सोमवार, 25 जून 2012

महिलाओं के उन दर्द भरे दिनों को सहज बनाने के लिए कुछ घरेलू उपाय



मासिक धर्म में अनियमितता होने पर किसी भी महिला के लिए महीने के वो दिन बहुत ही दर्द भरे होते हैं। ऐसे में अनियमितता के चलते यह कभी दो बार या एक-डेढ़ माह में एक बार तक हो सकता है, यानी नियमित नहीं रहता, कभी ज्यादा गरम वस्तु खा ली तो भी मासिक शुरू हो जाता है। ऐसे में मासिक धर्म के दिनों में होने वाली परेशानी व दर्द से मुक्ति के लिए घरेलू इलाज भी असरदार होते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही असरदार घरेलू इलाज.....

- मीठे नीम के पत्तों (करी पत्ता)  को सुखाकर इनका बारीक पाउडर तैयार कर लें। इस पाउडर का एक चाय चम्मच भर मात्रा में गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। दिन में दो बार सवेरे और शाम यह प्रयोग दोहराएं। इस प्रयोग से अनियमितता दूर हो जाएगी। कढ़ी, दाल, पुलाव आदि के साथ करी पत्ते का नियमित सेवन बेहद फायदेमंद है।

- अमलतास का गूदा 4 ग्राम, नीम की छाल तथा सोंठ 3-3 ग्राम लेकर कुचल लें। 250 ग्राम पानी में 10 ग्राम गुड़ सहित तीनों सामग्री डाल दें व पानी चौथाई रहने तक उबालें। मासिक की तारीख शुरू होते ही इस काढ़े को सिर्फ एक बार पिएं। इससे मासिक खुलकर आएगा तथा पीड़ा यदि हो तो दूर होगी। 

- 20 ग्राम गन्ने का सिरका रोज रात को सोने से पहले पीने से खुलकर व साफ माहवारी आती है। 

- नारियल खाने से भी मासिक धर्म खुलकर आता है।

- तुलसी की जड़ को छाया में सुखाकर पीस लें। इस पाउडर को चुटकीभर पान में रखकर खा लेने से अनियमित रक्तस्त्राव बंद हो जाता है।

गुरुवार, 21 जून 2012

थायरायड कैंसर के लक्षण और इलाज


क्षण -
  • बोलने में परेशानी महसूस होना और आवाज का बदल जाना।
  • गला सूज कर बड़ा हो जाता है, निचले हिस्‍से को छूने पर दर्द महसूस होता है। ।
  • गले में गांठ का होना भी थायरायड कैंसर का लक्षण है।
  • शारीरिक कार्य करने पर ज्‍यादा थकान महसूस होना।
  • शरीर या जोड़ो में दर्द होना और कमजोरी लगना।
इलाज -
अल्ट्रासाउंड और थायरायड स्कैन के जरिए थायरायड कैंसर का पता तुरंत चल जाता है। प्रभावित ग्रंथि को चेक कर के देखा जाता है कि कहीं यह प्राणघातक तो नहीं है। अगर ऐसी कोई संभावना दिखती है तो इसकी सर्जरी की जाती है और पूरी ग्रंथि को निकाल दिया जाता है। फिर 4-6 हफ्तों के बाद पेशंट को रेडियोएक्टिव आयोडीन थेरेपी दी जाती है। आयोडीन ट्रीटमेंट के बाद पेशंट को थायरायड हार्मोन दवा लेने की सलाह दी जाती है। पेंशट को यह दवा पूरी जिंदगी के लिये भी लेनी पड़ सकती है। इसके बाद 6-12 महीनों के बाद पेशंट को दुबारा डॉक्‍टर के पास जाना ही पड़ता है, यह देखने के लिये कि कहीं बीमारी दुबारा ना शुरु हो गई हो।

बुधवार, 20 जून 2012

शहद की उपयोगिता



शहद प्रकृति की ओर से मनुष्य को प्रदान किया गया एक बहुमूल्य उपहार है। मधुमक्खी के माध्यम से प्राप्त शहद जिसे मधु भी कहा जाता है, यह मधु स्वस्थ्य की दृष्टि से बहुत उपयोगी और लाभप्रद होता है।
यह तो सभी जानते हैं कि मधुमक्खी फलों का रस चूस कर जो लुआब बनाती है उसी लुआब से हमें शुध्द शहद प्राप्त होता है। शहद स्वाद में मीठा और तासीर में गरम होता है। इस लेख में हम शहद से होने वाले लाभों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे।
शहद से होने वाले लाभ-
* शहद का सेवन शरीर और मस्तिष्क को दृढ़ता प्रदान करता है। शहद का नियमित सेवन शरीर में शुध्द रक्त उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
* शहद का प्रयोग मूत्र कम आने की समस्या का भी समाधान करता है। प्रात: एक गिलास गुनगुने पानी में शहद मिला कर नियमित रूप से पीने से शरीर की व्यर्थ चर्बी को नष्ट करके शरीर को आकर्षक रूप प्रदान करता है।
* शहद का लेप त्वचा को आकर्षक आभा प्रदान करता है।
* शहद का चाटना कुत्ते के काटे में बहुत लाभप्रद होता है।
* शहद को फूले मसूड़ों में मलने से बच्चों के दांत सरलता से निकल आते हैं।
* शहद का बालों में प्रयोग जुएं और लीखों की समस्या का समाधान नहीं करता बल्कि बालों को पोषणता भी प्रदान करता है।
* प्यास कम लगने की समस्या हो तो शहद का सेवन करें इसके प्रयोग से प्यास खुलकर लगती है।
* फोड़े-फूंसी पर भी शहद का लेप बहुत लाभप्रद होता है।
* तीन लौंग पत्थर पर घिस कर शहद में मिक्स करके प्रात: और सोने से पूर्व लगभग एक सप्ताह तक खायें, इसके प्रयोग से कब्ज व पेट के कीड़ों की समस्या का समाधान होता है।

