आजकल आए दिन ऐसा देखने, सुनने और खुद भुगतने में आता है कि मिलावटी चीज खाने से व्यक्ति की तबियत बिगड़ गई और गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा। चंद रुपयों के लालच में खाने की चीजों में जहर मिलाने से लोग गुरेज नहीं करते हैं। लोगों को इस घ्रणित कार्य को करने से पूरी तरह से रोका तो नहीं जा सकता लेकिन थोड़ी सी सावधानी और प्रयास करने पर खुद को मिलावटी चीजों के जहरीले घातक प्रभावों से महफूज अवश्य रखा जा सकता है। आइये जानते हैं कुछ ऐसे आयुर्वेदिक घरेलू उपायों के बारे में जो हमारे लिये बेहद फायदेमंद शाबित हो सकते हैं। प्रतिदिन अपने दैनिक जीवन में नीचे दी जा रही विष निवारक वस्तुओं का प्रयोग थोड़ी मात्रा में करते रहें जिससे बचाव होता रहे...
गिलोय, घीक्वार, पीपल, तुलासिल बिलपत्री, नीम, कढीपत्ता, पुनर्नवा, श्योनाक आदि सब या जो-जो भी उपलब्ध हो सके उन का प्रयोग भिगो कर या पका कर किया जा सकता है। इन विष निवारक वनस्पतियों का प्रयोग यथासंभव थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोज करें। यदि ये सब या इनमें से कोई सामग्री न मिले तो बाजार में उपलब्ध किसी विश्वसनीय कम्पनी द्वारा निर्मित 'सर्व कल्प क्वाथ' का भी प्रतिदिन उपयोग किया जा सकता है।
गिलोय, घीक्वार, पीपल, तुलासिल बिलपत्री, नीम, कढीपत्ता, पुनर्नवा, श्योनाक आदि सब या जो-जो भी उपलब्ध हो सके उन का प्रयोग भिगो कर या पका कर किया जा सकता है। इन विष निवारक वनस्पतियों का प्रयोग यथासंभव थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोज करें। यदि ये सब या इनमें से कोई सामग्री न मिले तो बाजार में उपलब्ध किसी विश्वसनीय कम्पनी द्वारा निर्मित 'सर्व कल्प क्वाथ' का भी प्रतिदिन उपयोग किया जा सकता है।
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