दाग
यह दूधिया सफेद रंग का दाग होता है । इसे ल्यूकोडर्म कहते है इसका इलाज काफी लंबा चलता है इसके इलाज के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प का इस्तेमाल करते है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता ैहै।
सोरिएसिस
सामान्य भाषा में इसे अपरस कहते है इसमें शरीर के किसी भी भाग में चमडी छिलके के रूप में निकलती है इसका इलाज भी अल्ट्रावायलेट लैम्प के द्वारा होता है।
मस्से
ये 8 से 10 प्रकार के होते हैं। इसमें से कुछ छूत के भी होते हंै इसका इलाज केमिकल कान्ट्री इलेक्ट्रोकान्ट्री मशीन द्वारा व काय कान्ट्री और रेडियोंकान्ट्री द्वारा किया जाता है।
तिल
यह मस्से से अलग होते हंै यह काले रंग के छोटे-छोटे दाने के समान होते हंै। इसका इलाज रेडियोंकान्ट्री व कास्मेटिक सर्जरी द्वारा किया जाता है ।
सनटैनिंग
कुछ लोगों के चेहर व शरीर के खुले भाग में धूप में धूमने के कारण शरीर का वह भाग काला हो जाता है । यह दवाइयों के द्वारा ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
एलर्जी
कई बार कुछ हानिकारक सौन्दर्य प्रशाधनों, आर्टिफि शियल गहनों या कुछ हानिकारग मिलावटी वस्तु खाने से एलर्जी हो जाती है। कुछ लोगों में एलर्जी के कारण शरीर में लाल-लाल चकते निकल जाते हैं। जिन्हे अर्टीकेरिया कहते हंै।
एक्जिमा
यह भी चमडी में होने वाली एक प्रकार की एलर्जी है। इसमें चमडी मोटी हो जती है व उसमें खुजली होती है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
छीला
यह शरीर में होने वाली विशेष प्रकार का फं गल इंफेकशन है जिसमें गर्दन, चेहरे व पीठ में हल्के पीले रंग के दाग हो जाते है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
पसीने में बदबू
कुछ व्यक्तियों के पसीने में काफी तेज बदबू होती है। पेट साफ नहीं होने, लहसुन, प्याज के ज्यादा सेवन से भी पसीने में बदबू होने की समस्या हो सकती है । बगल के बाल साफ रखें, शारीरिक सफाई का बहुत ध्यान रखें, नियमित व्यायाम करे, पानी ज्यादा पीयें।
सफेद दाग
यह दूधिया सफेद रंग का दाग होता है । इसे ल्यूकोडर्म कहते है इसका इलाज काफी लंबा चलता है इसके इलाज के लिए अल्ट्रावायलेट लैम्प का इस्तेमाल करते है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता ैहै।
सोरिएसिस
सामान्य भाषा में इसे अपरस कहते है इसमें शरीर के किसी भी भाग में चमडी छिलके के रूप में निकलती है इसका इलाज भी अल्ट्रावायलेट लैम्प के द्वारा होता है।
मस्से
ये 8 से 10 प्रकार के होते हैं। इसमें से कुछ छूत के भी होते हंै इसका इलाज केमिकल कान्ट्री इलेक्ट्रोकान्ट्री मशीन द्वारा व काय कान्ट्री और रेडियोंकान्ट्री द्वारा किया जाता है।
तिल
यह मस्से से अलग होते हंै यह काले रंग के छोटे-छोटे दाने के समान होते हंै। इसका इलाज रेडियोंकान्ट्री व कास्मेटिक सर्जरी द्वारा किया जाता है ।
सनटैनिंग
कुछ लोगों के चेहर व शरीर के खुले भाग में धूप में धूमने के कारण शरीर का वह भाग काला हो जाता है । यह दवाइयों के द्वारा ठीक किया जा सकता है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
एलर्जी
कई बार कुछ हानिकारक सौन्दर्य प्रशाधनों, आर्टिफि शियल गहनों या कुछ हानिकारग मिलावटी वस्तु खाने से एलर्जी हो जाती है। कुछ लोगों में एलर्जी के कारण शरीर में लाल-लाल चकते निकल जाते हैं। जिन्हे अर्टीकेरिया कहते हंै।
एक्जिमा
यह भी चमडी में होने वाली एक प्रकार की एलर्जी है। इसमें चमडी मोटी हो जती है व उसमें खुजली होती है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
छीला
यह शरीर में होने वाली विशेष प्रकार का फं गल इंफेकशन है जिसमें गर्दन, चेहरे व पीठ में हल्के पीले रंग के दाग हो जाते है। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के प्रयोगों से भी इससे छुटकारा पाया जा सकता है।
पसीने में बदबू
कुछ व्यक्तियों के पसीने में काफी तेज बदबू होती है। पेट साफ नहीं होने, लहसुन, प्याज के ज्यादा सेवन से भी पसीने में बदबू होने की समस्या हो सकती है । बगल के बाल साफ रखें, शारीरिक सफाई का बहुत ध्यान रखें, नियमित व्यायाम करे, पानी ज्यादा पीयें।
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