रविवार, 16 नवंबर 2025

ASHTAKAVARGA के मुख्य सूत्र

 

सूत्र 1 — ग्रह जिस भाव में जितने बिंदु देता है, उतनी ही उस भाव की शक्ति है।

➤ प्रयोग

यदि सूर्य 10वें भाव को 5 बिंदु देता है → करियर में उन्नति।
यदि चंद्र 4थे भाव में 2 बिंदु देता है → मन-शांति कम।


सूत्र 2 — 4 या उससे अधिक बिंदु = शुभ फल। 3 या कम = बाधा/विलम्ब।

➤ प्रयोग

कोई ग्रह यदि 7वें भाव में 2 बिंदु दे → विवाह/साझेदारी में विलम्ब।
उसी ग्रह द्वारा 11वें भाव में 5 बिंदु → धन-लाभ।


सूत्र 3 — जिस भाव के बिंदु सर्वाधिक हों, वही भाव जीवन में प्रमुख भूमिका निभाता है।

➤ प्रयोग

किसी व्यक्ति का 9वाँ भाव (भाग्य) 37 SAV बिंदु रखे →
उसका जीवन भाग्य और धर्म-कर्म के आधार पर उठेगा।


सूत्र 4 — Kendra (1,4,7,10) और Trikona (1,5,9) में उच्च बिंदु विशेष फल देते हैं।

➤ प्रयोग

1st, 5th, 9th में high bindu → शिक्षा, भाग्य, personality बहुत मजबूत।
10th में high bindu → बड़ा करियर, authority।


सूत्र 5 — 6, 8, 12 में कम बिंदु शुभ हैं (क्योंकि बुरे भाव कमजोर होंगे)।

➤ प्रयोग

6th = disease, enemy
अगर 6th में bindu कम हैं → रोग/दुश्मन कमजोर।

8th कम → दुर्घटना/दीर्घ रोग कम।
12th कम → खर्च नियंत्रण।


सूत्र 6 — जिस भाव के स्वामी के Ashtakavarga बिंदु कम हों, उस भाव के विषय में कमी होगी।

➤ प्रयोग

5th भाव का स्वामी (मंगल) यदि अपने AV में 2 bindu रखता है →
संतान/शिक्षा में बाधाएँ आएँगी, भले ही SAV ठीक हो।


**सूत्र 7 — कोई भाव तभी पूर्ण फल देता है जब:

उस भाव + उसके स्वामी + संबंधित ग्रह — तीनों के बिंदु अच्छे हों।**

➤ प्रयोग

10th करियर:

  • 10th SAV अच्छा (35+)?

  • 10th lord (शनि) के AV में 4+?

  • सूर्य/मंगल (करियर ग्रह) strong?

तभी बड़ा पद/authority मिलता है।


सूत्र 8 — Ashtakavarga का समय सिद्धांत (Timing Principle)

ग्रह अपने transit में वहीं लाभ देता है जहाँ उसके bindu ज़्यादा हों।

➤ प्रयोग

यदि गुरु के 11वें भाव में 5 बिंदु हों →
गुरु गोचर में 11वें भाव से गुजरते समय धन-लाभ, promotion।


सूत्र 9 — प्रत्येक ग्रह जहाँ बिंदु दे, उसी भाव से संबंधित घटनाएँ उसी ग्रह की दशा में सक्रिय होती हैं।

➤ प्रयोग

शुक्र के 7th में 5 bindu →
शुक्र दशा में विवाह, प्रेम, साझेदारी सशक्त।


सूत्र 10 — जिस भाव में सभी ग्रह मिलकर (SAV) 28 से कम बिंदु दें → वह भाव कमजोर।

➤ प्रयोग

यदि 4th SAV = 25 →
घर-परिवार, वाहन, जमीन में समस्याएँ।


सूत्र 11 — जिस भाव का SAV 30–34 हो = सामान्य शुभ। 35–40 = बहुत शुभ। 40+ = असाधारण।

➤ प्रयोग

11th SAV = 38 →
जीवन में धन-लाभ लगातार रहेगा।


सूत्र 12 — भावों को जोड़कर निर्णय करो (Bhava Pair Formula)।

भाव-युग्म:

  • 2 + 11 = धन

  • 4 + 10 = करियर vs घर

  • 5 + 9 = शिक्षा/भाग्य

  • 7 + 1 = विवाह/जीवन

➤ प्रयोग

यदि 2 = 5 bindu, 11 = 4 → मजबूत धनयोग।
यदि 7 = 3, 1 = 2 → विवाह में बाधा।


सूत्र 13 — Sarvashtakavarga का विचलन दिखाता है कि किस उम्र में उतार–चढ़ाव आएँगे।

➤ प्रयोग

कम SAV वाले भाव पर गोचर वर्ष में कष्ट।
अधिक SAV वाले भाव पर good events.