स्वस्थ्य रहने के लिए क्रियाशील रहे

जो व्यक्ति सदा क्रियाशील रहता है, रोग उसके पास नहीं फटकते। आरामदायक जीवन जीने वाला ही बीमार होता है। स्वस्थ रहने के लिए सदा क्रियाशील बने रहें।
* जो व्यक्ति स्वस्थ है, वह सुख-सुविधाओं का आनंद ले सकता है। उपलब्ध पदार्थों का सेवन कर सकता है। रोगी व्यक्ति के सभी साधन भी बेकार समझें।
* स्वस्थ व्यक्ति ही आयोजनों में, विवाह-शादियों में शामिल हो सकता है। लोगों से मिलकर बातचीत का आनंद ले सकता है। रोगी कभी नहीं।
* क्रियाशील रहें। बिस्तर नहीं पकड़ें। अपने कार्य अपने हाथों से करें दूसरों पर निर्भर न रहें।
* लक्ष्य निश्चित करें। परिणाम पाने के लिए प्रयत्न करें।
* दिनभर कार्यों में व्यस्त रहेंगे तो रात को अच्छी नींद आएगी। दिन में भोजन भी उचित पा लेंगे।
* यदि आपके पास अपार धन है मगर स्वास्थ्य अच्छा नहीं तो सब बेकार। स्वस्थ रहने के लिए हरसंभव प्रयत्न करें। तभी मकान, धन सब ठीक लगेंगे।
* निरोग नहीं होंगे तो पकवान भी बेकार। खाने-पीने तथा एंजॉय करने के साधनों का लाभ तभी होगा, जब आप रोगों से बचे रहेंगे। पूर्ण स्वस्थ होना चाहिए।
* उपलब्ध साधनों का लाभ नहीं उठा सकता है, जो इसके लिए शारीरिक रूप से तैयार हो।
* धनोपार्जन के लिए अपने कारोबार को बढ़ाते हैं। अपनी पैठ बनाते हैं। प्रतिष्ठा पाते हैं, मगर यह सब तभी संभव होगा, जब स्वास्थ्य अच्छा होगा। रोगों से छुटकारा रहेगा, तभी ठीक वरना बेकार।
* यह सत्य है कि हमारा शरीर, ईश्वर का मंदिर है। यदि यह स्वच्छ होगा, स्वस्थ होगा, पवित्र होगा, क्रियाशील बना रहेगा तो इस मंदिर के आराध्य देव भी इसमें स्थापित होंगे अन्यथा छोड़ जाएंगे। अत: स्वस्थ रहकर इन्हीं दिशाओं में आगे बढ़ें।

मंगलवार, 19 जून 2012

मधुमेह को घरेलू इलाज से करें कंट्रोल

जब रक्‍त में ग्‍लूकोज़ की मात्रा अधिक हो जाती है और वह पेशाब के दा्रान बाहर निकलने लगता है तो उसे मधुमेह कहा जाता है। अभी तक इसका कोई स्‍थाई इलाज सामने निकल कर नहीं आया है इसलिए आपको इस बीमारी में विशेष ध्‍यान देनी की जरुरत है। डायबीटीज को अगर कंट्रोल करना है तो अच्‍छा पौष्टिक आहार और अपने लाइफस्‍टाइल में कई परिवर्तन लाने होगें। यह बीमारी को घरेलू उपचारों से भी काफी कम की जा सकती है। आइये देखते हैं कि हम इसको कैसे कंट्रोल कर सकते हैं। 

अपनाएं यह घरेलू उपचार- 

1.मेथी- मधुमेह को ट्रीट करने में मेथी बहुत बडा रोज प्‍ले करती है। अगर आप रोज़ 50 ग्राम मेथी नियमित रुप से खाएगें तो निश्‍चित ही आपका ग्‍लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा और आपको इस बीमारी से राहत मिल जाएगी। 

