बुधवार, 15 जून 2011

Health 16


बालों के लिए

  • नींबू और आंवले का रस (आंवले का रस का हो तो आंवला पाउडर भिगा दो, आंवले का रस बन जायेगा) सिर पर लगा दो l सफ़ेद बाल जल्दी नहीं होंगे, बालों की जड़ें कमज़ोर नहीं होंगी.....बाल बने रहेंगे l
  • सरसों के तेल में दही मिलाकर सिर पर लगाते हैं, तो बाल गिरना व बाल पकना (सफ़ेद होना) बंद हो जायेगा और बाल चमकने लगेंगे l


पिस्ते के फायदे

पिस्ते में इतनी सारी शक्ति है कि कमज़ोर आदमी हो.......शरीर का बल बढ़ाने में व मसूड़ों के रोगों में बड़ा काम करता है l ४-५ सादे पिस्ते (बिना सिंके और बिना नमक वाले) दूध में उबाल दें या दूध में भिगा दें और सुबह खूब चबा-चबा कर १ हफ्ते तक खाएं l


अधिक प्यास लगना

जिसको गर्मी में अधिक प्यास लगती है ...... बिन ज़रूरी पानी पीना पड़ता हो तो मिटटी की ईंट को धोकर साफ़ करके आग में तपा दो l खूब लाल हो जाए.....गर्म हो जाए....तप जाए फिर उसे दही से बुझा दो और दही थोड़ा-थोड़ा करके दिन भर में खा लो l अधिक प्यास सदा के लिए बुझ जाएगी l


मूली के फायदे

ताज़ी-ताज़ी मूली खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है l कोमल मूली के पत्ते, मूली को पचाने की शक्ति देते हैं l रात को...संध्या को....दोपहर के बाद मूली खाना या पकी मूली खाना स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है l



मुंह में छाले
त्रिफला चूर्ण लेकर मिटटी के छोटे बर्तन में पानी डालकर भिगो दें l रात का भिगाया हुआ त्रिफला सुबह छान कर मुंह में घुमा-घुमा कर पी लें l सुबह का भिगाया हुआ शाम को पी लें l ३-४ दिन के अंदर मुंह के छाले सदा के लिए भाग जायेंगे


नकसीर में

  • गर्मियों में नाक से खून बहता हो तो तुलसी के रस की बूंदें डालने से नकसीर रोग चला जायेगा l
  • आंवला पीसकर बकरी के दूध में भिगो दें और सिर पर लेप कर दें l
  • ४ घंटे पहले जमाई हुई दही की मीठी लस्सी थोड़ा दिन पियें l



सौंफ व मिश्री प्रयोग

सौंफ और मिश्री मिलाकर खाने से भूख अच्छी लगेगी व पेट सम्बन्धी तकलीफें दूर होंगी l भोजन के बाद सौंफ और मिश्री मिलाकर खाने से नेत्र की ज्योति व पाचन शक्ति मजबूत होती है l



तुतलापन मिटाने के लिए

२-३ बादाम के गिरी मिक्सी में अच्छी तरह घोट के और मक्खन व मिश्री मिलाकर बराबर चबा चबा कर खाएं l १ हफ्ते में तोतलेपन में आराम होता है l


भोजन की मात्रा

शरीर स्वस्थ रखने के लिए २४ घंटे में कितना खाना चाहिए ?.........४९ तोला मतलब ५०० ग्राम और १५ दिन में १ बार उपवास करना चाहिए, ज्यादा मोटे लोगों को हफ्ते में १ दिन उपवास रखना चाहिए l


दमा मिटाने के लिए

दमा मिटाना है तो पीपल के पत्ते इकठ्ठे करके छाया में सुखा दो l फिर उसको जला दो, उसकी राख बना लो l ३-४ ग्राम सुबह-शाम शहद में दे दो l १५-२० दिन में दमे का दम निकल जायेगा l १ महीने में तो दमा सदा के लिए भाग जायेगा l