सूत्र 14 — ग्रह जिस भाव में कम बिंदु रखता है, वहाँ उसके Remedies सबसे तुरंत असर देते हैं।

➤ प्रयोग

चंद्र 4th में 2 bindu? → चंद्र उपाय = immediate mind-relief।


सूत्र 15 — यदि कोई ग्रह किसी भाव को 7 बिंदु देता है → उस क्षेत्र में चमत्कारिक परिणाम। (Rare Yogas)

➤ प्रयोग

अगर गुरु 9th को 7 bindu दे दे →
भाग्य, धर्म, ज्ञान में असाधारण उन्नति
जीवन को ऊपर उठाने वाला योग।


⭐ अब सबसे महत्वपूर्ण प्रश्न:

इन सूत्रों का वास्तविक उपयोग कैसे करते हैं?

मैं आपको “3-step practical method” दे रही/रहा हूँ:


Step 1: भाव का SAV देखो — भाव का मूल परिणाम

जैसे 10वाँ भाव करियर:

  • 25–28 = struggle

  • 30–34 = normal

  • 35–40 = rise/fame

  • 40+ = exceptional rise


Step 2: उस भाव-स्वामी ग्रह का Ashtakavarga देखो

10th = सिंह → lord सूर्य
सूर्य के AV bindu देखो।

  • 4+ bindu → करियर में authority

  • 2 या कम → चिंता/परिवर्तन


Step 3: Time देखो — Dashā + Transit जहाँ bindu high हों

उदाहरण:

  • सूर्य AV: 10th = 5 bindu

  • सूर्य दशा = करियर uplift

  • सूर्य गोचर 10th से गुजरे = job promotion

जैमिनी ज्योतिष के “मुख्य सूत्र”

 

जैमिनी ज्योतिष ग्रहों पर आधारित नहीं, बल्कि राशियों + कारक ग्रहों + दृष्टियों + पदों पर आधारित है।
इसलिए जैमिनी में जिन बातों को “मुख्य सूत्र” कहा जाता है, वे ये हैं:


1️⃣ कारक-तंत्र (Karaka System) – सबसे महत्वपूर्ण

जैमिनी ज्योतिष का आधार 7 चर-कारक हैं:

कारकक्या दर्शाता है
AKआत्मा, जीवन-दिशा
AmKपेशा, कर्म
BKभाई-बहन
MKमाता
PKसंतान
GKरोग/कष्ट/संघर्ष
DKजीवनसाथी

👉 मुख्य सूत्र:

“कारक ही फल देते हैं।”
मतलब भाव से कम, कारक ग्रह ज़्यादा बताते हैं।

📌 प्रयोग
— जीवन में कौन-सा क्षेत्र कैसे चल रहा है?
— कौन-सा ग्रह किस विषय का अधिपति है?
— रिश्तों और कर्म का आधार कैसे बन रहा है?


2️⃣ राशि-दृष्टि (Rāśi Drishti)

जैमिनी में ग्रह-दृष्टि नहीं होती।
केवल राशियाँ एक-दूसरे को देखती हैं:

राशि प्रकारकिसे देखती है
चर राशियाँस्थिर राशियों को (साथ वाली को नहीं)
स्थिर राशियाँचर राशियों को (साथ वाली को नहीं)
द्विस्वभाव राशियाँसभी द्विस्वभाव राशियों को

📌 प्रयोग
— योग बनता है कि नहीं
— कारक ग्रह किस दिशा में फल देगा
— किससे संघ और संबंध बनेगा


3️⃣ पदम् / उपपद लग्न (UL / A pada)

यह जैमिनी ज्योतिष का अत्यंत गूढ़ भाग है।

प्रकारअर्थ
UL (उपपद लग्न)विवाह / संबंध / सहभागिता
A1 (Lagna-pada)संसार में व्यक्ति का projection
A10 (Karma-pada)कर्म और पेशे का स्वरूप
A2 (Dhana-pada)धन-स्रोत

