सूत्र 1 — ग्रह जिस भाव में जितने बिंदु देता है, उतनी ही उस भाव की शक्ति है।
➤ प्रयोग
यदि सूर्य 10वें भाव को 5 बिंदु देता है → करियर में उन्नति।
यदि चंद्र 4थे भाव में 2 बिंदु देता है → मन-शांति कम।
सूत्र 2 — 4 या उससे अधिक बिंदु = शुभ फल। 3 या कम = बाधा/विलम्ब।
➤ प्रयोग
कोई ग्रह यदि 7वें भाव में 2 बिंदु दे → विवाह/साझेदारी में विलम्ब।
उसी ग्रह द्वारा 11वें भाव में 5 बिंदु → धन-लाभ।
सूत्र 3 — जिस भाव के बिंदु सर्वाधिक हों, वही भाव जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है।
➤ प्रयोग
किसी व्यक्ति का 9वाँ भाव (भाग्य) 37 SAV बिंदु रखे →
उसका जीवन भाग्य और धर्म-कर्म के आधार पर उठेगा।
सूत्र 4 — Kendra (1,4,7,10) और Trikona (1,5,9) में उच्च बिंदु विशेष फल देते हैं।
➤ प्रयोग
1st, 5th, 9th में high bindu → शिक्षा, भाग्य, personality बहुत मजबूत।
10th में high bindu → बड़ा करियर, authority।
सूत्र 5 — 6, 8, 12 में कम बिंदु शुभ हैं (क्योंकि बुरे भाव कमजोर होंगे)।
➤ प्रयोग
6th = disease, enemy
अगर 6th में bindu कम हैं → रोग/दुश्मन कमजोर।
8th कम → दुर्घटना/दीर्घ रोग कम।
12th कम → खर्च नियंत्रण।
सूत्र 6 — जिस भाव के स्वामी के Ashtakavarga बिंदु कम हों, उस भाव के विषय में कमी होगी।
➤ प्रयोग
5th भाव का स्वामी (मंगल) यदि अपने AV में 2 bindu रखता है →
संतान/शिक्षा में बाधाएँ आएँगी, भले ही SAV ठीक हो।
**सूत्र 7 — कोई भाव तभी पूर्ण फल देता है जब:
उस भाव + उसके स्वामी + संबंधित ग्रह — तीनों के बिंदु अच्छे हों।**
➤ प्रयोग
10th करियर:
-
10th SAV अच्छा (35+)?
-
10th lord (शनि) के AV में 4+?
-
सूर्य/मंगल (करियर ग्रह) strong?
तभी बड़ा पद/authority मिलता है।
सूत्र 8 — Ashtakavarga का समय सिद्धांत (Timing Principle)
ग्रह अपने transit में वहीं लाभ देता है जहाँ उसके bindu ज़्यादा हों।
➤ प्रयोग
यदि गुरु के 11वें भाव में 5 बिंदु हों →
गुरु गोचर में 11वें भाव से गुजरते समय धन-लाभ, promotion।
सूत्र 9 — प्रत्येक ग्रह जहाँ बिंदु दे, उसी भाव से संबंधित घटनाएँ उसी ग्रह की दशा में सक्रिय होती हैं।
➤ प्रयोग
शुक्र के 7th में 5 bindu →
शुक्र दशा में विवाह, प्रेम, साझेदारी सशक्त।
सूत्र 10 — जिस भाव में सभी ग्रह मिलकर (SAV) 28 से कम बिंदु दें → वह भाव कमजोर।
➤ प्रयोग
यदि 4th SAV = 25 →
घर-परिवार, वाहन, जमीन में समस्याएँ।
सूत्र 11 — जिस भाव का SAV 30–34 हो = सामान्य शुभ। 35–40 = बहुत शुभ। 40+ = असाधारण।
➤ प्रयोग
11th SAV = 38 →
जीवन में धन-लाभ लगातार रहेगा।
सूत्र 12 — भावों को जोड़कर निर्णय करो (Bhava Pair Formula)।
भाव-युग्म:
-
2 + 11 = धन
-
4 + 10 = करियर vs घर
-
5 + 9 = शिक्षा/भाग्य
-
7 + 1 = विवाह/जीवन
➤ प्रयोग
यदि 2 = 5 bindu, 11 = 4 → मजबूत धनयोग।
यदि 7 = 3, 1 = 2 → विवाह में बाधा।
सूत्र 13 — Sarvashtakavarga का विचलन दिखाता है कि किस उम्र में उतार–चढ़ाव आएँगे।
➤ प्रयोग
कम SAV वाले भाव पर गोचर वर्ष में कष्ट।
अधिक SAV वाले भाव पर good events.
सूत्र 14 — ग्रह जिस भाव में कम बिंदु रखता है, वहाँ उसके Remedies सबसे तुरंत असर देते हैं।
➤ प्रयोग
चंद्र 4th में 2 bindu? → चंद्र उपाय = immediate mind-relief।
सूत्र 15 — यदि कोई ग्रह किसी भाव को 7 बिंदु देता है → उस क्षेत्र में चमत्कारिक परिणाम। (Rare Yogas)
➤ प्रयोग
अगर गुरु 9th को 7 bindu दे दे →
भाग्य, धर्म, ज्ञान में असाधारण उन्नति
जीवन को ऊपर उठाने वाला योग।
⭐ अब सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न:
इन सूत्रों का वास्तविक उपयोग कैसे करते हैं?
मैं आपको “3-step practical method” दे रही/रहा हूँ:
✔ Step 1: भाव का SAV देखो — भाव का मूल परिणाम
जैसे 10वाँ भाव करियर:
-
25–28 = struggle
-
30–34 = normal
-
35–40 = rise/fame
-
40+ = exceptional rise
✔ Step 2: उस भाव-स्वामी ग्रह का Ashtakavarga देखो
10th = सिंह → lord सूर्य
सूर्य के AV bindu देखो।
-
4+ bindu → करियर में authority
-
2 या कम → चिंता/परिवर्तन
✔ Step 3: Time देखो — Dashā + Transit जहाँ bindu high हों
उदाहरण:
-
सूर्य AV: 10th = 5 bindu
-
सूर्य दशा = करियर uplift
-
सूर्य गोचर 10th से गुजरे = job promotion