गुरुवार, 25 जुलाई 2024

दिव्य अलौकिक ऊर्जा को जागृत करने का अति प्रभावशाली मन्त्र

लेखक - पी. ए. बाला 

हर व्यक्ति और उसका जीवन अपने आप में प्रभु का वरदान है, भले नरक सी जिंदगी भी अगर हम भोग रहे हैं तब भी भगवान ने हमें वह क्षमता और सहूलियत दी है, जिससे हम अपने कष्टों को न्यून या खत्म कर सकते हैं । प्रारब्ध, पूर्व और इस जन्म के कर्म इत्यादि का फल तो मिलता है , और मिलता रहेगा ..पर फिर भी भगवान की कृपा से अगर हम संयमित जीवन जिएं तो निश्चित ही दुःख और तकलीफों से रक्षा होगी । कुंडली और ग्रह-विज्ञान व्यक्ति के जीवन का खाका है, जो हमें बताता है कि हमारा जीवन कैसे गुजरेगा, कब कौनसा समय हमारे लिए अच्छा है, कौनसा बुरा और कौनसा सबसे बुरा है । हमें करना सिर्फ इतना होता है कि बुरे समय का पता लगा कर या महसूस करके अपने आपको संयमित कर लें , पर अधिकतर हम ऐसा नही करते , और हम अपनी आदतों से , कर्मों से और निर्णयों से बुरे समय में और बुरा कर रहे होते हैं , जिससे अच्छे समय का फल भी हम नही भोग पाते, यहाँ स्थिति नीम चढ़े करेले के जैसी हो जाती है । अब प्रश्न उठता है कि आखिर करें तो क्या करें ? तो जैसा ऊपर मैंने बताया कि हर व्यक्ति खुद अपने आप में एक दिव्य पुंज है, हर व्यक्ति के अंदर अपनी एक खुद की दिव्य अलौकिक शक्ति मौजूद होती है, जरूरत है हमें उसे सिर्फ जागृत करने की , हम नकारात्मक विचार, क्रियाओं से अपनी उस ऊर्जा को कमजोर कर चुके होते हैं, गंदी कर चुके होते हैं , एक दम से तो हम इसे जागृत नही कर सकते पर निम्नलिखित विधि द्वारा कुछ दिनों व महीनों में हम इस ऊर्जा से फिर से जुड़ सकते हैं , एक बार जुड़ने के पश्चात हम देखेंगे कि जिन समस्याओं के निवारण के लिए हम भटक रहे थे, वह खुद ब खुद हल होती जा रहीं हैं , शुरुआती दौर में छोटी छोटी समस्याओं का निवारण होगा, उसके बाद जैसे जैसे आप इस क्रिया में आगे बढ़ेंगे, आप देखेंगे कि बड़ी समस्याओं से भी आपको मुक्ति प्राप्त हो रही है , यह क्रिया बिना किसी पर प्रपंच और आडम्बर के है , बस इस क्रिया में आपको नित्य सिर्फ 10 मिनट का समय देना है , चित्र में दिया गया मन्त्र अपनी दिव्य अलौकिक ऊर्जा को जागृत करने का अति प्रभावशाली मन्त्र है, जिसकी विधि इस प्रकार है :



इस क्रिया के लिए किसी आसन व दिशा की जरूरत नही है, आप खाना खाने के एक घंटे बाद शांत चित्त से स्वच्छ जगह बैठ जाएं, मन में कोई समस्या, आशा, मन्नत इत्यादि को न लाएं बिल्कुल शून्य की स्थिति में बैठ जाएं, अपने आस पास क्या हो रहा है, आपके जीवन, घर, ऑफिस इत्यादि में क्या हो रहा है, आपकी क्या समस्याएं हैं , इन सबको 10 मिनट के लिए भूल जाएं और शांत मन से चित्र में दिए मन्त्र का जप वाचिक जाप (वाचिक जप अर्थात उच्च स्वर में जप करना, इससे अन्य विषयों पर ध्यान नही भटकता) करते जाएं , अगर कभी आपको जप के दौरान बेचैनी हो तो जप उसी समय छोड़ देवें, व अगले दिन से फिर शुरू करें .. कुछ दिनों व महीने के अभ्यास में आप पाएंगे कि आपको विशेष अनुभूतियां होने लगेंगी, आपका मन मस्तिष्क शांत होगा, कुछ भविष्य की घटनाओं को आप महसूस कर पाएंगे , आपके काम सहज रूप से हल होने लगेंगे ।
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देखिये इस तरह के उपाय और क्रियाविधि में अगाध श्रद्धा और विश्वास की जरूरत होती है, संयमित और धैर्यवान व्यक्ति ही इसमें सफल हो सकता है, त्वरित समाधान के इच्छुक व्यक्ति, अति उत्साही व्यक्ति, मनोकामनाओं से भरे व्यक्ति , जो हर कार्य को मनोकामना पूर्ति को आगे रख कर करते हैं, वह इस क्रियाविधि से दूर ही रहें ।

