शुक्रवार, 26 जुलाई 2024

"राम" नाम का बहुत सुंदर और चमत्कारी प्रयोग

लेखक : पी. ए. बाला

"राम" नाम का बहुत सुंदर और चमत्कारी प्रयोग जो आपकी हर संकट से रक्षा करेगा । श्रीराम जी इसके देवता हैं और हनुमान जी इसके रक्षक :-

कुंडली के 9 ग्रहों से ऊपर भी एक ग्रह होता है , वो है अनुग्रह यानी कृपा । अगर प्रभु की विशेष कृपा हम पर हो जाये तो कोई ग्रह कितना बुरा असर दे रहा हो नही देगा । जिन भी व्यक्तियों को लगता है उनका जीवन बहुत संघर्षमय है , बहुत तकलीफ में है । सभी उपाय करके थक गये हों , सब प्रकार की पूजा-पाठ कर ली हो , हर प्रकार का रत्न पहन के देख लिया हो । आगे कोई रास्ता न सूझ रहा हो लग रहा हो कि इसके आगे हिम्मत जवाब दे गई है , तब आप ये उपाय करें जो बेहद सरल सात्विक उपाय है । आप जितनी परेशानियां एक मानव जीवन में सोच सकते हैं , चाहे वो मानसिक हो शारिरिक अथवा आर्थिक , जितना बुरे से बुरा आप किसी इंसान के जीवन के बारे में सोच सकते हैं , उन सभी परेशानियों से निकालने का एक बेहद तीव्र और अचूक रामबाण उपाय है ये , उपाय इस प्रकार है :-
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शुक्लपक्ष के किसी भी बृहस्पतिवार को आपको 14 पत्ती तुलसी, शुद्ध केसर , साबुत हल्दी की गांठ लेनी है ,इसको गंगाजल मिला के पीस लेना है और इसका पेस्ट बना लेना है । इस पेस्ट से अनामिका उंगली (रिंग फिंगर) के द्वारा चित्र में बताये अनुसार स्वस्तिक का निर्माण अपने मुख्य द्वार के ऊपर करना है । ध्यान रहे स्वस्तिक में बिंदु चित्र अनुसार लाल रंग (कुमकुम) से बनेंगे । कुमकुम का पेस्ट गुलाब जल डाल कर बनाना है । एक हैंडमेड पेपर की शीट लेकर उसपर दूसरे चित्र के अनुसार बिल्कुल ऐसे ही (तुलसी, केसर, हल्दी) युक्त पेस्ट से ।।राम।। नाम लिखना है , बनने के बाद रोली-कुमकुम से इस पर छींटे देकर फ्रेम करवा लेवें । इसके पश्चात गुलाबजल से फ्रेम पर छींटे देकर साफ कपड़े से पोंछ लेवें और इत्र लगाएं, इत्र कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं । तिलक कर पुष्प अर्पण करके धूप-बत्ती दिखा कर , राम अमृतवाणी,रामायण मनका ,
राम रक्षा स्तोत्रः या जो आपको आसानी से करने को मिले या कर सकते हों , उसका पाठ कर सकते हैं । इसके पश्चात हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें और अपना पूरा ध्यान इस फ्रेम पर रखें । नित्य आपको इसी तरह इसकी पूजा करनी है । थोड़े दिनों में आप बेहद सकारात्मक ऊर्जा को महसूस करने लगेंगे । आपकी सभी परेशानियां शनै: शनै: खत्म होती चली जाएंगी ।



राम नाम कोई साधारण से नाम नही बल्कि अपने आप में पूरा जागृत अमोघ मंत्र है , जो सब प्रकार के शोक ताप दुख को नष्ट कर देता है । जिस तरह किसी भी व्यक्ति के तकलीफ में मुँह से माँ शब्द निकलता है और जब बच्चा दुनिया में आता है, और पहला शब्द माँ ही पुकारता है , वैसे ही राम शब्द भी इंसान विशेष सनातनियों के मुँह से स्वतः ही निकलता है । इस दो शब्द के मंत्र में पूरी दुनिया समायी है , पूरी दुनिया का सार है । स्वयं शिव ने कहा कि मै सदैव राम नाम का जप ही करता हूँ । इस मंत्र को जपने और साधने वाले की स्वयं हनुमान जी रक्षा करते हैं । अब जिसकी रक्षा स्वयं हनुमान जी करते हों उसका कोई ग्रह या दोष या शत्रु क्या बिगाड़ सकता है ? अतः निवेदन है कि एक बार इस सुंदर सात्विक प्रयोग को कर के देखें आप अपने जीवन में चमत्कार की अनुभूति भी स्वयं ही करेंगे ।
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।।राम।।