📌 मुख्य सूत्र:

उपपद लग्न से दांपत्य और संबंध-धर्म का निर्णय होता है।
लग्न-पद से संसार में छवि और नाम।

📌 प्रयोग
— संबंध की दिशा
— कर्म-योग
— पैसा कैसे आता है


4️⃣ अرجुन-फोकस सूत्र (Jaimini Sutra Logic)

जैमिनी हर जीवन-विषय के लिए तीन बिंदु देखता है:

(1) भाव / rashi (2) उसका lord (3) उसका कारक

📌 उदाहरण (education):
5th house + 5th lord + PK
= Vidya Sutra

📌 उदाहरण (career):
10th house + 10th lord + AmK
= Karma Sutra


5️⃣ अतिशय-योग (Jaimini Special Yogas)

कुछ विशिष्ट योग:

  • रज्जु योग

  • पराशरश्री योग

  • चक्र योग

  • कारक-लग्न योग

  • पति-परमेश्वर योग

📌 प्रयोग
— जीवन के “major themes” निकालने में
— बड़े turning points समझने में


6️⃣ AK – DK दर्शन (आत्मा–संबंध सूत्र)

यह सबसे बड़ा रहस्य है।

मुख्य सूत्र:

“जहाँ AK और DK का सम्बन्ध बनता है, वहाँ जीवन सीखता है।”

📌 प्रयोग
— जीवन का वास्तविक विषय क्या है
— कौन-सा संबंध आत्मिक शिक्षा देता है
— किस दिशा में व्यक्ति evolve होता है


7️⃣ नवांश (Jaimini Navamsa)

जैमिनी में नवांश =
धर्म, संस्कार, आत्मा की वृत्ति

📌 मुख्य सूत्र:

“Navamsa shows soul’s impulse, not marriage details.”

📌 प्रयोग:
— Atma-karaka का धर्मपथ
— UL का धर्म
— DK का संस्कार-पथ


🏆 सार — “मुख्य सूत्र” का पूरा उद्देश्य

जैमिनी शास्त्र का उद्देश्य prediction नहीं है।
इसका उद्देश्य है:

✔️ जीवन का दार्शनिक theme समझना

✔️ कर्म किस दिशा में ले जा रहा है, देखना

✔️ संबंध, कर्म, ज्ञान — इन तीनों का सार पकड़ना

✔️ मनुष्य के धर्म-पथ (Life purpose) को देखना


📌 इनका उपयोग कैसे किया जाता है?

1. पहले सीखें – कारक कौन है

2. फिर देखें – वह कहाँ बैठा है

3. फिर देखें – उसकी राशि किनको देख रही है (Drishti)

4. फिर पद निकालें – UL, A10, A2

5. अंत में इन सबको जोड़कर life themes समझें

यही जैमिनी ज्योतिष की मुख्य विधि है।
इसमें “prediction” कम,
आध्यात्मिक direction + pattern recognition ज़्यादा है।

KP के 21 मुख्य सूत्र (MUKHYA SUTRA)

 

1️⃣ सबसे बड़ा सूत्र — Cuspal Sub-Lord ही फल देता है

ग्रह नहीं, नक्षत्र नहीं—CSL परिणाम तय करता है।

कैसे प्रयोग करें?

  • जिस घटना को देखना है उसी भाव का CSL देखें।

  • जैसे विवाह = 7th CSL, नौकरी = 6th CSL, संतान = 5th CSL

  • CSL किस घर को दर्शा रहा है → वही फल।


2️⃣ Star-Lord ग्रह से ज़्यादा शक्तिशाली

ग्रह agent है, परिणाम नक्षत्र स्वामी देता है।

प्रयोग:

  • Planet कौन-सा घर दर्शाता है?

  • फिर देखें वह किस नक्षत्र में है → result उसी का मिलेगा।


3️⃣ Significator (काकिनगर) ही असली निर्णयकर्ता

KP = Signification आधारित विद्या है।

प्रयोग:

  • ग्रह 3 तरह से फल देता है:

    1. उसके घर के स्वामी के हिसाब से

    2. उसके नक्षत्र स्वामी के हिसाब से

    3. जिसके घर में बैठा है उसके हिसाब से

जो strongest हो → वही फल।


4️⃣ 2-6-10-11 = सफलता के भाव

चाहे नौकरी हो, धन हो, प्रमोशन हो—इनका सक्रिय होना ज़रूरी।

प्रयोग:

  • किसी घटना को चेक करते समय देखें

    • क्या 2-6-10-11 जुड़े हैं?