कार्य सिद्धि के लिए श्रेष्ठ ही नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ उपाय

 एक ऐसा उपाय जो कार्य सिद्धि के लिए श्रेष्ठ ही नही बल्कि सर्वश्रेष्ठ है, आपकी कोई भी समस्या हो तंत्र का यह सात्विक और बेहद चमत्कारी प्रयोग आपके कार्य और मनोकामना में सिद्धि दिलवाएगा । प्रयोग इस प्रकार है:

लेखक - पी. ए. बाला

किसी भी दिन आप पीपल/बरगद के पेड़ के नीचे जाएं, एक ऐसा पत्ता लेने की कोशिश करें जो स्वतः ही पेड़ से टूटा हो पर जमीन पर न गिरा हो, अमूमन पतझड़ के मौसम में ऐसे पत्ते मिल जाते हैं , ध्यान रहे आपको पत्ता तोड़ना नही है, आप शाखाओं को हिला सकते हैं, कोई पत्ता स्वतः टूटता है, उसे जमीन पर गिरने से पहले ही पकड़ लेवें , और घर ले आएं, ध्यान रहे कि घर लाने के बाद भी आपको पत्ते को किसी भी सतह पर नही रखना है, आप इसे किसी किताब में रख कर या धागे से बांध कर दीवार पर लटका सकते हैं, ताकि यह कुछ एक दिन में पूर्ण रूप से सूख जाए, जब यह पूरी तरह सूख जाएगा, तब आपको थोड़ी दूर्वा(घास) लानी है, थोड़ा दूध और हल्दी, और इस सूखे पत्ते को पीस कर एक पेस्ट बना लेवें , एक सफेद कागज़ पर लकड़ी की कलम से इस पेस्ट की मदद से अपनी समस्या कम शब्दों में लिखनी है, कागज़ सूख जाने के बाद इस कागज़ में काले तिल डाल कर फोल्ड कर लेवें और प्लास्टिक टेप से चारों तरफ से कवर करके एक धागा पिरो कर ताबीज़ टाइप का बना लेवें, व इसको किसी भी वृक्ष की टहनी से बांध आएं, ताकि हवा चलने पर यह हिलता रहे, जिस भी समस्या के लिए आप यह करेंगे, वह समस्या 3 से 7 दिन में खत्म हो जाएगी ।
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वैसे तो यह प्रयोग सभी प्रकार की समस्याओं को खत्म करने के लिए है, परन्तु विशेष यह कुछ समस्याओं में तो बेहद ही कारगर है :
1. जिनके बच्चे गलत संगत में हैं, नशा करते हैं , बिल्कुल बागी हो गए हों उनको सीधी लाइन पर लाने हेतु
2. घर छोड़ कर गए व्यक्ति को दोबारा बुलाने हेतु
3. जो भी लड़का/लड़की गलत प्रेम संबंध में हैं , उनकी बुद्धि सुधार हेतु
4. कोई शत्रु आपको बेहद परेशान कर रहा हो, उसको शांत करने हेतु
5. जो भी पति/पत्नी विवाहेत्तर संबंध में हों उनको सुधारने हेतु
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इस प्रयोग को भूल कर भी किसी के अहित के लिए करने की न सोचें, यह कार्य नही करेगा ।

