चोट-(INJURY)
आज के व्यस्त माहौल में चोट लगना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि हमारे रोजाना के कामों में सावधानी बरतने के बाद भी चोट लग ही जाती है। बच्चे भी अक्सर खेलते-खेलते अपने आपको चोट पहुंचवा ही लेते हैं।
ग्वार
ग्वार और तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पानी में डालकर पका लें। इसे मोच या चोट वाली जगह पर लगाने से दर्द कुछ ही देद में दूर हो जाता है।
वनहल्दी
वनहल्दी का लेप चोट, मोच एवं सूजन में काफी उपयोगी होता है। वनहल्दी के सिद्ध तेल का प्रयोग भी लेप की तरह ही उपयोगी होता है। इस तेल से रोजाना 3-4 बार मालिश करने से चोट के कारण होने वाला दर्द ठीक हो जाता है।
घी
घी और कपूर को बराबर मात्रा में मिलाकर किसी भी चोट के स्थान पर बांधने से दर्द दूर होता है तथा खून बहना भी बंद हो जाता है।
कुन्दुरू
चोट लगने के कारण सूजन होने पर कुन्दरू और खस-खस के तेल और सफेद मोम को हल्की आग पर पिघलाकर कपड़े से छानकर, तैयार मलहम को रोजाना 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।
कुन्दुरू की गोंद, अफीम, धतूरा और अजवायन को एकसाथ मिलाकर मोटे कपड़े पर सूखा लेप चढ़ाकर पट्टी करने से रक्तवाहिनियों के संकुचन के कारण होने वाला दर्द कम हो जाता है।
पान
पान के रस में चूना मिलाकर सूजन वाले भाग पर पट्टी बांधने से दर्द और सूजन में आराम होता है।
पान के पत्ते पर चूना और कत्था लगाकर उसमें थोड़ा सा तम्बाकू डालकर पीस लें फिर गुनगुना करके चोट पर बांधने से दर्द दूर होता हैं और जख्म जल्दी भर जाता है।
पान के पत्तें को चोट लगी हुई जगह पर बांधने से लाभ होता है।
तारपीन
चाकू, छूरी, तलवार आदि से कटे हुए स्थान से खून बह रहा हो तो असली तारपीन के तेल में रूई का फोहा गीला करके कटे हुए स्थान पर रखें। इससे कुछ ही देर में खून बहना बंद हो जाता है।
चीता
चीता या चित्रक मूल से सिद्ध तेल से मालिश करने पर चोट के कारण होने वाला दर्द कम हो जाता है।
आमचूर
अगर नाखून पर चोट लगे तो आमचूर व नमक को पीसकर पानी में मिलाकर लगाने से आराम होता है।
गेंदा
गेंदे का पंचांग का रस निकालकर चोट, मोच, सूजन पर लगाने व मालिश करने से आराम मिलता है।
बकायन
चोट से पीड़ित स्थान पर खून जमकर उत्पन्न हुई सूजन पर बकायन के 10-20 पत्तों को पीसकर पुल्टिश बनाकर बांधने से सूजन के कारण जमा हुआ खून पिघल जाता है।
10 ग्राम बकायन के फल की गिरी को 100 ग्राम खोपरे के तेल में पीसकर गर्म पानी, घी या तेल आदि के कारण होने वाले घावों में लाभ होता है।
मेथी
मेथी के पत्तों को पीसकर लेप करने से चोट या मोच के दर्द में आराम मिलता है।
मेथी के पत्तों की पुल्टिश (पोटली) बांधने से चोट की सूजन मिट जाती है।
मेथी के पत्तों की पुल्टिश बांधने से चोट की सूजन मिट जाती है। यह बालों को सफेद होने से रोकती है। कब्ज हो तो मेथी के पत्तों की सब्जी खाने से आराम मिलता है।
पानी
चोट लगने या जख्म होने पर ठंडे पानी से भीगा हुआ कपड़ा उस स्थान पर बांध दें। इस कपड़े को बांधने के बाद भी हमेशा गीला रखे रहने से जख्म जल्दी ठीक हो जाता है।
हल्दी
गुम चोट लगने पर 1 चम्मच हल्दी को गर्म दूध के साथ पीने से दर्द और सूजन दूर होती है। चोट लगे स्थान पर हल्दी को पानी में गूंथ कर लेप करने से आराम मिलता है। चोट से खून बह रहा हो तो उस स्थान पर हल्दी भर देने से लाभ मिलता है। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी का सेवन करना लाभदायक होता है।
