मंगलवार, 7 फ़रवरी 2012

इनसे कोई भी पा सकता है चमचमाते सफेद दांत

खूबसूरती के मापदंड में चेहरे में नयन और नक्श के बाद दांतों की बनावट और दिखावट का महत्वपूर्ण स्थान होता है। साफ सफेद और चमकते दांत किसी भी चेहरे की खूबसूरती में चार चांद लगा सकते हैं।

- आजकल के बच्चों के दांत सफेदद-सुन्दर नहीं होते क्योंकि टूथपेस्ट में डले हुए फ्लोराईड से दांत और हमारे शरीर की हड्डियां गलने, खराब होने लगती हैं। इस पर अनेक शोध हो चुके हैं। अत: पेस्ट के स्थान पर किसी आयुर्वेदिक या प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से बने हुए मंन्जन का प्रयोग करना चाहिये।

- कभी-कभी अवसर मिलने पर नीम, बबूल, बिल्व आदि पेड़ों से प्राप्त दांतुन भी करते रहना चाहिये।

- मल-मूत्र त्याग के समय दांत दबाकर बैठें और बाद में कुल्ला कर लें। इससे भी दांत मजबूत बनते हैं। असल में मल-मूत्र त्याग के समय हमारे दांतों की जडों में कुछ तेजाबी पदार्थ एकत्रित होकर उनकी जडों को कमजोर बना देते हैं। कुल्ला करने से ये तेजाबी तत्व निकल जाते हैं। हमारे पूर्वज तभी तो मल-मूत्र त्याग के बाद सदा कुल्ला किया करते थे।

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