लोग बेवजह दुश्मन बने हुए तो करें काजल का यह प्रयोग

लेखक - पी. ए. बाला

कभी कभी हमारे घर में या कार्यस्थल पर कुछ लोग बेवजह हमारे दुश्मन बने हुए होते हैं , जो बात बात में हमारी काट करते हैं , शिकायतें करते हैं , बदनामी करते हैं, अफवाह फैलाते हैं, और हमसे जलन व ईर्ष्या करने लगते हैं । कई बार स्थिति इतनी विकट हो जाती है कि कार्यस्थल पर कार्य करना मुश्किल हो जाता है, व्यापार में भी हमारे प्रतिद्वंद्वी कई प्रकार के जतन करके हमें परेशान करते हैं । नवविवाहित लड़के/लड़की को उसके ससुराल में भी ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, जिसमें घर में क्लेश होता है , लाख जतन करने के बावजूद भी अपने ही घर के लोग हमसे खुश नही होते और शिकायतें करने प्रतिस्पर्धा करने में पूरे रहते हैं । ऐसी विकट परिस्थितियों से निपटने के लिए एक सरल सात्विक तांत्रिक उपाय आज आपको बताता हूँ , जिसके करने से आप ऐसी समस्या से कुछ ही दिन में मुक्त हो जाएंगे । उपाय इस प्रकार है :

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यह उपाय किसी भी दिन किसी भी समय किया जा सकता है , एक सफेद कागज़ पर काजल से किसी नुकीली धातु की वस्तु (कील, चाकू) से या नुकीली लकड़ी से उस व्यक्ति का नाम लिखना है, जो आपको परेशान कर रहा हो, अगर एक से ज्यादा व्यक्ति हो तो सभी के नाम कागज़ पर लिखें , नाम लिखने के बाद इस कागज़ को एक चाकू पर लपेट दीजिये, और अपने घर में किसी भारी वस्तु के नीचे दबा दीजिये । भविष्य में आपको लगे कि जिनका नाम लिख कर यह उपाय किया है, उन्हें फ्री कर देना चाहिए , तो चाकू निकाल कर उस कागज़ को टुकड़े करके कचरे में फेंक देवें या घर से बाहर फेंक देवें ।
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*इस प्रयोग में आप बाजार में मिलने वाले रेडीमेड काजल का प्रयोग कर सकते हैं ।

जीवन के क्लेश दूर करने वाला एक सुंदर उपाय


लेखक - पी. ए. बाला

ऐसा चित्र जिसमें गाय अपने बछड़े को दुलार कर रही हो, और बछड़ा गाय का दूध पी रहा हो, अपने घर की उत्तर या पूर्व दिशा में लगाएं, ऐसे चित्र को आप रसोई में , अपने ऑफिस की टेबल पर या अपने सीट या दुकान पर आपकी गद्दी के पीछे भी लगा सकते हैं , अपने पर्स में भी रख सकते हैं, विद्यार्थी अपने पढ़ने की मेज अथवा कमरे में भी इसे लगा सकते हैं । यह चित्र पोषकता और प्रेम के प्रतीक के रूप में देखी जाती है, आप कोई भी कार्य करें जैसे नौकरी या व्यापार उसमें लाभ यानी पोषकता बनी रहे अर्थात पोषण मिलता रहे, आप जो भी कार्य कर रहे हैं अगर उसमें आपको बचत नही है, शांति नही है, खर्चे पूरे नही हो रहे हैं, बरकत नही हो रही है तो ऐसे कार्य के प्रति उदासीनता आ जाती है , और व्यक्ति में नकारात्मक प्रभाव बढ़ जाता है । इसी नकारात्मक प्रभाव को दूर करने के लिए , ऐसे खुशनुमा चित्र को लगाया जाता है, ताकि इसको देख कर मन प्रसन्न रहे , इसके साथ ही यह परिवारजनों में आपसी प्रेम को भी दर्शाता है, यह घर के व जीवन के क्लेश दूर करने में भी सहायक है । यह एक सुंदर उपाय है, कीजिये मन प्रसन्नचित रहेगा ।


* चित्र लगाने के साथ गाय की सेवा भी नित्य करें, सिर्फ चित्र लगाने से ही सफलता नही मिलेगी । चित्र प्रतीक के रूप में है, ताकि आपकी नजर उसपर पड़ती रहे तो आप प्रसन्न रहें जिससे आप पर ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक प्रभाव पड़ सके , यह मनोवैज्ञानिक पद्वति पर कार्य करता है ।