    • If yes → घटना होगी।


5️⃣ 6th → Job, 7th → Business

व्यावसायिक निर्णय केवल इनसे।

प्रयोग:

  • 10th CSL 6th देता है → नौकरी

  • 10th CSL 7th देता है → व्यवसाय

  • दोनों → job + freelance दोनों


6️⃣ 5-11 संतान के विशेष भाव

संतान का वादा तभी पूरा जब 5 + 11 हों।

प्रयोग:

  • 5th CSL देखो

  • क्या वह 2-5-11 को activate कर रहा है?
    Yes → संतान।


7️⃣ 6-8-12 = बाधा, रुकावट, हानि

KP में ये 3 भाव negative clusters हैं।

प्रयोग:

  • Event देखो → यदि CSL 6-8-12 दिखाए → delay या denial।


8️⃣ Rahu/Ketu = हमेशा अपने नक्षत्र अधिपति के जैसे फल देते हैं

नोड्स surrogate planets हैं।

प्रयोग:

  • Rahu/Ketu = उसके starlord को treat करो

  • उसके sign lord को lightly treat करो


9️⃣ KP में भाव प्लैसिडस पद्धति से—Vedic से अलग

भाव बदलना = फल बदलना।

प्रयोग:

  • KP में bhav chalit नहीं

  • Placidus bhav always use

  • cusp degree = destiny cutting line


🔟 Dasha ≠ Event, Event = Dasha + Transit + CSL sync

दशा अकेली फल नहीं देती।

प्रयोग:

  • event तभी होगा जब:
    CSL house + starlord houses + transit तीनों match हों।


1️⃣1️⃣ Retro planets अपने starlord से फल देते हैं, खुद से कम

Retro = internalized result.

प्रयोग:

  • retro planet ignore नहीं

  • बस उसका फल starlord से आएगा, न कि खुद से।


1️⃣2️⃣ Moon = Event Trigger

Moon transit = daily activation energy.

प्रयोग:

  • Moon जिस नक्षत्र में जाता है → वही घटना active करता है।

  • शुभ/अशुभ दिन तय Moon से करें।


1️⃣3️⃣ KP में gemstones rarely—only strong planetary counselling

Remedy = subtle balancing.

प्रयोग:

  • KP remedy = mantra + breath + karma correction

  • gemstone तभी जब CSL block हो।


1️⃣4️⃣ Past-life karma संकेत = Ketu placement + CSL influence

प्रयोग:

  • Ketu किसके starlord में?

  • वही past-life energy अब active।


1️⃣5️⃣ Saturn delay नहीं, maturity देता है

Saturn = सही समय पर फल देगा।

प्रयोग:

  • Saturn का CSL = delay = maturity

  • Saturn दशा = life stabilization period


1️⃣6️⃣ Sun = status, ego, father blessings scene

प्रयोग:

  • Sun खराब → father connection heal करो

  • Surya mantra + morning sunlight


1️⃣7️⃣ Venus = marriage + comfort + refinement

प्रयोग:

  • Venus CSL marriage → calm, sweet behavior, art, perfumes


1️⃣8️⃣ Mercury = mind, nerves, communication

Mercury disturbed → conception delay, mental stress

प्रयोग:

  • बुध मंत्र, अनुलोम-विलोम, हरियाली


1️⃣9️⃣ Mars = action, surgery, anger control

प्रयोग:

  • Mars remedy -> slow exhalation breathing

  • masoor dal donation


2️⃣0️⃣ Jupiter = blessings; without it no major expansion

शिक्षा, संतान, विवाह, growth सब Jupiter से।

प्रयोग:

  • guru seva, wisdom donation

  • yellow vibrations


2️⃣1️⃣ CSL ही घटना का अंतिम निर्णय

KP हृदय यही है।

प्रयोग:

  • हर निर्णय से पहले → CSL देखो

  • न तिथी, न ग्रह, न राशि → CSL final


💡 **इन सूत्रों का वास्तविक उपयोग कैसे करें?