2 चम्मच पिसी हुई हल्दी, 4 चम्मच गेहूं का आटा, 1 चम्मच देशी घी, आधा चम्मच सेंधानमक को थोड़े से पानी में मिलाकर हलुआ बना लें। शरीर में चोट लगे स्थान पर इस हलुवे की पट्टी बांधने से आराम मिलता है। आधा किलो उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच नमक डालें। फिर पानी को उतारकर जब पानी सेंक करने जैसा हो जायें तो उसमें कपड़ा भिगोकर चोट लगे हुए अंग पर सिंकाई करने से दर्द आदि में आराम मिलता है।
शरीर की कोई सी भी हड्डी टूटने पर हल्दी का रोजाना सेवन करने से लाभ होता है।
1 प्याज को पीसकर हल्दी में मिलाकर कपड़े सें बांध लें। इसे तिल के तेल में रखकर गर्म करें और चोट लगे हुए स्थान पर सेंक करें। कुछ देर सेंकने के बाद पोटली खोलकर दर्द वाले स्थान पर बांधने से आराम मिलता है।
शरीर में कहीं भी चोट लगी हो या सूजन आ गई हो तो 2 भाग पिसी हुई हल्दी और 1 भाग चूने को एकसाथ मिलाकर लेप करने से लाभ होता है।
चोट लगने के कारण सूजन आने पर 10 कली लहसुन और आधा चम्मच हल्दी को एकसाथ पीसकर 1 चम्मच तेल में गर्म करके सूजन वाली जगह पर लेप करके रुई लगाकर पट्टी बांधने से सूजन जल्दी ही दूर हो जाती है।
3 ग्राम पिसी हुई हल्दी को सुबह-शाम दूध से लेने से चोट या सूजन दूर हो जाती है।
शरीर में कटी हुई जगह पर हल्दी के साथ पिसी फिटकरी या घी भर देने से लाभ होता है।
चोट लगने पर 1 चम्मच हल्दी को गर्म दूध में मिलाकर पीने से दर्द और सूजन दूर हो जाती है। चोट लगी जगह पर हल्दी को पानी में मिलाकर उसका लेप लगाएं और अगर चोट ज्यादा गहरी हो तो उसमें हल्दी भर दें इससे चोट जल्दी भर जाती है। आंख में चोट लगने पर भी हल्दी को खाया जा सकता है। घी और आधा चम्मच सेंधानमक को थोड़े से पानी में मिलाकर हलुवा सा बनाकर चोट पर रखकर बांधें। आधा लीटर उबलते हुए गर्म पानी में आधा चम्मच सेंधानमक ड़ाले, फिर हिलाएं इसमें एक चम्मच हल्दी डाले और बर्तन को उतारकर रख दें जब पानी सेंक करने लायक हो जायें तो कपड़ा भिगोकर चोट वाले अंग पर इससे सेंक करे दर्द में आराम मिलेगा।
केला
चोट या रगड़ लगे हुए स्थान पर केले के छिलके को बांध देने से उस स्थान पर सूजन पैदा नहीं होती। पका हुआ केला और गेहूं का आटा पानी में गूंथकर गर्म करके लेप करने से चोट ठीक हो जाती है।
दूब
चाकू आदि से शरीर का कोई भाग कटने या चोट लगने से खून बह रहा हो तो दूब को कूटकर उसके रस में कपड़े को भिगोकर उसकी पट्टी बांधने से खून का बहना बंद हो जाता है।
लहसुन
लहसुन की कलियों को नमक के साथ पीसकर उसकी पुिल्टस बांधने से चोट और ऐंठऩ में लाभ होता है।
अन्दरूनी चोट में लहसुन, हल्दी और गुड़ को मिलाकर लेप करने से आराम मिलता है।
प्याज:
1 चम्मच पिसी हुई हल्दी को 2 चम्मच प्याज के रस में मिलाकर इसकी पोटली बांधकर सरसों के गर्म तेल में डुबोकर चोट लगे स्थान पर सेंक करें और फिर इसे चोट वाली जगह लेप करें इसके बाद रुई लगाकर पट्टी बांध दें। 2 चम्मच प्याज के रस और 1 चम्मच शहद को मिलाकर 2 बार रोजाना चाटे। इससे चोट का दर्द व सूजन ठीक हो जाती है।
प्याज को काटकर कपड़े में बांध लें। इसे मोच वाली जगह पर लपेटने से मोच के कारण होने वाली सूजन कम हो जाती है।
खरोंच आने पर प्याज का टुकड़ा काटकर खरोंच वाली जगह पर मलने से लाभ होता है। लेकिन कटी या फटी त्वचा पर प्याज न लगाएं।
नमक
नमक को तवे पर सेंककर गर्म-गर्म ही मोटे कपड़े में बांधकर दर्द वाली जगह को सेंकने से मोच व चोट में आराम मिलता है।
गर्म पानी में नमक घोलकर सेंक करने से चोट ठीक हो जाती है।
अदरक
चोट लगने पर, भारी समान उठाने पर, कुचल जाने पर दर्द होने पर वहां अदरक को पीसकर मोटा लेप करके पट्टी बांध दे। लगभग 2 घण्टे बाद इस पट्टी को हटाकर ऊपर से सरसों का तेल लगाकर सेंक करें। इस तरह एक बार रोजाना लेप करने से दर्द दूर हो जाता है।
एरण्ड
चोट लगने के कारण खून बहने में या घाव होने पर एरण्ड का तेल लगाकर पट्टी बांधने से लाभ होता है।