दिमागी कमजोरी के लिए

दिमागी कमजोरी है तो २० अखरोटों को गिरी तोल लो उतनी मिश्री लो ..... दोनों को मिलाकर पीस के रख दो l रोज़ २ अखरोट के साथ पिसी मिश्री, दूध में डालो और चुस्की ले के पिया करो l दिमागी कमजोरी ठीक हो जाएगी l

नोट : रोज़ २ अखरोटों से ज्यादा ना लें l



वात और पित्त सम्बन्धी बीमारियों में

३ नीम के पत्ते, २ बेल के पत्ते और २ काली मिर्च......उनको अच्छी तरह से पीसें और १ कप (७०-८० ml) पानी में घोल के सुबह शाम पिया करें .......तो वात और पित्त सम्बन्धी बीमारियाँ मिटेंगी और भूख भी अच्छी लगेगी l



ग्वारपाठा
ग्वारपाठा २५-३०-४० ग्राम पीस दो मिक्सी मेंथोड़ा पानी डाल केछान के पीलो ....... तो पित्त और कफ से बनी हुई कई बीमारियाँ और शरीर में कीलऔर दाद है ......और दीमड़े होते है ना....गालों पर.... वो सब कफ औरपित्त की सारी बीमारियाँ - डोज़ लेने से ठीक हो जाती हैं l

बिच्छू काटने पर

किसी को बिच्छू ने काटा हो तो ३-४ कलियाँ लहसुन की और चुटकी भर नमक पीस के काटने वाली जगह पर रगड़ो, लेप करो l बिच्छू काटे का ज़हर और पीड़ा गायब हो जाएगी l


जोड़ों के दर्द में
  • जोड़ों के दर्द में स्नान के समय १-२ बेल पत्र का रस निकाल कर शरीर पर मलें ......फिर गुनगुने पानी से स्नान कर लें l जोड़ों के दर्द व वायु सम्बन्धी बीमारी में आराम होगा l
  • 1 लीटर पानी उबाल के ७५० ml कर लो और ज़रा सी अजवाइन डाल दो और वही पानी भोजन के समय भी पियो l ठन्डे पानी से परहेज़ करो l पैरों में जुराब अथवा चप्पल ज़रूरी है l
  • भोजन के समय गुनगुना पानी १ गिलास .......उसमे आधी चुटकी सौंठ मिला कर पियो और भोजन थोड़ा कम करो l

सर्दी सहन न होने पर

कुछ लोगों को सदी सहन नहीं होती ...थरथराते हैं, दांत आपस में टकराते हैं, हाथ कांपते हैं l
  • वे लोग कड़ाई में थोड़ा सा घी डाल दें और फिर उसमे गुड़ गला दें l जितना गुड़ उतना सौंठ डाल दें l थोड़े से घी में गला के सेंक दिया l एक-एक चम्मच खाने से सर्दी झेलने की ताकत आ जाएगी l सुबह शाम चाट लें l
  • राई पीस के शहद के साथ पैरों के तलवों में लगा दें तो भी सर्दी में ठिठुरना बंद हो जायेगा l