2.करेला- डायबिटीज के निदानों में यह भी एक महत्‍वपूर्ण खोजों में से एक है। करेले का प्रयोग एक प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में किया जाता है क्‍योंकि इसमें कैरेटिन नामक रसायन होता है जिसके दा्रा खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. के रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।

3.जामुन- इस फल का रस, पत्‍ती और बीज मधुमेह की बीमारी को जड़ से खतम कर देते हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्‍मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है। इससे अग्न्याशय पर काफी अच्‍छा असर पड़ता है। 

4.आमला- अगर एक चम्‍मच आमले का रस करेले के रस में मिला कर रोज पिएगें तो मधुमेह की इस्‍से अच्‍छी दवा और कोई नहीं होगी। 

5.आम की पत्‍ती- 15 ग्राम ताजे आम के पत्‍तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्‍तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी लाभ होता है। 

6.शहद- कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्‍यूट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है। जिन लोगों को यह बीमारी होती है उन्‍हें चीनी की जगहं पर शहद खाने को कहा जाता है।

हेल्‍दी ड्रिंक, तुरंत शक्ति के लिए

बाजार में मिलने वाले कृत्रिम एनर्जी पेय शरीर के लिए काफी हानिकारक होते हैं। इनमें कैफीन और चीनी की मात्रा बहुत ज्‍यादा पाई जाती है जो हमारे शरीर के लिए काफी नुक्‍सान दायक होता है। अगर आपको सारे दिन ऊर्जा चाहिए तो बाजार में मिलने वाले एनर्जी ड्रिंक्‍स से तौबा करें और घर पर ही बनाएं गए पेय का सेवने करें। 

घर पर बनाएं हेल्‍दी ड्रिंक- 

1. बनाना शेक: केला एक प्रकार का तुरंत शक्ति देने वाला फल है जो जल्‍दी हज़म नहीं होता और इसे खाने से पेट भी भरा रहता है। केले में विटामिन, मिनरल जैसे पोटैशियम और फास्फरस पाए जाते हैं जो शरीर की थकान को मिटा कर ऊर्जा बढ़ाते हें। 

2. एप्‍पल शेक: सेब भी एक प्रकार का एनर्जी फ्रूट है जिसको खाने से आप हमेशा एक्‍टिव बने रहेगें। सेब को अगर दूध के साथ मिला कर पी लें तो आप सारा दिन ऊर्जावान महसूस करेगें। 

3. लेमन और शहद जूस: एमीनो एसिड शरीर की एनर्जी को बढ़ाने में बड़ी जल्‍दी काम करता है। इससे फैट बर्न होने के साथ ही शरीर में पानी की कमी भी दूर होती है। अगर आपकी मासपेशियों में दर्द है तो इस पानी में अदरख डाल कर पिएं जिससे दर्द गायब होगा। 

4. गाजर का रस: गाजर में विटामिन, प्रोटीन और मिनरल सबसे अधिक पाए जाते हैं जिसके प्रयोग से आप अपनी एनर्जी लेवल को अप कर सकते हैं। गाजर का रस प्रणाली को दूर करके शरीर से थकान को मिटाता है। महनत का काम करने के बाद अगर थकान महसूस हो रही हो तो अपने इस जूस में अंडे की जर्दी मिला लें और फिर सेवन करें, थकान दूर हो जाएगी। 

घरेलू उपचार से दूर करें‍ शिशु में पीलिया

इन तरीको से दूर करें पीलिया- 

1. ब्रेस्‍टफीडिंग- शिशु के शरीर से बिलीरुबिन को मल या फिर पेशाब दा्रारा निकाला जाता है। शिशु का लीवर उस वक्‍त कमजोर होता है, जिस कारण वह अपने शरीर से बिलीरुबिन को नहीं निकाल पाता। पर शिशु को अच्‍छे से ब्रेस्‍टफीडिंग करवा कर इसे पेशाब या मल दा्रा निकलवाया जाता है। पीलिया होने से बच्‍चे को बहुत नींद आती है इसलिए उसे 2-3 घंटे के अंतराल पर जगा कर या तो दूध पिलाना चाहिये या तो डॉक्‍टर दा्रा फॉर्मुला। 

2. सूरज की रौशनी- पीलिया को जड़ से मिटाने के लिए यह एक प्राकृति उपचार है। सूरज की किरणों से बिलीरुबिन का स्‍तर कम होने लगता है। बच्‍चे को धूप में 1-2 घंटे तक बाहर धूप में लिटाएं और ध्‍यान रखें की उसके शरीर पर केवल डायपर ही हो। इसके अलावा सूरज की सीधी रौशनी शरीर पर न ही पड़े वरना उसकी त्‍वचा टैन हो जाएगी। 

3. फारमूला- अगर आपके बच्‍चे को स्‍तन से दूध पीने में परेशानी होती है, तो उसके लिए लैक्‍टेशन स्‍पेशलिस्‍ट से संपर्क कर के मां के दूध का इंतजाम करें। आप चाहें तो अपना दूध निकाल कर बच्‍चे को चम्‍मच से पिला सकती हैं।

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