 

पितृ दोष निवारण का सटीक उपाय

लेखक: पी. ए. बाला 

तो आइये आपको ऐसे उपाय के बारे में बताता हूँ जो अपने आप में ही सर्वश्रेष्ठ है ।

जिनको भी पितरों के दोष से संबंधित समस्या है उनको चाहिये कि अपने पितरों के निमित अपने घर के निकट शिवालय में बेल का पेड़ लगाएं और उसका नित्य सींचन करें ये नही कि लगाया और भूल गये । उसका नित्य सार संभाल , देख भाल करें । उसको अपने परिवार के सदस्य की तरह मानें अगर आप किराए पर रहते हैं या किसी कारण घर बेच के दूसरी जगह चले गये या ट्रांसफर हो गया तो कोई बात नही जहां रहें वहां नया पेड़ लगायें । इसमें दो मुख्य आपको फायदे होंगे एक तो बेल के पेड़ में लक्ष्मी का वास होता है तो इस पेड़ को सींचने से आपके घर लक्ष्मी का वास होगा , दूसरा ये कि वृक्ष बड़ा होगा तब कई लोग जो उस मंदिर में आते हैं उस वृक्ष से बेलपत्र लेकर शिवजी को चढ़ाएंगे जितना बेलपत्र शिवजी को चढ़ेगा उतना पितर आपसे प्रसन्न रहेंगे , लोगों की दुआ मिलेगी सो अलग क्योंकि उनको बेलपत्र के लिए भटकना नही पड़ेगा । आप स्वयं भी बेलपत्र शिवजी को अर्पण कर प्रार्थना करें कि मेरे सभी तृप्त अतृप्त पूर्वजों और पितरों को मुक्ति दो अपनी शरण में उनको जगह दो । उस वृक्ष की छांव में बैठें उसके तने को सहलाएं । श्राद्ध वाले दिन अमावस्या पर बेलपत्र शिवजी को अर्पित करें । इसके साथ ही मंदिर में एक आम एक नीम का पेड़ भी अवश्य लगाएं । वैसे भी इंसान को अपने जीवन काल में आम , नीम, बेल, पीपल , केले का वृक्ष लगाना चाहिये , इससे सिर्फ पितर दोष की समाप्ति नही होगी बल्कि नवग्रह से संबंधित परेशानियां दूर होंगी । जहां आप लोग हज़ारों लाखों खर्च करके भी शांति नही पा रहे तो एक बार ये उपाय कीजिये इससे सरल सस्ता प्रभावी उपाय आपको नही मिलेगा । आप और कुछ नही तो प्रकृति की सेवा के निमित ही ये वृक्ष लगाइये । इस प्रकृति से हम इतना कुछ ले रहे हैं ,इस उपाय से हम प्रकृति को कुछ लौटा कर अपनी आने वाली पीढ़ी के लिये कुछ छोटा सा योगदान ही करके जाएंगे । कुछ वृक्ष विशेष मौसम में लगते हैं उनकी जानकारी आप अपने नजदीकी नर्सरी से लीजिये । बारिश के बाद पितर पक्ष आता है अपने पूर्वजों के श्राद्ध वाले दिन वृक्ष लगाये, आप यकीन मानिये जैसे जैसे वृक्ष बढ़ेगा । आपका यश सम्मान उन्नति कीर्ति बढ़ेगी । वैसे एक कहावत भी है कि एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान होता है । आजमा के देखिये नुकसान तो कोई है नही ।

