आम को फलों का राजा वैसे ही नहीं कह दिया गया है। या कोई कह दे कि ऐसा करने में आम क बगीचे वालों की कुछ साजिश रही होगी। आम को फलों का राजा कह देने में अन्य फलों के साथ कोई भेदभाव या पक्षपात नहीं किया गया है। असल में आम है ही इस लायक कि उसे फलों का राजा बना दिया जाए। आम के अद्भुत और अनमोल गुणों को जानकर आप को भी उसे फलों का राजा मानने में कोई आपत्ति नहीं होगी।
आयुर्वेद, प्राकृतिक विज्ञान और वनस्पति शास्त्र ने विश्लेषणों के आधार पर फलों के राजा आम के दुर्लभ गुणों का वर्णन कुछ इस प्रकार से किया गया है....
- पका आम खाने से शरीर में सातों धातुओं- रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और वीर्य की वृद्धि होती है।
- पका आम दुबले पतले बच्चों, वृद्धों व कमजोर लोगों को पुष्ट बनाने हेतु सर्वोत्तम औषधी का काम करता है।
- पका आम चंूसकर खाना आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है।
- यह उत्तम प्रकार का हृदयपोषक है तथा शरीर में छुपे हुए विष को बाहर निकालता है।
- यह वीर्य की शुद्धि एवं वृद्धि करता है।
- शुक्रप्रमेह आदि विकारों और वातादि दोषों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो उनके लिए पका आम लाभकारक है। - इसके सेवन से शुक्राल्पताजन्य नपुंसकता, दिमागी कमजोरी आदि रोग दूर होते हैं।
विशेष-जिस आम का छिलका पतला एवं गुठली छोटी हो, जो रेशारहित हो तथा जिसमें गूदा अधिक हो, ऐसा आम मांस धातु के लिए बेहद उपयोगी है।
आयुर्वेद, प्राकृतिक विज्ञान और वनस्पति शास्त्र ने विश्लेषणों के आधार पर फलों के राजा आम के दुर्लभ गुणों का वर्णन कुछ इस प्रकार से किया गया है....
- पका आम खाने से शरीर में सातों धातुओं- रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा और वीर्य की वृद्धि होती है।
- पका आम दुबले पतले बच्चों, वृद्धों व कमजोर लोगों को पुष्ट बनाने हेतु सर्वोत्तम औषधी का काम करता है।
- पका आम चंूसकर खाना आंखों के लिए बेहद फायदेमंद है।
- यह उत्तम प्रकार का हृदयपोषक है तथा शरीर में छुपे हुए विष को बाहर निकालता है।
- यह वीर्य की शुद्धि एवं वृद्धि करता है।
- शुक्रप्रमेह आदि विकारों और वातादि दोषों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो उनके लिए पका आम लाभकारक है। - इसके सेवन से शुक्राल्पताजन्य नपुंसकता, दिमागी कमजोरी आदि रोग दूर होते हैं।
विशेष-जिस आम का छिलका पतला एवं गुठली छोटी हो, जो रेशारहित हो तथा जिसमें गूदा अधिक हो, ऐसा आम मांस धातु के लिए बेहद उपयोगी है।
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