एरण्ड के पत्ते पर तिल का तेल लगाकर गर्म करके बांधने से चोट के कारण आने वाली सूजन एवं दर्द में लाभ होता है।
10-10 ग्राम एरण्ड के बीज की गिरी और काले तिल को दूध में पीसकर कम गर्म ही मोच पर बांधने से आराम मिलता है।
एरण्ड के कुछ पत्तों को पानी में उबालकर इस पानी को चोट पर लगाने से राहत मिलती है।
कपूर
कपूर को चौगुने तेल में मिलाकर चोट, मोच, ऐंठन आदि में मालिश करने से दर्द दूर होता है।
चन्दन
चोट, मोच के कारण सूजन होने पर चन्दन के तेल का लेप करने से लाभ होता है।
फिटकरी
फिटकरी को कचूर के साथ पीसकर लेप करने से मोच के कारण होने वाला दर्द और सूजन दूर हो जाती है।
आधा ग्राम फिटकरी भूनी को गर्म दूध के साथ सुबह-शाम लेने से गुम चोट में यह बहुत लाभ होता है।
लगभग 4 ग्राम फिटकरी को पीसकर आधा किलो गाय के दूध में मिलाकर पीने से चोट के कारण होने वाला दर्द बंद हो जाता है।
लगभग 10 ग्राम फिटकरी को 40 ग्राम घी में भूनकर रख लें। जब घी जम जायें, तब इस घी में चीनी और मैदा मिलाकर हलुआ बना लें। इस हलुए में 3 दिन तक फिटकरी मिलाकर खाने से चोट लगने के कारण जमा हुआ खून पिघल जाता है।
डेढ़ ग्राम फिटकरी को फांककर उसके ऊपर से दूध पीने से चोट लगने के कारण खून नहीं जमता और इससे होने वाला दर्द दूर हो जाता है।
हरड़
हरड़, आंवला और रसौत को 50-50 ग्राम की मात्रा में कूटकर और छानकर 5-5 ग्राम की मात्रा में सुबह-शाम पानी के साथ लेने से चोट के कारण खून का बहना बंद हो जाता है।
पोदीना
चोट लगने पर अगर खून जम जाए तो पोदीने का रस पीने से जमा हुआ खून पिघल जाता है।
सूखे पोदीने को पीसकर फंकी लेने से चोट आदि के कारण जमा हुआ खून पिघल कर चोट ठीक हो जाती है।
गुड़
चोट लगने के कारण हड्डी टूट जाने पर प्लास्टर लगाकर एक बार की टूटी हड्डी तो जल्द ही ठीक हो जाती है मगर जो हड्डी बार-बार टूटी हो उस में जगह बनने से पानी जमने, सड़ने की संभावना हो सकती है। इसके लिए 1 छोटा चम्मच पिसी हुई हल्दी, 1 चम्मच भर पुराना गुड़ जो कि 1 साल पुराना हो और 2 चम्मच देशी घी को एकसाथ मिलाकर 1 कप पानी में उबालें। जब उबलते-उबलते पानी आधा रह जाये, तब इसे थोड़ा ठंड़ा कर पी जायें। इस प्रयोग को केवल 15 दिन से 6 महीने तक करने से लाभ नज़र आ जाता है।
धनिया
शरीर में खून जमा हो जाने के कारण नील पड़ जाता है। प्राय: गिर-पड़ने, चोट खाने, मार-पीट आदि के कारण ऐसा होता है। ऐसी दशा में 10 ग्राम धनिया, 5 ग्राम हल्दी, 2 पुती लहसुन और ग्वार के पत्ते को एकसाथ मिलाकर सरसों के तेल में अच्छी तरह से पकाना चाहिए। फिर इस तेल को छानकर स्वच्छ शीशी में भर लेना चाहिए। इस तेल में रूई के फाहे को भिगोकर चोट वाले स्थान पर लगाकर पट्टी बांध देनी चाहिए।
यदि शरीर में गुम चोट लगी हो तो सरसों के तेल में पिसा हुआ धनिया डालकर उस तेल में कपड़े के फाहे को भिगोकर चोट वाले स्थान पर धीरे-धीरे सेंक करना चाहिए। चोट वाले स्थान पर धनिये की पोटली भी रखी जा सकती है।
गेहूं
गेहूं की राख, घी और गुड़ को बराबर मात्रा में मिलाकर 1-1 चम्मच सुबह-शाम दिन में 2 बार खाने से चोट का दर्द ठीक हो जाता है।
हड्डी टूटना, चोट, मोच लगने पर गुड़ में गेहूं का हलवा या शीरा बनाकर खायें। 2 चम्मच गेहूं की राख में गु़ड़ और घी मिलाकर रोजाना सुबह-शाम चाटे। इससे दर्द में फायदा होता है और हड्डी जल्दी जुड़ जाती है।
भांग
भांग का एक पूरा पेड़ पीसकर नए घाव में लगाने से घाव में आराम मिलता है। चोट के दर्द को दूर करने के लिए इसका लेप बहुत ही लाभकारी होता है।
बरगद(बड़)
बड़ का दूध चोट, मोच, सूजन पर मलने और दिन में 2-3 बार लगाने से लाभ होता है।
Very nice
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