दुःख निवारण 7 रविवार करने वाला प्रयोग

 

लेखक - पी. ए. बाला
हर व्यक्ति के जीवन में सुखः दुःख लगे ही रहते हैं , जब सुख कम और दुख ज्यादा हो तो मन विचलित हो जाता है । व्यक्ति हर जतन करता है , कि उसके दुख खत्म हो जाये । ऐसे व्यक्ति के दुखों को पूछें तो वह अपने दुख भी गिना नही पाता कि कौनसे और कितने हैं , ऐसे ही सर्वदुःख निवारण यंत्र को आज आप के साथ साझा करता हूँ, जो बेहद सरल है और सात्विक भी है । यह 7 रविवार करने का प्रयोग है । हर रविवार आपको एक नया यंत्र बनाना है , और बताई विधि अनुसार कार्य करना है, सात रविवार तक आपको राहत मिलना निश्चित है और इसके बाद आपकी बाधा दूर होकर

, सुगमता के रास्ते खुल जाएंगे ।
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रविवार को सुबह नहाधोकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके , अपने पूजा स्थल पर आसन बिछा कर पूर्वाभिमुख होकर यंत्र का निर्माण करें, चित्र में दिए यन्त्र को हल्दी से कागज पर लिख कर नीचे की ओर अपना मनोरथ लिख देवें । फिर रूई के साथ यन्त्र को लपेट कर बत्ती बनाकर रविवार को दीपक में सरसों अथवा तिल के तेल में जलावें और हल्दी की माला से इस मन्त्र का ११ सौ जप करे । मन्त्र यह इस प्रकार है :
"ॐ ह्रीं हंसः"
Om hreem hansah
इस प्रकार 7 रविवार तक करने वाला व्यक्ति सर्वं दुःखों से मुक्त होकर अत्यन्त सुखों को भोगता है ।

पितृ दोष निवारण उपाय

 







लेखक - पी. ए. बाला


कुंडली के मुख्य दोष में एक दोष पितृ दोष की समस्या है । जिनके कुल के पितृ नाराज हैं, अतृप्त हैं उस कुल में सर्वाधिक समस्या देखने को मिलती है , यहाँ हम लक्षणों की बात नही करेंगे क्योंकि सभी लोग जानते हैं कि पितृ दोष के लक्षण क्या होते हैं । पितृ दोष कुंडली जनित होने के साथ आपके कुल के पूर्वजों का अंतिम क्रियाक्रम सही न होने से व पितरों की उपेक्षा से भी होता है । इसमें मुख्य समस्या यह है कि कई लोगों को पता भी नही होता कि उनको पितृ दोष की समस्या है, दूसरी बात अगर पता हो तो इसकी शांति बेहद महंगी और खर्चीली प्रक्रिया है । यह सब करने के बाद भी इस बात की गारंटी नही है कि यह सब करवाने के बाद भी पितृ तृप्त और संतुष्ट हुए भी हैं या नही ... ऐसी स्थिति में आपको पितरों को संतुष्ट करने और प्रसन्न करने के लिए एक दिव्य और अद्भुत मंत्र बता रहा हूँ (साथ दिए चित्र में संलग्न है) , जो करने में सरल है , इसे आप पितृ पक्ष में , अमावस्या तिथि में ज्यादा से ज्यादा जप करें व नित्य स्नानादि के बाद 21 बार जप करें व रात्रि को सोने से पहले भी इसका 21 बार जप कर सकते हैं । यह तीन मन्त्र का एक कॉम्बिनेशन है, जिसे आप एक साथ पूरे एक मंत्र की तरह जप करें । आप कुछ ही दिन में अद्भुत और चमत्कारी सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे ।

सफल और अनुभूत सिद्ध प्रयोग है, जो कभी खाली नही जाता

 लेखक - पी. ए. बाला

यह योगिनी प्रयोग है, इसमें आपकी समस्या का समाधान स्त्री अथवा पुरुष कोई भी किसी भी रूप में आकर कर जाएगा, अब इस प्रयोग के कई प्रारूप सोशल मीडिया पर अपने अपने तरीके से बताये जाते हैं, कोई अपनी तरफ से कुछ बोलता है कोई अपनी तरफ से कुछ..पर इसका सरल और प्रामाणिक प्रयोग इस प्रकार से है :