मेवों द्वारा बल व स्वास्थ्य की प्राप्ति

  • अखरोट :- १० अखरोट को गाय के घी में भून कर मिश्री मिलाकर खाने से स्मरण शक्ति तीव्र होती है l मानसिक थकावट दूर हो जाती है l लहसुन के साथ पीसकर घी में भूनकर खाने से क्षयरोग (टी.बी.) में बहुत लाभ होता है l २० ग्राम अखरोट, मिश्री व केसर दूध में मिलाकर पीने से नपुंसकता में लाभ होता है l मुंह के लकवे में अखरोट के तेल की मालिश करने से आराम मिलता है l
  • अंजीर :- अंजीर में लौह प्रचुर मात्रा में होने से रक्त की वृद्धि होती है l यह रक्त की शुद्धि भी करता है l इसमें निहित विटामिन "ए" नेत्रज्योति की सुरक्षा करता है l अंजीर में पेट के मल को निष्कासित करने की विशेष क्षमता है l पुरानी खांसी, दमा, टी.बी., रक्तपित्त, पुराना गठिया रोग, बवासीर, पित्तजन्य त्वचाविकारों में अंजीर का सेवन लाभदायी है l २ सूखे अंजीर रात को पानी में भिगोकर सुबह और सुबह भिगोकर शाम को खाने से इन व्याधियों में लाभ होता है l
  • बादाम :- स्मरणशक्ति व नेत्रज्योति की वृद्धि के लिए बादाम बहुत उपयोगी है l यह उत्कृष्ट वायुशामक व सप्तधातुवर्धक है l ५ भीगे हुए बादाम छिलके उतारकर २-३ काली मिर्चे के साथ खूब पीसकर मक्खन-मिश्री अथवा दूध के साथ सेवन करने से स्मरंशक्ति व नेत्रज्योति बदती है l बादाम का तेल नाक में डालने से मस्तिष्क को शीघ्र ही बल मिलता है l इससे सिरदर्द भी मिट जाता है l इसका निरंतर प्रयोग हिस्टीरिया में बहुत लाभदायी है l गर्भवती स्त्री को ९वां महीना लगते ही १० ग्राम बादाम का तेल दूध व मिश्री के साथ देने से प्रसव सुलभ हो जाता है l
  • पिस्ता :- सूखे मेवों में आँतों को बल प्रदान करने में पिस्ता सर्वोत्तम है l
सावधानी : सूखे मेवों का सेवन विशेषतः सर्दियों में तथा मात्रावत करना उचित है l


शीत ऋतु के बलवर्धक प्रयोग

  • मखाने और सूखे सिंघाड़े - दोनों आधा-आधा किलो की मात्रा में लेकर अच्छी तरह से पीसकर मिला लें तथा बरनी (जार) में भरकर रख लें l प्रतिदिन सुबह खाली पेट १ चम्मच (५ ग्राम) पिसी मिश्री मिलाकर एक गिलास दूध के साथ फांक लें या मिश्री दूध में घोल लें और चूर्ण फांक कर ऊपर से दूध पी लें l इसी प्रकार शाम को भोजन के ३ घंटे पहले भी सेवन करें l तीन महीने तक यह प्रयोग करने से शरीर हृष्ट-पुष्ट होगा l
नोट : (मखाने खरीदते समय अच्छी तरह देख लें, कहीं उनमे कीड़े तो नहीं हैं l) 
  • विदारीकन्द (विधारा) और अश्वगंधा आधा-आधा किलो की मात्रा में लेकर अलग-अलग पीसकर छान लें l इस मिश्रण में एक किलो पिसी हुई मिश्री मिलाकर तीन बार छननी से छानें ताकि तीनों अच्छे से मिश्रित हो जायें l इसे कांच के बर्तन में भरकर रख लें l रोज़ १-१ चम्मच (५-५ ग्राम) चूर्ण सुबह-शाम दूध के साथ ३ माह तक लें l दूध न मिल सके तो शहद में मिलाकर चाट लें l पानी के साथ भी ले सकते हैं l यह बहुत बलवर्धक प्रयोग है l

  • मलाई में पिसी मिश्री मिलाकर सुबह खाली पेट खाने से शरीर पुष्ट, सुडौल और शक्तिशाली होता है l इसके सेवन से पेट की जलन, वातप्रकोप (गैस), पितप्रकोप (एसिडिटी), प्यास और पेट में बड़ी हुई गर्मी का शमन होता है l चेहरे की त्वचा पर मलाई का लेप लगाने से त्वचा कान्तिपूर्ण, चिकनी, मुलायम और स्वस्थ रहती हैं l दूध पीते समय मलाई हटानी नहीं चाहिए, सोने के २ घंटे पहले मलाई के साथ ही दूध पीना चाहिए l
नोट : (कफ, खांसी, अपच तथा कब्ज़ के रोगी, ह्रदय रोगी और बड़े हुए कोलेस्ट्रोल वाले रोगी को मलाई का सेवन नहीं करना चाहिए l)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Featured post

PCOD की समस्या

 🌻 *मासिक की अनियमितता, मासिक में देरी, PCOD की समस्या* 🌻 ऐलोपैथी चिकित्सा पद्ध्यति में इस रोग के लिए कोई उपचार नही है, किन्तु आयुर्वेद की...