गुरुवार, 25 जुलाई 2024

एक मुट्ठी गेहूं का दिव्य तांत्रिक उपाय

लेखक - पी. ए. बाला

दिव्य तांत्रिक उपाय : बहुत वर्ष पूर्व मैं एक बहुत सघन समस्या में घिर गया, उससे निकलने के लिए मैंने एक साधनागत उपाय प्राप्त किया, अब चूंकि यह साधनागत उपाय था तो सफल होने की गारंटी तो थी, पर इतनी जल्दी असर करेगा, यह मैंने नही सोचा था, वह इस प्रकार है : एक मुट्ठी गेहूं लेकर एक कटोरी में रख कर रात भर सिरहाने रख कर सोएं, सुबह उठते ही पलंग से उतरें नही और इस कटोरी को दोनों हाथों से पकड़ कर एकटक दृष्टि से उसे देखते रहें, और अपनी पूरी नकारात्मक ऊर्जा यानी अपनी समस्या उसमें उड़ेल देवें अर्थात ऐसा देखते हुए सोचें कि इसमें मैं अपनी सारी समस्या भर रहा हूँ, और फिर स्नानादि करके, बिना कुछ खाये अपने शहर के किसी भी बड़े मुख्य मंदिर के मुख्य दरवाजे के सामने सड़क पर यह गेहूं फेंक कर चले आएं । उस समय मैं जयपुर रहता था तो यह प्रयोग मैंने जयपुर के गोविंददेवजी जी जो कि जयपुर का मुख्य मंदिर है के मुख्य द्वार के सामने सड़क पर किया था, यह प्रयोग मैंने सांय 4 बजे किया था, और सात बजे वह समस्या हल भी हो गयी थी । इसमें यह ध्यान रखें कि इस प्रयोग को जिस मन्दिर के सामने करें , उस मंदिर के दर्शन उस दिन प्रयोग करने से पहले और बाद में न करें ।

ज्योतिष के सरल उपाय 2








 

ज्योतिष के सरल उपाय


































 

दिव्य अलौकिक ऊर्जा को जागृत करने का अति प्रभावशाली मन्त्र

लेखक - पी. ए. बाला 

हर व्यक्ति और उसका जीवन अपने आप में प्रभु का वरदान है, भले नरक सी जिंदगी भी अगर हम भोग रहे हैं तब भी भगवान ने हमें वह क्षमता और सहूलियत दी है, जिससे हम अपने कष्टों को न्यून या खत्म कर सकते हैं । प्रारब्ध, पूर्व और इस जन्म के कर्म इत्यादि का फल तो मिलता है , और मिलता रहेगा ..पर फिर भी भगवान की कृपा से अगर हम संयमित जीवन जिएं तो निश्चित ही दुःख और तकलीफों से रक्षा होगी । कुंडली और ग्रह-विज्ञान व्यक्ति के जीवन का खाका है, जो हमें बताता है कि हमारा जीवन कैसे गुजरेगा, कब कौनसा समय हमारे लिए अच्छा है, कौनसा बुरा और कौनसा सबसे बुरा है । हमें करना सिर्फ इतना होता है कि बुरे समय का पता लगा कर या महसूस करके अपने आपको संयमित कर लें , पर अधिकतर हम ऐसा नही करते , और हम अपनी आदतों से , कर्मों से और निर्णयों से बुरे समय में और बुरा कर रहे होते हैं , जिससे अच्छे समय का फल भी हम नही भोग पाते, यहाँ स्थिति नीम चढ़े करेले के जैसी हो जाती है । अब प्रश्न उठता है कि आखिर करें तो क्या करें ? तो जैसा ऊपर मैंने बताया कि हर व्यक्ति खुद अपने आप में एक दिव्य पुंज है, हर व्यक्ति के अंदर अपनी एक खुद की दिव्य अलौकिक शक्ति मौजूद होती है, जरूरत है हमें उसे सिर्फ जागृत करने की , हम नकारात्मक विचार, क्रियाओं से अपनी उस ऊर्जा को कमजोर कर चुके होते हैं, गंदी कर चुके होते हैं , एक दम से तो हम इसे जागृत नही कर सकते पर निम्नलिखित विधि द्वारा कुछ दिनों व महीनों में हम इस ऊर्जा से फिर से जुड़ सकते हैं , एक बार जुड़ने के पश्चात हम देखेंगे कि जिन समस्याओं के निवारण के लिए हम भटक रहे थे, वह खुद ब खुद हल होती जा रहीं हैं , शुरुआती दौर में छोटी छोटी समस्याओं का निवारण होगा, उसके बाद जैसे जैसे आप इस क्रिया में आगे बढ़ेंगे, आप देखेंगे कि बड़ी समस्याओं से भी आपको मुक्ति प्राप्त हो रही है , यह क्रिया बिना किसी पर प्रपंच और आडम्बर के है , बस इस क्रिया में आपको नित्य सिर्फ 10 मिनट का समय देना है , चित्र में दिया गया मन्त्र अपनी दिव्य अलौकिक ऊर्जा को जागृत करने का अति प्रभावशाली मन्त्र है, जिसकी विधि इस प्रकार है :