(किताब की शैली में Process)**

Step-1

Event चुनें (जैसे संतान)

Step-2

उस भाव का CSL देखें

Step-3

CSL किन भावों को दर्शा रहा है
(ownership + placement + starlord)

Step-4

क्या event चाहिए?
→ 2-5-11 मिल रहे हैं?
अगर शादी चाहिए → 2-7-11
नौकरी चाहिए → 2-6-10-11

Step-5

Dasha + Antardasha देखें
→ क्या वही planets active हैं?

Step-6

Moon transit देखें
→ क्या उस दिन 2-5-11 (या event) के starlord activate हैं?

Step-7

Event होता है।

NAKSHATRA COLOR MUKHYA SUTRA

 

Sutra 1 — Moon Nakshatra = Emotional Color

“चन्द्रमा का रंग प्रतिदिन के मन, भावनाओं और मानसिक स्थिति को नियंत्रित करता है।”

उपयोग:
रोज़ वही रंग पहनें जिससे मन शांत या स्थिर हो।


Sutra 2 — Lagna Nakshatra = Success Color

“लग्न नक्षत्र का रंग बाहर की दुनिया में सफलता और प्रभाव देता है।”

उपयोग:
जॉब, मीटिंग, इंटरव्यू में—लग्न का रंग पहने।


Sutra 3 — Sun Nakshatra = Authority Color

“सूर्य का रंग सम्मान, अधिकार और उच्च स्थिति दिलाता है।”

उपयोग:
जब भी आपको recognition चाहिए—सूर्य का रंग पहनें।


Sutra 4 — Nakshatra = Planet Frequency

हर नक्षत्र एक ग्रह का रंग amplify करता है।
उदाहरण:

  • अश्विनी → केतु रंग

  • विशाखा → बृहस्पति रंग

  • पूर्वा भाद्रपदा → गुरु+रुद्र रंग


Sutra 5 — Pada fine-tunes color

जीवन में किस उम्र में कौन-सा रंग ज्यादा काम करेगा = पाद से निकलता है।
उदाहरण:

  • Pada 1 = earthy tones

  • Pada 2 = fire tones

  • Pada 3 = airy tones

  • Pada 4 = watery tones


Sutra 6 — Devata decides color power

देवता किस रंग को शक्तिशाली (empowered) बनाते हैं।

  • अदि‍ति = white/yellow

  • रुद्र = black/blue

  • विश्वकर्मा = red/purple

  • पितृ = saffron/white


Sutra 7 — Tatva = color effect

  • अग्नि नक्षत्र → लाल/नारंगी

  • पृथ्वी नक्षत्र → भूरा/क्रीम

  • वायु नक्षत्र → नीला/हल्का ग्रे

  • जल नक्षत्र → चित्त-शांत रंग

  • आकाश नक्षत्र → बैंगनी/इंडिगो


Sutra 8 — Gana = color strength

  • देवगण के रंग → divine, healing

  • मानुषगण → practical, grounding

  • राक्षसगण → intense, transformative


Sutra 9 — Use the color of the ruling planet on its weekdays

उदा.

  • बृहस्पति नक्षत्र → गुरुवार yellow

  • सूर्य नक्षत्र → रविवार saffron


Sutra 10 — Color activates the Nakshatra Mantra

मनत्र तभी काम करते हैं जब सही रंग धारण किया जाए।


Sutra 11 — Color can neutralize dosha

  • राहु/केतु → white, grey

  • मंगल → light red

  • शनि → dark blue/black


🚩 SECTION 2 — उपयोग के सूत्र (How to Use Color Blueprint)

अब “कैसे” प्रयोग करना है—ये असली रहस्य है।


🌟 Sutra 12 — Daily Color = Moon Color

आज कैसा feel करेंगे?
काम कैसा होगा?
mood कैसा रहेगा?

→ चंद्र नक्षत्र का रंग पहनकर दिन stabilize करें।


🌟 Sutra 13 — Weekly Success Color = Lagna Color

हर सप्ताह एक दिन लग्न वाला रंग पहनें
→ life direction सेट हो जाती है।


🌟 Sutra 14 — Only 3 main colors should dominate your wardrobe

हर व्यक्ति के 3 रंग होते हैं:

  1. Lagna color

  2. Moon color

  3. Planetary nakshatra color (Sun/Mars/etc.)

बाकी सब color optional।


🌟 Sutra 15 — Important Work = Sun Color

interview, meeting, exam
→ सूर्य नक्षत्र का रंग = सफलता


🌟 Sutra 16 — Remedy day = Planet color

ग्रह का उपाय करते समय—उसका रंग पहनें।
उदाहरण:
गुरु उपाय → yellow cloth
केतु उपाय → white cloth


