मंगलवार, 23 अगस्त 2011

सिर्फ दस मिनट और कहें आंखों से जुड़ी हर प्रॉब्लम को बाय-बाय!


आंखे भगवान के दिए सबसे अनमोल तोहफों में से एक है। इसीलिए आंखों का हर व्यक्ति को विशेष रूप से ख्याल रखना चाहिए। लेकिन बढ़ती तकनीकी के कारण आज बिना कंप्यूटर व टी.वी. के हम अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।





इसीलिए लगातार कई घंटों तक कंप्यूटर पर काम करने, टी.वी. देखने या पढ़ाई करने से आजकल अधिकतर लोगों को आंखों से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। योग से हर बीमारी का उपचार संभव है। कई हस्तमुद्राएं ऐसी है जिनका नियमित रूप से अभ्यास कर इंसान कई तरह की शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पा सकता है। आंखों से जुड़ी परेशानियों के लिए प्राणमुद्रा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।




प्राणमुद्रा- अंगूठे से तीसरी अनामिका यानी रिंग फिंगर तथा चौथी कनिष्ठिका यानी लिटिल फिंगर दोनों अँगुलियों के पोरों को एकसाथ अंगूठे के पोर के साथ मिलाकर शेष दोनों अँगुलियों को अपने सीध में खडा रखने से जो मुद्रा बनती है उसे प्राण मुद्रा कहते है। ह्रदय रोग में रामबाण तथा नेत्रज्योति बढाने में यह मुद्रा बहुत सहायक है।





अंगूठे से तीसरी अनामिका तथा चौथी कनिष्ठिका अँगुलियों के पोरों को एकसाथ अंगूठे के पोर के साथ मिलाकर बाकि दोनों अँगुलियों को अपने सीध में खडा रखने से जो मुद्रा बनती है उसे प्राण मुद्रा कहते हैं। ह्रदय रोग में रामबाण तथा नेत्रज्योति बढाने में यह मुद्रा बहुत सहायक है। साथ ही यह प्राण शक्ति बढ़ाने वाला भी होता है। प्राण शक्ति प्रबल होने पर मनुष्य के लिए किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में धैर्यवान रहना अत्यंत सहज हो जाता है.वस्तुत: दृढ प्राण शक्ति ही जीवन को सुखद बनाती है। साथ ही यह प्राण शक्ति बढ़ाने वाला भी होता है।




प्राण शक्ति प्रबल होने पर मनुष्य के लिए किसी भी प्रतिकूल परिस्थितियों में धैर्यवान रहना अत्यंत सहज हो जाता है। वस्तुत: दृढ प्राण शक्ति ही जीवन को सुखद बनाती है। इसीलिए यह मुद्रा रोज करने से इम्युनिटी पावर तो बढ़ता ही है साथ ही दिल से जुड़ी बीमारियां होने की संभावना भी कम हो जाती है। कहते हैं अगर यह मुद्रा के लिए सिर्फ दस मिनट देकर आप आंखों से जुड़ी हर परेशानी को मुक्ति पा सकते हैं। इस मुद्रा से आंखों के थकान तो मिटती ही है आंखों की ज्योति भी बढ़ती है।

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