इस क्रिया के लिए किसी आसन व दिशा की जरूरत नही है, आप खाना खाने के एक घंटे बाद शांत चित्त से स्वच्छ जगह बैठ जाएं, मन में कोई समस्या, आशा, मन्नत इत्यादि को न लाएं बिल्कुल शून्य की स्थिति में बैठ जाएं, अपने आस पास क्या हो रहा है, आपके जीवन, घर, ऑफिस इत्यादि में क्या हो रहा है, आपकी क्या समस्याएं हैं , इन सबको 10 मिनट के लिए भूल जाएं और शांत मन से चित्र में दिए मन्त्र का जप वाचिक जाप (वाचिक जप अर्थात उच्च स्वर में जप करना, इससे अन्य विषयों पर ध्यान नही भटकता) करते जाएं , अगर कभी आपको जप के दौरान बेचैनी हो तो जप उसी समय छोड़ देवें, व अगले दिन से फिर शुरू करें .. कुछ दिनों व महीने के अभ्यास में आप पाएंगे कि आपको विशेष अनुभूतियां होने लगेंगी, आपका मन मस्तिष्क शांत होगा, कुछ भविष्य की घटनाओं को आप महसूस कर पाएंगे , आपके काम सहज रूप से हल होने लगेंगे ।
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देखिये इस तरह के उपाय और क्रियाविधि में अगाध श्रद्धा और विश्वास की जरूरत होती है, संयमित और धैर्यवान व्यक्ति ही इसमें सफल हो सकता है, त्वरित समाधान के इच्छुक व्यक्ति, अति उत्साही व्यक्ति, मनोकामनाओं से भरे व्यक्ति , जो हर कार्य को मनोकामना पूर्ति को आगे रख कर करते हैं, वह इस क्रियाविधि से दूर ही रहें ।

कार्य सिद्धि के लिए श्रेष्ठ ही नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ उपाय

 एक ऐसा उपाय जो कार्य सिद्धि के लिए श्रेष्ठ ही नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ है, आपकी कोई भी समस्या हो तंत्र का यह सात्विक और बेहद चमत्कारी प्रयोग आपके कार्य और मनोकामना में सिद्धि दिलवाएगा । प्रयोग इस प्रकार है:

लेखक - पी. ए. बाला

किसी भी दिन आप पीपल/बरगद के पेड़ के नीचे जाएं, एक ऐसा पत्ता लेने की कोशिश करें जो स्वतः ही पेड़ से टूटा हो पर जमीन पर न गिरा हो, अमूमन पतझड़ के मौसम में ऐसे पत्ते मिल जाते हैं , ध्यान रहे आपको पत्ता तोड़ना नही है, आप शाखाओं को हिला सकते हैं, कोई पत्ता स्वतः टूटता है, उसे जमीन पर गिरने से पहले ही पकड़ लेवें , और घर ले आएं, ध्यान रहे कि घर लाने के बाद भी आपको पत्ते को किसी भी सतह पर नही रखना है, आप इसे किसी किताब में रख कर या धागे से बांध कर दीवार पर लटका सकते हैं, ताकि यह कुछ एक दिन में पूर्ण रूप से सूख जाए, जब यह पूरी तरह सूख जाएगा, तब आपको थोड़ी दूर्वा(घास) लानी है, थोड़ा दूध और हल्दी, और इस सूखे पत्ते को पीस कर एक पेस्ट बना लेवें , एक सफेद कागज़ पर लकड़ी की कलम से इस पेस्ट की मदद से अपनी समस्या कम शब्दों में लिखनी है, कागज़ सूख जाने के बाद इस कागज़ में काले तिल डाल कर फोल्ड कर लेवें और प्लास्टिक टेप से चारों तरफ से कवर करके एक धागा पिरो कर ताबीज़ टाइप का बना लेवें, व इसको किसी भी वृक्ष की टहनी से बांध आएं, ताकि हवा चलने पर यह हिलता रहे, जिस भी समस्या के लिए आप यह करेंगे, वह समस्या 3 से 7 दिन में खत्म हो जाएगी ।
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वैसे तो यह प्रयोग सभी प्रकार की समस्याओं को खत्म करने के लिए है, परन्तु विशेष यह कुछ समस्याओं में तो बेहद ही कारगर है :
1. जिनके बच्चे गलत संगत में हैं, नशा करते हैं , बिल्कुल बागी हो गए हों उनको सीधी लाइन पर लाने हेतु
2. घर छोड़ कर गए व्यक्ति को दोबारा बुलाने हेतु
3. जो भी लड़का/लड़की गलत प्रेम संबंध में हैं , उनकी बुद्धि सुधार हेतु
4. कोई शत्रु आपको बेहद परेशान कर रहा हो, उसको शांत करने हेतु
5. जो भी पति/पत्नी विवाहेत्तर संबंध में हों उनको सुधारने हेतु
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इस प्रयोग को भूल कर भी किसी के अहित के लिए करने की न सोचें, यह कार्य नही करेगा ।

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