🌟 Sutra 17 — Sleep colors = Moon Nakshatra colors

कमरे की चादर / तकिया / कंबल
→ चंद्र नक्षत्र के रंग में रखें।

नींद 40% सुधर जाती है।


🌟 Sutra 18 — Health issues = opposite color balancing

जिन रंगों से conflict हो रहा है → उनसे दूरी
उदाहरण:

  • मंगल बढ़ा = bright red avoid

  • राहु बढ़ा = black avoid


🌟 Sutra 19 — Kids = Moon Nakshatra color only

बच्चों पर रंग का प्रभाव 5× ज्यादा होता है।


🌟 Sutra 20 — Couples = harmonizing colors

पति-पत्नी के Moon colors match करें:
→ fights 50% कम
→ bonding बढ़ती है


🌟 Sutra 21 — Bad day? → Wear Moon + Sun colors together

ये combination instantly aura stabilize करता है।

उदाहरण
White + saffron
Yellow + red

नक्षत्र के रंगों का प्रयोग करने के नियम

 

SituationUse Color Of
Daily RemedyMoon Nakshatra
Career / KarmaLagna Nakshatra
Soul PathAtmakaraka Nakshatra
Relationship7th lord nakshatra
Money Progress2nd & 11th lord nakshatra
Health Balance6th & 8th lord nakshatra
Mantra-SadhanaNakshatra deity color
Diseases CureNakshatra Tattva Color

देव गण = उजले/दिव्य रंग
 मानुष्य गण = मिट्टी/earthy नेचुरल रंग
 राक्षस गण = गहरे/तांत्रिक/occult रंग
 Fire signs = लाल/केसरिया
 Water signs = सफेद/नीला/मोती
 Air signs = हरा/हल्का नीला
 Earth signs = पीला/मिट्टी रंग

रंग नक्षत्र-ऊर्जा को ट्यून करते हैं, ग्रह दोष शांत करते हैं, चित्त शुद्ध करते हैं।

Nakshatra Color Table (Tattva + Devata + Graha )

 

NakshatraPlanetElementDevataColor
AshwiniKetuFireAshwini Kumars⚪ सफेद + 🔴 लाल
BharaniVenusEarthYama🟤 मिट्टी + 🔶 टेराकोटा
KrittikaSunFireAgni🔥 केसरिया + 🟡 सुनहरा
RohiniMoonEarthBrahma🌸 हल्का गुलाबी + 🤍 क्रीम
MrigashiraMarsAirSoma💚 हरा + 🌿 हर्ब ग्रीन
ArdraRahuWaterRudra🌧️ ग्रे + ⚫ काला + 🌩️ electric blue
PunarvasuJupiterAirAditi💛 पीला + 🤍 मोती सफेद
PushyaSaturnWaterBrihaspati🟦 नील + 🤍 दूधिया
AshleshaMercuryWaterNaga🟩 हरा + 🟣 नाग-बैंगनी
MaghaKetuFirePitru🔱 केसरिया + ⚪ सफेद
Purva PhalguniVenusFireBhaga💗 गुलाबी + 🟡 सोना
Uttara PhalguniSunFireAryaman🟧 केसरिया + 🤎 हल्का भूरा
HastaMoonWaterSavitur🟨 हल्का पीला + 🤍 मोती
ChitraMarsFireVishwakarma🔴 लाल + 🟣 रॉयल बैंगनी
SwatiRahuAirVayu🌬️ हल्का नीला + ⚪ सफेद
VishakhaJupiterFireIndra–Agni🟠 नारंगी + 🔴 रत्न लाल
AnuradhaSaturnWaterMitra⚫ काला + 🟦 नीला + 🤍 चाँदी
JyeshthaMercuryWaterIndra🟣 इंडिगो + ⚫ काला
MoolaKetuEarthNirriti🟥 गहरा लाल + 🟫 मिट्टी
Purva AshadhaVenusWaterApas🤍 सफेद + 💧 aqua blue
Uttara AshadhaSunEarthVishwadeva🟧 केसरिया + 🟫 earthy
ShravanaMoonWaterVishnu🤍 सफेद + 🟦 नीलकमल नीला
DhanishtaMarsFireAshta Vasus🔴 रॉयल रेड + 🌑 metallic grey
ShatabhishaRahuAirVaruna🟦 electric blue + ⚫ काला
Purva BhadrapadaJupiterFireAja Ekapada🔥 अग्नि लाल + 🟣 occult violet
Uttara BhadrapadaSaturnWaterAhirbudhnya🌊 deep blue + 🤎 earth brown
RevatiMercuryWaterPushan🤍 दूधिया सफेद + 🐚 मोती

