गुरुवार, 16 जून 2011

अंगूठे और अंगुली का कमाल! दिमाग बनेगा सुपर कम्प्यूटर




हमने कई बार अधिकांश लोगों को यह कहते हुए सुना है कि दिमाग नहीं चल रहा। और कई बार खुद हमने भी ऐसा अनुभव किया है हमारा दिमाग ठीक से कार्य नहीं कर होता है।  जब मानसिक तनाव बढ़ता है तो हमारा दिमाग उस उलझन में ठीक से सोच नहीं पाता और हम ठीक से निर्णय नहीं ले पाते। ऐसे में हमेशा डर बना रहता है कि हम कोई गलत निर्णय ना ले लें।

इस डर से बचने का एक ही उपाय है कि हमारा दिमाग ठीक से कार्य करे। दिमाग को ठीक से चलाने के लिए प्रतिदिन सुबह-सुबह ज्ञान-मुद्रा का प्रयोग करना एक बेहद फायदेमंद और कारगर उपाय हो सकता है। ज्ञान मुद्रा की मदद से हमारा दिमाग दौडऩे लगेगा। इस मुद्रा से दिमाग को सही और ज्यादा से ज्यादा प्रखर चेतना मिलेगी और वह पहले की बजाय अधिक बेहतर और तेज गति से सटीक कार्य करने में समर्थ बन जाएगा।

ज्ञान मुद्रा की विधि

किसी शांत और शुद्ध वातावरण वाले स्थान पर कंबल आदि बिछाकर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं। अब अपने दोनो हाथों को घुटनों पर रख लें। अंगूठे के पास वाली तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) के ऊपर के पोर को अंगूठे के ऊपर वाले पोर से मिलाकर हल्का सा दबाव दें। हाथ की बाकी की तीनों उंगलियां बिल्कुल एक साथ लगी हुई और सीधी रहनी चाहिए। अंगूठे और तर्जनी उंगली के मिलने से जो मुद्रा बनती है उसे ही ज्ञान मुद्रा कहतें है। ध्यान लगाते समय सबसे ज्यादा ज्ञान मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है।

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