शुक्रवार, 5 अगस्त 2011

कब्ज़, ब्लड प्रेशर, कैंसर...सबको उखाड़ फेंकेगा यह अचूक फंडा


चुकन्दर को अपनी डेली डाइट में शामिल करना तंदरुस्ती के लिये किसी वरदान से कम नहीं है। इसका नियमित सेवन सम्पूर्ण शरीर को निरोग रखने में बेहद सहायक है। हालांकि हमारे दैनिक आहार में चुकन्दर को अभी भी उचित स्थान प्राप्त नहीं है। लेकिन इसे नियमित खाने से अन्य रोगों में लाभ होता है।

चुकंदर अपने अद्भुत सेहतमंद गुणों की बदोलत तो लाजवाब है ही लेकिन उससे भी बढ़कर इसकी खाशियत यह है कि यह कई बेहद गंभीर रोगों को नष्ट करने में भी बेहद कारगर है। आइये जाने की कीमती खूबियों का खजाना यह चुकन्दर किन-किन बीमारियों को मिटाता है...

1.एसीडोसिस: चुकन्दर में क्षारीयता की विशेष खूबी पाई जाती है जो शरीर में एसीडोसिस को रोकने में बेहद सहायक होता है। 


2.खून की कमी(एनीमिया): चुकन्दर से प्राप्त उच्च गुणवत्ता का लोह तत्व रक्त में हीमोग्लोबीन का निर्माण व लाल रक्तकणों की सक्रियता के लिए बेहद प्रभावशाली है।

3.ब्लड प्रेशर: विशेषज्ञों का मानना है कि चुकन्दर के रस का नियमित सेवन रक्तचाप को नियन्त्रित रखता है। उच्च रक्तचाप में कमी लाने में भी चुकन्दर गुणकारी है।






4.कब्ज: चुकन्दर का मुलायम रेशा आँतों की गति बनाए रखता है। इसको नियमित रूप से खाने से लम्बे समय से चली आ रही कब्ज अ से भी मुक्ति  मिल जाती है।

5.रक्त कणिकाओं की सिकुडऩ:  चुकन्दर के रस का नियमित सेवन रक्त नलिकाओं में कैल्शियम के जमाव को हटाकर उनका लचीलापन बनाए रखता है, जिससे रक्त संचरण सुगमता से होता है।



6.कैंसर से बचाव: चुकन्दर में पाए जाने वाले अमीनो एसिड में कैंसररोधी तत्व पाए जाते हैं। शोध अध्ययनों से पता चला है कि चुकन्दर के रस के नियमित सेवन से कैंसरकारक तत्वों का निर्माण बाधित होकर पाचन तन्त्र की कार्यक्षमता को बढ़ावा मिलता है।
7.विषैले तत्वों को बाहर निकालना: चुकन्दर के रस का नियमित सेवन न केवल यकृत , बल्कि सम्पूर्ण पाचन तन्त्र के हानिकारक तत्वों को शरीर से बाहर निकालकर आरोग्य प्रदान करता है। चुकन्दर के साथ यदि गाजर मिलाकर इसके रस का सेवन किया जाए तो यह पित्ताशय व वृक्क से हानिकारक तत्वों को हटाकर इन अंगों की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
विशेष:
खाने के लिए पत्तीदार चुकन्दर का ही उपयोग करें। पत्ती सहित चुकन्दर को 3-4 दिन रेफ ्रीजरेटर में संग्रह करने पर इनकी पत्तियों की नमी बनी रहती है, जबकि  पत्तियों के बिना चुकन्दर को लगभग दो सप्ताह तक संग्रह किया जा सकता है। जिन चुकन्दर का तल गोलाई लिए होता है, वे दूसरों से अधिक स्वादिष्ट होता हैं। ताजे व कच्चे चुकन्दर में एक विशेष खुशबू होती है, जो इसके स्वाद को बढ़ाती है।

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