यह प्रयोग 4 पहर यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक का है , आपको शनिवार को सूर्योदय से पूर्व सवा सेर( 1200 ग्राम) आटा , गाय का घी 250 ग्राम, चीनी 250 ग्राम लेकर इन सबको कसार (भून) लेना है, जैसे पंजीरी बनती है वैसे , सूर्योदय से पूर्व ही घर से उक्त सामग्री तैयार की हुई लेकर निकल जाएं, यह प्रयोग पूरा दिन बिना खाये करना होगा, पानी की बोतल साथ ले जा सकते हैं । आप यह सामग्री किसी जंगल या निर्जन स्थान में ले जाइए, और कीड़ी नगरा कीजिये, यह सामग्री चींटियों के बिल में डालिये, थोड़ा थोड़ा करके बिलों पर डालते जाइये और निम्नलिखित मन्त्र बोलते जाइये , आप पूरे जंगल में घूम घूम कर इसे डालिये, जब सामग्री खत्म हो जाये, और दिन हो जाये और आप थक जाएं तो किसी पेड़ के नीचे सो जाएं , निद्रावस्था प्राप्त होने पर आपके सामने कोई स्त्री अथवा पुरुष आके खड़ा हो जाएगा, और आपको स्पष्ट शब्दों में सब बताएगा, जो आपको अच्छी तरह सुनाई देगा और याद रहेगा । यह प्रयोग में पहले ही दिन आपको प्रश्नों के उत्तर दे देगा , कई दिनों तक करने पर तो मनोवांछित फल की प्राप्ति हो जाती है । सूर्यास्त के बाद घर आकर भोजन ग्रहण करना है । इस प्रयोग को कुछ नियम के साथ किया जाता है , जो इस प्रकार है :
यह प्रयोग 4 पहर यानी सूर्योदय से सूर्यास्त तक का है, कुछ विद्वान इसे एक दिन पहले रात से जोड़ते हैं जो सही नही है ।
यह प्रयोग निराहार करना है, पर पानी की बोतल साथ ले जा सकते हैं, साथ ही विश्राम के लिए एक चादर भी ले जा सकते हैं । कुछ विद्वानों का मत है कि यह बिना खाये पिये किया जाता है, पर ऐसा नही है, पानी आप पी सकते हैं ।
ऐसा बिल्कुल न हो कि आप सारी सामग्री एक या दो बिलों पर ही गिरा देवें, आपको यह सामग्री थोड़ी थोड़ी करके बिलों पर गिरानी है, और पूरा जंगल घूमना है, ताकि आप दोपहर तक इतना थक जाएं कि नींद आ जाये । आपको सूर्यास्त तक जंगल में ही रहना है । ऐसा जंगल न चुनें जहाँ खतरनाक जीव जंतु हों, यह निर्जन स्थान पर किया जा सकता है ।
कई विद्वानों का मत है कि यह प्रयोग 40 दिन अथवा 40 शनिवार का है, पर ऐसा नही है आपको पहले दिन ही आपके प्रश्नों के उत्तर किसी भी हाल में मिल जाएंगे, आपकी मर्जी पर निर्भर है कि आप 40 दिन या 40 शनिवार करना चाहें तो, इसमें कोई बाध्यता नही है , पर यह बहुत मुश्किल और अव्यवहारिक लगता है ।
कीड़ी नगरा यानी चींटियों को भोजन डालते समय यह मन्त्र का जप करते रहना है , जो देसी भाषा मे है :
जोजनगंधा जोगिनी ।
रिद्धि सिद्धि में भरपूर ।
मैं आयो तोय जांचणे ।
करजो कारज जरूर ।
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यह बहुत सफल और अनुभूत सिद्ध प्रयोग है, जो कभी खाली नही जाता, बस इसे पूरी श्रद्धा, विश्वास और संयम के साथ करना चाहिए, यह आपको अपनी समस्याओं से मुक्त करने का रास्ता जरूर दिखायेगा ।

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