शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2012

घरेलू संजीवनी: ऐसे बनाएं कुछ दिन खाएं कोई मौसमी बीमारी नहीं होगी



बदलते मौसम के साथ अधिकतर लोगों को अक्सर बुखार और सर्दी, खांसी  व स्नायुतंत्र जैसी समस्याएं जल्दी घेर लेती हैं। ऐसे में बार-बार कई तरह की ऐलोपैथिक दवाई लेना भी शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए बार-बार  क्लिनिक के चक्कर लगाने से अच्छा है कि आप एक बार इन समस्याओं को जड़ से मिटाने के लिए नीचे लिखा नुस्खा जरुर आजमाएं। 



सामग्री- गुलाब के फूल, तुलसी के पत्ते, ब्राह्मी बूटी, खसखस, और शंखपुष्पी 300-300ग्राम। बनफशा, मुलहठी, सौंफ, तेजपान, 100-100ग्राम। लाल चंदन, बड़ी इलाइची, दालचीनी, लौंग, सौंठ, बदयान, काली मिर्च और असली केसर 10-10 ग्राम सबको अच्छी तरह पीसकर, छानकर बारीक चूर्ण कर लें।



 सेवन विधि- एक चम्मच चूर्ण एक लीटर पानी में डाल कर उबालें। उचित मात्रा में चीनी और दूध डालकर सुबह खाली पेट एक गिलास  पीएं। यह मात्रा चार व्यक्ति के लिए है। 



लाभ- इसके सेवन से शरीर के आंतरिक दोष दूर होते हैं। मानसिक  व शारीरिक थकावट  व निर्बलता दूर होती है। सिरदर्द, खांसी, गैस ज्वर, और उदर रोगों से छुटकारा मिलता है। स्मरण शक्ति और दिमागी ताकत बढ़ती हैं। स्नायुदौर्बल्य दूर होता है। दरअसल यह संजीवनी बूटी की तरह लाभकारी है।

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