नक्षत्र – मंदिर, स्थान और उद्देश्य Nakshatra – Temple, Location and Purpose

 

नक्षत्र        देवता        प्रमुख मंदिर/स्थानस्थान (कहाँ)उद्देश्य / साधना का फल
1. अश्विनीअश्विनीकुमारवैद्यनाथ ज्योतिर्लिंगझारखंडरोग-निवारण, स्वास्थ्य, तेज
2. भरणीयमयमधर्मराज मंदिरकेरळ (थिरुवनंतपुरम)पाप-विमोचन, आत्मबल
3. कृत्तिकाअग्निअन्नमलैयार (अरुणाचल)तिरुवन्नामलैक्रोध-शुद्धि, ऊर्जा, तप
4. रोहिणीब्रह्माब्रह्मा मंदिरपुष्करप्रतिष्ठा, वैभव, सौंदर्य
5. मृगशीर्षासोमसोमेश्वर मंदिरसोमनाथमन-शांति, यात्रा-सिद्धि
6. आर्द्रारुद्रनटराज मंदिरचिदंबरमशोक-शांति, गहरी साधना
7. पुनर्वसुअदितिअदिति माता पीठगुजरातपुनर्जन्म, नई शुरुआत
8. पुष्यबृहस्पतिबृहस्पति मंदिरकुडप्पागुरु-कृपा, शिक्षा, दया
9. अश्लेषानागनागदेवता मंदिरकणिपकमऋण-शांति, नकारात्मकता मुक्ति
10. मघापितरपितृतीर्थ – गयाबिहारपितर-दोष शांति
11. पूर्वा फाल्गुनीभग/शुक्रकामाख्याअसमआकर्षण, प्रेम, सृजन
12. उत्तर फाल्गुनीआर्यमाकाशी विश्वनाथवाराणसीविवाह, साझेदारी, प्रतिष्ठा
13. हस्तसविता (सूर्य)सूर्य नारायण मंदिरकोणार्ककौशल, हाथ का हुनर, सफलता
14. चित्राविश्वकर्माविश्वकर्मा देवालयकर्नाटकनिर्माण, कला, वास्तु
15. स्वातिवायुवायुपुराण मंदिरत्रिचूरस्वतंत्रता, यात्रा, व्यापार
16. विशाखाइंद्र-अग्निइंद्रेश्वर महादेवइंदौरलक्ष्य-सिद्धि, ऊर्जा
17. अनुराधामित्रपंढरपुर विठ्ठलमहाराष्ट्रमित्रता, सपोर्ट, सामंजस्य
18. ज्येष्ठाइंद्राणीश्री इंद्राणी पीठमहाराष्ट्रप्रतिष्ठा, सामाजिक शक्ति
19. मूलनिरृतिकालीघाट कालिकाकोलकाताकर्म-विनाश, पुराना उखाड़ना
20. पूर्वाषाढ़ाअप: (जल)वरुण देव मंदिरगुजरातविजय, आत्मविश्वास
21. उत्तराषाढ़ाविश्वदेवबेलूर-हल्बीडुकर्नाटकप्रतिष्ठा, समाज में नाम
22. श्रवणविष्णुतिरुमला बालाजीतिरुपतिश्रवण-शक्ति, करियर-उन्नति
23. धनिष्ठाअष्टवसुउडुपी कृष्णकर्नाटकधन, संगीत, नेटवर्क
24. शतभिषावरुणरमेेश्वरम सागर-अर्घ्यतमिलनाडुरोग-निवारण, डिटॉक्स, नशा मुक्ति
25. पूर्वाभाद्रपदअज-एकपादकालभैरव मंदिरउज्जैनसुरक्षा, राहु-शांति
26. उत्तराभाद्रपदअहिर्बुध्न्य (नाग)तिरुपति नागदोष निवारणतिरुमलागहराई, अध्यात्म
27. रेवतीपूषाजगन्नाथ पुरीओडिशायात्रा-सफलता, मार्गदर्शन

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